चूत की फेस सिटिंग की चुल्ल -1

(Chut Ki Face-Sitting Ki Chull- part 1)

आशीष जोशी 2016-02-21 Comments

This story is part of a series:

हैलो दोस्तो.. मेरा नाम आशीष जोशी है और मैं पुणे का रहने वाला हूँ।
एक दिन मैं ऑफिस से घर वापिस आ रहा था.. तब शमिका कॉर्नर के ग्रोसरी शॉप पर खड़ी थी।

शमिका उन चार लड़कियों में से एक थी जिसकी मम्मी को मैंने पिछली बार झूठा साबित कर दिया था और उसके एवज में शमिका की मम्मी ने तानिया नाम के एक शीमेल से मेरी दुर्गति करवा दी थी इस घटना को आप मेरी पूर्व की कहानियों में पढ़ सकते हैं।

अब उस घटना के बाद आज पहली बार मेरा शमिका से सामना हुआ था। तो इस घटना को आगे जानते हैं।

मैं कुछ लेने के लिए शॉप में गया.. पर उससे नज़रें नहीं मिला सका।
जब मैं वापिस निकला.. तब ये मेरी बाइक के पास जाकर खड़ी हो गई थी। मैंने पुराने डर की वजह से उस पर ध्यान नहीं दिया।

तब शमिका बोली- रूको मुझे तुमसे बात करनी है।
मैं सुनने के लिए रुक गया।

उसने पूछा- अभी भी आदत है तुम्हारी नंगा रहने की.. या फिर छूट गई है? बहुत दिनों से तुम्हें छत या बाल्कनी में मंडराते हुए देखा नहीं है.. या फिर टाइमिंग्स बदल दिए हैं?
और शमिका हँसने लगी।

मैंने कहा- नहीं ऐसी कोई बात नहीं.. थोड़ा टाइम कम मिलता है..
तो वो हँसने लगी और बोली- कुछ भी कहो.. तुम नंगे काफ़ी अच्छे दिखते हो.. क्या फिर से मेरे सामने नंगा होना चाहोगे?

मैं इस सवाल से चौंक गया था.. पर पुरानी बातें याद करके डर भी लग रहा था।
मैंने हिचकिचाते हुए कहा- कहीं फिर से मुझे ठुकवाने का इरादा तो नहीं है?

शमिका एकदम से हँस पड़ी और बोली- अरे नहीं उस दिन जो किया वो सज़ा के तौर पर काफ़ी था और वो भी पूरा मॉम का ही प्लान था.. क्योंकि तुमने उन्हें सबके सामने झूठा साबित किया था.. जबकि वो सही थीं।
मैं सिर्फ़ खामोश खड़ा था।

तब वो बोली- बात ऐसी है कि हम सहेलियों ने कुछ दिन पहले एक ब्लू फिल्म देखी थी.. उसमें दिखाया गया था कि एक लेडी बहुत देर तक मर्द के मुँह पर नंगी बैठ जाती है और शायद झड़ने के बाद ही उठ जाती है.. थोड़ा ह्युमाइलियेशन तरह का एक्शन था.. पर उससे ‘कुछ’ करवाती नहीं है.. उसे वैसे ही छोड़ देती है.. नंगा तड़फता हुआ। जब मैंने इस चीज़ को गूगल किया तो मुझे पता लगा इसे ‘फेस सिटिंग’ कहते हैं। जिसमें लड़की मेल के मुँह पर बैठकर उसकी जीभ और होंठों से अपनी ‘पुसी’ को चटवाती है.. ‘एस होल’ को भी तब तक चटवाती है.. जब तक वो पूरी तरह से शांत ना हो जाए।

तो मैंने कहा- इसमें मैं क्या कर सकता हूँ?
शमिका बोली- अरे बुद्धू, मुझे ये एक्सपीरियेन्स करना है और मुझे लगता है कि मुझे ये एक्सपीरियेन्स करने के लिए तुम पूरी तरह से मेरा साथ दोगे।
मैंने कहा- पर इसमें मेरा क्या फ़ायदा?
उसने कहा- और क्या फ़ायदा चाहिए जबकि तुमको मुझे पूरा देखने को मिलेगा और लिक करने को भी मिलेगा।
मैंने कहा- हाँ ये सब तो ठीक है.. पर कुछ और भी मिल जाए तो..
शमिका बोली- अपनी औकात में रहो.. तुम जो सोच रहे हो.. वो मैं तुम्हें नहीं देने वाली.. समझे।

मैंने कहा- फिर और कुछ?
शमिका बोली- साफ़-साफ़ बताओ और क्या चाहिए?
मैंने कहा- ज़्यादा कुछ नहीं.. जब भी आप मुझे बुलाएँगी और आप का सेशन खत्म हो जाएगा.. तब मुझे आपकी बाल्कनी या फिर छत पर नंगा घूमने देखना पड़ेगा।

शमिका बोली- शायद तुम्हें फिर से उस हिजड़े से चुदवाने का शौक चढ़ रहा है.. ये नहीं हो सकता.. अगर ग़लती से भी मॉम को पता चला.. तो वो तुम्हारे साथ मेरी भी खाल उधेड़ देंगी।
इतना कहने के बाद वो थोड़ी भड़क सी गई थी।

फिर से बोली- देखो जितना मिलता है उतने में खुश होना सीखो और राज़ी हो जाओ.. नहीं तो मुझे फिर से सब को कहने में ज़रा भी देर नहीं लगेगी कि आज ये फिर से छत पर नंगा था.. और प्रूफ भी देने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी.. सब तुम्हारी आदत से वाकिफ़ हैं।

उसने मुझे क्लीन बोल्ड कर दिया था, मैं पुराने ख़यालों से फिर डर गया और मैं झट से कहा- ठीक है.. कब आना है।
उसने कहा- अभी एक घंटे बाद मॉम निकल जाएंगी बाहर.. वे शायद किसी फंक्शन में जा रही हैं.. जैसे ही तुम्हें वो जाते हुए दिखें.. तुम आ जाना.. तब तक मैं ‘सफाई भी करके रखती हूँ..
मैंने कहा- ठीक है।

शमिका बोली- और हाँ.. क्लीन शेव करके आना.. सब तरफ.. जैसे तुम्हें दिखाने की आदत है.. बिल्कुल वैसे ही।
मैंने कहा- ठीक है..
इसके बाद हम लोग चले गए।

मैं घर में आया.. कपड़े उतार दिए.. देखा तो लौड़े के आजू-बाजू में थोड़ी हरियाली थी और गाण्ड पर भी कुछ रोएं थे। बालों को निकालने के लिए बाथरूम में जाकर पहली बार उस दिन शेविंग फोम का इस्तेमाल किया।

पूरी तरह से सब कुछ क्लीन होने के बाद में बेडरूम की खिड़की के पास आकर खड़ा हो गया। मैं सोच में डूब गया कि एक कुंवारी चूत को चाटने का आज मौका मिलेगा।

मैं अपनी कल्पनाओं में पूरा सीन महसूस किए जा रहा था.. तभी मुझे उसकी मॉम उनकी बिल्डिंग के गेट से बाहर निकलते हुए दिखाई दी।
मैंने एक शॉर्ट और टी-शर्ट पहन ली और अपनी नई मंज़िल की ओर निकल पड़ा।

जैसे ही मैं उसके घर पहुँचा और डोरबेल बजाई।
शमिका ने दरवाजा खोल दिया.. मुझे अन्दर खींच कर उसने कहा- बड़े जल्दी आ गए तुम.. लगता है नंगा होने के लिए मरे जा रहे हो..? अच्छा चलो.. मैं बस नहाने ही जा रही हूँ.. तुम जल्दी से कपड़े उतार दो और अन्दर आ जाओ।

वो मुड़ कर अन्दर चली गई.. मैंने फटाक से अपने दोनों कपड़े उतार दिए और उसके पीछे चला गया।
मुझे देख कर वो बोली- अरे वाह.. ज़्यादा कपड़े भी नहीं पहने थे हाँ.. और गुड.. हमेशा की तरह आज भी पूरे साफ़ हो।

ये सब कहते-कहते उसने उसका टॉप उतार दिया और जीन्स को अनबटन करते हुए उसे पैन्टी के साथ ही नीचे खींच दिया।
आज तक मैंने भी कई लड़कियों औरतों को नंगी देखा था.. पर पता नहीं इसे उस हालत में देखकर मुझे एक अजीब सा फील आने लगा। शायद एकदम कुँवारी लड़की का बदन देखकर वैसा फील होने लगा था।

तभी उसने मेरी तरफ पीठ करते हुए कहा- ज़रा इस ब्रा के हुक्स निकाल दो।
उसकी मुलायम और राउंडेड गाण्ड देख कर मेरे लंड में हलचल शुरू हो गई

मैंने उसी हालत में ब्रा को अनहुक किया और उसने उस आखिरी कपड़े को अपने बदल से अलग कर दिया।

मैं यकीन नहीं कर पा रहा था कि ये वही लड़की है.. जिसने कुछ महीनों पहले एक बदला लिया था और आज मैं उसे ही बिना कपड़ों के देख पा रहा हूँ।
उसने मुझसे कहा- अच्छी तरह से मुझे नहलाओ।

मैंने गरम पानी का शावर चालू कर दिया और शमिका को पूरा गीला करने के बाद बॉडी वॉश उठाकर उसके बदन पर मलने लगा।

उसका बदन सचमुच एक संगमरमर की तरह था। उसका जिस्म मुलायम तो इतना अधिक था कि हाथ फिसल जाए और कपड़ों को गोंद लगा कर ही पहनाया जाए.. नहीं तो फिसल जाएँगे।

पीठ पर बॉडी वॉश लगाते हुए मेरे हाथ शमिका की गाण्ड पर जा पहुँचे। जैसे ही उसे समझ आया वो शावर की नॉब को पकड़ कर नीचे झुकी और अपनी कच्ची गाण्ड मेरी तरफ उठा दी।

मैंने बॉडी वॉश जैल को हाथ में लिया और उसकी गाण्ड पर.. दरार में.. और फिर नीचे चूत तक लगा दिया और मलना शुरू किया।

दोस्तो.. ये मदमस्त खेल अभी बदस्तूर जारी है, मेरे साथ अन्तर्वासना से जुड़े रहिये और अपने विचारों को मुझ तक ईमेल के जरिए जरूर भेजिएगा।
कहानी जारी है।
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