किरायेदार की लड़की की पहली चुदाई होटल में
(Desi Adult Sex Kahani)
देसी एडल्ट सेक्स कहानी में मेरे पड़ोस में एक परिवार में एक जवान लड़की थी. वह मुझे भैया कहती थी पर मैं उसे चोदना चाहता था. एक दिन उसने मुझे आवाज देकर बुलाया.
दोस्तो,
मेरा नाम कामदेव है, जिसका अर्थ आप सभी बहुत अच्छी तरह जानते होंगे.
मैं 28 साल का युवक हूँ, मेरी हाइट पांच फुट दस इंच की है. रंग गोरा है और दिखने में मैं आकर्षक हूँ.
फिलहाल मैं दिल्ली में रहता हूँ.
ये मेरी पहली सच्ची सेक्स कहानी है. उम्मीद है आपको देसी एडल्ट सेक्स कहानी पसन्द आएगी.
यह बात आज से कुछ साल पहले की है जब मैं दिल्ली में एक किराए के घर में रहता था.
वह एक बड़ा घर था, जिसमें कुछ और भी फैमिली रहती थीं.
उधर रहने वाली सभी से मेरी काफ़ी बनती थी.
एक दिन एक नई फैमिली हमारे फ्लोर पर रहने आई.
उस फैमिली मैं अंकल 45 साल के थे, आंटी 40 साल की और उनकी दो लड़कियां सुमन 19 साल की, तान्या छोटी थी और उनका एक छोटा भाई था.
मैं पहले सुमन के बारे में बताता हूँ.
सुमन सांवली सी पांच फुट हाइट वाली थी, मगर उसका बदन भरा पूरा था.
उसका एकदम सेक्सी सा चेहरा और मोटी सी गांड थी … और सबसे मस्त उसकी कदली सी जांघें थीं.
वह अपने घर में ज़्यादातर शॉर्ट कपड़ों में ही रहती थी तो उसे देख कर मेरा मन करता था कि अभी के अभी इसकी टांगें उठा कर अपना सात इंच का लंड इसकी चूत में डाल दूं.
एक दिन की बात है, घर पर सिर्फ़ में था और सुमन अपने कमरे में थी.
चूंकि हम दोनों के कमरे लगे हुए थे तो आवाज भी आराम से सुनाई दे जाती थी.
उस दिन उसने मुझे अपने किचन से आवाज लगाई- भैया, एक मिनट इधर आना यहां जल्दी से!
जब मैं किचन में गया तो देखा कि वह किचन की स्लैब के ऊपर चढ़ कर कुछ उतार रही है, पर उससे सामान उतर ही नहीं पा रहा था.
उस वक्त मेरे सामने उसकी भरी हुई सेक्सी सी जांघें साफ दिख रही थीं.
उसने हमेशा की तरह आज भी छोटा सा शॉर्ट पहना हुआ था और ऊपर एक क्रॉप टॉप डाला था, जिसमें से उसका पूरा पेट और गोल सी नाभि साफ दिख रही थी.
मैंने मौके का फ़ायदा उठाने की सोची और उससे कहा- अरे रूको, मैं उतार देता हूँ!
सामान उतारने के साथ साथ मैंने उसकी टांगें पकड़ीं और अपना एक हाथ उसकी जांघों को छूते हुए उसकी गांड तक ले गया.
फिर मैंने उसे आराम से नीचे उतार लिया.
वह बोली- मैं भारी तो नहीं हूँ?
मैंने मुस्कुराते हुए कहा कि हर दिन ऐसे ही उतारने का मौका दिया करो, तो मेरी भी कसरत हो जाएगी.
वह भी हंस दी.
फिर कुछ दिन तक ऐसे ही हमारी बातें होती रहीं.
कभी सामने से, कभी फोन पर फ्लर्टिंग करते करते हम दोनों को काफ़ी समय हो गया था.
फिर एक दिन उसकी फैमिली ने रूम चेंज कर दिया और अब वे लोग थोड़ी दूर रहने लगे.
इधर मैं भी अपनी पढ़ाई पर ध्यान देने लगा और उसे भूल गया.
कुछ समय बाद हम दोनों की मुलाकात फ़ेसबुक पर हुई और हमारी फिर से बातें शुरू हो गईं!
धीरे धीरे हम दोनों ने एक दूसरे को अपने दिल की बात भी बताईं.
उसने भी कहा- मैं भी आपको बहुत दिनों से चाहती हूँ! पर मैंने सोचा मैं आपको भैया बोलती हूँ, तो आपसे कैसे कहूँ? यही सोच कर मैंने आपसे कभी अपने दिल की बात नहीं बताई.
मैंने भी उसे अपने दिल की बात कही- तुम बहुत खूबसूरत हो और मुझे अच्छी लगती हो!
इसके बाद हम दोनों ने वीडियो कॉल पर बहुत समय तक बात की.
उसने मुझे अपना सारा जिस्म खूब अच्छे से दिखाया. अब वह पहले से ज़्यादा सेक्सी हो गयी थी.
मैंने कितनी रातें उसकी फोटो देख देख कर मुठ मार मार कर गुजारी.
पर बात इससे आगे बढ़ ही नहीं रही थी.
फिर मैंने एक दिन उससे मिलने की बात की.
उसने कहा- मुझे नहीं मिलना, क्योंकि अभी मुझे वह सब नहीं करना, वह सब सिर्फ़ मैं अपने पति के साथ करूँगी.
मैंने उसको काफ़ी समझाया कि हम पहली बार मिल रहे कर, इतना सब नहीं करेंगे. सिर्फ़ नब्बे प्रतिशत तक करेंगे और आख़िरी के दस प्रतिशत वाला काम नहीं करेंगे. जैसे आजकल सोशियल मीडिया में कहते हैं कि सिर्फ़ ऊपर ऊपर से करेंगे.
मेरे बहुत समझाने पर और ढेर सारी छोटी छोटी सेक्सी वीडियो भेज कर मैंने उसको उत्तेजित किया और बताया कि अगर कभी उसने मौका दिया तो मैं तुमको कैसे चोदूंगा!
मैंने उसको ढेर सारे पोज दिखाए.
जैसे डॉगी सेक्स दिखाया, जो कि उसको बहुत पसंद आया.
फिर उसको ब्लो जॉब की वीडियो भी दिखाई, यह उसको बहुत गंदा लगा.
वह कहने लगी कि छी: कैसे करते ये सब … मैं तो ये कभी नहीं करूँगी!
आख़िर में इन सब बातों के बाद एक दिन वह मुझसे मिलने के लिए मान गयी.
वह छब्बीस अक्टूबर की तारीख थी.
उस दिन हम दोनों का मिलना तय हुआ.
मैं तैयारी में लग गया कि कहां मिलें और क्या क्या करना है!
मैंने एक ओयो होटल में रूम बुक किया.
यह होटल गुरुग्राम में था जो कि मेरे घर से बीस किलो मीटर दूर था.
बहुत दिनों बाद मेरा सपना पूरा होने वाला था तो मैं बहुत खुश था और ऊपर वाले से प्रार्थना कर रहा था कि कहीं ये प्लान कैंसिल ना हो जाए.
शुक्रवार की रात में मैंने सुमन से फिर से कन्फर्म किया और उसको उस रात उसे फिर से कुछ और वीडियो दिखाईं, अपना लंड भी दिखाया ताकि इसकी चुदास बनी रहे.
फिर उसे पूरा प्लान भी समझाया कि कल सुबह दस बजे बस स्टॉप पर मिलेंगे और वहां से होटल जाएंगे. होटल से शाम तक वापस आ जाएंगे.
क्योंकि सुमन ने घर पर झूठ बोला था कि कल उसका कॉलेज सुबह दस बजे से शाम तक का है और वह कालेज से पाँच बजे तक घर वापस आ पाएगी.
फिर शनिवार को मैं घर से नौ बजे बस स्टॉप की तरफ निकल गया.
उधर सुमन भी अपने घर से बस स्टॉप के लिए निकल गयी.
वह उधर मुझसे पहले ही पहुंच गयी थी क्योंकि उसका घर बस स्टॉप के पास ही था.
जब मैं पहुंचा तो मैंने देखा कि सुमन बस स्टॉप पर एक किनारे बैठी है और मेरा ही इंतजार कर रही है.
मैं इतने दिनों बाद उसको देख रहा था और पहली बार ही हम दोनों अकेले मिले थे तो हम दोनों के दिल तेज रफ्तार से धड़क रहे थे.
उसने काले रंग की जींस पहन रखी थी, जो बहुत टाइट थी.
उस जींस की कसावट से उसके पैरों, जांघों और गांड का पूरा आकार साफ दिखाई दे रहा था.
जींस की साइड्स में लाइन से मोती लगे हुए थे, जिससे पता चल रहा था कि वह सामान्य परिवार से है.
ऊपर उसने एक काले रंग का टॉप पहना हुआ था.
उसके ऊपर आसमानी रंग का एक कार्डिगन डाल रखा था.
जैसा कि मैंने बताया कि वह हाइट में छोटी थी और उसके चेहरे पर दाने भी हो रखे थे, जो कि उसके जवान होने की चुगली कर रहे थे.
उसने अपनी नाक में सानिया मिर्ज़ा जैसी रिंग पहन रखी थी और गले में एक काले रंग की माला थी.
हाथ में चाँदी का कड़ा पहना हुआ था.
मेरे स्तर से वह काफ़ी नीचे की लड़की थी तो उसे देख कर मुझे उतनी खुशी नहीं हुई.
हालांकि मेरा मकसद तो उसकी जवानी लूटने से था.
फिर हम दोनों वहां खड़े होकर बस का इंतजार करने लगे.
पर जब काफ़ी देर तक कोई बस नहीं आई और टाइम भी होने लगा था.
पूरे दस बज गए थे.
मैं जल्दी से जल्दी होटल पहुंचना चाहता था ताकि मुझे सुमन की बांहों में ज़्यादा से ज्यादा टाइम गुजारने को मिले.
फिर हम दोनों कुछ दूर तक पैदल गए और आगे से मैंने होटल जाने के लिए एक ओला कैब बुक कर ली.
हम दोनों कैब में बैठे और घर की बातें करने लगे.
मैंने उसका हाथ पकड़ा और मसलने लगा.
फिर एक हाथ पीछे ले जाकर मैं उसकी पीठ को सहलाने लगा और माहौल बनाने लगा.
उसके बदन से मस्त महक आ रही थी जो बड़ी प्यारी सी थी.
हम दोनों ग्यारह बजे होटल के पास पहुंच गए.
मैंने गाड़ी थोड़ी दूर पर रुकवा दी और दूर से ही हम दोनों होटल देखने लगे.
फिर हम लोग पैदल चलते हुए होटल के रिसेप्शन पर पहुंचे.
वहां पहले से काफ़ी लोग बैठे हुए थे, जो कि बहुत डरावना होता है.
सब लोग हम दोनों को ही घूर घूर कर देख रहे थे क्योंकि सुमन देखने में अट्ठारह से कम उम्र की लगती थी और मैं तो छब्बीस का ही लगता था तो सब मन ही मन में क्या सोच रहे थे ये भी मैं जानता था.
सब सोच रहे थे कि आज ये जालिम मर्द इस नाज़ुक बच्ची को चोद चोद कर इसकी कुंवारी चूत का भोसड़ा बना देगा.
सब अपने मन में मुझे सुमन को बेरहमी से चोदते हुए की कल्पनाएं भी करने लगे थे.
हम दोनों ने अपना अपना आधार कार्ड दिया और होटल वाले ने उसका प्रिंट निकाला. फिर साइन करने को कहा, हम दोनों ने साइन किए और रजिस्टर में एंट्री भी की.
मैंने सुमन के नाम में आगे भी अपना ही मोबाइल नंबर लिखा क्योंकि बाद में ये होटल वाले इन नंबर्स पर कॉल करके लड़कियों को परेशान करते कर.
वे उनसे चुदाई के लिए बोलते हैं क्योंकि इनको पता होता है कि ये लड़की ओयो में चुदने आती है तो किसी और से भी चुद जाएगी.
पर उनका ये ख्याल बहुत ग़लत है, किसी लड़की की चुत चोदने के लिए मेहनत करनी पड़ती है, तब जाकर बड़ी मुश्किल से उसकी चूत चोदने मिलती है.
फिर हमको रूम मिल गया.
एक लड़का हम दोनों को ऊपर पहली मंज़िल पर ले गया और वहां एक रूम खोल दिया.
उसने कहा- मैं अभी पानी की बोतल ले कर आता हूँ.
सुमन अन्दर बेड पर बैठ गई और मैं रूम देखने लगा कि कैसा है!
इतने में वह लड़का पानी की बॉटल ले कर आ गया.
उसके जाते ही मैंने रूम अन्दर से बंद किया और एक बार पूरा रूम देखा कि कहीं कोई कैमरा आदि तो नहीं लगा है!
फिर मैंने सुमन को देखा वह भी बेड पर बैठी मुझे ही देख रही थी.
मैं उसके पास गया और उसको अपनी बांहों में भर लिया.
मैंने उससे कहा- बहुत दिनों से इस पल का इंतजार था मुझे!
वह हंस दी.
मैंने उसको अपनी गोदी में बैठाया और उसके चूचे दबाने लगा.
फिर मैंने सोचा पहले कुछ फोटो निकाल लेते है वरना बाद में फोटो खींचने वाली हालत में नहीं होंगे.
हमने एक दूसरे के साथ कुछ सेल्फियां लीं, फिर मैंने टीवी स्टार्ट किया और गाने लगा दिए.
साथ ही कुछ कम कूलिंग पर एसी भी स्टार्ट कर दिया.
अब हम दोनों बिस्तर पर आ गए और मैंने उसको बांहों में भर लिया.
मैं उसके गले पर किस करने लगा.
फिर फिर धीरे धीरे उसको गाल पर और उसके होंठों पर किस करने लगा.
अब वह भी मेरा साथ देने लगी.
कुछ देर ऐसे करते करते मैंने अपने हाथ को उसके टॉप में डाल दिया और उसके पेट और कमर को सहलाने लगा.
मैं धीरे धीरे उसका टॉप ऊपर करने लगा, पर वह काफ़ी टाइट था तो मेरा हाथ सही से अन्दर जा नहीं रहा था.
मैंने उसका कार्डिगन उतार दिया, अब वह काले रंग के टॉप में थी. फिर ऊपर से ही उसके चूचे दबाने लगा.
वह आह आह करने लगी.
कुछ देर बाद मैंने अपनी टी-शर्ट उतार दी और जींस भी, क्योंकि मेरे दोनों कपड़े काफी टाइट थे और बिस्तर में खराब हो जाते.
उसके बाद मैंने ऐसे ही सुमन के साथ कुछ फोटो और ले लीं.
अब मैंने रजाई के अन्दर जाकर धीरे से अपना कच्छा भी उतार दिया और सुमन के ऊपर आ गया.
उसको पता भी नहीं था कि मैंने अपना कच्छा भी उतार दिया है.
मैं उसको चूमने लगा पूरी बॉडी पर अपने होंठ फिराने लगा.
गालों पर, होंठों पर, गले पर फिर गले से नीचे दूध पर और उसके बाद मैंने उसका टॉप और ऊपर कर दिया.
अब मैं उसके पेट को चूमने लगा और सरक कर नाभि पर आ गया.
वह एकदम शांत थी, पर उसकी सांसें काफी तेज हो गई थीं.
फिर मैंने उसकी जींस उतार दी और उसके पैरों को चूमने लगा.
मैं ऊपर आ गया क्योंकि मैं उसको और गर्म करना चाहता था.
ऐसे में मैंने उसकी काफ़ी फोटो ली, टॉप और पैंटी में ही.
उसने आसमानी रंग का फूलों वाली पैंटी पहनी थी.
फिर मैंने उसको अपना लंड दिखाया और उसको छूने को कहा, पर वह शर्मा रही थी.
काफी कहने पर उसने मेरे लंड को छुआ और कहा- ऊई इतना बड़ा!
मैंने कहा- यही तो तुम्हें अन्दर लेना है!
वह बोली- ना बाबा ना … मैं नहीं लूँगी इतना बड़ा!
मैंने उसके बाकी कपड़े भी निकाल दिए और अब हम दोनों एकदम नंगे थे.
हमारे बदन एक दूसरे से चिपके हुए थे.
मैं भी उसको और गर्म करने में लगा था और उसकी चूत पर अपनी उंगलियां फिरा रहा था.
अब मैं नीचे गया और उसकी चूत पर किस करने लगा.
मुझे भी ये पता था कि आज तो ये चूत नहीं मरवाएगी क्योंकि कुंवारी है और ये मेरा लंड ले भी नहीं पाएगी.
पर जैसे ही मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में डाली, मुझे अहसास हो गया कि इसकी चूत इतनी टाइट नहीं है.
मेरी जीभ आराम से अन्दर जा रही थी. यह महसूस करते ही मेरी खुशी का ठिकाना ना रहा.
अब मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाली.
वह भी धीरे धीरे अन्दर चली गई तो मुझे यकीन हो गया कि या तो ये पहले भी किसी से चुद चुकी है या हो सकता है इसने अपनी चूत किसी डिल्डो वगैरह से ढीली की हो.
अब मैंने सोचना बंद किया और अपने लंड पर थूक लगा कर उसकी चूत पर रगड़ दिया.
वह कुछ नहीं बोली तो मैं उसकी टांगों के बीच बैठ गया और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा.
तभी सुमन डर गयी और बोलने लगी- नहीं, वहां मत डालो, मुझे नहीं करना ये सब! आपने कहा था कि ऊपर ऊपर से करोगे बस!
मर्द जब हवस में होता है तो उसको कुछ सुनाई नहीं देता, तो मैंने भी उसकी एक ना सुनी और अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया.
फिर धीरे धीरे धक्के देने लगा.
अभी मेरा लंड दो इंच ही गया था कि वह कसमसा उठी और कोशिश कर रही थी कि मैं उसे न चोदूं, पर मैं उसको चोदता रहा.
कुछ देर में वह भी शांत हो गयी और उसका विरोध बंद हो गया.
उसको दर्द हो रहा था जो कि उसके चेहरे से साफ साफ पता चल रहा था.
मैं भी धीरे धीरे अपना लंड अन्दर डाल रहा था.
अब मेरा लंड चार इंच उसकी चूत में उतर चुका था.
उसका दर्द शायद कम हो गया था क्योंकि वह अपनी गांड हिलाने लगी थी.
शायद उसे भी मजा आने लगा था और वह लंड अन्दर लेती हुई चुदवाने लगी थी.
उसकी हिलती कमर देख कर मैंने भी अपने धक्के और तेज कर दिए थे.
मैंने उसको अलग अलग पोज में काफी देर तक चोदा और चुदाई की वीडियो भी बनाई.
फिर मैंने उसको अपना लंड चूसने को कहा, तो उसने मना कर दिया.
मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसके दोनों हाथ एक हाथ से पकड़ लिए.
मैं अपना लंड उसके मुँह में डालने लगा. पहले उसने नहीं लिया पर बाद में मुँह खोल दिया.
मैंने अपना लंड उसके मुँह में पेल दिया और चुसवाने लगा.
काफ़ी देर तक लंड चुसवाने के बाद मैंने अपना माल सुमन के मुँह में ही डाल दिया और उसके मुँह से तब तक अपना लंड नहीं निकाला जब तक की उसने सब पी नहीं लिया.
फिर ऐसे ही देसी एडल्ट सेक्स करते हुए शाम के छह बज गए और जाने का टाइम हो गया.
मैंने जाते जाते एक बार उसको और चोद दिया, फिर कपड़े आदि पहन कर हम दोनों बाहर आए और एक कैब से अपने घर की तरफ़ आ गए.
वह अपने घर चली गई, मैं अपने घर आ गया.
उस रात सुमन ने मुझसे बात नहीं की.
वजह आपको पता ही हो गयी होगी कि मैंने उसको इतना ज्यादा चोदा था और वह भी पूरा दिन बिना कॉंडम के, तो उसको बुखार चढ़ गया था.
अगले दिन मैं उसके घर गया और उसको एक आइ-पिल की गोली दे आया.
इसके बाद क्या हुआ, वह मैं अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा.
मेरी ये पहली सच्ची देसी एडल्ट सेक्स कहानी आपको कैसी लगी?
मुझे जरूर बताएं, इससे मेरा मनोबल बढ़ेगा.
धन्यवाद.
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