X रेटेड मूवीज की एक्ट्रेस की कहानी- 1
(Desi Girl Erotic Movies)
देसी गर्ल इरोटिक मूवीज कहानी में गांड की एक लड़की किसी फिल्म की शूटिंग देख रही थी कि डायरेक्टर की नजर उस पर पड़ी. उसने लड़की को फिल्मों में काम का ओफर दिया.
यह कहानी सुनें.
दोस्तो, मेरा नाम नंदिनी गुप्ता है और मैं दिल्ली में रहती हूं.
यह सेक्स कहानी मेरी सहेली कंगना शर्मा उर्फ कम्मो की है जो पिछले कुछ सालों से मुंबई में रहती है.
कम्मो इरॉटिक एडल्ट फिल्मों में काम करती है और उसका स्क्रीन नेम कुछ और है.
कम्मो बड़ी ही मशहूर अदाकारा है.
आप उसकी देसी गर्ल इरोटिक मूवीज कहानी उसी की जुबानी सुनें.
हैलो, अंतर्वासना के मेरे दोस्तों को लंड चूस कर हार्दिक प्रणाम.
मेरा नाम कंगना शर्मा है और लोग मुझे प्यार से कम्मो भी कहते हैं.
मैं 26 साल की हूं और मुंबई में रहती हूं.
मेरी शिक्षा 12 वीं तक हुई है और मैं पिछले कुछ सालों से मुंबई में रह कर काम कर रही हूं.
मेरा फिगर 36-30-38 का है और मैं बहुत कामुक लड़की हूं.
मैं महीने का लाभ डेढ़ लाख रुपया तो आराम से कमा लेती हूं, वह भी अपनी मर्जी से काम करके.
नहीं नहीं दोस्तो, आप गलत समझ रहे हैं.
मैं कोई एस्कॉर्ट या रंडीबाजी का काम नहीं करती और ना ही कोई जिस्मफरोशी का धंधा करती हूं.
फिर आप सोच रहे होंगे कि मैं ऐसा क्या करती हूं, जिससे मुझे इतने पैसे मिलते हैं और काम की खुशी भी.
आपको और ज्यादा बोर ना करती हुई मैं आपको अपने बारे में और अपने काम के बारे में विस्तार से बताती हूं.
यह करीब 5 साल पहले की बात है.
जब मैं 21 साल की थी और अपने मां बाप के साथ एमपी में रीवा में रहती थी.
मेरा बाप प्लंबिंग का काम करता था और मैं एक कंपनी में मजदूरी करती थी.
मैंने 12 वीं तक जैसे-तैसे शिक्षा प्राप्त की थी और मैं पढ़ाई में कोई खास दिलचस्पी नहीं रखती थी.
मेरे कॉलेज में भी मेरे गोरे रंग से और मेरे फिगर से कई सारे लड़के मुझ पर फिदा होते थे और मुझ पर ताना भी मारते थे कि इसके मां-बाप तो इतने गरीब हैं, फिर यह इतनी गोरी चिट्टी कैसे पैदा हो गई.
शुरू शुरू में वे सब मुझे बहुत चिढ़ाते थे लेकिन धीरे-धीरे मैं यह समझने लगी थी कि इस बहाने से वे मेरी तारीफ ही करते थे और मेरी फिगर देखकर वॉशरूम में जाकर मुठ मारते थे.
एक दिन हमें किसी ने बताया कि रीवा में एक हिंदी वेब सीरीज की शूटिंग हो रही है.
मैं अपने दोस्तों के साथ वह शूटिंग देखने के लिए चली गई.
पहले तो मैं काफी पीछे खड़ी थी लेकिन शूटिंग देखने के लिए हो रही धक्का-मुक्की में पता नहीं कैसे, लेकिन मैं आगे निकल पड़ी और पहली कतार में जाकर शूटिंग देखने लगी.
इस धक्का-मुक्की में कई लड़कों ने मेरे चूचों को दबाया और मेरी गांड को भी रगड़ा.
तो मुझे बहुत मजा आ रहा था.
तभी मुझे ऐसा लगा कि शूटिंग के दौरान एक अधेड़ उम्र का आदमी लगातार मेरी ओर देख रहा है और मुझे इशारा करके अपने पास बुला रहा है.
मैं किसी को वहां जानती नहीं थी इसलिए मैं आगे नहीं बढ़ी और जहां थी वहीं खड़ी रही.
कुछ देर बाद लंच ब्रेक हुआ तो वह आदमी लंच के लिए जाने के बजाए सीधा उठकर मेरे पास आ गया और उसने अपना कार्ड मेरे हाथ में थमा दिया.
वह बड़ी बिंदास भाषा में बोला- तू तो बड़ी मदमस्त है, अगर फिल्म लाइन में काम करना चाहती है तो मुझसे मुंबई में आकर मिल लेना!
उस दिन की चकाचौंध और वेब सीरीज में काम करने वाली लड़कियों की खूबसूरती देख कर मैं बहुत खुश थी.
मैं भी सपने देखने लगी थी कि ऐसे ही मेरे भी आगे पीछे कई सारे लोग घूम रहे हैं और मुझे क्या चाहिए … क्या नहीं, उसका ध्यान रखेंगे और मेरी सहूलियत का पूरा ध्यान रखेंगे.
मेरा 12 वीं कक्षा का रिजल्ट आ गया था और मैं जैसे तैसे पास हो गई थी.
आगे पढ़ाई की कोई इच्छा भी नहीं थी और मेरे लिए रिश्ते आना भी शुरू हो गए थे.
मेरी मदमस्त जवानी के कारण मेरे मां-बाप भी चाहते थे कि जितनी जल्दी हो सके मेरी शादी निपटा दें.
शायद मेरी बढ़ती जवानी का बोझ उन पर भी पड़ने लगा था.
ऐसे में एक जगह जब मुझे लगा कि अब बात बनने ही वाली है तो मैं स्वयं उठी क्योंकि वह आदमी करीब 30 साल का था और मैं सिर्फ 21 की थी.
मुझे यह शादी नहीं करनी थी लेकिन अपने मां-बाप के सामने मुँह खोलने की मेरी हिम्मत नहीं होती थी.
फिर अचानक अपना पर्स साफ करते हुए मुझे वह कार्ड मिला, जो उस मुंबई के आदमी ने मुझे दिया था.
मैंने उसे फोन लगाया और बताया कि मैं रीवा से बोल रही हूं.
पहले तो उसने मुझे नहीं पहचाना लेकिन जब मैंने शूटिंग की और वेब सीरीज की तारीख बताते हुए उससे कहा कि आपने मुझे कार्ड दिया था.
तब उसे याद आया और उसने बोला- अरे कहां हो तुम? मैं तो 3 महीनों से तुम्हारे कॉल का इंतजार कर रहा हूं.
फिर मैंने पूछा- क्या मैं मुंबई आई तो मुझे फिल्म लाइन में काम मिल सकता है?
उसने कहा- हां हां तुम तो बड़ी मदमस्त हो, तुम्हारी फिगर भी फिल्म के लिए बिल्कुल परफेक्ट है. अगर थोड़ा बहुत नाच वगैरह सीखी हो तो सोने पर सुहागा.
बस फिर क्या था … मैंने ना आव देखा न ताव सीधा बोरिया बिस्तर बांधा और मुंबई चली आई.
मेरे पास थोड़े बहुत पैसे थे, जो मैंने अपने कॉलेज के दिनों में कुछ काम करके कमाए थे.
पर इन पैसों के दम पर मुंबई में एक हफ्ता भी गुजारना मुश्किल था.
मुझे काम की सख्त जरूरत थी इसलिए मैंने फिल्म लाइन में एक्स्ट्रा का काम करना शुरू कर दिया.
उधर एक लड़की मेरी सहेली भी बन गई या यूं कहें कि उस आदमी ने ही मेरे रहने का ठिकाना उस लड़की के साथ फिट कर दिया था.
महीने भर के बाद मेरा जूनियर आर्टिस्ट का कार्ड भी बन गया और मुझे काम के थोड़े बहुत पैसे भी मिलने लगे.
लेकिन मैं इन पैसों से संतुष्ट नहीं थी.
मैं कुछ बड़ा करना चाहती थी तो मैंने फिर एक बार अपनी किस्मत को एक मौका देने की ठान ली.
जिस आदमी के भरोसे में मुंबई आई थी, वह तो भला आदमी था.
उसने मुझे किसी और से मिलवाया … जिसे मुंबई में कास्टिंग डायरेक्टर कहते थे.
उनका नाम कमल जी था.
मैंने कमल जी से कहा- सर जी यह छोटे-मोटे काम करके और ठुमके लगाते हुए मैं बोर हो चुकी हूं. मैं कुछ ऐसा करना चाहती हूं जिसमें मुझे अच्छे खासे पैसे मिलें और मैं अपनी दम पर इस शहर में अपना कुछ मकाम हासिल कर लूं.
उन्होंने मुझे 2 दिन बाद शाम को एक जगह आने के लिए कहा.
मेरे पास तो इतने भी पैसे नहीं थे कि मैं रिक्शा से वहां जा सकती इसलिए मैं बस से वहां चली गई तो मैं थोड़ी लेट भी हो गई थी.
वहां शूटिंग शुरू हो गई थी.
जैसे ही मैंने कमल जी से पूछा कि आपने मुझे बुलाया था!
तो उन्होंने मुझे अन्दर बुलाया और कहा कि यहां जो शूटिंग चल रही है, इसे जरा ठीक से देख लो.
अन्दर जो शूटिंग चल रही थी, वह देख कर तो मैं चौंक गई.
एक मेरी उम्र की लड़की एक लड़के के साथ पूरी नंगी होकर मजे से सेक्स कर रही थी और तीन जगह लगे हुए कैमरों से उसकी शूटिंग हो रही थी.
वैसे तो वह पूरी नंगी थी लेकिन उसने हाथ अपनी छाती पर रखे हुए थे.
फिर मैंने कमल जी की तरफ देखा तो उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया और कहा- देखो कोई जोर जबरदस्ती नहीं है लेकिन यही वह काम है, जिसमें अच्छे खासे पैसे मिल सकते हैं और यहां तुम्हारा कोई शोषण भी नहीं होगा. अगर तुम चाहो तो ही काम करो और जितना चाहो उतना तुम कर सकती हो.
फिर मैंने जब पैसों की बात कही, तो उन्होंने कहा कि नई लड़कियों को यहां कम से कम ₹15000 से ₹20000 रोज के मिल जाते हैं.
अब कहां मुझे एक्स्ट्रा में ₹700 मिलते थे और कहां यह मोटी सी रकम!
अगले ही पल कमल जी ने कहा कि अगर मैं दिल लगाकर काम करूंगी तो मुझे महीने में कम से कम 15 से 20 दिन तक काम मिल सकता है.
शूटिंग खत्म होने के बाद उन्होंने कैमरा बंद करने का इशारा किया तो उन्होंने पैक अप करने से पहले मेरी सारे एंगल से फोटो खिंचवा ली और छोटे-छोटे वीडियोस बना दिए.
फिर उन्होंने मुझसे कहा कि अगर तुम यह काम करना चाहती हो तो तुम्हें अपना पूरा बदन दिखाना पड़ेगा.
पहले तो मुझे मैं बहुत ही शर्माई, फिर धीरे-धीरे करके अपने सारे कपड़े उतार दिए.
बाद में कमल जी ने मुझे बताया कि यह तुम्हारा ऑडिशन था और यह बहुत अच्छा हुआ है.
उस वक्त जो लड़का उस फिल्म में काम कर रहा था, वह आकर कमल जी से पूछ कुछ फुसफुसाया.
जिससे वह जोर से हंस पड़े.
जब सब पैकअप हुआ तो कमल जी मेरे पास आए और बोले- यह आज का हीरो क्या कह रहा है पता है? वह कहता है इस कम्मो के साथ तो मैं मुफ्त में भी काम करने के लिए तैयार हूं.
मेरे प्रिय पाठको, मैं आपको यह बता दूं कि मैं कॉलेज में भी बड़ी चुदक्कड़ रही थी.
दसवीं कक्षा से ही मैं अपने दोस्तों से तथा कॉलेज के बड़े लड़कों से खूब चूत चटवाती थी.
मुझे लड़कों का लंड मुँह में लेकर चूसने और मेरे चूसने से उनकी जो सिसकारियां निकलती थीं, उससे अपने आप में एक अलग ही मजा मिलता था.
हालांकि मैं एक ऐसे गांव में रहती थी, जहां सेक्स पर खुलकर बात भी नहीं होती थी, वहां मेरा इस तरह से भड़काऊ कपड़े पहनना और खुलेआम लड़कों के साथ घूमना बहुत बेहूदा माना जाता था.
लेकिन मैं अकेली ऐसी लड़की नहीं थी. मेरी कई सहेलियां भी यह सारे मजे उठाती थीं.
हां लेकिन हम लोगों ने यह तय किया था कि हम किसी की भी चूत की सील टूटने नहीं देंगे ताकि जब शादी हो तो कोई तकलीफ ना हो.
अगले ही दिन कमल जी का मुझे फोन आया.
उन्होंने कहा कि एक बड़ी प्रोडक्शन कंपनी है, जो दस भागों की एक नई वेब सीरीज बना रही है. जिसमें मुझे अच्छा खासा काम मिल सकता है.
मुझे ऑडिशन के लिए कल ठीक सुबह 10:00 बजे वहां पहुंचना था.
जब मैं वहां पहुंची तो मुझसे पहले ही चार पांच लड़कियां बहुत कम कपड़ों में वहां बैठी हुई थीं.
मैं तो पूरे ढंग के कपड़े पहन कर गई थी और मेरे पास कोई मॉडर्न कपड़े भी नहीं थे.
मैंने धीरे से जाकर कमल जी से कहा कि इनके सामने मैं कैसे खड़ी हो पाऊंगी!
तो उन्होंने कहा- अरे पगली, यह कोई कपड़ों का ऑडिशन थोड़ी है. यह तो कपड़ों के अन्दर जो तू है उसका ऑडिशन है. तू क्यों फिक्र कर रही है. मैंने परसों ही तुझे बिना कपड़ों के देखा है और तेरी फोटो देखकर तो यह प्रोड्यूसर पागल हो गया है. यह ऑडिशन तो बस एक औपचारिकता है, यह काम तुझे ही मिलने वाला है!
दोपहर 3:00 बजे तक ऑडिशन का पैकअप हुआ.
मुझे रुकने के लिए कहा गया था.
फिर मुझे खाना दिया गया.
खाना खत्म होते ही मुझे अन्दर बुलाया और सीधा कॉन्ट्रैक्ट मेरे सामने रख दिया.
मैं पहली बार काम कर रही थी.
फिर भी मुझे प्रति एपिसोड ₹15000/- ऑफर हुए थे.
मैं बहुत खुश थी दस एपिसोड का काम करीब 20 दिनों में पूरा होगा और मुझे डेढ़ लाख रुपए मिलेंगे.
मेरी इस पहली इरोटिक सेक्स वेब सीरीज में क्या क्या मजे हुए, वह सब मैं इस देसी गर्ल इरोटिक मूवीज कहानी के अगले भाग में लिखूँगी.
आपको मेरी इस सेक्स कहानी पर आपका क्या कहना है, प्लीज जरूर बताएं.
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देसी गर्ल इरोटिक मूवीज कहानी का अगला भाग: X रेटेड मूवीज की एक्ट्रेस की कहानी- 2
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