पड़ोस की लड़की और उसकी सहेली की चुदाई- 2

(Desi Girl Ki Chut Chodi)

अगम 2023-02-05 Comments

देसी गर्ल की चूत चोदी मैंने! एक बार चुदाई करवाने के बाद भी उसको चैन नहीं पड़ी, उसने खुद से दोबारा चूत चुदाई का प्रोग्राम अपनी सहेली के घर में बनाया.

दोस्तो, मैं अगम आपको लवी और उसकी सहेली श्वेता की चुदाई की कहानी में सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
रिश्ते में बहन ने अपनी सहेली से सेटिंग कराई
में आपने पढ़ा कि उस दिन मैं लवी की चूत में उंगली कर रहा था. वो काफी उत्तेजित हो गई थी. तभी मैंने उसकी चूत से उंगली निकाल ली थी. वो मेरी तरफ गुस्से से देखने लगी थी.

अब आगे देसी गर्ल की चूत चोदी:

मैं अभी लवी को और ज़्यादा तड़पाना चाहता था.
मैंने लवी को अपने लंड की तरफ इशारा किया और कहा- पहले इसे संभालो.
वो मुझे आंख मारती हुई बोली- तुम मुझे ऐसे तड़पाओगे तो मैं क्यों संभालूँ तुम्हारे लंड को?

मैं बोला- तुम नहीं संभालोगी, तो कौन संभालेगा?
वो बोली- अपनी श्वेता से बोल दो, वो संभाल लेगी.
मैंने कहा- अभी उसमें टाइम है. अभी तुम तो अपना काम पूरा करो.
इस पर वो हंस दी.

उसने आगे बढ़कर मेरा अंडरवियर निकाला और मेरे लंड को हाथ में पकड़ कर बोली- मैं तो इसे संभाल लूँगी, पर तुम क्या करोगे?
मैंने पूछा- मुझे क्या करना है?
वो बोली- छोड़ो वो सब.

लवी ने मुझे बेड पर ऊपर होने का इशारा किया और खुद मेरे ऊपर आकर 69 में लेट गई.
उसने मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूस लिया और अपनी चूत मेरे मुँह के सामने कर दी.

लवी ने धीरे धीरे मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया.
जैसे ही लवी ने मेरा लंड मुँह में लिया, मुझे तो जन्नत महसूस होने लगी.
मैंने भी उसकी चूत पर अपनी जीभ फेरनी शुरू की और हम दोनों एक दूसरे को मजा देने लगे.

कुछ देर चूत चाटने के बाद लवी मेरे मुँह पर ही झड़ गई पर वो मेरे लंड को लगातार चूसे जा रही थी.

आज वो बहुत अच्छे से मेरे लंड को चूस रही थी. ऐसा लग रहा था कि वो कोई प्रोफेशनल रांड हो.
थोड़ी देर बाद वो उठी और बोली- इसे अन्दर डालो.

मैंने उससे कहा- कहां से सीखा लंड चूसना?
वो बोली कि मैं 3 दिन से मूली चूस कर प्रेक्टिस कर रही थी ताकि तुमको खुश कर सकूँ.

इस पर मैंने उसे एक किस किया और लवी को अपने नीचे लिटा लिया.
उसे किस करते हुए उसकी चूत में अपनी दो उंगलियां डाल दीं.

उसकी चूत गीली होने की वजह से उसे कोई दिक्कत नहीं हुई.
मैं अपनी उंगली आगे-पीछे करने लगा, तो वो ‘आ उउहह …’ की आवाजें निकाल रही थी.

फिर मैंने अपनी उंगली बाहर निकाली और उसके ऊपर आकर उसकी चूत पर अपना लंड फेरने लगा.
इससे वो और ज़्यादा तड़प रही थी.

वो मुझे कहने लगी- अब और मत तड़पाओ, जल्दी अन्दर डालो.
मैंने उससे कहा- रूको जरा, सब्र करो.

इस पर उसने अपना मुँह बना लिया और मैं उसे ऐसे ही तड़पाने लगा.
लवी ने एक दो बार लंड अन्दर लेने की कोशिश की मगर वो असफल हो गई.

फिर वो झुंझला कर मुझसे बोली- तुम जल्दी अन्दर डालो, ऐसे ना तड़पाओ.
मैं रुका और लवी को कंडोम का पैकेट जींस से निकालने को बोला.

उसने हाथ बढ़ाकर जींस की जेब से कंडोम निकाला और मुझे दे दिया.
मैंने उसे अपने लंड पर चढ़ाने को कहा.

उसने मेरे लंड पर कंडोम चढ़ाया और बोली- अब मत तड़पाना, जल्दी अन्दर डालो.

मैंने उसकी चूत पर लंड रखा और धीरे से अपना लंड अन्दर डालने लगा.
लवी को थोड़ा सा दर्द हुआ, पर उसने मेरा पूरा लंड अन्दर ले लिया.

मैं लंड पेल कर एक मिनट को रुका और जब लवी को थोड़ा सही सा लगने लगा तो मैंने पहले धीरे से धक्के लगाने शुरू किए, फिर धीरे धीरे स्पीड बढ़ाने लगा.

लवी के मुँह से मादक सिसकारियां निकलने लगीं.
वो ‘आअह उऊहह …’ की आवाजें निकालने लगी और उसने मुझे कसके पकड़ लिया.

वो एक बार झड़ गई, पर मैं अभी भी उसे धक्के लगाए जा रहा था और उसे किस किए जा रहा था.
मैंने 5 मिनट बाद अपना लंड लवी की चूत से बाहर निकाला और उसे अपने ऊपर बिठा लिया.

धीरे से उसकी चूत में अपना पूरा लंड डाल दिया और उसे अपने ऊपर उछालने लगा.
थोड़ी देर ऐसे ही ताबड़तोड़ चुदाई के बाद लवी एक बार और झड़ गई.

तभी मैं भी झड़ गया और अपना सारा माल कंडोम में लवी की चूत में ही निकाल दिया.

हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे.

कुछ 5 मिनट बाद लवी मेरे ऊपर से साइड में हुई.
मैंने अपने लंड से कंडोम निकाला और साइड में फेंक दिया.
लवी मुझे हग करके लेटी रही.

हम दोनों ऐसे ही बातें करने लगे.
फिर कुछ देर बाद हम दोनों उठे और सीधा बाथरूम में घुस गए.

मैंने शॉवर ऑन कर दिया और लवी मुझे हग करके शॉवर के नीचे खड़ी रही.
फिर वो मुझसे अलग होकर मुझे किस करने लगी.
मैं भी उसे किस करने लगा.
मैंने लवी की कमर अपनी साइड की और उसे पीछे से किस करने लगा.

उसे ऐसे ही किस करते हुए मैं उसकी गांड पर अपना लंड रगड़ने लगा. उसकी गर्दन और कमर पर जीभ फिराने लगा.
लवी ने शॉवर ऑफ किया और एकदम से बाहर आई और कंडोम लेकर अन्दर आ गई. पर मेरा मन तो बिना कंडोम के उसे चोदने का कर रहा था.

मैंने कंडोम के लिए मना किया तो वो बोली- बाबू अगर कुछ गड़बड़ हो गई तो?
मैंने उसे ज़्यादा फोर्स नहीं किया और लवी ने मेरे लंड पर कंडोम चढ़ा दिया.

फिर मैंने उसे कुतिया बना दिया.
लवी ने अपने एक हाथ से शॉवर का नल पकड़ रखा था.

मैंने पीछे से अपना लंड उसकी चूत पर सैट किया और धीरे से अन्दर डालने लगा जिसे वो एक ही बार में पूरा लंड अन्दर ले गई.
फिर मैंने धीरे धीरे से धक्के देने शुरू किए.
लवी ने शॉवर की टोंटी पकड़ रखी थी और मैं उसे धक्के मार रहा था.

वो बार बार शॉवर ऑन ऑफ कर रही थी, जिससे हमारे ऊपर बार बार पानी गिर रहा था, रुक रहा था.
हमारे धक्कों की पच पच की आवाज़ आ रही थी और साथ ही लवी की आअहह उऊहह की मादक सिसकारियां भी निकल रही थीं.

मैं उसे ऐसे ही चोदता रहा और मुझे तो पता भी नहीं लगा कि कब लवी झड़ गई पर मैं लगातार धक्के मारता रहा.

थोड़ी देर बाद मैं भी झड़ने लगा.
लवी भी मेरे साथ दुबारा झड़ गई और इस बार उसका बैलेंस भी बिगड़ गया.

मैंने उसे संभाला और उसकी चूत से लंड निकाल कर उसे ठीक से पकड़ लिया.
वो संभल गई.

फिर हम दोनों ने तौलिया से एक दूसरे को पौंछ लिया और बाहर आकर बेड पर लेट गए.
थोड़ी देर बाद मुझे भूख लग रही थी तो लवी मेरे और अपने लिए किचन से कुछ खाने को ले आई.

हम दोनों खाना खाने के बाद ऐसे ही घर में नंगे घूमने लगे, फिर वापिस बिस्तर पर आकर लेट गए.
लवी मुझे ज़ोर से हग करके लेटी थी.

थोड़ी देर बाद हमारे अन्दर की वासना फिर से जाग गई.

इस बार लवी खुद ही मेरे ऊपर आ गई और मेरे लंड के ऊपर बैठ कर उसने अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत में सैट कर लिया और धीरे धीरे करके पूरा लंड अन्दर ले लिया.
लंड अन्दर गया, तो लवी की चूत में खलबली मचने लगी और वो धीरे धीरे ऊपर नीचे होने लगी.

मैंने भी नीचे से गांड उठा कर धक्के लगाने शुरू कर दिए.
उसे मजा आने लगा और वो मेरे सीने पर हाथ रख कर गांड हिलाने लगी.

मैं अपनी स्पीड लगातार बढ़ाता रहा.
हम दोनों बीच में कुछ सेकेंड रुकते, एक दूसरे को अच्छे से किस करते और फिर धक्के लगाने लगते.

ऐसा करते करते लवी ने मुझे जकड़ लिया और अपनी चूत भी टाइट कर ली.
मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है, तो मैं धक्के लगाता रहा.

वो आअहह आअहह करती हुई झड़ गई और मेरे ऊपर ही निढाल होकर लेट गई.
मैं 2 मिनट रुका और फिर से धक्के लगाने शुरू कर दिए.

अब लवी भी ज़ोर ज़ोर से अपनी गांड ऊपर नीचे करती और ‘आअहह उहह ईएहह …’ की आवाज़ निकालती.
‘ओह कम ऑन बेबी कम फास्ट, फक मी बेबी फास्ट.’

मैं उसकी कमर पर हाथ फिराते हुए उसकी गांड पर बार बार चमाट लगा देता, जिससे वो और तेज आहह भरती.
कुछ देर बाद लवी फिर से झड़ गई.

पर अबकी बार मैं नहीं रुका और उसके झड़ने के कुछ मिनट बाद जब मेरा होने वाला था तो मैंने लवी से कहा- मेरा होने वाला है.
वो बोली- एक मिनट रूको.

मेरे ऊपर से हट कर वो मेरे पैरों के बीच में बैठ गई और मेरी तरफ मुस्कुरा कर देखती हुई उसने मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया.

वो लंड चूसने लगी और कुछ देर ऐसे ही मेरा लंड चूसती रही.
मैं भी उसका सर पकड़ कर अपना लंड चुसवाता रहा.

अंतत: मैं उसके मुँह में ही झड़ गया और वो मेरा पूरा माल पी गई.
मैं हैरान था कि ये माल पी गई.

फिर उसने और मैंने चैन की सांस ली और वो मेरे बराबर में आकर लेट गई.
उस दिन हमें पता नहीं चुदाई का कौन सा भूत सवार था, हम दोनों ने 4 बार चुदाई की और सो गए.

फिर रात को 9 बजे मैंने लवी को उसके घर छोड़ा और बाइक से अपने घर आ गया.
मैंने अपने रूम में जाकर लेट गया और अपना फोन चैक किया, तो उसमें श्वेता के मैसेज पड़े थे.

मैं पूरा दिन चुदाई में बिज़ी था, तो मुझे पता नहीं लगा.

मैंने श्वेता को रिप्लाइ किया, तो वो पहले तो नॉर्मली बातें करने लगी कि कहां थे और क्या कर रहे थे.
तो मैंने यूं ही उसे बातों में बहलाया.

फिर उसने अपनी एक पिक सेंड की और बोली कि कैसी लग रही हूँ?
वो ब्लैक ड्रेस में थी और कसम से उस पिक में एक नंबर का मस्त पीस लग रही थी.

मैंने उस पर कमेंट किया- एकदम मस्त लग रही हो, आज किस पर बिजली गिराने का प्लान है?
वो हंस कर बोली- तुम पर!

मैंने रिप्लाई किया- मुझ पर तो गिरा चुकी हो बिजली … और कितनी बार गिराओगी?
वो बोली- अच्छा बच्चू मुझसे फ्लर्ट!

मैं बोला- तुमको बुरा लगा?
वो बोली- नहीं यार, अगर बुरा लगता तो अब तक तुम ब्लॉक हो चुके होते.

मैंने उससे फिर से मज़ाक किया और इसी तरह की बातचीत के बाद मैं उसे बाय बोल कर सो गया.
मैं भी आज चार बार चुदाई करके बहुत थक गया था.
बड़ी गहरी नींद आई.

मैं सुबह उठा और रेडी होकर अपने काम करने लगा.
मेरे पास लवी की कॉल आई तो मैंने उससे बात की.

वो बताने लगी कि आज तो उसकी बहुत हालत खराब हो रही है, पूरी बॉडी दर्द कर रही है और थकावट हो रही है.
मैं उससे बोला- हां 4 राउंड, वो भी इतनी बुरी तरीके से होने के बाद तुमको क्या लगा था कि तुम्हारी हालत और कैसी होती?

वो इस बात पर थोड़ी हंस दी और बोली- कोई बात नहीं बाबू, तुम्हारे लिए तो मैं तो इससे भी बुरी हालत करवाने को भी तैयार हूँ.
मैं भी हंस कर बोला- बताओ मैडम, फिर से कबका प्लान बनाना है?

वो बोली- हट पागल … अभी मुझे काम है. मैं बाद में बात करूंगी.
मैंने उसे बाय बोला और फ़ोन रख दिया.

अभी मैं उसकी चुदाई की याद कर ही रहा था कि उसी वक्त मेरे पास श्वेता की कॉल आ गई.
वो बोलने लगी- अगम, मैं अभी थोड़ी देर पहले ही घर आई और मुझे एक ज़रूरी काम याद आ गया, जिस वजह से कहीं जाना था. पर यार मेरी स्कूटी स्टार्ट नहीं हो रही है, तो क्या तुम मुझे पिक ड्राप करने आ सकते हो?

मैं तो कब से श्वेता से बात आगे बढ़ाने का इंतजार कर रहा था.
मैंने उसे हां बोल दी और उसके पास चला गया.
वो मेरा ही इन्तजार कर रही थी.

मुझे आया देख कर श्वेता मेरी बाइक पर बैठ गई और हम दोनों चल पड़े.

रास्ते में 2-3 बार जब ब्रेकर आए,तो श्वेता के मम्मे मेरी पीठ पर टच हुए और मुझे बहुत अच्छा लगा.
वो अपना काम करने चली गई और जाते हुए बोली- मैं बस अभी आई.

मैंने उसके आने का इन्तजार करने लगा.
दस मिनट बाद वो आई तो मैं फटाफट श्वेता को घर छोड़ कर वापिस आ गया क्योंकि मुझे कुछ काम था.

फिर ऐसे ही दिन निकलते गए और मेरी श्वेता से नजदीकियां बढ़ने लगीं.

एक दिन मैंने उसे प्रपोज़ करने का प्लान बनाया तो श्वेता को कॉल की.
मैंने उससे कहा कि मुझे तुमसे मिलना है … कुछ काम है.

वो बोली- ओके शाम को घर तो आओगे ही, तब बता देना.
मैं बोला- नहीं, अभी मिलना है.

वो बोली कि ठीक है, तुम घर आ जाओ.
मैंने उससे एक रेस्टोरेंट का पता बताया और कहा कि इधर आ जाओ. मैं भी आ रहा हूँ.

उसने ओके बोला.
वो रेस्टोरेंट गर्लफ्रेंड ब्वॉयफ्रेंड के लिए ही बना था, तो वहां किसी भी चीज़ की कोई प्राब्लम नहीं थी.

मैं और वो, दोनों रेस्टोरेंट में आए और एक टेबल पर बैठ गए.
मैंने कुछ ऑर्डर भी कर दिया.

श्वेता बोली- बताओ अब, क्या काम था?
मैं बोला- अपनी आंखें बंद करो.

वो बोली- क्यों?
मैंने कहा- करो तो!

उसने आंखें बंद की.
मैं उठा और उसके सामने नीचे बैठ कर एक हाथ में रोज़ और एक चॉकलेट पकड़ कर बैठ कर उसे आंख खोलने के लिए बोला.

जब उसने आंखें खोलीं, तो मैंने उसे प्रपोज़ किया- आई लव यू, विल यू बी माय गर्लफ्रेंड!
वो एकदम से चौंक गई और कुछ सोचती हुई बोली- आई लव यू टू हनी.

उसने वो रोज़ और चॉकलेट ले लिए और मेरी तरफ प्यार से देखने लगी.
हम दोनों ने थोड़ा खाना खाया और बातें करने लगे.

श्वेता बोली- तुम्हारा प्रपोज़ करने का ये आइडिया अच्छा था!
मैं बोला कि मैं बंदा भी अच्छा हूँ और मेरे साथ तुम्हारा रहना भी अच्छा ही होगा.

हम दोनों हंसने लगे.
फिर हम वहां से चल दिए.

रास्ते में आते हुए मैं श्वेता को ड्रॉप करने के लिए आ रहा था तो मैंने जानबूझ कर 2-3 बार ब्रेक मारे, जिससे श्वेता मुझसे टच हो जाए.
इस पर श्वेता बोली- ये ब्रेक मार कर इतनी नौटंकी करने की ज़रूरत नहीं है, जरा रूको, मैं तुमको हग करके ही मजा दे देती हूँ.
उसने बाइक पर मुझे पीछे से हग किया और मैंने उसे चुम्मी कर दी.

वो खुश हो गई.
मैंने उसे लेकर उसके घर आ गया और हम दोनों कि ऐसी ही बातें बढ़ने लगीं.

अब हम दोनों ज़्यादा मिलने लगे.
हमारी बातें चुदाई तक पहुंच गईं और हम दोनों फोन सेक्स करने लगे.

फिर हम दोनों ने मिलने का प्लान बनाया और वो दिन आ ही गया, जिसका मुझे इंतजार था.
उस दिन श्वेता ने मुझसे काफ़ी बार बोला था कि मैं प्रोटेक्शन लेकर आऊं.
उसे थोड़ा डर भी लग रहा था क्योंकि ये उसका फर्स्ट टाइम था.

मैंने एक होटल बुक किया था क्योंकि श्वेता के घर पर उसकी बहन थी.
उसकी बहन का कहीं बाहर जाने का प्लान भी नहीं था.

फिर मैं मेडिकल स्टोर से कंडोम लेकर श्वेता के पास पहुंचा और उसे बाइक पर बैठा कर होटल की तरफ निकल आया.

वो मुझे हग करके बैठी थी, पर वो कुछ परेशान सी लग रही थी.
मैंने पूछा- क्या हुआ, परेशान क्यों हो?
वो बोली- कुछ नहीं.

मैंने ज़्यादा ध्यान नहीं दिया और होटल के कमरे में पहुंच कर गहरी सांस ली.
उसे देख कर मुस्कुराया और रूम अन्दर से बंद कर लिया.

दोस्तो, मैं आपको लवी की सहेली श्वेता की चुदाई की कहानी को अगले भाग में विस्तार से लिखूँगा.
आपको यह देसी गर्ल की चूत की कहानी कैसी लगी? आप मुझे मेल करें.
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देसी गर्ल की चूत की कहानी का अगला भाग: पड़ोस की लड़की और उसकी सहेली की चुदाई- 3

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