अपनी दोस्त की कुंवारी सील तोड़ने का मजा
(Desi Ladki Chudai Kahani)
देसी लड़की चुदाई कहानी में मेरी दोस्ती पड़ोस की एक लड़की से थी. वह मेरे घर आती थी. वह मुझे पसंद करने लगी थी. एक दिन उसने मेरे गाल पर चूम लिया.
दोस्तो, मेरा नाम विकास है और मैं उत्तर प्रदेश से हूं।
मेरी उम्र 23 साल है.
मैं लखनऊ में रह कर पढ़ाई कर रहा था.
यह मेरी पहली और सच्ची सेक्स कहानी है.
इस देसी लड़की चुदाई कहानी की नायिका मेरी दोस्त मुझसे एक साल छोटी है.
उसका नाम सौम्या है. उसका रंग एकदम गोरा और भरा हुआ बदन है. उसका फिगर 32-28-32 है।
वह ऐसी मस्त माल है कि जो भी उसे एक बार देख भर ले, उसका लंड सलामी देने लग जाएगा.
मैं और सौम्या काफी अच्छे दोस्त हैं.
उससे मेरी दोस्ती बहुत पहले से है, वह मेरी पड़ोसी भी है।
मेरे मन में सौम्या को लेकर अब तक कभी कोई भी गलत इरादा नहीं बना था.
पर शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था.
कहानी शुरू होती है.
मैं विकास अपनी पढ़ाई पूरी करके अपने घर आया हुआ था, और नौकरी की तलाश कर रहा था।
हम दोनों लगभग रोज ही मिला करते थे, उसका मेरे घर पर भी आना जाना होता था।
वह मेरी पड़ोसी भी थी।
हम बचपन में साथ साथ खेला करते थे, लेकिन 12वीं के बाद अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए मैं लखनऊ चला गया।
इस बीच कभी कभी हमारी फोन पर बात होती थी, लेकिन हमारे बीच ऐसा कुछ भी ग़लत नहीं था।
हम एक दूसरे के अच्छे दोस्त हुआ करते थे, एक दूसरे से सारी बातें शेयर करते थे।
लेकिन कभी हमारे मन में एक दूसरे के प्रति कोई ग़लत भावना नहीं थी।
जब मैं 12 वीं के बाद लखनऊ गया, तो देखा कि उसके भी रंग ढंग बदलने लगे थे, वह एक जवान शरीर की मालकिन होती जा रही थी।
उसके शरीर में उभार आने लगा था, जवानी उछाल मार रही थी।
उसके अन्दर और बाहर का यौवन अब जागने लगा था।
अब हम जब भी फोन पर बात करते, तो हमारे बीच द्विअर्थी संवाद भी होने लगा था।
लेकिन तब भी हमारे बीच कुछ ऐसा नहीं था।
एक बार जब मैं घर आया, तो वह पीले रंग के वनपीस जोकि पूरे शरीर को ढके हुए था, तो उसमें वह काफी सुंदर लग रही थी, लेकिन उसके उभार आगे और पीछे साफ नजर आ रहे थे।
उसके चलने का तरीका मुझे बहुत मादक कर रहा था।
एक दिन हम दोनों घर के ऊपर वाले में बैठे हुए थे, मैं काफी थका हुआ था, तो मुझे हल्की सी झपकी आ गई।
लेकिन एक घंटे बाद जब मैं जागा तो मैंने देखा कि वह मुझे एकटक देखे जा रही थी.
15 मिनट तक हम दोनों एक दूसरे को देखते रहे।
इसी बीच अचानक वह मेरे करीब आ गई और मेरे गाल कर एक किस किया।
मैं काफी सकपका गया था.
लेकिन उसके बाद वह शर्मा गई और वहां से भाग गई।
शाम तक वह नहीं दिखी तो मैंने उसे फोन किया.
इस समय भी वह बहुत ही ज्यादा शर्मा रही थी.
लेकिन कुछ समय बाद वह नार्मल हो गई और फिर से हमारी द्विअर्थी बातें शुरू हो गई।
लेकिन इस किस के बाद मेरा ध्यान बार बार उसी क्षण की तरफ जा रहा था जिससे मैं रात भर सो भी नहीं पाया क्योंकि पहली बार मैं किसी लड़की के इतना करीब आया था, पहली बार मुझे किसी ने किस किया था।
दूसरे दिन जब हम मिले तो हम दोनों एक दूसरे को देखते हुए शरमा रहे थे.
हम आंखें तक नहीं मिला पा रहे थे.
लेकिन धीरे-धीरे हम नार्मल हुए और फिर से एक दूसरे से बातें करते रहे।
लेकिन कुछ समय बाद मैंने हिम्मत करके उसे पीछे से हग कर लिया.
जिस पर उसने कोई विरोधी प्रतिक्रिया नहीं दी.
तो मैं समझ गया कि वह भी इसके लिए सहमत है।
मैं उसके साथ कुछ देर वैसी ही स्थिति में बैठा रहा.
इसके बाद उसने मेरे कंधे पर सिर रख लिया और हम इसी स्थिति में काफी देर तक बैठे रहे।
कुछ देर बाद बात करते करते मैंने उसकी गर्दन पर किस किया.
इसके साथ ही वह मेरे सीने पर सिर रखकर मुझसे लिपट गई और फिर हमने एक दूसरे के होंठ पर होंठ रख दिए।
हम दोनों के शरीर कांप रहे थे लेकिन हम लोगों ने लगभग 10 मिनट तक किस किया।
लेकिन अब यह हमारा रोज का कार्यक्रम बन गया था, हम जब भी मिलते तो एक दूसरे की बाहों में बाहें डालकर लिपट जाते और किस करते।
काफी समय तक हमारा यह सिलसिला चलता रहा.
जब भी मैं किसी त्योहार या छुट्टी पर घर आता तो हमारा लिपटा लिपटी, चुम्मा चाटी का सिलसिला जारी रहता।
एक बार मैं छुट्टी पर घर आया हुआ था.
वह मुझसे मिलने कमर तक टी-शर्ट और जींस पहन कर आई.
वो बहुत सुंदर लग रही थी, उसका यह स्वरूप मुझे कामुक कर रहा था।
हम कुछ देर बात करते रहे फिर मैंने उसके पीछे से जाकर उसे हग किया और उसके बालों को एक तरफ हटाकर किस करने लगा।
वह भी पूरे मूड में आ चुकी थी लेकिन मेरी पकड़ से आजाद नहीं हो पा रही थी।
फिर हम दोनों एक दूसरे के सामने आ गये और होंठ पर होंठ रखकर किस करने लगे.
यह काफी डीप किस था.
हम दोनों गर्म हो चुके थे.
इसी बीच मेरा हाथ उसके चूचों पर चला गया और मैं उसकी टी-शर्ट ऊपर करके उन्हें दबाने लगा।
लेकिन हम अपनी सीमा नहीं लांघना चाहते थे.
और फिर किसी के आ जाने का डर था तो हमने कुछ नहीं किया।
यह सिलसिला कुछ दिनों तक चला और फिर मैं कुछ दिनों बाद फिर से लखनऊ चला गया।
फिर हमारी फोन और वीडियो काल पर बातें जारी रहती.
हम एक दूसरे से काफी खुल गये थे तो हम वीडियो काल पर नंगे भी हो जाते थे।
कुछ दिनों बाद मेरी पढ़ाई पूरी हो गयी और मैं घर आ गया.
मिलने पर मौका मिलते ही अपने आप को एक दूसरे की बाहों में सिमट जाते।
एक दिन इत्तेफाक से मेरे घर पर कोई नहीं था और रात में भी मैं अकेला ही रहने वाला था.
शाम को मैंने उसे काल किया कि उसने बताया कि आज उसके घर पर भी कोई नहीं है.
फिर हम दोनों का रात एक साथ ही बिताने का प्लान बना।
मैं एहतियात के तौर पर बाजार से कंडोम का एक पैकेट खरीद लाया।
वैसे हमारा यह सब कुछ करने का प्लान नहीं था, हम केवल एक दूसरे के साथ समय बिताना चाहते थे।
रात में करीब 10 बजे घर के दरवाजे की घंटी बजी तो मुझे पता चल गया कि वह आ गई है.
मैंने दरवाजा खोला और हम दोनों अन्दर आये.
वह टी-शर्ट और जींस में हुस्न की मलिका लग रही थी।
दरवाजा बंद करके हम दोनों ने साथ में खाना खाया।
इसके बाद हम मेरे बेडरूम में आ गये और साथ बैठकर बातें करने लगे.
बीच बीच में हम कभी किस भी कर लेते थे।
थोड़ी देर बाद हम दोनों मेरे फ़ोन में इंस्टाग्राम पर रील देखने लगे.
इस बीच हम एक दूसरे से सटकर लेटे हुए थे.
वह कभी कभी बीच बीच में मुझे किस करती और फिर रील देखने लगती।
इस बीच कुछ अन्तरंग रील्स भी आने लगे, इसके बाद हम दोनों एक दूसरे को देखने लगते।
पर आग शायद उसके शरीर में भी भड़क रही थी. देसी लड़की चुदाई कहानी बनने लगी थी.
कुछ देर बाद हम दोनों गरम हो गये और मोबाइल बन्द करके एक दूसरे की बाहों में बाहें डालकर लिपट गये।
हम दोनों एक दूसरे की बाहों में बाहें डालकर और आंखों में आंखें डालकर निहार रहे थे कि न जाने हमारे होंठ कब आपस में मिल गये।
हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे।
शायद आज वह भी पूरे जोश में थी.
कुछ देर एक दूसरे के होंठों को चूमने और डीप किसिंग के बाद मैं उसके गाल और गर्दन चूमने लगा।
और हम दोनों ने एक दूसरे को प्यारी और मीठे दर्द भरी लव बाइट दी।
अब हम दोनों एक दूसरे पर चढ़ने को तैयार बैठे थे।
धीरे-धीरे किस करते करते मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी और वो ऊपर से केवल गुलाबी रंग की ब्रा में थी.
उसके गोरे गोरे चूंचे मेरे लन्ड का तापमान बढ़ा रहे थे।
मेरा लन्ड एकदम सख्त हो गया था।
अब मैं उसके शरीर पर एक एक अंग को किस करने लगा।
वह पूरे जोश में आ चुकी थी और सिसकारियां ले रही थी।
मैंने उसके पीछे जाकर उसकी पीठ को चूमना शुरू किया और फिर उसकी नाभि के साथ साथ सारे अंगों से खेलना शुरू किया।
अब मैं उसकी ब्रा के ऊपर से उसके चूचों का मर्दन कर रहा था और वह जोर जोर से सिसकारियां ले रही थी।
मैंने उसकी जींस के बटन खोल कर जींस भी उतार दी।
वह मेरे सामने केवल ब्रा-पैंटी में थी, मुझे वह काम की देवी से कम नहीं लग रही थी.
उस का गोरा रंग काफी रोशनी में चमक रहा था।
मैं उस की ब्रा के ऊपर से उसके चूचों का मर्दन करने में लगा हुआ था, वह मेरे सिर को सहलाकर मेरा साथ दे रही थी।
अचानक से मैंने उसकी ब्रा खोल दी.
उसके 32″ के गोरे चूचे उछल कर बाहर आ गये मानो वे बाहर आने को और आजाद होकर मेरे हाथों मर्दन होने को आतुर हों।
मैं उसकी चूचियों के साथ खेलने लगा.
एक चूचे को हाथ से दबाता तो दूसरा मेरे मुंह में होता।
मैं बीच बीच में उसके चूचों को अपने दांतों से काट भी लेता था जिससे वह जोर से चीखती हुई सिसकारियां भरने लगती।
उसके हल्के चीखने और सिसकारियां भरने और मेरा चूचियों के साथ खेल काफी देर तक चलता रहा।
अब हम दोनों पूरे जोश में आ चुके थे, मेरा लन्ड भी बाहर आने को बेताब हो रहा था।
मैं उस समय तक केवल अपनी अंडरवियर में आ चुका था।
मैं नीचे आकर उसकी नाभि पर अपनी जीभ चलाने लगा और उसकी गोरी चिकनी कमर को अपने हाथों से दबाने लगा.
उसका और मेरा जोश बढ़ता ही जा रहा था।
उसकी चिकनी कमर को चूमने के बाद मैं उसकी नंगी और गोरी मांसल जांघें चूमने लगा, जिससे वह जोर जोर से सिसकारियां भरने लगी।
उसकी चूत अब तक एकदम भीग चुकी थी।
मैंने उसकी पैंटी में हाथ फंसाकर उसकी पैंटी को उतार दिया जिससे वह मेरे सामने एकदम नंगी हो गयी.
लेकिन अब वह शर्मा रही थी, वह अपने हाथों से अपनी चूचियों और चूत को ढकने की कोशिश कर रही थी जिससे उसकी मासूमियत और शरम का अंदाजा लगाया जा सकता है।
मैंने उसका हाथ उसकी चूत पर से हटाया तो देखा कि उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, वह एकदम चिकनी थी.
लग रहा था कि वह आज ही शेव हुई हो.
इससे मुझे अहसास हो गया कि वह भी पूरी तैयारी से मुझसे मिलने आयी है.
जिससे मेरा जोश और भी बढ़ गया।
मैं उसकी चूत को चूमने लगा.
वह पूरी तरह जोश से भरी जा रही थी और मेरा सिर सहलाती हुई मादक सिसकारियां ले रही थी।
उसने उठकर मेरा अंडरवियर उतार दिया और मेरा लंड फनफना कर खड़े होकर सलामी देने लगा।
वह पहले तो थोड़ा डर गई कि यह उसकी वर्जिन चूत में कैसे जायेगा?
लेकिन मेरे समझाने से मान गयी।
अब उसने मेरा लंड हाथ में लिया और सुपारे पर हाथ फेरने लगी।
मैं भी काफ़ी जोश में आ चुका था।
हम दोनों एक दूसरे के सामने नंगे थे।
फिर मैंने उसकी चूत में उंगली करना शुरू किया तो वह एकदम से कसमसा उठी और सिसकारियां तेजी से भरने लगी।
मैं बता दूं कि उसने अभी तक मेरे अलावा किसी के भी साथ सेक्स करना तो दूर … किस तक नहीं किया था।
चूत में उंगली डालते ही वह तेजी से चिल्लाने लगी- आह … आह … सस्श … उई … आह उह!
उंगली करने के साथ साथ उसकी चूत गीली हो गई थी, वह जल्दी से चोदने को कह रही थी.
लेकिन मैं अभी उसे और तड़पाना चाहता था।
मैंने उसकी चूत में उंगली करना जारी रखा.
फिर धीरे से मैंने उसकी चूत पर एक लंबा सा चुंबन दिया और उसकी चूत चाटने लगा।
वह एकदम कसमसा रही थी.
लेकिन मैं कहां रूकने वाला था।
कुछ देर बाद वह मेरे मुंह में ही झड़ गई.
फिर मैं उसके चूचों पर टूट पड़ा, कुछ देर उनसे खेल करने के बाद मैंने उसे लंड मुंह में लेने को कहा.
लेकिन उसने मना कर दिया।
मैं मान गया क्योंकि हम यह पहला अनुभव खराब नहीं करना चाहते थे।
फिर मैंने उसकी चूत में उंगली करने के बाद उसकी गांड़ के नीचे तकिया लगाया जिससे उसकी चूत में अन्दर तक पहुंचा जा सके।
तब मैं अपना लंड उस की चूत पर रगड़ने लगा.
वह फिर से सिसकारियां भरने लगी और जल्दी से अन्दर डालने को कहने लगी।
मैंने भी बिना समय गंवाए अपना लंड पर कंडोम लगाकर उसकी चूत पर सेट किया और एक जोर का झटका दिया.
मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया लेकिन वह उस दर्द से कसमसा उठी।
वह रोने लगी, उसकी आंखों में आंसू आ गये।
अब उसकी सील टूट चुकी थी और वह काफी तेज रो रही थी।
मैं कुछ देर उसी अवस्था में रूका रहा फिर दर्द कुछ कम होने के बाद मैंने फिर से एक झटका दिया और वह फिर से सिहर उठी।
लेकिन इस बार मैं झटके के साथ उसके होंठों को आगोश में लिये हुए था तो वह ज्यादा चिल्ला नहीं पायी।
फिर जब उसका दर्द कम हुआ तो हम लोगों ने चुदाई शुरू की।
अब वह काफी मजे ले रही थी.
पूरा कमरा हमारी मादक सिसकियों और थप थप की आवाज से भर गया।
कुछ देर बाद वह झड़ गयी लेकिन मैं अभी देर तक चलने वाला था।
फिर उसे मैंने घोड़ी बनाकर पीछे से किया, कुछ देर करने के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये।
हमने पोजीशन बदलकर रात 4 बजे तक 3 बार सेक्स किया और साथ में झड़ गये.
हम काफी देर तक उसी अवस्था में पड़े रहे।
देसी लड़की चुदाई से निढाल हो चुकी थी.
मैंने उठकर चादर बदली क्योंकि चादर पर खू.न के लाल धब्बे पड़ गये थे।
फिर थोड़ी देर बाद बाथरूम में जाकर साफ करके निढाल होकर सो गये।
सुबह जब मैं उठा तो देखा कि हम दोनों एक बिस्तर पर नंगे पड़े हुए थे, हम दोनों एक दूसरे को निहार रहे थे और एक सुखद अहसास हो रहा था।
कुछ देर बाद हमने फिर से एक बार सेक्स किया और फिर बाथरूम जाकर एक दूसरे को साफ़ किया।
इसके बाद हम दोनों ने एक दूसरे की कपड़े पहनने में मदद की और फिर वह अपने घर चली गयी।
इसके बाद हम लोग कई बार सेक्स कर चुके हैं.
उसके बर्थडे पर हम लोगों ने धुआंधार चुदायी की, वो कहानी फिर कभी!
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