मेरी मुंहबोली बहन की एक अनकही चाहत- 3

(Desi Virgin Fuck Story)

देसी वर्जिन फक स्टोरी में मेरी मुंहबोली बहन मेरे लंड को अपनी चूत में लेना चाहती थी. मैं उसके पास सो रहा था तो उसने मेरा लंड निकाला और अपनी चूत उस पर रगड़ने लगी.

कहानी के दूसरे भाग
मुंहबोली बहन ने मेरी चुदाई की वीडियो बनाई
में आपने पढ़ा कि रात को मेरे साथ सोते हुए मेरी मुंहबोली बहन मेरे लंड से खेलती थी. मैं भी अब उसे चोदने की चाह रखने लगा था.

अब आगे देसी वर्जिन फक स्टोरी:

सुबह जब नींद खुली, मैं एक चादर में लिपटा था।
अन्नू बाहर जा चुकी थी।

मेरी चोट अब ज्यादा दर्द कर रही थी।
फोन में समय देखा, सुबह के 10 बज रहे थे।

मैं बिस्तर से उठ नहीं पा रहा था।
मैंने अन्नू को आवाज़ लगाई।
वो गर्म पानी का गिलास लेकर आ रही थी।

उसने मुझे पानी पिलाया, फिर बिस्तर से उतारा और सहारा देकर इंग्लिश टॉयलेट तक ले गई।
वो गेट थोड़ा बंद करके चली गई।

मैंने पेशाब किया लेकिन अंडरवियर ठीक नहीं कर पाया।

मैंने अन्नू को बुलाकर उसे ठीक करने को कहा।
उसने मेरी आँखों में देखा और अंडरवियर ठीक कर दी।

फिर उसने मुझे नहलाया।
मैंने दोनों हाथ ऊपर रखे थे।
अन्नू मेरे शरीर पर पानी डाल रही थी और उसे मल रही थी, जैसे किसी छोटे बच्चे को नहला रही हो।

नहाते समय मैं उससे मज़ाक कर रहा था ताकि हमें शर्मिंदगी न हो।
अन्नू भी बीच-बीच में मज़ाक कर रही थी।

नहलाने के बाद उसने मेरे कपड़े बदले।
जब वो अंडरवियर बदल रही थी, मैंने मज़ाक में कहा, “अपनी आँखें बंद रखना!”
उसने गुस्से से देखा और अंडरवियर पहना दी।

वो बोली, “देखे हुए हैं मेरे!”
मैंने तुरंत पूछा, “कितने?”
उसने कुछ नहीं कहा।
अब मैं भी उससे खुलने लगा था।

अन्नू ने मुझे खाना खिलाया, दवाई दी, और जाँघों पर दवाई लगाकर पजामा पहना दिया।
उस दिन हमारी ज्यादा बात नहीं हुई।

रात को अन्नू ने खाना खिलाया, दूध पिलाया, दवाई दी, और पजामा निकालकर दवाई लगाई।
फिर मैं सो गया।
अन्नू दरवाजे बंद करने चली गई।

मुझे नींद नहीं आ रही थी।
अन्नू मेरे पास आई और लेट गई।

मैंने पूछा, “अन्नू, तूने उस लड़के के बारे में बताया नहीं?”
वो बोली, “कौन-सा लड़का? अब सो जाओ!”
मैंने ज़ोर देकर कहा, “विश्वास नहीं है मेरे पर? मैं किसी को नहीं बताऊँगा!”
अन्नू बोली, “कभी और बताऊँगी!”

वो दूसरी तरफ करवट लेकर सो गई।

मुझे पता था कि आज भी रात को कुछ होने वाला है।
मैं इंतज़ार करने लगा।

लेकिन देर रात तक कोई हलचल नहीं हुई।
मुझे नींद आने लगी।

रात को अचानक मेरी आँख खुली।
अन्नू अपनी जगह बैठकर पानी पी रही थी और मुझे देख रही थी।

उसने मुझे हल्के से हिलाया।
मैंने कोई रिएक्शन नहीं दिया।

उसने और ज़ोर से हिलाया लेकिन मैंने फिर भी कुछ नहीं किया।
वो शायद चेक कर रही थी कि मैं कितनी गहरी नींद में हूँ।

आज मैं पूरी तरह तैयार था।
अन्नू ने मेरा लिंग अंडरवियर के ऊपर से सहलाया।

मेरे दिमाग में पहले से यही सब चल रहा था।
उसके दो-चार बार हाथ घुमाते ही मेरा लिंग खड़ा हो गया।

अन्नू मेरी तरफ आई।
उसने धीरे-धीरे मेरी अंडरवियर उतारी और मेरे लिंग को सहलाने लगी।
वो तनकर तोप की तरह खड़ा हो गया।

फिर उसने अपनी लेगी उतारी।
अंधेरे में मुझे साफ दिखा नहीं लेकिन कुछ काला-सा दिखा, शायद उसके झाँट के बाल।

वो मेरे लिंग को मसल रही थी।
फिर उसने एक हाथ से अपनी चूत और स्तनों को मसलना शुरू किया।
चार-पाँच मिनट बाद वो मेरे ऊपर आई।

उसका एक पैर बेड के नीचे और दूसरा मेरे ऊपर था।
वो अपनी चूत को मेरे लिंग पर रगड़ने लगी।
उसकी चूत से रस निकल रहा था।
मेरे लिंग से भी रस निकलने लगा।

अन्नू एक हाथ से मेरे लिंग को पकड़कर अपनी चूत पर रगड़ रही थी और दूसरे हाथ से अपने स्तनों को दबा रही थी।

उसकी हरकत तेज़ होने लगी।
वो भूल गई कि मैं जाग सकता हूँ।
वो कभी-कभी मेरे लिंग को सही छेद पर दबाने लगी।

मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था।
मैंने सही मौके का इंतज़ार किया।

जैसे ही अन्नू ने मेरे लिंग को अपनी चूत पर दबाया, मैं सब भूल गया।

मैंने अपनी कमर को ज़ोर से ऊपर उछाला।
मेरा लिंग उसकी चूत को चीरता हुआ अंदर घुस गया।

अन्नू को इसकी भनक भी नहीं थी कि मैं कल भी जाग रहा था और आज भी जाग रहा हूँ।
जो हुआ, वो उसके लिए अचानक था।

उसकी चूत बहुत गीली थी, और मेरे ज़ोर से धक्के की वजह से मेरा लिंग पूरा अंदर चला गया।
अन्नू को इतना दर्द हुआ कि उसके मुँह से “आह्ह्ह!” की चीख निकल गई।

दर्द के कारण उसके पैर ढीले पड़ गए।
उसका पूरा शरीर मेरे लिंग पर टिक गया।
मेरे लिंग को उसके झाँट के बाल छू रहे थे।

अन्नू शायद अपने आपे से बाहर हो गई और मेरे ऊपर गिर पड़ी।
मैंने उसे अपनी बाँहों में कस लिया।
कुछ देर के लिए चारों तरफ सन्नाटा छा गया।

मैंने सन्नाटा तोड़ा और हल्की आवाज़ में पूछा, “ज्यादा दर्द हुआ?”
अन्नू ने कुछ नहीं कहा, बस हाँ में सिर हिलाया और मेरी गर्दन से चिपककर लेटी रही।
उसके मुँह से दर्द की सिसकारियाँ निकल रही थीं।

धीरे-धीरे जब सिसकारियाँ कम हुईं, मैंने अपनी कमर को हल्का-सा नीचे करके फिर ज़ोर से धक्का मारा।
अन्नू के मुँह से फिर चीख निकल गई।

उसने मेरे शरीर से उठने की कोशिश की लेकिन मैंने उसे बाँहों में पकड़े रखा।

अन्नू रोनी आवाज़ में बोली, “मुझे दर्द हो रहा है! क्या कर रहे हो? मुझे उठने दो! इसे बाहर निकालो!”

मैंने उसके माथे पर हाथ फेरा और उसकी गर्दन को हल्के से चूमा।
मैंने कहा, “जब करना नहीं था, तो पहले क्यों कर रही थी?”
अन्नू बोली, “मुझे नहीं पता था कि इतना दर्द होता है!”
कहते-कहते वो रोने लगी।

उसकी आँखों से आँसू मेरी गर्दन पर गिरने लगे।
मुझे उस पर दया आई।

मैं उसे छोड़ना चाहता था, लेकिन मुझे पता था कि अगर अभी छोड़ दिया, तो ये उसका सबसे बुरा अनुभव होगा।
मैंने पूछा, “तुझे मज़ा चाहिए?”
अन्नू बोली, “मुझे कुछ नहीं चाहिए!”

मैंने धीरे-धीरे उसकी गर्दन पर किस किया और बोला, “मुझ पर यकीन है?”
वो रोते-रोते बोली, “यकीन है, लेकिन दर्द बहुत ज्यादा है!”

मैं बोला, “अगले 20 मिनट के लिए भूल जा कि मैं तेरा भाई हूँ! बस ये सोच कि तेरी कोई बड़ी मजबूरी थी, जिसके कारण तुझे ये करना पड़ रहा है!”

अन्नू कुछ नहीं बोली, बस सिसकती रही।
मैंने मेरे लिंग को थोड़ा बाहर निकाला।

वो उसे पूरा बाहर निकालने लगी लेकिन मैंने उसे पैरों से बाँध लिया और ज़ोर-ज़ोर से कमर के झटके मारकर चोदने लगा।

अन्नू जोर-जोर से रोते हुए कराहने लगी।

उसके रोने के बीच दर्द की कराह मुझे और उत्तेजित कर रही थी।

लेकिन वो मेरी बहन थी, मुंहबोली ही सही … तो मुझे उस पर दया भी आ रही थी।

उसकी चूत बहुत टाइट थी।
इतना अंदाज़ा लग गया कि उसने पहले कभी सेक्स नहीं किया होगा।
उसकी चूत इतनी टाइट थी कि पूरी गीली होने के बाद भी मेरे लिंग को अंदर जाने में बहुत ज़ोर लग रहा था।

करीब 20 बार अंदर-बाहर करने के बाद मैंने स्पीड धीरे-धीरे कर दी।
मैं उसे बिल्कुल धीरे-धीरे चोदने लगा।

दो सेकंड में लिंग बाहर, दो सेकंड बाहर रखता, फिर दो सेकंड में धीरे-धीरे अंदर डालता, और दो सेकंड रुकता।
लिंग का सिरा हमेशा अंदर ही रहता था।

धीरे-धीरे चोदने से अन्नू का दर्द कुछ देर में कम हो गया।
उसका रोना भी बंद हो गया।

पाँच-छह मिनट बाद उसकी दर्द भरी सिसकारियों की जगह मादक सिसकारियाँ लेने लगीं।
अब वो न तो रो रही थी, न ही ऐसा दिखा रही थी कि वो ये नहीं करना चाहती।

वो मेरे शरीर से चिपकी मेरे लिंग का उसकी चूत में अंदर-बाहर होने का मज़ा ले रही थी।
हर हल्के धक्के पर उसके मुँह से “आह!” की मादक आवाज़ निकल रही थी।
उसकी नाक की गर्म हवा मेरी गर्दन को जला रही थी।

मुझे उसे धीरे-धीरे चोदकर मज़ा देना था ताकि वो चुदाई को डर की नज़र से न देखे।
थोड़ी देर में अन्नू दर्द भूलकर अपनी कमर को धीरे-धीरे ऊपर-नीचे करने लगी।
मुझे अहसास हुआ कि अब उसे मज़ा आने लगा है।

मैंने फिर भी धीरे-धीरे ही चोदना जारी रखा।
अन्नू मेरे से चिपकी थी।

अब केवल उसकी कमर मेरे से अलग होकर फिर जुड़ रही थी।
उसकी मादक कराह ने मुझे दीवाना बना दिया था।

जब मैं लिंग को उसकी चूत से बाहर निकालकर धीरे-धीरे अंदर डालता, तो वो “आह!” की आवाज़ निकालती, जो मेरे कान के पास सुनाई देती थी।
देसी वर्जिन फक से मैं बहुत उत्तेजित हो रहा था।

जब अन्नू ने अपनी कमर हिलानी शुरू की, तो मैंने अपनी कमर हिलाना बंद कर दिया और अपने पैर हटा लिए।
अब वो मुझे धीरे-धीरे चोद रही थी।

अन्नू को चुदाई में मज़ा आने लगा था।
वो अपनी कमर को थोड़ा तेज़ी से ऊपर-नीचे करने लगी।

मैं समझ गया कि अब वो ज्यादा देर नहीं टिकेगी।
मैंने भी अपनी कमर को ज़ोर से हिलाना शुरू किया।
हमारे सहयोग से मेरा लिंग उसकी चूत में जल्दी-जल्दी अंदर-बाहर होने लगा।

अन्नू की मादक सिसकारियाँ तेज़ हो गईं।
लेकिन तेज़ चुदाई से उसे फिर दर्द होने लगा।
उसकी आवाज़ से साफ पता चल रहा था।

लेकिन इस बार दर्द पर उसकी चूत की आग भारी पड़ रही थी।
उसकी कराह और आवाज़ चुदाई की स्पीड के साथ तेज़ हो गईं।

उसकी चूत बिल्कुल टाइट थी लेकिन बहुत गीली थी।
लिंग के अंदर-बाहर होने से ‘छप-छप’ की आवाज़ें आने लगीं।

कमरे में हमारी साँसों की “सायं-सायं”, अन्नू की चूत में पानी की “छप-छप”, और उसकी “आह! आह!” की मादक आवाज़ें गूँज रही थीं।

पूरा कमरा इन आवाज़ों से भर गया था।

रात का समय था, चारों तरफ सन्नाटा था, तो ये आवाज़ें और गूँज रही थीं।
ऐसा लग रहा था जैसे किसी हॉल में रोमांटिक पोर्न मूवी चल रही हो।

आसपास कोई नहीं था, तो मुझे किसी के सुनने का डर नहीं था।
अन्नू अब अपनी गांड को उठा-उठाकर चुदवाने लगी।
उसका चेहरा मेरी गर्दन में छुपा था।
वो पसीने में लथपथ थी और जोर-जोर से चुद रही थी।

मैंने धीरे से पूछा, “मज़ा आ रहा है?”
अन्नू ने कुछ नहीं कहा, बस चुदती रही।

मैंने फिर पूछा।
इस बार उसने मेरे मुँह पर अपना हाथ रख दिया और अपनी कमर को ज़ोर-ज़ोर से ऊपर-नीचे करती रही।

मैंने उसका हाथ हटाया और बोला, “जो कर रही हो, करती रह! उठना मत!”
उसने हामी में सिर हिलाया।

मैंने कमरे की छोटी लाइट चालू कर दी।
अन्नू सिहर उठी और हिलना बंद कर दिया।
वह अपनी गर्दन को मेरी बाँहों में दबाने लगी।

मैंने कहा, “अगर मज़ा आ रहा है, तो जो कर रही हो, वो करती रह! उसका मज़ा लो! बाहर वाले क्या देखते हैं, उसे भूल जा! बाहर वालों के चक्कर में तू मज़ा नहीं ले पाएगी!”

अन्नू मेरी बाँहों में सिर हिलाकर मना करती रही।

मैंने धीरे-धीरे अपनी कमर को ऊपर-नीचे करना शुरू किया।
अन्नू मचलने लगी और बोली, “लाइट बंद कर दो, प्लीज़!”

मैंने कहा, “जो हो रहा है, वो ऐसे ही करते रहो! लाइट से कुछ नहीं होगा!”
मेरे चोदने से उसमें फिर उत्तेजना आने लगी।
उसे शर्मिंदगी तो थी, लेकिन उत्तेजना हावी हो रही थी।
वो फिर से धीरे-धीरे अपनी कमर हिलाने लगी।

लेकिन उसने अपनी गर्दन ऊपर नहीं की।
मैंने कहा, “अन्नू, एक बार मेरी आँखों में देख!”
उसने मना कर दिया।

मैंने फिर रिक्वेस्ट की।

उसने अपनी कमर हिलाना बंद किया और धीरे-धीरे अपनी गर्दन उठाकर मेरी आँखों में देखा।
उसके चेहरे पर एक हल्की-सी खूबसूरत मुस्कान दौड़ गई।

मैंने उसे थोड़ा ज़ोर से चोदना शुरू किया।
उसके चेहरे पर दर्द भरी मुस्कान आ गई।

उसे देखकर मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गई।
अन्नू शरमा गई और फिर से अपनी गर्दन मेरी बाँहों में छुपा ली।

वो उछल-उछलकर चुदती रही।
कुछ देर बाद अन्नू की साँसें तेज़ हो गईं।
उसने चुदाई की स्पीड बढ़ा दी।

मैं समझ गया और मैंने भी धक्कों की स्पीड बढ़ा दी।

पूरा कमरा मोहक आवाज़ों से भर गया।
अन्नू की मोअनिंग और तेज़ हो गई।
“थप-थप”, “छप-छप”, और उसकी “आह! आह! आह!” की आवाज़ें गूँजने लगीं।

चुदाई की स्पीड बढ़ने से उसके मुँह से “आ… आ… आ…” की आवाज़ें निकलने लगीं।
मैंने धक्कों की स्पीड के साथ उसके गले, कानों, और गालों को चूमना शुरू कर दिया।

अन्नू पसीने में लथपथ थी।
वो जोर-जोर से अपनी चूत को मेरे शरीर से रगड़ रही थी।

मैंने अपने पैरों से उसे जकड़ लिया और उसके ऑर्गेज़म में उसका पूरा साथ दिया।

तभी एक तेज़ मादक और संतुष्ट भरी “आ आआह्ह हहह !” के साथ अन्नू के धक्कों की स्पीड कम होने लगी।
उसका सारा शरीर काँपने लगा और वो मेरे शरीर पर गिर गई।
उसका एक पैर अभी भी नीचे था।
उसका शरीर ऐसा निढाल हो गया जैसे उसमें जान ही न हो।

मैं उसे धीरे-धीरे चोदता रहा ताकि उसे पूरा ऑर्गेज़म मिले।
करीब एक मिनट तक वो ऐसे ही पड़ी रही।

तभी अचानक वो रोने लगी।
मैंने पूछा, “क्या हुआ?”
उसने सिर ना में हिलाया और रोती रही।

मैंने अपने एक हाथ से, जिसकी कोहनी पर पट्टी नहीं थी, उसके सिर को सहलाया और उसे रोने दिया।

वो पाँच मिनट तक रोती रही, फिर चुप हो गई।
तब तक मेरा लिंग छोटा होकर उसकी चूत से बाहर निकल गया था।

जब अन्नू चुप हुई, मैंने उसे पास सोने को कहा।
वो झट से उठी और अपनी लेगी को दोनों पैरों में पहन लिया।
मुझे तब पता चला कि उसने पैंटी नहीं पहनी थी।

इतनी देर एक ही पोज़ीशन में रहने और पहली बार चुदाई के कारण अन्नू को बहुत कमज़ोरी महसूस हुई।
वो बेड पर बैठ गई।

मैंने उससे मेरी अंडरवियर ठीक करने को कहा।
उसने जैसे-कैसे मेरी अंडरवियर ठीक की।
चुदाई के बाद उसने मेरी तरफ नहीं देखा।

शायद उसे लग रहा था कि जो हुआ, वो गलत था।
चुदाई में रिश्ते, समय, जगह कुछ नहीं आता, लेकिन ऑर्गेज़म के बाद ये सब परेशान करने लगता है।

मैंने पूछा, “पेशाब करना है?”
उसने हामी भरी।
मैं उठा और उसे खड़ा किया।

दर्द के कारण वो खड़ी नहीं हो पा रही थी।
मैं उसे सहारा देकर बाहर ले गया।

उसने दरवाजा खोला और टॉयलेट गई।
उसने दरवाजा बंद करना चाहा लेकिन मैंने मना कर दिया।
फिर भी उसने थोड़ा बंद किया।

मूत की तेज़ धार और अन्नू की दर्द भरी आवाज़ सुनाई दी।
पेशाब करने के बाद वो लेगी पहनकर बाहर आई।

मैं उसे सहारा देकर अंदर लाया।
उसने दरवाजा बंद किया और हम बिस्तर पर लेट गए।

मैंने अन्नू को पास बुलाया और पूछा, “बुरा लग रहा है?”
उसने झट से हामी भरी।

मैंने फिर पूछा, “मज़ा आया?”
इस बार उसने कुछ नहीं कहा।

मैंने दोहराया।
उसने सिर हिलाकर हामी भरी।

मैंने कहा, “मज़ा ज्यादा आया या अब ग्लानि ज्यादा हो रही है?”
वो कुछ नहीं बोली और मेरे गले से लिपट गई।

मैंने उसे और परेशान नहीं किया।
कुछ देर बाद जब वो मेरे गले से हटी, मैंने उसे सोने को कहा।
वो दूसरी तरफ करवट लेकर सो गई।

टाइम देखा, रात के 2 बज रहे थे।
मैं भी उसके पास सो गया।

अगले भाग की प्रतीक्षा करें और देसी वर्जिन फक स्टोरी पर अपनी राय मुझ तक भेजें.
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देसी वर्जिन फक स्टोरी का अगला भाग:

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