सीलपैक लड़की को पटाकर चोदा

(Desi Young School Girl Sex Kahani)

देसी यंग स्कूल गर्ल सेक्स कहानी मेरे पड़ोस में रहने वाली एक लड़की की है. मैं उसे और 2 अन्य छात्रों को लिफ्ट दे दिया करता था स्कूल तक. उसी दौरान मैंने उसे सेट किया.

दोस्तो, कैसे हैं आप सभी? आशा करता हूँ कि आप सब अपनी दुनिया में मस्त और खुशहाल होंगे.

मैं आपका संचित ठाकुर, तलवाड़ा (होशियारपुर), पंजाब से आज फिर से आपके सामने हाजिर हूँ.
मेरी पिछली कहानी थी: फ़ेसबुक पे पटा कर चंडीगढ़ में चोदा

आज मैं अपनी एक और सेक्स कहानी लेकर आया हूँ. इस बार मैं अपने पड़ोस में रहने वाली नाजुक सी कली अदिति की दिलकश और मदहोश कर देने वाली सेक्स गाथा लाया हूँ.
मुझे उम्मीद है कि ये देसी यंग स्कूल गर्ल सेक्स कहानी आपके दिल को छू लेगी और आपको खूब पसंद आएगी.

ऊपर वाले ने सचमुच बड़ी फुर्सत और मोहब्बत से तराशा है मेरी इस कहानी की नायिका अदिति को.
उसका एकदम गोरा, चमकता रंग मानो चाँद की रोशनी सा खिलता हो, गोल और भरा हुआ चेहरा, जो देखते ही दिल में आग लगा दे.

उसकी मोटी-मोटी कजरारी आंखें, जिनमें डूब जाने का मन करे … तीखी सी सुतवाँ नाक, जो उसकी शोखी को और बढ़ाए, लाल सुर्ख होंठ जो शहद से भी मीठे लगें, सुराहीदार गर्दन जो हर नजर को अपनी ओर खींच ले, आंखों को चुभने वाले नुकीले मम्मे, जो कपड़ों के ऊपर से ही अपनी मादक शोभा बिखेरें … और इस सबसे अलग उसकी गोल-मटोल गांड, जो हर कदम पर लचकती हुई दिल की धड़कन बढ़ा दे.

नजर तो मेरी बहुत दिनों से थी इस हसीन परी की जवानी के नशीले जलवों पर!

लेकिन हमारा असली नैन-मटक्का शुरू तब हुआ, जब अदिति छुट्टियों के बाद पुनः स्कूल जाने लगी.
उसकी वो अदा, वो ठुमकती चाल, सब कुछ मानो मेरे दिल को बेकरार करने के लिए ही बना था.

अदिति और उसकी दो कजिन बहनें, जो कक्षा 12वीं की छात्राएं हैं, कुछ दूर के एक प्रसिद्ध स्कूल में पढ़ती थीं.

ये स्कूल हमारे घर से 15 किलोमीटर दूर है और इनका रोज का आना-जाना लोकल रूट की बस से होता था.

पहली कजिन है अदिति (बायो साइड), दूसरी कामिनी (मैथ साइड) और तीसरी प्रीति (मैथ साइड).
इनमें से एक अदिति के चाचा की बेटी है, तो दूसरी उसके ताया की.

तीनों की अपनी-अपनी अदाएं, पर अदिति की बात ही कुछ और थी.

दरअसल, कहानी में मसाला तब आया जब पता चला कि अदिति का अपनी ही क्लास के एक लड़के से चक्कर चल रहा था.
ये राज तब खुला जब अदिति क्लास में उस लड़के के साथ चुम्मा-चाटी करती हुई रंगे हाथों पकड़ी गई.

उसकी वो शरारत भरी हरकत सुनकर ही दिल में हलचल मच गई.
बस फिर क्या, अदिति के पापा ने उसकी खूब पिटाई की.

ये सब मुझे प्रिंस ने बताया, जो कामिनी का भाई है और बड़ा ही शैतान किस्म का लड़का है.
उसकी कहानी भी आपके साथ जल्द शेयर करूँगा.

तो मैंने मौके की नजाकत को समझा और खेल शुरू कर दिया.
अदिति के स्कूल जाने के वक्त मैं अपनी गाड़ी लेकर उनके बस स्टॉप पर पहुंच जाता था.

प्रिंस ने ही मुझे सारी जानकारी दी थी. बस का टाइम, रूट, सब कुछ उसी से मालूम हुआ था.
हफ्ते में दो दिन मैं तीनों को लिफ्ट देने लगा.

धीरे-धीरे हमारी दोस्ती पक्की हो गई और मेरे दिल में अदिति के लिए कुछ और ही जज्बात पनपने लगे.

पहले तो तीनों पीछे की सीट पर बैठती थीं लेकिन मेरे थोड़े से इशारे और मीठी बातों के बाद अदिति आगे बैठने लगी.
अब मैं गाड़ी के गियर बदलने के बहाने उसके मुलायम जिस्म को छू लेता था.

उसकी वो गर्माहट, वो नजाकत, मानो मेरे जिस्म में बिजली दौड़ा देती थी.

फिर एक दिन मैंने हिम्मत जुटाई और सीट बेल्ट लगाने के बहाने उसके एक दूध (मम्मे) को हल्के से दबा दिया.
उसके होंठों से एक धीमी सी आह निकली, जो मेरे कानों में शहद घोल गई.

उसने मुझे थोड़ा घूरा, पर उसकी आंखों में गुस्सा कम और शरारत ज्यादा थी.
वह कुछ बोली नहीं.

बस फिर तो मेरी शरारतें बढ़ती गईं.
हर दिन कुछ नया और कहीं न कहीं अब अदिति भी इस खेल में मजे लेने लगी थी … या यूँ कहूँ कि मेरी हर छेड़खानी पर वो एक हल्की, कातिलाना मुस्कान देती थी, जो मेरे दिल को और बेकरार कर देती थी.

ऐसे ही दो महीने बीत गए.
फिर आए इन तीनों के एग्जाम्स.

एक दिन ऐसा मौका आया जब अदिति का अकेले का एग्जाम था और मैं तो बस इसी घड़ी का इंतजार कर रहा था.

मैं ठीक टाइम पर बस स्टॉप पहुंच गया और अदिति को गाड़ी में बिठा लिया.
आज वो कुछ शर्माई-शर्माई सी थी, आंखें नीची किए बैठी थी.

मैंने उससे बात शुरू की, उसका हाल-चाल पूछा.
मेरे हर सवाल का उसने बड़े प्यार से जवाब दिया.

फिर उसने भी मुझसे मेरे बारे में पूछा और उसकी वो मासूम आवाज मेरे दिल को गुदगुदा गई.

अभी तक सब सही चल रहा था.
थोड़ी दूर चलने के बाद मैंने उसके नाजुक हाथ पर अपना हाथ रख दिया और हल्के से पकड़ लिया.

उसने आंखें नीची ही रखीं, पर हाथ छुड़ाने की कोशिश नहीं की.
उसकी वो चुप्पी मेरे लिए हरी झंडी थी.

फिर मैंने हिम्मत करके कहा- अदिति, मुझे तुमसे एक बात करनी है.
पर उसने कोई जवाब नहीं दिया, बस चुपचाप बैठी रही.

मैंने फिर से उसे आवाज़ दी- अदिति!

इस बार उसकी सांसें थोड़ी थर्रा गयीं, वह सहम सी गयी … फिर नशीली आवाज़ में बोली- क्या बात करनी है आपको मुझसे?

फिर मैंने उसकी आंखों में झाँकते हुए पूछ ही लिया- अदिति, क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है?
उसने शर्माते हुए ना में सिर हिलाया.

हालांकि मुझे सब पता था, प्रिंस ने तो मुझे उसकी सारी रसीली बातें बता दी थीं.

फिर भी उसका जवाब सुनकर मेरे दिल में एक गुदगुदी सी हुई और मैं खुश हो गया.

फिर मैंने उसकी तारीफों के पुल बाँधने शुरू कर दिए कि कैसे उसकी मासूमियत में एक आग सी छुपी है, कैसे उसकी हर अदा कातिलाना है, वगैरह-वगैरह …

पर उसने मेरी बात को बीच में ही काटते हुए अपनी नशीली आंखें तरेर कर कहा- सीधे-सीधे बोलो ना, जो कहना है … फालतू का नाटक मत करो!

उसके इस तेवर ने मुझे और जोश दिला दिया और मैंने खुलकर अपने दिल की जलती हुई आग को उसके सामने रख दिया.
उसने मेरा हाथ झटक कर छुड़ा लिया, पर होंठों से कोई जवाब नहीं दिया.

मैंने एक-दो बार और उसकी सांसों को टटोला, पर वह चुप रही.
इतने में उसका स्कूल आ गया, वह उतर कर चली गयी और उसने पलटकर एक बार भी मेरी तरफ नहीं देखा.

अब मेरे दिल में एक हल्का सा डर समा गया था कि कहीं वह घर जाकर सब न बता दे.

उस दिन को मैंने जैसे-तैसे बेचैनी में काटा, पर ऊपर वाले की मेहरबानी से ऐसा कुछ नहीं हुआ.

फिर दो-तीन दिन ऐसे ही गुज़र गए. अचानक एक दिन इंस्टाग्राम पर मेरे पास एक मैसेज रिक्वेस्ट आयी किसी ‘राजपूत गर्ल’ नाम से.
मैंने भी बड़े कूल अंदाज़ में जवाब दिया.
बातों-बातों में उसने खुलासा किया कि वह अदिति है.

उस दिन की बात का जवाब देते हुए उसने साफ-साफ कह दिया- मुझे प्यार-व्यार में नहीं पड़ना, न ही कोई इंटरेस्ट है. मेरे पापा मेरी शादी अपनी मर्ज़ी से करेंगे. हाँ, अगर दोस्त बनना चाहते हो, तो मैं तैयार हूँ.

अब मेरे पास उसकी दोस्ती का ऑफर स्वीकार करने के सिवा कोई रास्ता नहीं था.
पर मैंने अपने दिल की आग को ठंडा होने नहीं दिया, कोशिश जारी रखी.

फिर धीरे-धीरे हमारी बातें रोज़ होने लगीं.

एक दिन मैंने चाल चली.
उसकी बायो वाली पढ़ाई के बहाने सेक्सी टॉपिक पर बात शुरू कर दी.

पहले तो वह हिचकिचाई, पर धीरे-धीरे उसकी सांसें गर्म होने लगीं और वह भी मेरे साथ उस आग में शामिल होने लगी.
मुझे अपनी चाल कामयाब होती दिखी.

अब हम दोनों बिंदास होकर सेक्स की बातें करने लगे थे.
उसकी आवाज़ में एक नशा सा छाने लगा था और वह भी अब हर बात पर गर्म हो उठती थी.

मैं बस उस दिन का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था, जब वह मेरे नीचे होगी, मेरी बांहों में तड़पेगी.
और वह दिन आ ही गया, जब मेरे घर पर कोई नहीं था.

मैंने उसे ट्यूशन छोड़कर सीधे मेरे घर आने के लिए मना लिया.

जैसे ही वह आयी, मैंने मुख्य दरवाज़ा बंद किया और उसे अपनी बांहों में कस लिया.
वह भी पल भर में मुझसे लिपट गयी, जैसे उसकी सांसें मेरे लिए तरस रही हों.

मैंने उसके रसीले होंठों पर अपने होंठ रख दिए.

वह थोड़ा शर्मा गयी, पर दो ही मिनट में उसने भी मेरे होंठों को अपने होंठों से जवाब देना शुरू कर दिया.

फिर मैंने अदिति को अपनी गोद में उठाया, अपने कमरे में ले गया और दीवान पर लिटाकर उसके ऊपर चढ़ गया.
उसका टॉप और ब्रा ऊपर सरकाते हुए मैंने उसके एक नाजुक मम्मे को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा.

थोड़ी देर में अदिति की सांसें और तेज हो गयीं और वह मेरे सिर को अपने मम्मों पर दबाने लगी, जैसे खुद ही मुझे अपने दूध की मिठास चखाने को बेताब हो.

फिर मैंने एक तरफ लेटकर उसके लोअर में हाथ डाला तो पाया कि उसकी फुद्दी पहले से ही गीली थी, जैसे मेरे स्पर्श का इंतज़ार कर रही हो.
जैसे ही मैंने उसकी फुद्दी में उंगली डाली, वह सिहर उठी.

तभी उसने पलटकर मुझे नीचे कर लिया और मेरे मुँह में अपना मुँह डालकर जोश से चूमने लगी.

अब वह मेरे ऊपर थी.
मैंने उसके लोअर में हाथ डालकर उसकी गोल, नर्म गांड पर हाथ फेरना शुरू कर दिया.

फिर मैंने उसे नीचे लिटाया और उसकी लैगी उतार फेंकी.
वह मेरे सामने बस मेहरून पैंटी में थी, जो मैंने झट से उतार कर हवा में उड़ा दी.

उसकी फुद्दी पर हल्के काले बाल थे, जो उसकी गोरी, अनछुई फुद्दी की हसीन शोभा को और निखार रहे थे.

अब मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार फेंके और उसके पास नंगा लेट गया.
ऊपर से नीचे तक उसके हर अंग को चूमते हुए, मैंने फिर से अपने होंठ उसके निप्पल पर रखे और उन्हें चूसने लगा.

मैं बारी-बारी से उसके दोनों मम्मों को चूमता, चूसता रहा और साथ ही एक हाथ से उसकी फुद्दी के दाने को हल्के-हल्के मसलने लगा.

इससे अदिति की सांसें बेकाबू हो गयीं.

मैं उसे चूमता हुआ उसके पैरों तक पहुंचा, उसकी टांगें चौड़ी कीं और उसकी फुद्दी को चाटना शुरू कर दिया.
साथ में एक उंगली अन्दर डाली.

पहले तो बुर काफी टाइट सी लगी थी, पर मैंने थूक लगाकर दोबारा कोशिश की.
इस बार उंगली अन्दर गयी और अदिति के मुँह से एक हल्की, न/शीली चीख निकल पड़ी.

मैंने अपनी उंगली को उसकी गर्म, गीली फुद्दी में अन्दर-बाहर करना शुरू किया और साथ ही उसके रसीले होंठों को चूमता रहा.

कुछ देर तक वह मेरी उंगली के न/शे में डूबी रही, उसकी सांसें मेरे कानों में मादक संगीत की तरह गूँज रही थीं.
फिर उसने मेरे सिर को अपनी फुद्दी पर दबाना शुरू किया और बेसुध होकर बड़बड़ाने लगी ‘आह … मुझे कुछ हो रहा है … कुछ करो ना आप …’
उसकी आवाज़ में एक जलती हुई चाहत थी.

मैंने झट से अपने तने हुए लंड पर कंडोम चढ़ाया, उसकी कमर के नीचे एक तकिया सरकाया और उसकी दोनों टांगों को अपने कंधों पर टिका दिया.
फिर अपने लंड को उसकी फुद्दी पर रगड़ने लगा.

उसकी आंखों में वासना का समंदर लहरा रहा था.
मैंने धीरे से दबाव डाला, तो उसकी आंखें फैल गयीं और उसने मेरी कमर को अपने नाजुक हाथों से रोकने की कोशिश की.

मेरा लंड अभी एक इंच ही अन्दर गया होगा कि उसकी आंखों से आंसू छलक पड़े और वह हल्के-हल्के रोने लगी.
मैंने लंड को आगे बढ़ाना रोक दिया और उसके होंठों को चूमकर उसे तसल्ली देने लगा.

पाँच मिनट बाद उसकी सांसें थोड़ी संभलीं.
मैंने मौका देखकर एक जोरदार झटका मारा.
मेरा आधा लंड उसकी टाइट फुद्दी में समा गया.

मुँह में मुँह होने की वजह से वह चीख न सकी, पर उसकी बड़ी-बड़ी आंखों ने उसके दर्द की पूरी कहानी बयान कर दी.
वह लगभग बेहोश सी हो गयी थी.

मैं रुक गया. कुछ देर तक उसे चूमता-चाटता रहा, जब तक उसकी सांसें फिर से न/शीली होने लगीं.
फिर मैंने एक और झटका मारा. इस बार मेरा पूरा लंड उसकी गहराई में उतर गया.

इस बार उसने जोर से ‘आह …’ की मादक आवाज़ निकाली और रोने लगी ‘बहुत दर्द हो रहा है … प्लीज़ निकाल लीजिए …’
उसकी आवाज़ में दर्द और चाहत का मिश्रण था.
मैंने उसे प्यार से सहलाया, उसके माथे पर एक गहरा चुम्बन दिया और दो-तीन मिनट तक उसे संभाला.

उसकी हालत थोड़ी बेहतर लगी.
हालांकि उसकी आंखें अभी भी दर्द की गवाही दे रही थीं पर अब वह मेरे साथ ताल मिलाने की कोशिश करने लगी.

धीरे-धीरे मैंने अपनी रफ्तार बढ़ाई और अपना 7 इंच का तना हुआ लंड उसकी नाजुक, छोटी चूत में गहरे तक धंसाना शुरू कर दिया.
उसकी सिसकारियां कमरे में गूँजने लगीं.

दस मिनट तक उसे चोदने के बाद अदिति ने मुझे अपनी बांहों में कस लिया.
उसकी सांसें रुक गयीं और वह झड़ गयी.

मैंने अपना लंड उसकी फुद्दी से बाहर खींचा तो लंड और उसकी चूत खू/न से सने हुए थे.

खू/न देखकर अदिति घबराई नहीं, आखिर वह मेडिकल की छात्रा थी.
फिर भी उसने पूछा- ये खू/न?

मैंने उसे नर्म आवाज़ में समझाया- पहली बार सेक्स करने से सील टूटती है, तो कभी-कभी थोड़ा खू/न निकलता है.
फिर मैंने एक मुलायम कपड़े से उसकी फुद्दी और अपने लंड पर लगे खू/न को प्यार से साफ किया.

फिर मैंने उसे अपनी ओर देखते हुए कहा- डॉगी स्टाइल में आ जाओ!
वह मुश्किल से उठी, अपने दोनों हाथ दीवान पर टिकाए और अपनी गोल गांड को मेरी ओर उठाकर झुक गयी.

मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ा और धीरे से अन्दर सरका दिया.
वह ‘आह …’ की मादक सिसकारी के साथ थोड़ा आगे झुक गयी.

मैंने उसकी कमर को पकड़ कर पीछे खींचा और चुदाई शुरू कर दी.
अब अदिति को पूरा मज़ा आने लगा था. उसकी सांसें मेरे हर धक्के के साथ तेज होती जा रही थीं.

देसी यंग स्कूल गर्ल सेक्स करते हुए हम दोनों ने चुदाई की लय पकड़ ली.

दस मिनट बाद उसकी टांगें काँपने लगीं और वह फिर से झड़ गयी.

वह आगे की ओर ढहते हुए दीवान पर गिर पड़ी. मेरा भी अब होने वाला था.
मैंने दो-चार तेज धक्के मारे और अपना गर्म वीर्य उसकी फुद्दी में भर दिया.

मैं झड़ कर निढाल हो गया और उसके ऊपर ही ढेर हो गया.
कुछ मिनट बाद मैं उठा, उसे अपनी गोद में उठाकर वॉशरूम ले गया. गर्म पानी से उसकी चूत को साफ किया, सिकाई की, जिससे उसे थोड़ी राहत मिली.

उसके बाद हमने थोड़े स्नैक्स खाए.
जब उसकी तकलीफ कम हुई और वह ठीक से चलने लायक हुई, तो वह अपने घर चली गयी.

तो दोस्तो, ये थी अदिति की पहली सेक्स कहानी वाली न/शीली गाथा.

उसके बाद तो अदिति की फुद्दी को मेरे लंड का ऐसा चस्का लग गया कि उसे हर वक्त चूत में खुजली होने लगती.

अब तक मैंने उसे बीसियों बार चोदा है.
अब उसकी बहन कामिनी मेरे प्यार और लंड की दीवानी हो गयी है और हर बार उसकी वासना मेरे लिए और गहरी होती जा रही है.

फिर कामिनी ने अपनी फुद्दी को मेरे लंड का कैसे भोग लगवाया, वह अगली सेक्स कहानी में लिखूँगा.
देसी यंग स्कूल गर्ल सेक्स कहानी पर आप अपनी राय देना ना भूलें.
आपका संचित
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लेखक की पिछली कहानी थी: मौसी की बेटी की कजिन को चोदा

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