तुम मुझे मरवा दोगे !

(Tum Mujhe marwa doge)

संजू जाट 2007-07-26 Comments

दोस्तो, मैं संजू आप के लिए लेकर आया हूँ अपनी ज़िन्दगी की एक सच्ची कहानी ! सबसे पहले मैं अपना परिचय करवा दूँ !मैं हरियाणा के जींद शहर का रहने वाला हूँ, कद 5’11” देखने में अच्छा दीखता हूँ।

यह मेरी पहली कहानी है अन्तर्वासना डॉट कॉम पर ! उम्मीद है आपको पसंद आएगी। तो अब कहानी पर आते हैं।

बात उन दिनों की है जब मैं नया नया कॉलेज जाने लगा था। हमारे घर के सामने एक परिवार रहता था, उस परिवार में पति पत्नी उनकी चार लड़कियां व दो लड़के थे।

बड़ी लड़की सिमरन (बदला हुआ नाम) मेरे साथ हमारे ही कॉलेज में पढ़ती थी, मैं बी.ए में और वो एम ए में थी। हां दोस्तो, वो मुझसे बड़ी थी, पर वो मुझे बहुत अच्छी लगती थी। पर मैं बहुत ही शर्मीला था और उससे दिल के बात कहने में डरता था। बस मैं उसकी तरफ प्यार से देखता रहता छुप-छुप कर ! कभी कभी बात हो जाती थी पर एक पड़ोसी के नाते !

उसकी फिगर बड़ी मस्त थी बड़ी बड़ी चूचियाँ और मोटे मोटे चूतड़, वो दिखने में भी काफी सेक्सी थी। कॉलेज के कई लड़के उस पर लाइन मरते थे इसलिए मेरी उससे बात करने के हिम्मत ही नहीं होती थी, कहीं वो मना ना कर दे।

और एक दिन की घटना ने तो मेरा रहा सहा हौंसला भी तोड़ दिया। एक बार वो अपनी छत पर चिड़ी-बल्ला खेल रही थी और मैं नीचे गली में बैठा था। उनकी चिड़ी नीचे गली में गिर गई।

सिमरन छत से बोली- भइया, वो चिड़ी फेंकना ऊपर !

मैंने गुस्से से उसकी ओर देखा और चिड़ी फेंक कर अंदर चला गया। मुझे बड़ा गुस्सा आया और मैंने उससे कभी बात न करने की ठान ली। उस दिन से मैं उसकी तरफ न देखता, न बात करता। थोड़े दिन तो ऐसे ही चलता रहा फिर एक दिन जब मैं कॉलेज से लौटा तो वो अपनी मम्मी के साथ मेरी मम्मी के पास बैठी थी। मैं भी सीधा वहीं जाकर बैठ गया। थोड़ी देर बाद उसका मामा आ गया और उसकी मम्मी उठ कर चली गई और कुछ देर बाद मेरी मम्मी भी अंदर चली गई।

कुछ देर हम ऐसे ही बैठे रहे फिर उसने पूछा- क्या बात है संजू ! आज कल मुझसे बात नहीं करते हो?

तो मैंने कहा- कुछ नहीं ! बस वैसे ही !

तो उसने कहा- कुछ तो बात है, प्लीज़ बताओ ना !

तो मैंने कहा- मैं तुमसे नाराज़ हूँ !

वो बोली- किस बात पर ?

तो मैंने कहा- उस दिन तुमने मुझे भैया कहा था।

तो वो हंस पड़ी और बोली- बुद्धू ! उस दिन मम्मी छत पर थी, वरना ऐसी कोई बात नहीं है।

इतने में उसकी मम्मी ने उसको बुला लिया। उस दिन मैं बड़ा खुश हुआ, सोचा, चलो थोड़ा सिग्नल तो मिला। फिर तो हम छत से एक दूसरे को देख के मुस्कुराते रहते ! कुछ दिन ऐसे ही चला, फिर हमारे यहाँ और उनके यहाँ एक साथ ही फ़ोन कनेक्शन लगा और मैंने उसकी बहन से उनका नंबर भी ले लिया। एक दो बार फ़ोन मिलाया भी पर कोई और ही उठाता था।

फिर एक दिन मैं अपने कमरे में रात को टीवी देख रहा था, केबल पर कोई फिल्म आ रही थी, तो फ़िल्म की क्वालिटी ख़राब होने की वजह से टीवी की आवाज़ कुछ ज्यादा ही थी। रात को करीब 11 बजे हमारा फ़ोन बजा और फ़ोन मेरे कमरे में ही था, मैंने फ़ोन उठाया तो उधर से एक लड़की बोल रही थी।

मैंने पूछा- कौन बोल रहा है ?

तो उसने कहा- मैं सिमरन बोल रही हूँ।

मेरा दिल एकदम धड़कना बंद हो गया, मैं पहली बार उससे फ़ोन पर बात कर रहा था, वो बोली- टीवी की आवाज़ इतनी क्यों कर रखी है? हमारे कमरे तक आ रही है !

मैंने बोला- वो केबल पर फिल्म आ रही है न, इसलिए आवाज़ इतनी हो गई।

फिर मैंने पूछा- तुम इतनी रात तक जाग कर क्या कर रही हो?

वो बोली- तुम सोने दो तब न !

फिर थोड़ी इधर उधर की बातें हुई और उसने फ़ोन रख दिया। इसी दोरान मैंने उससे यह भी पूछ लिया- अगर तुमसे बात करनी हो तो किस समय फ़ोन करूँ?

तो उसने कोई जवाब नहीं दिया और गुड नाईट कह कर फ़ोन रख दिया!

उस रात मुझे बहुत देर में नींद आई और मुठ भी मारनी पड़ी।

फिर कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा पर अब वो थोड़ा बदल गई थी। अब वो मुझे देखकर मुस्कुरा भी देती थी।

फिर एक दिन मैंने हिम्मत कर के छत से उसे इशारों में चार बजे फ़ोन करने के लिए कहा। मैंने ठीक चार बजे उसके घर फ़ोन किया तो संयोग से उसने ही उठाया और बोली- तुम मुझे मरवा दोगे !

और बोली- बोलो, क्या बोलना है !

मैं बहुत घबरा रहा था, मैंने उससे कहा- मुझे तुमसे एक बात कहनी है पर तुम वादा करो कि अगर तुम्हें बुरी लगी तो तुम नाराज़ नहीं होगी !

वो बोली- ठीक है !

तो मैंने कहा- आई लव यू !

वो थोड़ी देर तो चुप रही, फ़िर बोली- यह ठीक नहीं है ! मैं तुम्हारे बारे में ऐसा नहीं सोचती !

तो मैंने कहा- मैं तो तुमसे प्यार करता हूँ और मैं कल ठीक इसी समय फ़ोन करूंगा। तुम्हारा जवाब हाँ हो तो फ़ोन तुम ही उठाना, अगर किसी और ने फ़ोन उठाया तो मैं तुम्हारा जवाब न समझूंगा !

और मैंने फ़ोन रख दिया। फ़ोन रखने के बाद मैंने सोचा- साले यह बोल तो दिया है पर अगर उसने फ़ोन न उठाया तो ?

यह सोच कर मेरी तो गांड ही फट गई, फिर सोचा जो बोल दिया सो बोल दिया, कल की कल देखेंगे।

और मैं अगले दिन चार बजने का इन्तज़ार करने लगा।

अगले दिन ठीक चार बजे जब मैं फ़ोन करने गया तो देखा वह पर मेरे मामा मेरे पापा के साथ बैठे थे। मैं उनके पास ही बैठ गया और भगवन से दुआ करने लगा कि जल्दी से ये लोग उठ जाएँ !

थोड़ी देर में वो उठ गए तो मैंने देखा कि 4.35 हुए हैं। मैंने जल्दी से फ़ोन मिलाया तो उधर से उसने ही उठाया तो मैंने कहा- आई लव यू ! बोलो !

तो वो बोली- अभी नहीं ! मम्मी पास में ही हैं !

दोस्तो, मैं क्या बताऊँ ! उस दिन मैं जैसे हवा में उड़ रहा था !

तो दोस्तों अभी बस इतना ही !

आगे और भी बहुत कुछ है ! आप को मेरी ये सच्ची कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर लिखना !

[email protected]

What did you think of this story??

Click the links to read more stories from the category जवान लड़की or similar stories about

You may also like these sex stories

Comments

Scroll To Top