फ़ुद्दी की चुदास बड़ी है मस्त मस्त

(Fuddi Ki Chudas Badi Hai Mast Mast)

जसप्रीत 2015-04-29 Comments

मेरा नाम जसप्रीत है.. मैं कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करके अपना काम कर रहा हूँ। मेरा जिस्म बाकी लोगों की तरह ठीक है.. लेकिन मुझे मुठ्ठ मारने का चस्का स्कूल में ही पड़ चुका था.. इसलिए मेरा लंड काफ़ी बड़ा हो गया है।

यह बात बाहरवीं क्लास की है जब मैं स्कूल जाता था। मुझे किसी लड़की ने बताया कि कोमल तुम्हारे भाई पर मरती है। मेरा भाई बांका जवान है, जैकी श्राफ़ के जवानी के समय जैसा दिखता है।
कोमल मेरे स्कूल में एक बॉम्ब की तरह थी.. वो ममता कुलकर्णी जैसी लगती थी और चालू थी, उसे फ़ुद्दी की चुदास थी, सभी लड़के उसकी फुद्दी मारना चाहते थे पर वो चुन चुन कर अपनी पसन्द के लड़कों से चुदती थी।

मैंने प्लान बना लिया.. कुछ दिन बाद वो दो-तीन दिन स्कूल नहीं आई तो मैं उसके घर गया।

वो अकेली ही थी.. मैंने उसे चुम्बन करना चाहा.. वो नहीं मानी.. तो मैंने कहा- अगर मैं अपने भाई से तुम्हारी सैटिंग करा दूँ तो?
उसके चेहरे पर एक अजब सी चमक आई और उसने झट से ‘हाँ’ कह दी.. मगर मैंने उससे कहा- पहले तुम्हें मेरे दो काम करने होंगे।
वो बोली- तुम्हारे भाई को पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हूँ।

मैंने उससे कहा- तुमको मेरी प्यास बुझानी होगी।
पहले तो उसने ‘ना’ कर दी.. तो मैं उठ कर जाने ही वाला था कि फ़ुद्दी की चुदास के वशीभूत हो कर उसने मुझे पीछे से पकड़ लिया और कहा- इस बात का किसी को पता नहीं लगना चाहिए।
मैंने ‘हाँ’ कर दी.. वो मेरे सामने खुल गई और चुदने को राजी हो गई। मैंने उसे पकड़ लिया और उसके होंठों पर अपने होंठों रख दिए।
आह.. क्या होंठ थे उसके यार… हम दोनों दस मिनट तक होंठों को चिपकाए ही रहे.. कभी जीभ चाटते.. कभी अपना एक-दूसरे को लार पिलाते।

वो पूरी तरह गर्म हो चुकी थी.. इस बात का अंदाजा ऐसे लग रहा था क्योंकि वो मुझे अपने नाखूनों से काट रही थी। मैंने अचानक बाजी मार कर उसे गोद में उठा लिया और बिस्तर पर बिठा दिया।
वो इतनी अधिक चुदासी हो चुकी थी कि वो आउट ऑफ कंट्रोल हो गई थी। वो मुझे चुम्बन करते हुए मेरे कपड़े उतार रही थी.. तो मैंने भी उसके कपड़े उतार दिए।
उसने पहले मेरी शर्ट उतारी.. फिर मैंने उसकी कमीज़ उतार दी।
कमीज के नीचे उसने गुलाबी डोरी वाली ब्रा पहन रखी थी.. जिसमे उसके चीकू ही मुश्किल से ढके थे।

मैं ब्रा के ऊपर से ही उसके चूचे चूसने लगा था.. साथ ही मैं उन रसीले आमों को ज़ोर-ज़ोर से दबाए जा रहा था।
वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.. मेरे लंड को पजामे के ऊपर से ही मसल रही थी।

मैंने उसकी ब्रा उतार दी तो उसके छोटे-छोटे चूचे मेरे सामने थे.. बिल्कुल नरम रुई की तरह।
मैं उसके चूचे चाटने लगा.. वो भी लगातार गर्म हो रही थी।
उसने मेरे पजामे में हाथ डाला और लंड को ऊपर-नीचे करने लगी।
उसके चूचे छोटे होने के कारण आधे मेरे मुँह में थे।

फिर मैं उसको लंड चूसने को कहा तो वो मान नहीं रही थी.. तो मैं कमीज पहनने लगा.. तो वो बड़ी जल्दी से मेरे पास आई और उसने लंड को मुँह में ले लिया।
अब वो मेरा लौड़ा चूसने लगी.. मैंने कहा- पहले तुम लिपस्टिक लगा लो.. फिर चूसना।

जब उसने लिपस्टिक लगाई तो क्या होंठ थे.. उसके दोस्तों.. हय.. मैं तो घायल हो गया.. वो बिल्कुल कंगना रनौत लग रही थी।
मैंने पहले उसको चुम्बन किया और फिर वो मेरे लंड को चूसने लगी। वो मेरे लंड को अपने मुँह में आधा ही ले रही थी.. जब वो होंठों को सुपारे पर लगाती तो हय.. मुझे जन्नत का सुख महसूस होता।

साथ ही वो मेरे टट्टों को भी चूस और चाट रही थी.. मैं उसके मुँह को चूत समझ कर चोदने लगा।
बड़े लौड़े के कारण उसको दर्द होने लगा और उसकी आँखों से आँसू आने लगे थे।
अब मेरा माल निकलने ही वाला था.. तो मैंने उसके मुँह में ही पानी निकाल दिया.. वो मेरा सारा पानी पी गई और फिर उसने मेरे लवड़े को चाट-चाट कर साफ़ कर दिया।

अब मेरी बारी थी.. मैंने उसकी पजामी उतार दी.. तो देखा साली ने गुलाबी रंग की ही चड्डी पहनी थी.. बड़ी मस्त माल लग रही थी।
मैं उसकी चूत को चड्डी के ऊपर से ही चाट रहा था.. मुझे चूत से गुलाब की खुशबू आ रही थी.. ऐसा लग रहा था जैसे गुलाब का इत्र लगाया हो।

फिर मैंने चड्डी उतार दी और उसकी चूत बिल्कुल चड्डी के गुलाबी रंग जैसी ही थी। एकदम सफाचट चूत थी.. लगता था जैसे आज ही साफ़ की हो।
मुझसे रहा नहीं गया और मैं उसकी चूत चाटने लगा। उसकी फ़ुद्दी की चुदास बहुत बढ़ गई, वो बहुत ही अधिक चुदासी हो रही थी और उसके कंठ से चुदास भरी सिसकारियाँ निकल रही थीं- उह.. आह्ह.. और जोर से चूस..
उसकी मादक आवाजें लगातार निकल रही थीं।

मैंने अपनी जीभ से उसकी चूत को चोदने लगा.. वो चूत को ऊपर की ओर उछाल रही थी और उसने मेरा सिर अपनी चूत पर ज़ोर से दबा लिया था। मैं तेज़ी से उसकी चूत चाट रहा था.. तभी वो अकड़ी और एकदम से उसका पानी निकल गया.. वो झड़ चुकी थी.. उससे हिला नहीं जा रहा था।

फिर कुछ पलों के बाद हम दोनों के होंठ का चुम्बन करने लगे… फिर हम दोनों 69 की अवस्था में आ गए।
जब हम दोनों फिर से गर्म हो गए तो वो कहने लगी- मुझसे रहा नहीं जा रहा है.. जल्दी से चोद दो।

मैंने उसके चूतड़ों के नीचे तकिया लगाया और उसकी चूत पर अपना लंड टिका दिया।
जब मैंने शॉट मारा तो लौड़ा अन्दर नहीं गया.. वो फिसल गया।

फिर उसने मेरा लंड पकड़ा और चूत के मुहाने पर टिकाया और मैं एक ज़ोर से शॉट मारा तो मेरा लंड आधा अन्दर चला गया।
उसकी चीख निकल गई- अईई..उई.. मरररर गईइइ.. मम्मी.. छोड़ दो मुझे..

मैं फिर एक ज़ोर से शॉट लगाया तो पूरा अन्दर घुस गया.. उसकी आँख में से पानी आने लगा था।
मैं दो मिनट तक उसे चूमता-सहलाता रहा और फिर उसके सामान्य होते ही उसको ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा।

अब वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.. उसकी चूचियाँ चुदते समय जोरों से हिल रही थीं.. और मेरा जोश तेज कर रही थीं।
फिर मैंने पाना लौड़ा उसकी चूत से खींच लिया और उसको घोड़ी बनने को कहा.. वो लंड निकलने से बिफर गई.. उसको लौड़ा फ़ौरन चूत में चाहिए था।
मगर हरामजादी फिर भी घोड़ी बनने से मना करने लगी.. उसे डर था.. बोली- नहीं मैं घोड़ी नहीं बनूंगी.. तुम मेरी गाण्ड मार लोगे।

मैंने कसम खाई तो वो मान गई और वो घोड़ी बन गई। मैंने जब लंड उसकी चूत पर रख कर शॉट मारा तो गीली और रसीली बुर में मेरा लौड़ा सटाक से सीधा अन्दर चला गया।

मैं हौले-हौले चुदाई कर रहा था.. मैं जानबूझ कर ऐसा कर रहा था.. कुछ देर तक तो उसने धीरे-धीरे चुदवाया.. फिर उससे रहा नहीं गया और अपनी गाण्ड हिलाने लगी।
अब तो मुझे जन्नत का मजा महसूस हो रहा था.. मैं उसकी गाण्ड पर चांटे मार रहा था.. उसकी गाण्ड लाल हो गई।
फिर मैं उसके ऊपर से उतर कर बिस्तर पर उसके नीचे आ गया.. वो मेरे ऊपर आ गई.. लंड चूत में लगा कर कूदने लगी।

जब उसके चूचे उसके कूदने के साथ-साथ उछल रहे थे तो मुझे इस नजारे में बेहद मजा आ रहा था।
मैं भी उसकी चूचियों को ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था।
फिर हम दोनों करीब एक घंटा एक साथ चुदाई करते रहे और अलग-अलग आसनों में चुदाई की.. वो अब तक दो-तीन बार झड़ चुकी थी।
फिर जब मैंने उससे कहा- मेरा वीर्य आने वाला है..
तो उसने कहा- चूत में ही निकाल दो।

मैं लौड़े को तेज़ी से अन्दर-बाहर करने लगा.. उसका पहले ही हो चुका था.. तो वो ढीली पड़ चुकी थी।
मेरा निकलने ही वाला था तो मैं खूब तेज हो गया.. वो ज़ोर से चिल्लाने लगी।
तभी मेरा रस निकल गया.. और मैं भी उसके ऊपर ही ढेर हो गया.. उसके होंठों को चूसने लगा।
फिर हम दोनों का रस मिल कर बाहर आ रहा था.. हम दोनों चुम्बन कर रहे थे।

कुछ देर बाद जब हम दोनों उठे.. तो देखा मेरा लंड खून से लाल हुआ पड़ा था.. तो उसने कहा- पहली बार ऐसा होता है।
फिर हम दोनों साथ में नहाए.. उसने मेरी निशा भाभी से बात कराई.. वो घटना अगली कहानी में लिखूँगा।
प्लीज़ मुझे ईमेल जरूर कीजिएगा।

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