कुंवारी पड़ोसन लड़की की रात भर चुत चुदाई- 1

(Garam Ladki X Hindi Kahani)

नितेश 3 2025-08-05 Comments

गरम लड़की X हिंदी कहानी में पढ़ें कि बरसात के मौसम में मुझे कुंवारी पड़ोसन की रात भर मस्त चुदाई करने का मौका मिला तो मैंने उसकी चूत की सील तोड़ कर मजा लिया.

सभी लंड धारियों और चूत धारियों को मेरा नमस्कार.

मेरा नाम नितेश है (बदला हुआ नाम), मेरी उम्र 26 साल है.
मेरी हाइट 5 फुट 5 इंच की है और मैं मेरठ शहर का रहने वाला हूँ.

मैं एक मल्टीनेशनल कंपनी में एप्लिकेशन डेवलपर के तौर पर काम करता हूँ.

मेरी कंपनी नोएडा में है और पिछले 2 साल से मैं वर्क फ्रॉम होम कर रहा हूँ यानी मैं घर से ही काम करता हूँ.

मैं दिखने में एक नॉर्मल सा लड़का हूँ, मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है, ना कभी बनी और ना कभी बनाई.

मैं ऐसा लड़का हूँ कि अगर कोई लड़की ज्यादा घमंड दिखाए, चाहे वह हुस्न की परी ही क्यों न हो, मैं उसका सारा घमंड तोड़ देता हूँ.

मेरे लंड की लंबाई साढ़े पांच इंच की है और यह काफी मोटा है.

मैं किसी भी लड़की या भाभी की चूत का पानी आराम से निकाल सकता हूँ, जितनी बार वह बोले, उतनी बार.

यह मेरी पहली सेक्स कहानी है.
मैंने अब तक अपने कॉलेज में 4 बार चुदाई की है.

यह गरम लड़की X हिंदी कहानी आज से एक महीने पहले की है.

हमारे सामने एक परिवार रहता है, जिनसे हमारे बहुत पुराने और अच्छे संबंध हैं.

उनके घर में उनकी रिश्तेदारी में एक लड़की भी रहती है जो यहीं रहकर कॉलेज में पढ़ाई करती है.

उसका गांव दूर है, इसलिए वह रोज़ आ-जा नहीं सकती.

उसका नाम कविता (बदला हुआ नाम) है और उसकी उम्र 24 साल है.

वह एक पतली सी कमसिन जवान लड़की है.
उसकी चूचियां एकदम गोल हैं और शायद 28 नंबर की थीं, जिन्हें मैंने चूस-चूसकर 30 नंबर की कर दी हैं.

मैं उसे चोदना तो कई दिनों से चाहता था … लेकिन बात बिगड़ न जाए, इसलिए कुछ कर नहीं पा रहा था.
फिर भी हर 15 दिन में मैं उसके नाम की मुट्ठी ज़रूर मारता था.

कहते हैं ना कि जब कुछ मिलना होता है, तो छप्पर फाड़कर मिलता है.

एक दिन कविता की तबीयत खराब हो गई.
उसी दिन उसकी मौसी, जिसे मैं भाभी कहता था, के गांव में कुछ ज़मीन को लेकर झगड़ा हो गया था.
भाभी के पति नहीं थे, बस एक लड़का था तो वे अपने लड़के के साथ तुरंत गांव चली गईं.

उनका देर शाम फोन आया कि मैं रात को वापस नहीं आ पाऊंगी.

इस तरह से मुझे बरसात के मौसम में कुंवारी पड़ोसन की रात भर मस्त चुदाई करने का मौका मिला.

हुआ यूं कि उस लड़की कविता की तबीयत खराब थी और अकेली होने की वजह से भाभी ने मेरी मम्मी को फोन करके उसकी देखभाल के लिए कहा था.

हालांकि भाभी गांव जाते वक्त मेरी मां से बोल गई थीं- आप कविता का ध्यान रखना. मैं हो सकता है कल वापस आऊं. इसके पास ही सो जाना रात को. कविता को ज्यादा बुखार है तो दवाई भी देनी होगी. आप थोड़ा ध्यान रखना.
यह कहकर वे चली गई थीं.

उसी दिन शाम को हमारे गांव से फोन आया कि मेरी दादी की तबीयत ज्यादा खराब है. मेरे घर वाले भी उन्हें देखने चले गए.
मेरा अगले दिन ऑफिस था इसलिए मैं उनके साथ नहीं जा सका.

मेरी मां जाते वक्त मुझसे बोलीं- कविता का ध्यान रखियो … हम लोग कल आएंगे. हो सके तो उसके पास सो जाना या उसे हमारे घर बुला लियो सोने के लिए!

मेरे मन में लड्डू फूटने लगे- मौका अच्छा है कविता की चूत मारने का … और मैंने वैसा ही किया.

मैंने कविता से पूछा- हमारे घर चलोगी या अपने घर ही सोना है रात को?
वह बोली- यहीं सोना है, अपने घर ही.

मैंने भी ओके बोल दिया.

अब मैं बस रात होने का इंतज़ार करने लगा.
इसी बीच मैं दूर के एक मेडिकल स्टोर से जाकर कंडोम ले आया, यह सोचकर कि अगर काम बन गया, तो 5 से 6 बार तो कविता की चुदाई करनी ही है.

रात हो गई. मैं खाना बनाना जानता हूँ, तो मैंने कविता से पूछा- क्या खाओगी?

कविता मुझसे कम बात करती थी, लेकिन फिर भी उसने बताया- मुझे कुछ चटपटा सा खाने का मन है. दवाइयां खा-खाकर मुँह कड़वा हो गया है. बाहर बारिश भी तेज़ हो रही है, इसलिए कुछ अच्छा खाने का मन है!

मैंने कहा- दाल बनाऊं, चटपटी-सी? तुम्हारी तबीयत भी ठीक नहीं है, वह सही रहेगी.
उसने मना कर दिया और बोली- नहीं.

मैंने कहा- तो मसालेदार मैगी बनाऊं?
उसने हां कर दिया.

दरअसल, मैं मैगी इस तरह बनाता हूँ कि दुकान वाले भी फेल हो जाएं और खाने वाले उंगलियां चाटते रह जाएं.

मैंने उसके घर ही मैगी बनाई और दोनों ने टीवी पर कॉमेडी शो देखते-देखते साथ में खाई.
रात के 10 बज चुके थे. मैंने उसे दवाई दी और सोने के लिए बोल दिया. फिर खुद भी सो गया.

उनके घर में एक हॉल था और एक कमरा, जिसमें कुछ नहीं था. सब बाहर हॉल में ही सोते थे.

वहां एक बेड और एक फोल्डिंग था सोने के लिए.
बेड पर कविता लेटी और फोल्डिंग पर मैं लेट गया था.

हम दोनों मोबाइल चला रहे थे और बाहर बारिश तेज़ हो रही थी.

मेरे मन में था कि इसे चूत देने के लिए कैसे मनाया जाए … क्योंकि मैं चाहता था कि पहल उसकी तरफ से हो.

मुझे किसी के साथ जबरदस्ती करने का कोई शौक नहीं है, बात चाहे जो भी हो.

मैं मन उदास-सा करके सोने जाने लगा.

इतने में वह बोली- इतनी जल्दी सोने जा रहे हो?
मैंने कहा- कल ऑफिस है मेरा, इसलिए.

वह बोली- मुझे नींद नहीं आ रही. कुछ बातें करते हैं.
मैंने तुरंत हां बोल दिया और अपनी जगह लेटे-लेटे ही उससे बातें करने लगा.

हमारे बीच इधर-उधर की मतलब पढ़ाई लिखाई, जॉब वगैरह की बातें चलती रहीं.

तभी उसने पूछा- आपकी तो जॉब है, आपकी कोई गर्लफ्रेंड तो ज़रूर होगी?
मैंने ना बोल दिया कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है और ना कभी थी.

फिर मैंने उससे पूछा- तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है क्या?
उसने भी मना कर दिया- नहीं है.

उसने हंसते हुए कहा- इसका मतलब अभी तक आपने किसी के साथ कुछ नहीं किया.
यह कह कर वह हंसने लगी.

मैं समझ गया था कि वह क्या बोल रही है, पर मैंने पूछा- क्या मतलब?
तो वह बोली- कुछ नहीं.

मैंने फिर पूछा- बताओ तो, क्या नहीं किया?
तो वह बोली- कुछ नहीं बोला ना मैंने!

मैंने कहा- ठीक है.
मैं आंख मूंद कर सोने का ड्रामा करने लगा.

पांच मिनट बाद उसने आवाज़ दी.

कविता- नितेश, सो गए क्या? सॉरी यार, गुस्सा मत हो. उठो यार, मेरा मन नहीं लग रहा.
मैं उखड़े हुए स्वर में बोला- मैं क्या करूँ फिर … अगर मन नहीं लग रहा तो?
कविता- अच्छा सॉरी यार … मेरे पास आ जाओ, बातें करेंगे.

मैंने मुँह चढ़ाते हुए कहा- गुस्से में बात करनी है तो मुझे कोई बात नहीं करनी.
कविता- सॉरी ना. अब नहीं करूँगी गुस्सा … इधर बेड पर आ जाओ.

मैं बेड पर गया.
उसने जो कंबल ओढ़ा हुआ था, उसे मुझे भी दिया और फिर से एक बार सॉरी बोला और मुस्कुरा दी.

फिर मैंने वहीं से शुरू किया- उस बात का मतलब तो बताओ!
तो वह बोली- मैं बोल रही थी कि आपने किसी के साथ सेक्स नहीं किया अभी तक?

मैंने कहा- तुम्हें ऐसा क्यों लगता है?
वह बोली- आपकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है, इसलिए!

मैंने कहा- सेक्स के लिए गर्लफ्रेंड की ज़रूरत होती है क्या?
यह कह मैं भी हंस दिया.

वह बोली- मतलब समझी नहीं.

मैंने कहा- सेक्स किया है. कॉलेज में लड़कियों के साथ दोस्ती थी मेरी. उनके साथ हम लोग ‘फ्रेंडशिप विद बेनिफिट्स’ वाले दोस्त थे.

वह बोली- वह क्या होता है?
मैंने बताया- मतलब यह कि कोई अच्छा दोस्त हो और जिसके साथ सेक्स कर सकते हों, गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड का किस्सा खत्म.
वह ‘ओह’ बोलकर हंस दी और मैं भी हंस दिया.

फिर मैंने उससे पूछा- तुमने कभी किया है?
उसने मना कर दिया.

मैंने कहा- इतनी खूबसूरत और हॉट हो, किया तो होगा. बताओ ना … मैं किसी को नहीं बताऊंगा!
पर उसने कहा- नहीं किया कभी. बस दोस्तों से सुना है कि क्या होता है, देखा या किया कभी नहीं!

मुझे तो बस एक मौके की तलाश थी.
मैंने बोल दिया- अगर एक वादा करो तो मैं दिखा सकता हूँ कि कैसे होता है!
वह बोली- कैसा वादा?

मैंने कहा- अगर ये बात हम दोनों तक रहे, मरते दम तक!
वह जल्दी से बोली- वादा करती हूँ कि कभी किसी को नहीं बताऊंगी.

उसके अन्दर भी आग थी.
मैंने देर न करते हुए मोबाइल में पोर्न चला दी.

वह बड़े ध्यान से उसे देखने लगी.
मैंने पहले से ही 3-4 मस्त पोर्न मूवीज़ मोबाइल में डाउनलोड कर रखी थीं, एकदम एचडी में.

उसने टी-शर्ट और लोअर पहना था और मैंने टी-शर्ट और शॉर्ट्स.
एक वीडियो देखकर उसके चेहरे का रंग बदल गया.

मैंने कहा- ऐसे होता है.
वह बोली- ये तो बड़ा खतरनाक होता है. वह लड़की दर्द से रो रही थी.

मैंने कहा- वह ऐक्टिंग है. इतना दर्द नहीं होता … यदि तुम करो तो मुझे बताना कि कैसा लगा!
यह सुनकर वह शर्मा गई.

फिर मैंने पूछा- और देखनी है क्या?
उसने कहा- यार, कुछ हो रहा है अन्दर शरीर में!
मैंने भी कहा- कोई बात नहीं … होता है.

उसने पूछा- आपके में भी हो रहा है क्या?
मैंने हां कर दी.

हमने दूसरी वीडियो शुरू की.
इस बार मैंने उससे कहा कि मोबाइल पकड़े, ताकि मैं उसकी चूत पर हाथ फेर सकूँ.
उसने वैसा ही किया.
वह वीडियो देख रही थी और मैं उसकी चूत पर हाथ घुमा रहा था.

वह समझ चुकी थी, पर उसने बस एक बार मेरी तरफ देखा.
उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी, लोअर भी पूरा गीला था.

आठ मिनट बाद वीडियो खत्म हुई.
उसने मोबाइल रख दिया और मैंने भी उसकी चूत से हाथ हटा लिया.

उसने मुझे देखा और बोली- मज़ा आ गया.
मैंने कहा- हां, वह तो आना ही था!

फिर उसने कहा- चलो अब सो जाते हैं.

यह सुनकर मेरा दिल एकदम टूट गया.
मैं क्या कर सकता था?
मैंने भी कहा- ठीक है, चलो सोते हैं.

फिर उसने कहा- या कुछ करना है?
मैंने उसकी आंखों में देखा और हम दोनों ने किस शुरू कर दी.

मैं किसी भूखे शेर की तरह उस पर टूट पड़ा और उसके गुलाबी होंठ चूसने लगा.

हम दोनों पागलों की तरह एक-दूसरे के होंठ और जीभ चूस रहे थे.
मैं उसकी चूची दबा रहा था और ऊपर से चूत भी मसल रहा था.

एक-दूसरे को चूसते हुए, मैंने अपना हाथ उसके लोअर में डाल दिया और चूत रगड़ने लगा.

उसकी चूत पर ज्यादा बाल थे.
मैंने एक उंगली उसकी चूत में डाल दी और उसकी आवाज़ मेरे मुँह में निकल गई.

मैं धीरे-धीरे चूत में उंगली करता रहा और उसे टाइट पकड़कर उसके होंठ चूसता रहा.

फिर हम दोनों बेड से नीचे आ गए.

मैंने उससे पूछा- करना है या तबीयत ठीक नहीं है?
उसने कहा- तबीयत ठीक है.

वह मेरे होंठ चूसने लगी.
मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी.
उसने पिंक कलर की ब्रा पहनी थी.

मैं उसके संतरों को पागलों की तरह चूस रहा था, जैसे मैंने पहले कभी संतरे चूसे ही न हों.

मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी और चूची चूसने लगा.
उसकी चूचियां एकदम गोरी थीं और उन पर ब्राउन निप्पल कहर ढा रहे थे.

मैं उसकी दोनों चूचियों को काटने और चूसने लगा, जैसे कोई छोटा बच्चा.

कविता पूरी तरह पागल हो चुकी थी और मेरे गाल, होंठ, सब पर किस करने लगी.

फिर मैंने उसका लोअर उतार दिया.
उसने ब्लैक कलर की पैंटी पहनी थी, जो पूरी तरह गीली हो चुकी थी.

मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी और वह मेरे सामने पूरी नंगी थी.

मैंने भी अपने सारे कपड़े उतारे और मैं भी पूरी तरह नंगा हो गया.
वह हैरान होकर मेरे मोटे लौड़े को देख रही थी.

दोस्तो, कहानी के अगले भाग में मैं आपको कविता की चुदाई की कहानी का मजा दूंगा.
आप मुझे बताएं कि आपको गरम लड़की X हिंदी कहानी का पहला भाग कैसा लगा.
[email protected]

गरम लड़की X हिंदी कहानी का अगला भाग: कुंवारी पड़ोसन लड़की की रात भर चुत चुदाई- 2

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