मेरे यार ने मुझे मसालेदार मुर्गी की तरह खाया
(Hard Desi Sex Kahani)
हार्ड देसी सेक्स कहानी में मैं अपने पड़ोसी शादीशुदा लड़के से चुद रही थी. वह कई बार मेरी चूत चोद चुका था, मेरी गांड भी मार चुका था. उसने मुझे घोड़ी बनाकर मेरी गांड में लंड डाला.
यह कहानी सुनें.
नमस्कार दोस्तो,
मेरा नाम नेहा है। मेरी उम्र 34 साल है।
मैं एक शादीशुदा महिला हूँ।
मैं अंतर्वासना साइट की बहुत बड़ी प्रशंसक हूँ। मैंने अंतर्वासना साइट पर बहुत सारी कहानियाँ पढ़ी हैं।
आज मैं आप सभी के साथ अपनी कहानी
मेरे यार ने मेरी गांड मार ली
का एक और भाग साझा कर रही हूँ।
उम्मीद है कि आप सभी को मेरी कहानी के पिछले भाग पसंद आए होंगे और आपको मेरी कहानी का यह भाग भी पसंद आएगा।
यह कहानी तब की है जब मैं 20 साल की थी.
अब मैं आपको आगे की हार्ड देसी सेक्स कहानी बताती हूँ।
जैसा कि पिछले भाग में मैंने आप सभी को बताया था कि नहाते हुए वैभव ने मेरी गांड मारी थी।
जब हम नहाकर बाहर निकले, तब उसने मुझे नंगे बदन ही उठाकर बिस्तर पर पटक दिया और मेरे साथ मस्ती करने लगा।
मैंने भी थोड़ी देर उसके साथ मस्ती की।
फिर मैंने उससे कहा, “तुम्हें अपने घर नहीं जाना है? कल रात से तुम यहीं हो!”
उसने कहा, “घर जाकर फिर से बासी खिचड़ी ही खाने को मिलेगी। यहाँ तो गरमा-गरम मुर्गी मिल रही है!”
मैंने वैभव से कहा, “घर जाकर थोड़ी बासी खिचड़ी खा लो। ये मुर्गी तो आज रात को भी ऐसी ही गरम रहेगी। रात को आकर खा लेना!”
वैभव ने मुझे कहा, “बासी खिचड़ी तो जब चाहे तब खा लेता हूँ। मैंने घर पर बोलकर आया हूँ कि दो दिन के लिए बाहर जा रहा हूँ। तो मुझे अभी बाहर का खाना ही खाना है!”
और फिर वह मेरे ऊपर चढ़ गया और मेरे होठों पर चूमने लगा।
मैं भी उसके होठों से होठ मिलाकर चूमने लगी।
चूमते हुए वैभव ने मेरे बूब्स को मसलना शुरू कर दिया।
उसने मेरे बूब्स को अच्छे से मसला और फिर मेरे बूब्स को दबा-दबाकर चूसने लगा।
वह मेरे बूब्स को चूसते हुए मेरे बूब्स पर लव बाइट्स देते हुए काटने लगा।
वह मेरे बूब्स के निपल्स को अपने दाँतों में दबाकर खींचने लगा।
मैं बहुत ही गरम हो चुकी थी।
मैं उसके सिर को पकड़कर मेरे बूब्स पर दबाने लगी।
वह जोर-जोर से मेरे बूब्स को दबाकर चूसने और काटने लगा।
थोड़ी देर बाद वह मेरे बूब्स को चूसते हुए मेरी चूत पर अपना हाथ ले गया।
वह मेरी चूत को मसलने लगा। मेरी चूत गीली हो गई।
मेरी चूत को गीला करके उसने मुझे सिक्स-नाइन की पोजीशन में ले लिया।
सिक्स-नाइन की पोजीशन में होकर मैं उसका लंड मुँह में लेकर चूसने लगी।
मेरी चूत उसके सामने थी।
वह मेरी चूत में अपनी दो उंगलियाँ डालकर हिलाने लगा।
मैं मस्ती से उसके लंड को मुँह में लेकर चूस रही थी और वह मेरी चूत में उंगली कर रहा था।
थोड़ी देर बाद मेरी चूत से पानी बहने लगा।
मेरी चूत का पानी उसकी छाती पर बहने लगा।
उसकी उंगलियाँ मेरी चूत के पानी से गीली हो गई थीं।
उसने मुझे अपने ऊपर से नीचे उतारा और अपनी उंगलियाँ मेरे मुँह में डाल दीं।
मेरी चूत का पानी नमकीन था।
उसकी उंगलियों से मुझे मेरी चूत के पानी का स्वाद आ रहा था।
मैंने उसकी उंगलियों से मेरी चूत का पानी चूस लिया।
फिर उसने मुझे बिस्तर पर सीधा लिटा दिया।
मुझे बिस्तर पर लिटाकर उसने मेरी टाँगों को फैला दिया।
वह मेरी चूत के पास अपना लंड रखकर घुटनों पर बैठ गया।
फिर उसने अपना लंड पकड़कर मेरी चूत पर दो-तीन बार पटका।
फिर उसने मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया।
उसके लंड का सुपारा बड़ी आसानी से मेरी चूत को चौड़ा करके अंदर चला गया।
फिर उसने मेरी टाँगों को ऊपर उठाया और मेरी जाँघों को अपनी कोहनी में दबाया।
वह मेरी चूत में अपना लंड डालने लगा।
वैभव अपने घुटनों पर बैठे हुए अपनी कमर को आगे-पीछे करते हुए अपने लंड को मेरी चूत में धक्का दे रहा था।
उसका लंड मेरी चूत में आगे-पीछे होते हुए अंदर चला जा रहा था।
मैं उसके सामने अपनी चूत में उसका लंड लिए हुए लेटी थी।
अपने हाथों से मैं अपने बूब्स दबाने लगी।
मेरे मुँह से ‘उह्ह … आह्ह … ओह्ह्ह … आह्ह्ह!’ की आवाज़ें निकल रही थीं।
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
मैं ‘उह्ह्ह … अह्ह्ह’ करते हुए उसे बोलने लगी, “और चोदो मुझे! और अंदर डालो अपना!”
मेरी आवाज़ सुनकर उसके ऊपर और जोश चढ़ने लगा।
वह जोर-जोर से मेरी चूत में अपना लंड डालने लगा।
मुझे और ज़्यादा मज़ा आने लगा था।
उसने दस मिनट से ज़्यादा मिशनरी पोजीशन में मुझे जोर-जोर से चोदा।
फिर उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और मुझे चार पैरों पर घोड़ी बनने के लिए कहा।
मैं चार पैरों पर घोड़ी बन गई।
उसने पीछे से मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया।
मुझे घोड़ी बनाकर उसने मेरी कमर को पकड़ लिया।
उसने अपने लंड को धीरे-धीरे मेरी चूत में अंदर डालना शुरू किया।
वह मुझे धीरे-धीरे बड़े आराम से चोद रहा था। तभी उसका फोन बजा।
उसने मेरी चूत से अपना लंड निकाला और अपना फोन लेने गया।
उसके फोन पर उसकी बीवी का फोन आया था।
मैं बिस्तर पर सीधे बैठ गई।
वह अपनी बीवी से बात करते हुए बिस्तर पर आया।
उसने मुझे फिर से इशारा किया कि मैं घोड़ी बन जाऊँ।
मैंने उसको इशारे में कहा, “तुम पहले बात कर लो!”
लेकिन उसने फोन पर बात करते हुए मुझे इशारा किया, “ये तो चलता रहेगा, तुम पोजीशन ले लो!”
मैंने पोजीशन सेट कर ली।
उसने फिर से मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया।
वह मुझे धीरे-धीरे चोदता हुआ फोन पर बात कर रहा था।
वह अपनी बीवी से बात कर रहा था कि कल रात को उसने बहुत खाना खाया, उसे खाना बहुत अच्छा लगा।
फिर उसने अपना फोन स्पीकर पर किया और मुझे अपनी बीवी की बातें सुनाने लगा।
उसकी बीवी उससे पूछ रही थी, “कल रात को आपने क्या खाया?”
वैभव ने कहा, “रात को मैंने एक गरमा-गरम मसालेदार मुर्गी खाई। उसके बाद मुझे बहुत अच्छी नींद भी आई!”
उसकी बीवी ने उससे पूछा, “अभी नाश्ता कर लिया आपने?”
वैभव ने कहा, “यहाँ का नाश्ता भी इतना मस्त है कि मैंने एक बार नाश्ता कर लिया और अभी दोबारा नाश्ता कर रहा हूँ!”
अपनी बीवी से बातें करता हुआ वह मेरी चूत में अपना लंड डालकर मुझे चोदे जा रहा था।
थोड़ी देर बात करने के बाद उसने फोन रख दिया।
मेरी कमर को पकड़कर वह अपना पूरा लंड मेरी चूत में डालने लगा।
थोड़ी देर बाद मैं भी आगे-पीछे होकर मेरी चूत में उसका लंड लेने लगी।
मुझे चोदते हुए उसने कहा, “इतनी मस्त मुर्गी खाते वक्त ही कमीनी का फोन आ गया!”
फिर उसने मेरी जबरदस्त चुदाई शुरू कर दी।
वह मुझे ऐसे चोदने लगा जैसे उसकी बीवी ने उसे गुस्सा दिला दिया हो।
वह उसके ऊपर का सारा गुस्सा मेरी चूत को चोदते हुए निकाल रहा था।
वह मेरी चूत से आधा लंड बाहर निकालता, थोड़ा रुककर जोर लगाकर एक झटका देकर मेरी चूत में अपना पूरा लंड डालने लगा।
जब वह एक जोर का झटका लगाकर मेरी चूत में अपना लंड डालता था, तब मैं झटका खाकर आगे चली जाती थी। मेरा सिर आगे झुककर ऊपर उठ जाता था।
मेरी आँखें बंद हो जाती थीं और मेरे बूब्स झूलने लगते थे।
मेरे मुँह से जोर की “आह्ह!” निकलने लगती थी।
उसने मेरी चूत में ऐसे जोर-जोर के बहुत सारे शॉट्स मारे।
जब-जब मेरा सिर ऊपर उठता था, तब वह मेरे बालों को पकड़कर मुझे और जोर से चोदने लगता था।
वह मेरे बालों को पकड़कर जोर से खींचते हुए मुझे जोर-जोर से चोदने लगा।
मैंने उससे कहा, “मेरे बालों को छोड़ो! खींचो मत प्लीज़! थोड़ा धीरे-धीरे चोदो!”
मेरी दर्द भरी आवाज़ उसने सुन ली।
उसने मेरे बालों को छोड़ दिया और मुझे थोड़ा धीरे-धीरे चोदने लगा।
उसने मुझसे कहा, “सॉरी, मैं ज़्यादा ही सख्ती से करने लगा!”
मैंने चुदते हुए कहा, “कोई बात नहीं!”
फिर उसने अपना लंड मेरी चूत से निकालकर मेरी गांड में डाल दिया और मेरी गांड मारने लगा।
उसने एक ही झटके में मेरी गांड में अपना आधा लंड घुसा दिया।
मैं जोर से “आह्ह्ह्ह्ह!” करके चीख पड़ी।
वह मेरी गांड में अपना लंड धकेलने लगा।
थोड़ी ही देर में उसका आधे से ज़्यादा लंड मेरी गांड में अंदर चला गया।
वह तेज़ी से मेरी गांड में अपना लंड आगे-पीछे करने लगा।
वह बड़ी तेज़ी से मेरी गांड मार रहा था।
मेरे मुँह से बस ‘उह्ह् … अह्ह्ह्ह … आह्ह्ह … ओह्ह्ह!’ ही निकल रहा था।
थोड़ी ही देर में वैभव के मुँह से “आह!” निकल गई।
उसका लंड मेरी गांड में झटका खाते हुए अपना पानी छोड़ने लगा।
हार्ड देसी सेक्स करके उसने अपना सारा वीर्य मेरी गांड के अंदर ही निकाल दिया।
जब उसने अपना लंड बाहर निकाला और मेरी कमर को छोड़ा, तो मैं सीधे अपने पेट के बल लेट गई।
वह मेरे ऊपर अपने पेट के बल लेट गया।
मेरे ऊपर लेटकर उसने मेरे गाल पर चुम्बन किया और कहा, “आई लव यू डार्लिंग! कमाल की हो तुम! बहुत मज़ा देती हो!”
मैंने भी उससे कहा, “तुम भी बहुत मस्त हो!”
थोड़ी देर वह मेरे ऊपर लेटा रहा, फिर वह मेरे बगल में लेट गया।
मैं भी उसके साथ थोड़ी देर लेटी रही।
फिर मैं अपने कपड़े पहनने लगी।
उसने मेरी तरफ देखा और कहा, “कपड़े क्यों पहन रही हो? अभी और मज़ा करना बाकी है!”
मैंने उससे कहा, “बस! बहुत मज़ा कर लिया। अभी थोड़ा घर का काम भी कर लेने दो!”
फिर मैंने अपने कपड़े पहने और घर का काम करने लगी।
वह फिर से नहाकर अपने कपड़े पहनकर आराम से टीवी देखने लगा।
आगे की घटना अगली कहानी में!
आप इस हार्ड देसी सेक्स कहानी पर अपने विचार मुझे बताएं.
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