दो अंकल ने मेरी सील फाड़ चुदाई की

(Hindi Virgin Sex Threesome Kahani)

पिंकी 48 2025-05-17 Comments

हिंदी वर्जिन सेक्स थ्रीसम कहानी में मैं 19 साल की लड़की सरकारी ट्यूबवेल पर पानी भरने जाती थी. वहाँ पर तैनात दो अंकल मेरी चूचियां देखते थे. मुझे बड़ा मजा आता था.

यह कहानी सुनें.

मेरा नाम पिंकी है. मेरा रंग गोरा है, हाइट भी अच्छी है और देखने में बहुत सुंदर हूँ.
मैं 12वीं क्लास में पढ़ती हूँ, उम्र 19 साल है और गांव में रहती हूँ.

मेरे पापा किसान हैं.
मैं सुबह 8 बजे तैयार होकर स्कूल जाती हूँ.
बहुत सारे लड़के मुझ पर लाइन मारते हैं!

मेरी हिंदी वर्जिन सेक्स थ्रीसम कहानी का मजा लें.

स्कूल में 12 वीं क्लास की छुट्टी 12:30 बजे हो जाती है तो मैं 12:30 बजे घर आ जाती हूँ.
घर आते ही मैं बैग रखकर पानी लेने चली जाती हूँ.

गांव में जहां से पानी की सप्लाई होती है, वहां पंप के पानी का बोर लगा हुआ है.

वहां से जब मैं पानी लेने गई थी.
वह दोपहर का टाइम था, उस वक्त उधर कोई नहीं था सिवाय पड़ोस के अंकल के!
वे वहां जॉब करते हैं. उनकी ड्यूटी होती है.

मैंने पानी का मटका भरकर अंकल को आवाज़ लगाई तो वे आ गए और पानी का मटका उठवाने में मेरी मदद करने लगे.

एक दिन मैं रोज़ की तरह पानी लेने गई लेकिन आज अंकल कहीं दिखे नहीं.
मैंने सोचा, शायद जहां पानी की सप्लाई होती है, उस रूम में होंगे.

मैं उन्हें बुलाने गई.
वहां देखा तो दो अंकल बातें कर रहे थे.

दोनों की उम्र 55 साल के आसपास थी.

मैंने आवाज़ लगाई- अंकल, पानी का मटका उठवा दो!

उन्होंने मेरी तरफ देखा.
दोनों मुझे घूर-घूरकर देख रहे थे!

फिर वे दोनों उठे और बोले- चलो बेटा!

मैं उनके आगे थी और वे पीछे-पीछे मेरी गांड को देख रहे थे.

जब मैं पानी का मटका उठवाने के लिए नीचे झुकी, तो मेरी छोटी-छोटी चूचियां उन्हें दिख गईं.

एक अंकल खड़े खड़े मेरी चूचियों को देख रहे थे.
दूसरा अंकल दूर खड़ा था.

मैंने कहा- अंकल, उठवाओ!
वे एकदम घबरा से गए और बोले- हां-हां बेटा!

मैं पानी लेकर जा रही थी, तब भी वे दोनों मेरी गांड देख रहे थे.

मैं घर गई … उन दोनों अंकल के बारे में सोचने लगी.
मुझे महसूस हुआ कि मेरी चूत थोड़ी गीली हो गई थी!

फिर मैं घर के कामों में बिजी हो गई.

अगले दिन फिर स्कूल से आकर पानी लेने गई.
आज फिर वही दो अंकल थे!

मैंने पानी भरकर उन्हें बुलाया- अंकल, मटका उठवा दो!
वे मुझे देखकर खुश हो गए और बोले- बेटा, चाय पी रहे हैं, थोड़ी देर तुम यहां आकर चेयर पर बैठ जाओ!

मैं बैठ गई.
फिर वे मेरे बारे में पूछने लगे.

वे बोले- बेटा, तुम बहुत सुंदर हो! कोई ब्वॉयफ्रेंड तो होगा?
मैंने मना कर दिया- नहीं है!

फिर मैंने पूछा- अंकल, जो हमारे गांव के अंकल जॉब करते थे, वे कहां हैं?

वे बोले- उनकी ड्यूटी कहीं और चली गई. अब हमारी यहां है!

फिर मैंने पूछा- आप दोनों का क्या नाम है?

एक अंकल बोले- मेरा ओमप्रकाश!
दूसरा बोला- मेरा सुरेश!

ओमप्रकाश अंकल मुझे देखकर अपने लंड पर हाथ रखकर सहलाने लगे.

मैंने उनकी पैंट की तरफ देखा.
दोनों का लंड खड़ा था, पैंट में तंबू सा बना था!

फिर मैं बोली- अंकल, जल्दी चलो! मुझे देर हो रही है, घर पर काम भी है!

मैं खटाक से खड़ी हो गई.
वे दोनों पीछे-पीछे आए.
आज फिर वे मेरी गांड को घूर-घूरकर देख रहे थे.

लेकिन आज मुझे बुरा नहीं लग रहा था.

आज सुरेश अंकल पानी का मटका उठवाने आए.
ओमप्रकाश अंकल मुझसे थोड़ा पीछे खड़े थे.

जब मैं सुरेश अंकल के साथ नीचे झुकी, वे मेरी चूचियों को देखने लगे.
मैंने आज थोड़ी देर बाद कहा- अंकल, उठवा दो!

फिर मैं मटक-मटककर उनके सामने पानी का मटका लेकर गई.
मेरा मन भी चुदवाने का करने लगा था!

अगले दिन मैं सफेद सूट पहनकर पानी लेने गई.
उस सूट में मेरी चूचियां बिना स्पोर्ट्स ब्रा के साफ दिखती थीं.

वे दोनों अंकल अन्दर कुर्सी पर बैठे थे.

मैं मटका आज बिना पानी के भरे अन्दर चली गई और उन दोनों के पास जाकर बात करने लगी.

एक अंकल बोले- अरे पिंकी! तुम तो हम दोनों का ध्यान सदा ही अपनी छोटी-छोटी चूचियों पर ले जाती हो!

सुरेश अंकल बोले- तुम ठीक कह रही थी, तुम्हारा कोई ब्वॉयफ्रेंड नहीं है?
मैंने कहा- आपको कैसे पता कि मैं सच बोल रही हूँ?

अंकल बोले- अगर मैंने बताया तो तुम बुरा मान जाओगी!
मैंने कहा- नहीं मानूँगी!

वे बोले- प्रॉमिस?
मैंने हां कह दिया.

ओमप्रकाश अंकल बोले- तुम्हारी चूचियां बहुत छोटी हैं! ब्वॉयफ्रेंड होता तो …
मैंने कहा- अंकल, ब्वॉयफ्रेंड होता तो?

वे बोले- वह दबा दबा कर बड़ी कर देता और तुम और भी सुंदर दिखती!
मैंने कहा- हाय! ऐसा भी होता है?

ओमप्रकाश अंकल बोले- हां कहो तो हम देखें, बुरा नहीं मानो तो?
मैं बोली- मतलब अंकल?

वे बोले- हम कुछ करेंगे, फिर तुम खुद कहोगी दबाने से बड़ी होती हैं!
मैंने कहा- ओके!

वे बोले- गुस्सा तो नहीं होगी?
मैंने कहा- नहीं होऊंगी!

‘पाँच मिनट तक कुछ भी करूँ, बोलना नहीं!’
मैंने कहा- क्या करोगे?

वे बोले- कुछ भी, बस रोकना नहीं!
मैंने हां कर दी.

ओमप्रकाश अंकल ने जोर से मेरी चूची दबा दी. मेरी चीख निकल गई.
मैंने दोनों हाथों से उनका हाथ पकड़ लिया.

फिर सुरेश अंकल ने दूसरी चूची दबा दी.
मैंने थोड़ी देर तक कहा- छोड़ दो अंकल!

फिर उन्होंने हाथ हटा लिया.

ओमप्रकाश अंकल खड़े होकर किस करने लगे और सुरेश अंकल दरवाजा बंद करके मजे लेने आए.
उन्होंने मुझे पलंग पर बिठा दिया और किस करने लगे.

मैं भी उनका साथ देने लगी.
फिर अंकल बोले- कपड़े निकाल दो!

मैंने बिना कुछ सोचे कपड़े निकाल दिए.
बस नीचे पैंटी थी.

मेरी छोटी-छोटी चूचियों पर वे दोनों टूट पड़े.
कुछ मिनट तक चूसने और दबाने के बाद मेरी चूत से पानी उतरने लगा.

मैं मेज पर चित लेट कर उन्हें देखने लगी.
अंकल ने मेरी चूत में उंगली डाल दी और अन्दर-बाहर करने लगे.

ओमप्रकाश अंकल बोले सुरेश अंकल से- जा, वह सरसों का तेल ले कर आ!
फिर मेरी चूत में तेल लगाने के बाद पैंट उतार दी.

उनका लंड सात इंच का होगा.

थोड़ा अपने लंड पर तेल लगाने के बाद सुरेश अंकल ने मेरे सिर के पीछे आकर एक हाथ से मेरा मुँह बंद कर दिया और दूसरे हाथ से दोनों हाथ पकड़ लिए.

ओमप्रकाश अंकल बोले- तैयार हो जाओ, पिंकी!
मैं तो बेताब थी हिंदी वर्जिन सेक्स थ्रीसम सेक्स में लंड लेने के लिए.

अंकल ने दोनों टांगों को जोर से पकड़ कर लिया और लंड सटाकर जोर का धक्का मारा.
लंड साइड में हट गया, चूत बहुत टाइट थी मेरी.

फिर अंकल ने दो उंगलियां डाल दीं.
एकदम मेरी चीख निकली, लेकिन अंकल ने मुँह पर हाथ रख दिया था.

फिर अंकल ने लंड सटाया और जोर का झटका मारा.
अंकल का लंड मेरी चूत में अन्दर आधा चला गया.
मेरी आंखें बाहर निकलने को हो गईं; मेरी आंखों से आंसू आने लगे.

थोड़ी देर रुककर फिर से एक झटका मारा.
उनका पूरा लंड चूत में चला गया.

मेरा सारा शरीर काँप रहा था और अपने आप आंसू निकल रहे थे.

मेरा मन वहां से भागने का कर रहा था लेकिन दोनों ने अच्छे से पकड़ रखा था.

अंकल थोड़ी देर रुककर लंड धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगे.
फिर थोड़ी देर बाद मुझे भी मजा आने लगा.

दस मिनट तक ओमप्रकाश अंकल ने चोदा उसके बाद सुरेश अंकल ने.

दोनों ने पानी चूत से बाहर लंड निकाल कर नीचे जमीन पर रस डाल दिया.

मैं खड़ी हुई तो चलने में बहुत तकलीफ हो रही थी.

अंकल ने मेरी पैंटी से चूत के आस पास खू/न साफ किया, कपड़े पहना दिए और पानी का मटका आधा भरकर मेरे सिर पर रख दिया.

वे बोले- आराम कर लो घर पर!
मैं पानी लेकर घर चली गई और जाकर सो गई.

ऐसे ही मैं उनसे अभी तक पाँच बार चुद चुकी हूँ.
महीने में दो बार चुदती हूँ, जवानी का मजा लेती हूँ.

तो आपको कैसी लगी मेरी सच्ची हिंदी वर्जिन सेक्स थ्रीसम कहानी?
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