चाचा की जवान लड़की की चूत खोली
(Hot Sis Cute Sex Kahani)
हॉट सिस क्यूट सेक्स कहानी में मेरे चाचा की लड़की बहुत सुडौल और बिल्कुल आइटम माल है! मैं उसे चोदना चाहता था. एक दिन मैंने उसे पोर्न वीडियो दिखाई. उसके बाद मैंने उसे चोदा.
दोस्तो, मेरा नाम अज़ान है। मेरी उम्र 19 साल है और मैं गुजरात, वडोदरा का रहने वाला हूँ।
ये हॉट सिस क्यूट सेक्स कहानी जो मैं आपको बता रहा हूँ, ये सब कुछ सच में हुआ है।
मेरे चाचा की लड़की का नाम निहार है और वो 18 साल की है।
वो बहुत सुडौल और दिखने में बिल्कुल आइटम लगती है!
उसकी गांड बड़ी ही मजेदार दिखती है।
दोस्तो, हम एक संयुक्त परिवार में रहते हैं। हम सब साथ में खेलते थे।
तब मैं घर में आला वाले फ्लोर पर पॉर्न देखा करता था।
एक दिन मैंने निहार को बताया, “किसी को बताना मत! मैं तुझे कुछ दिखाता हूँ!”
मैंने उसे पॉर्न दिखाया।
पहली बार वो डरते हुए बोली, “ये बात किसी को मत बताना!”
फिर भी मैंने उसे अपने फोन पर पॉर्न दिखाना शुरू कर दिया।
जब भी हम कुछ कहते, मैं उसकी गांड को टच कर लेता था।
अब उसे भी इसमें मजा आने लगा था!
फिर गर्मियों के दिन शुरू हुए। हम उस समय अपने घर की छत पर सोते थे।
निहार मेरे बगल में ही सोती थी।
रात को मैंने उसे पूरी तरह अपने कंबल में बुला लिया।
मैंने उसके हाथ में अपना लंड पकड़ा दिया और मैं उसकी चूत में उंगली करने लगा।
मेरे चाचा की लड़की निहार के साथ मेरी गहरी नजदीकियाँ बन चुकी हैं।
उसकी सुडौल फिगर और मजेदार गांड मुझे हमेशा दीवाना बनाती है!
रात का सन्नाटा हमारी वासना को और बढ़ा देता था।
एक रात, जब सब गहरी नींद में थे, मैंने निहार को अपने कंबल में खींच लिया। उसकी साँसें तेज थीं, और उसकी आँखों में शरारत साफ दिख रही थी।
“आज कुछ नया करें?” मैंने धीरे से उसके कान में कहा।
वो शरमाते हुए मुस्कुराई और बोली, “क्या करेगा, अज़ान? कोई देख लेगा तो?”
मैंने उसे तसल्ली दी, “अरे, सब सो रहे हैं! तू बस मज़े ले!”
मैंने उसकी कमीज को थोड़ा ऊपर किया और उसकी नरम कमर को सहलाने लगा।
उसकी त्वचा इतनी चिकनी थी कि मेरा लंड पैंट में ही तन गया।
मैंने धीरे से उसका हाथ पकड़ा और अपनी पैंट के ऊपर से अपने 6 इंच के कड़क लंड पर रख दिया।
वो थोड़ा झिझकी, लेकिन फिर धीरे-धीरे उसे सहलाने लगी। “ये तो बहुत सख्त है!”
उसने शरमाते हुए कहा, और मैं मुस्कुरा दिया।
मैंने उसकी सलवार का नाड़ा ढीला किया और उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को छुआ।
वो पहले से ही गीली थी और उसकी गर्मी मेरी उंगलियों में महसूस हो रही थी।
मैंने धीरे से उसकी पैंटी को थोड़ा नीचे सरकाया और अपनी बीच की उंगली उसकी चूत की फाँकों के बीच डाल दी।
निहार की साँसें रुक सी गईं।
“आह, अज़ान, धीरे!” वो सिसकते हुए बोली।
मैंने अपनी उंगली को धीरे-धीरे अंदर-बाहर करना शुरू किया।
उसकी चूत इतनी टाइट और गीली थी कि मेरे लंड में और जोश आ गया।
वो मेरे लंड को और सख्ती से सहलाने लगी।
मैंने उसे और करीब खींचा और उसकी पैंटी को पूरी तरह नीचे कर दिया।
उसकी चिकनी, कुंवारी चूत मेरे सामने थी।
मैंने अपना मुँह नीचे किया और उसकी चूत पर अपनी जीभ फेरी।
उसकी सोंधी, सेक्सी खुशबू मुझे पागल कर रही थी।
मैंने धीरे-धीरे उसकी चूत की फाँकों को चाटना शुरू किया।
निहार तड़प उठी और मेरे बालों को पकड़कर अपनी चूत पर दबाने लगी.
“आह, ये क्या कर रहा है!” वो कराहते हुए बोली.
लेकिन उसकी कमर मेरे मुँह की ओर उठ रही थी।
मैंने अपनी जीभ को उसकी चूत के अंदर डाला और उसका नमकीन रस चखा।
वो इतनी गीली थी कि मेरा मुँह उसकी चूत के पानी से भीग गया।
मैंने उसकी छोटी सी क्लिट को चूसा, और वो इतनी जोर से सिसकी कि मुझे डर लगा कि कहीं कोई जाग न जाए!
मैंने करीब 5 मिनट तक उसकी चूत चाटी, और वो बार-बार मेरे सिर को दबाकर “और, और!” कह रही थी।
फिर मैंने उससे कहा, “अब तू भी कुछ कर!”
मैंने अपनी पैंट पूरी तरह उतार दी और अपना कड़क लंड उसके सामने कर दिया।
वो थोड़ा हिचकिचाई, लेकिन मैंने उसका हाथ पकड़कर अपने लंड पर रखा।
“मुँह में ले, निहार!” मैंने धीरे से कहा।
वो शरमाते हुए मेरे लंड को अपने नरम होंठों से छूने लगी।
उसने धीरे-धीरे मेरे लंड का सुपारा अपने मुँह में लिया।
उसका गर्म, गीला मुँह मेरे लंड पर ऐसा लगा जैसे मैं स्वर्ग में हूँ!
वो धीरे-धीरे मेरे लंड को चूसने लगी।
उसका अनुभव कम था लेकिन उसकी कोशिश मुझे पागल कर रही थी।
मैंने उसके सिर को पकड़ा और धीरे-धीरे अपने लंड को उसके मुँह में अंदर-बाहर किया।
“आह, निहार, तू तो कमाल है!” मैं सिसकते हुए बोला। वो मेरे लंड को और गहराई से लेने की कोशिश कर रही थी, और उसकी जीभ मेरे लंड के सुपारे पर घूम रही थी।
करीब 5 मिनट बाद मैं झड़ने वाला था।
मैंने उससे कहा, “निहार, निकलने वाला है!”
वो बोली, “मुँह में मत करना!”
मैंने जल्दी से अपना लंड बाहर निकाला और कंबल पर सारा पानी छोड़ दिया।
निहार हाँफ रही थी, और उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी।
“ये क्या था, अज़ान? इतना मज़ा!” उसने शरमाते हुए कहा।
हमने जल्दी से अपने कपड़े ठीक किए और अलग-अलग सो गए ताकि कोई शक न करे।
उस रात के बाद निहार और मैं और करीब आ गए।
मैंने उसकी चूत कई बार चाटी, और उसने भी मेरे लंड को अपने मुँह में लेना सीख लिया।
लेकिन मेरा मन अब उसकी चूत में अपना लंड डालने को बेकरार था।
कुछ ही दिनों में हमारे घर में शादी होने वाली है।
शायद तब हमें मौका मिल जाए!
घर में शादी की तैयारियाँ जोर-शोर से शुरू हो चुकी थीं।
हमारा संयुक्त परिवार और भी रौनक में डूब गया था।
मेहमानों का आना-जाना, सजावट, और शादी की रस्मों की भागदौड़ में सब व्यस्त थे।
लेकिन मेरी नज़रें सिर्फ निहार को ढूंढ रही थीं।
वो भी मुझे चोरी-छिपे इशारे करती, जैसे कह रही हो, “बस मौका मिलने दे!”
शादी से दो दिन पहले, घर में एक छोटा सा फंक्शन था।
रात को मेहमानों की भीड़ थी, और घर का माहौल गुलज़ार था।
निहार ने लाल रंग की टाइट सलवार-कमीज पहनी थी, जिसमें उसकी गांड और भी उभरी हुई लग रही थी।
मैं उसे देखकर पागल हो रहा था!
वो रसोई में कुछ काम कर रही थी और मैंने मौका देखकर उसे पीछे से टच किया।
वो मुस्कुराई और धीरे से बोली, “रात को छत पर मिलना, सब सो जाएँ तो!”
मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगा।
रात को करीब 1 बजे, जब घर में सन्नाटा छा गया, मैं चुपके से छत पर गया।
निहार पहले से ही वहाँ थी, एक पतले से कंबल में लिपटी हुई।
मैंने उसे देखते ही बाहों में भर लिया।
“आज मौका है, निहार!” मैंने धीरे से कहा।
वो शरमाते हुए बोली, “लेकिन डर लगता है, कोई देख न ले!”
मैंने उसे तसल्ली दी, “कोई नहीं आएगा, सब सो रहे हैं!”
हम कंबल के नीचे लेट गए।
मैंने उसका दुपट्टा हटाया और उसकी कमीज ऊपर की।
उसकी ब्रा में कसे छोटे-छोटे स्तन देखकर मेरा लंड तन गया।
मैंने उसकी ब्रा नीचे सरकाई और उसकी निप्पल को चूसना शुरू किया।
निहार सिसकियाँ लेने लगी, “आह, अज़ान, धीरे!”
मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोला और पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को सहलाया।
वो पहले से ही गीली थी! मैंने अपनी उंगली अंदर डाली, और वो तड़प उठी। “बस कर, अब और नहीं!” उसने कहा.
लेकिन उसकी आँखों में वासना साफ दिख रही थी।
मैंने अपनी पैंट नीचे की और अपना 6 इंच का कड़क लंड उसके हाथ में दे दिया।
वो उसे सहलाने लगी, जैसे पहले कई बार कर चुकी थी।
“निहार, आज कर लें?” मैंने पूछा।
वो थोड़ा हिचकिचाई, फिर बोली, “ठीक है, लेकिन जल्दी करो!”
मैंने उसे कंबल पर लिटाया और उसकी पैंटी नीचे खींच दी।
उसकी चिकनी, कुंवारी चूत देखकर मैं पागल हो गया।
मैंने धीरे से अपना लंड उसकी चूत पर रखा और एक हल्का सा धक्का दिया।
वो चीखने वाली थी लेकिन मैंने उसके मुँह पर हाथ रख दिया।
“शांत, निहार!” मैंने कहा।
पहली बार था, तो उसकी चूत बहुत टाइट थी।
थोड़ा दर्द हुआ, और उसकी आँखों में आँसू आ गए।
मैं रुक गया और उसे चूमने लगा।
थोड़ी देर बाद वो बोली, “अब ठीक है, धीरे-धीरे करो!”
मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए।
उसकी सिसकियाँ अब आनंद में बदल गई थीं।
“आह, अज़ान, और तेज!” वो धीरे से कह रही थी।
करीब 5 मिनट बाद मैं झड़ने वाला था।
मैंने पूछा, “कहाँ छोड़ूँ?”
वो बोली, “बाहर, बाहर!”
मैंने लंड बाहर निकाला और कंबल पर ही सारा पानी छोड़ दिया।
निहार हाँफ रही थी लेकिन उसकी आँखों में एक अजीब सा सुकून था।
“पहली बार इतना मज़ा आया!” उसने कहा और मुझसे लिपट गई।
हॉट सिस क्यूट सेक्स के बाद हमने जल्दी से कपड़े ठीक किए और अलग-अलग सो गए, ताकि कोई शक न करे।
अगले दिन शादी की धूम में हम दोनों चोरी-छिपे एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराते रहे।
निहार ने मुझे बाद में बताया, “अज़ान, ये रात कभी नहीं भूलूँगी!”
मैंने भी कहा, “बस, अब तो हर मौके का इंतज़ार रहेगा!”
दोस्तो, ये थी मेरी और निहार की पहली चुदाई की कहानी।
जिसमें छत पर हमारी पहली चुदाई हुई, और वो अनुभव मेरे लिए स्वर्ग जैसा था!
अभी तो ये सिलसिला चलता रहेगा, निहार अब मेरी हर बात मानने लगी है.
और हम दोनों हर मौके की तलाश में रहते हैं।
मेरी और निहार की कहानी जो हमें और करीब ले आई.
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