पड़ोसी लड़के से चूत खुलवा ली मैंने

(Hot Virgin Girl First Xxx)

नेहा दवे 2025-05-02 Comments

हॉट वर्जिन गर्ल फर्स्ट Xxx कहानी में मेरी दोस्ती पड़ोस के लड़के से थी. वह शादीशुदा था. फिर भी मैंने उसकी सेटिंग अपनी बड़ी बहन से करवा दी. उसने उसे चोद दिया.

यह कहानी सुनें.

नमस्कार दोस्तो,

मेरा नाम नेहा है। मेरी उम्र 34 साल है और मैं एक शादीशुदा महिला हूँ।

मैं अंतरवासना साइट की बहुत बड़ी फैन हूँ और मैंने इस साइट पर ढेर सारी कहानियाँ पढ़ी हैं।

आज मैं आप सभी के साथ एक कहानी शेयर कर रही हूँ।
उम्मीद है आप सभी को पसंद आएगी।

ये हॉट वर्जिन गर्ल फर्स्ट Xxx कहानी मेरी शादी से पहले की है।

शादी से पहले मेरे परिवार में मेरे मम्मी-पापा और मेरी बड़ी बहन थी।

जब मैं कॉलेज के पहले साल में थी, तब मेरी उम्र 20 साल थी।
मेरा फिगर साइज़ 30-24-32 था।

तब मेरी दोस्ती एक लड़के से हुई थी, जिसका नाम वैभव था।
उस वक्त वैभव की उम्र 28 साल थी।
उसकी हाइट 5 फीट 10 इंच थी और सिक्स पैक एब्स वाली बॉडी थी।

वो अच्छा खासा कमाता था और बहुत ही स्टाइलिश था।
वैभव कभी-कभी हमारे घर के पास अपने पापा की किराने की दुकान पर बैठता था।

वैभव के पापा और मेरे पापा कई सालों से अच्छे दोस्त थे।
हमारे घर का सारा किराने का सामान वैभव की दुकान से ही आता था।

अक्सर हम दोनों बहनें घर के लिए किराने का सामान लेने उसकी दुकान पर जाया करते थे।
वहीं से मेरी सेटिंग वैभव के साथ हो गई।

वैभव और मैं बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे।
हम रोज़ाना फोन पर बात करते और रात को देर तक चैट करते थे।
कभी-कभी मिलते, बाहर खाना खाने या मूवी देखने भी जाया करते थे।

वैभव और मेरी दोस्ती को एक साल से ज्यादा वक्त हो गया था।
वह मुझे पसंद करने लगा था।

एक बार उसने मुझे गर्लफ्रेंड बनने के लिए प्रपोज़ किया।

वैभव मुझे अच्छा लगता था, लेकिन हमारी दोस्ती शुरू होने से दो साल पहले ही उसकी शादी हो चुकी थी।
उसके दो साल में दो बच्चे भी हो गए थे।
इसलिए मैंने उससे कहा कि हम सिर्फ अच्छे दोस्त बनकर रहें।

वैभव अच्छा लड़का था, इसलिए उसने मुझे दोबारा कभी प्रपोज़ नहीं किया।
हम दोनों की दोस्ती अच्छी चल रही थी।
एक दिन वैभव ने मुझसे कहा कि उसे एक लड़की पसंद है और वो उसे अपनी गर्लफ्रेंड बनाना चाहता है।

उसने मेरी मदद माँगी।
दोस्ती के नाते मैंने लड़की के बारे में पूछे बिना हाँ बोल दिया।
फिर मुझे पता चला कि वो मेरी बहन को पसंद करता है।

दोस्ती के नाते मुझे वैभव की मदद करनी पड़ी।
मैंने अपनी बड़ी बहन के साथ उसकी सेटिंग करवा दी।

मेरी बड़ी बहन मुझसे सिर्फ 2 साल बड़ी है और उसका नाम कोमल है।
वो देखने में मुझसे ज्यादा गोरी है।

कोमल के साथ सेटिंग होने के बाद भी वैभव मुझे नहीं भूला।
वो मेरे साथ एक अच्छे दोस्त की तरह ही बात करता रहा।

दो से ढाई महीनों में वैभव और कोमल की सेटिंग काफी अच्छी हो गई थी।
वैभव रोज़ रात को मुझे अपनी और कोमल की सारी बातें बताया करता था।

वो दोनों जो भी चैट करते थे, वो सारी चैट मुझे भेजता था।
वो कोमल के साथ सेक्सी चैट भी करता था, वो भी मुझे भेज देता था।

कुछ ही महीनों की दोस्ती में वैभव और कोमल एक-दूसरे के बहुत करीब आ गए थे।

एक दिन वैभव ने मुझे बताया कि उसने आज मेरी बहन को चोद लिया।

उसने कहा कि वो बिल्कुल सील पैक थी और उसकी सील तोड़ने में उसे बहुत मज़ा आया।
उसके बाद से वो दोनों अक्सर सेक्स करने लगे थे।

मैंने कई बार वैभव को कोमल को चोदते हुए देखा, जिसे देखकर मेरा भी मन करने लगा।

कोमल और वैभव का रिश्ता तेज़ी से आगे बढ़ रहा था।
उसके बाद से वैभव मुझसे थोड़ा-थोड़ा दूर होने लगा था।

उसका दूर होना मुझे महसूस हो रहा था और मैं उसे मुझसे दूर नहीं होने देना चाहती थी।

एक बार मैं घर पर अकेली थी।
मेरे मम्मी-पापा और कोमल एक रिश्तेदार की शादी में शहर से बाहर गए थे।
मेरी कॉलेज की परीक्षा थी, इसलिए मैं घर पर ही रुक गई।

उस दिन शाम को मैं और वैभव चैट कर रहे थे।

बातों ही बातों में वैभव ने कहा कि तुम अपने मम्मी-पापा के साथ शादी में चली जाती।

फिर कोमल अकेली होती तो हम दोनों मौके का फायदा उठा रहे होते।

बातों ही बातों में मैंने उसे इशारा दे दिया कि मैं घर पर अकेली हूँ।
मैंने कहा कि तुम चाहो तो मेरे घर आ सकते हो।

वैभव मेरा इशारा पूरी तरह समझ गया।
उसने कहा, “ठीक है, रात को 10 बजे मैं तुमसे मिलने तुम्हारे घर आऊँगा।”

मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि वो सच में आएगा।
मैं रात को खाना खाकर घर का सारा काम निपटा कर टी-शर्ट और ट्राउज़र पहनकर पढ़ाई कर रही थी।

रात के 10 बजने ही वाले थे कि तभी दरवाज़े की घंटी बजी।
मैंने घड़ी देखी, अभी 10 होने में थोड़ी देर थी।

मैंने दरवाज़े के लॉक से झाँककर देखा तो बाहर वैभव खड़ा था।
मुझे यकीन नहीं हो रहा था और मैं अपने आप में कहीं खो गई।

वैभव ने बाहर खड़े-खड़े 2-3 बार और घंटी बजाई।

मैं होश में आई और जल्दी से दरवाज़ा खोलकर उसे अंदर ले लिया ताकि कोई पड़ोसी न देख ले।
घर के अंदर आकर वैभव सोफे पर बैठ गया।

मैंने उससे चाय-पानी के लिए पूछा।
उसने मना किया और कहा, “चाय-पानी नहीं, आज तो मुझे वो मिलने वाला है जिसका डेढ़ साल से इंतज़ार था।”

मैंने कहा, “ऐसा कुछ भी नहीं मिलेगा, मैं तो मज़ाक कर रही थी।”
वैभव ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे खींचकर अपनी गोद में बैठा लिया।

उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और कहा, “मैं भी तो यहाँ मज़ाक करने आया हूँ, आज हम दोनों मज़ा करेंगे।”

मैंने उसे धक्का दिया और उसकी गोद से खड़ी हो गई।
वैभव भी सोफे से उठा और मुझे पकड़ने के लिए मेरी तरफ बढ़ने लगा।
मैं घर में इधर-उधर भागने लगी और वो मेरे पीछे दौड़ने लगा।

वैभव ने मुझे पकड़ लिया और कहा, “अब भागकर कहाँ जाएगी?”
उसका पकड़ना मुझे अच्छा लग रहा था।
मैंने हँसते हुए कहा, “छोड़ो मुझे!”
उसने कहा, “नहीं, आज नहीं छोड़ना है।”

उसने मुझे पीछे से पकड़कर मेरे कानों के पीछे और गर्दन पर किस करना शुरू कर दिया।
उसकी साँसों की गर्मी मुझे अच्छी लगने लगी।
मैंने उसे किस करते हुए रोका नहीं।

उसका लंड खड़ा हो गया था और मेरी गांड के बीच में छूने लगा था।
वैभव ने मुझे कसकर पीछे से पकड़ रखा था।
किस करते हुए उसने मेरे दोनों बूब्स पकड़कर दबाने शुरू कर दिए।

जैसे ही उसने मेरे बूब्स पकड़े, मेरे बदन में बिजली का करंट दौड़ने लगा।
मैंने अपना मुँह उसकी तरफ घुमाया और उसने मेरे होंठों पर किस करना शुरू कर दिया।
कुछ मिनट बाद मैं पूरी तरह उसकी तरफ घूम गई।

वैभव ने मेरी कमर पकड़कर मुझे अपने करीब खींच लिया।
उसने अपने होंठों से मेरे होंठों को चूमना और चूसना शुरू कर दिया।
मैं भी उसके होंठों से होंठ मिलाकर उसे किस करने लगी।

किस करते हुए वैभव ने अपने हाथ मेरी गांड पर रख दिए।
मेरी गांड पर हाथ रखकर वो मेरे कूल्हों को पकड़कर दबाने और मसलने लगा।
वो अपनी उंगली से मेरी गांड के छेद को भी दबा रहा था।

8 से 10 मिनट तक वो मुझे किस करता रहा।
मेरी गांड को दबा-दबाकर मसलता रहा।
फिर उसने मेरी टी-शर्ट उतारने की कोशिश की।

मैंने उसे रोका और कहा, “यहाँ नहीं, चलो बेडरूम में चलते हैं।”
उसने मुझे अपनी गोद में उठा लिया।
मुझे बेडरूम की तरफ ले जाते हुए मैं उसके होंठों पर किस करने लगी।

मुझे बेडरूम में ले जाकर उसने बेड पर लेटा दिया।

वो मेरे पास आकर लेट गया और फिर से मुझे किस करना शुरू कर दिया।
मैं भी उसे किस करने लगी।

मुझे किस करते हुए वैभव ने अपने हाथ मेरी जाँघों पर घुमाने शुरू किए।
फिर उसने मेरी टी-शर्ट उतार दी।
उस समय मैंने ब्रा नहीं पहनी थी।

वैभव ने मेरा एक बूब्स अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगा।
फिर उसने अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों बूब्स पकड़ लिए।
बारी-बारी से एक-एक बूब्स को दबाते हुए चूसने लगा।

मैंने अपने दोनों हाथों से उसका सिर पकड़ रखा था।
उसके सिर को अपने बूब्स पर दबाने लगी।
वैभव ने मेरे बूब्स को दबा-दबाकर चूसे और मेरी चूत से पानी निकल गया।

मेरे बूब्स चूसने के बाद वैभव थोड़ा नीचे गया।
उसने मेरी नाभि को चूसना शुरू कर दिया।
मेरी नाभि चूसते हुए उसने मेरी कमर को थोड़ा ऊपर उठाया और मेरी ट्राउज़र को आधा उतार दिया।

फिर वो बेड पर अपने घुटनों पर बैठ गया।
उसने अपनी टी-शर्ट उतार दी।
मेरी टाँगें उठाकर उसने मेरी ट्राउज़र को खींचकर पूरी उतार दी।

मैं पैंटी में लेटी हुई थी।
वैभव ने मेरी जाँघों पर हाथ फिराया और मेरी चूत तक ले गया।
मैंने दोनों हाथों से तकिया दबोच लिया और अपनी आँखें कसकर मूँद लीं।

वैभव ने मेरी चूत को पैंटी के ऊपर से रगड़ा।
फिर उसने जल्दी से मेरी पैंटी भी उतार दी।
मैं उसके सामने पूरी नंगी होकर लेटी थी।

वैभव ने अपनी पैंट और चड्डी उतार दी।
वो भी पूरा नंगा होकर मेरे पास लेट गया।
मुझे अपनी बाहों में भरकर उसने फिर से किस करना शुरू कर दिया।

मुझे किस करते हुए वो अपना हाथ मेरे पूरे बदन पर फिरा रहा था।
मेरी कमर, बूब्स और कूल्हों को मसल रहा था।
उसने मेरा एक हाथ पकड़कर अपने लंड पर रखवाया और इशारे में मुठ मारने को कहा।

वो मेरी गांड को दबा रहा था।
मैं उसके लंड को पकड़कर उसकी मुठ मार रही थी।
फिर वो बेड पर सीधा लेट गया और मुझे बेड पर बैठा दिया।

मेरे एक हाथ में उसका लंड था।
उसने मेरे सिर के पीछे हाथ रखकर मेरे सिर को अपने लंड की तरफ किया।
वो मुझे अपना लंड चूसने का इशारा कर रहा था।

मैंने अपना मुँह उसके लंड के पास किया।
उसके लंड का टॉप अपने मुँह में ले लिया।
उसका लंड करीब 10 इंच लंबा और 2.5 इंच मोटा था।

मैं धीरे-धीरे उसके लंड को ऊपर से चूस रही थी।
कुछ देर बाद वैभव ने मेरे मुँह को अपने लंड पर दबाया।
ज़्यादा लंड मेरे मुँह में चला गया।

मैं पहली बार लंड मुँह में ले रही थी।
मुझे उल्टी जैसा लगने लगा।
मैंने उसका लंड मुँह से निकाल दिया और खाँसने लगी।

वैभव बेड पर बैठ गया और बोला, “कोई बात नहीं, पहली बार ऐसा होता है।”
उसने दो मिनट का ब्रेक लिया।
फिर उसने मुझे बेड पर लेटा दिया।

मेरे मुँह के पास अपना लंड लाकर उसने मेरे मुँह में डाल दिया।
उसका आधा लंड मेरे मुँह में था।
फिर उसने मेरे मुँह में अपना लंड आगे-पीछे करना शुरू कर दिया।

धीरे-धीरे उसका पूरा लंड मेरे मुँह में जाने लगा।
उसने 10 मिनट से ज़्यादा मुझे अपना लंड चुसवाया।
उसका लंड पूरा गीला और चिकना हो गया था।

मेरी साँसें एकदम फूल चुकी थीं।
मुझे अपना लंड चुसवाने के बाद वैभव मेरे दोनों पैरों के बीच में बैठ गया।
उसने मेरी जाँघों पर हाथ फिराते हुए मेरे पैर फैला दिए।

मेरी चूत को देखकर उसने उस पर अपना हाथ रगड़ा।
फिर अपने लंड को पकड़कर मेरी चूत पर रगड़ना शुरू किया।
मुझे पता था कि वो किसी भी पल अपना लंड मेरी चूत में डालेगा।

मेरी चूत फटेगी, ये भी मुझे पता था।
मुझे दर्द होगा, इसका डर लग रहा था।
लेकिन अब कुछ नहीं हो सकता था, मैंने अपनी आँखें मूँद लीं।

वैभव ने अपने दाहिने हाथ से अपना लंड पकड़ रखा था।
बाएँ हाथ से मेरे दाहिने पैर को घुटने के पीछे से पकड़कर ऊपर उठा रखा था।

मेरी चूत पर लंड रगड़ते हुए उसने अचानक एक जोर का झटका मारा।
उसका 2 से ढाई इंच लंड मेरी चूत को फाड़ता हुआ अंदर चला गया।

मेरी चूत फटते ही मुझे जबरदस्त दर्द होने लगा।
मैं बेड पर छटपटाने लगी।
मेरा दायाँ पैर ऊपर-नीचे होने लगा, जैसे साइकिल चला रही हूँ।
मैंने हाथों की मुठ्ठी बनाकर बेड पर पटकना शुरू कर दिया।

वैभव ने लंड डालकर थोड़ा ब्रेक लिया।

करीब आधे मिनट तक मैं झटपटाती रही।
धीरे-धीरे दर्द कम होने लगा और मैं शांत हुई।
मेरी आँखों से थोड़ा पानी निकल गया था और साँसें फूल गई थीं।

फिर उसने मेरे दूसरे पैर को भी पकड़ लिया।
दोनों पैर उठाकर मुझे कमर से ऊपर की ओर मोड़ दिया।
उसने अपने लंड को मेरी चूत में धीरे-धीरे अंदर डालना शुरू किया।

वैभव का लंड धीरे-धीरे मेरी चूत में जा रहा था।
मुझे थोड़ा-थोड़ा दर्द हो रहा था।
दर्द के साथ जलन भी थी, लेकिन वो मीठी लग रही थी।

वैभव का आधे से ज़्यादा लंड मेरी चूत में अंदर जा चुका था।
उसका लंड आगे से पतला और पीछे मोटा था।
पतला हिस्सा अंदर था और वो मुझे धीरे-धीरे चोद रहा था।

उसने मुझे काफी देर तक ऐसे ही चोदा।
फिर उसने अपने लंड को मेरी चूत से बाहर निकाल लिया।
उसका लंड थोड़ा ढीला हो गया था।

वो मेरे पास लेट गया।
फिर उसने मुझे सिक्स-नाइन की पोज़ीशन में लिया।
मैंने उसके लंड को मुँह में ले लिया।

उसका लंड काफी गर्म हो गया था।
मैं उसके लंड को चूसने लगी।
वो मेरी चूत पर मुँह रखकर उसे चूसने लगा।

कुछ देर बाद उसने मेरी चूत में जीभ डालकर चाटना शुरू किया।
मेरी चूत से पानी निकलने लगा।
फिर उसने अपनी दो उंगलियाँ मेरी चूत में डालकर हिलाना शुरू किया।

मेरी चूत से बहुत सारा पानी निकलने लगा।
उसका लंड फिर से खड़ा और कड़क हो गया।

वैभव ने मुझे सीधा लेटा दिया।
वो मेरे पैरों के बीच घुटनों पर बैठ गया।
हॉट वर्जिन गर्ल फर्स्ट Xxx के लिए तैयार थी.

मेरी कमर के नीचे एक तकिया रखा, फिर उसने मेरी चूत में अपना लंड पकड़कर अंदर डाल दिया।

इस बार पहले झटके में उसका आधा लंड अंदर चला गया।
उसने मेरी कमर को कसकर पकड़ा।
थोड़ा जोर से दबाते हुए अपने लंड को अंदर डालना शुरू किया।

उसके लंड का मोटा हिस्सा धीरे-धीरे मेरी चूत में जा रहा था।
वो हर सेकंड में 2-3 झटके मारकर मुझे चोद रहा था।
थोड़ी देर बाद उसने लंबे-लंबे झटके मारना शुरू किया।

उसका लंड मेरी चूत में फँसा हुआ था।
वो उसे थोड़ा बाहर निकालता, एक सेकंड रुकता।
फिर ज़ोर लगाकर मेरी चूत में धकेल देता।

उसके लंड का मोटा हिस्सा मेरी चूत में जगह बनाता हुआ अंदर जा रहा था।
जब वो ज़ोर से धक्का मारता, मेरा पूरा बदन ऊपर-नीचे होने लगता था।
मेरी कमर से कंधों तक सब हिल रहा था।

वैभव ने काफी देर तक मुझे ऐसे ही चोदा।
धीरे-धीरे उसका पूरा लंड मेरी चूत में घुस गया।
फिर उसने तेज़ी से मुझे चोदना शुरू कर दिया।

वो बहुत तेज़ी से मुझे चोद रहा था।
मेरे दोनों बूब्स ऊपर-नीचे, आगे-पीछे, दाएँ-बाएँ उछलने लगे।
मैंने एक हाथ उसके पेट पर रखकर इशारा किया कि धीरे करो।

लेकिन उसकी स्पीड और बढ़ गई, वो एक सेकंड में 3-4 लंबे झटके मारने लगा।
ऐसा लग रहा था जैसे कोई लोहे की रॉड से गड्ढा खोद रहा हो।

फिर उसका वीर्य छूटने वाला था।
उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला।
हाथ में पकड़कर 2-3 मुठ मारी और वीर्य की बरसात हो गई।

उसके वीर्य की बूँदें मेरे सिर से ऊपर तक उड़ गईं।
वीर्य के छींटे मेरे बालों, मुँह, बूब्स और पेट पर गिरे।
उसका वीर्य एकदम गर्म था।

उसने ढेर सारा वीर्य मेरी चूत के पास निकाला।
फिर मेरे पास आकर लेट गया।
उसने मुझे काफी देर तक चोदा और मेरा पूरा बदन हल्का कर दिया।

चुदने के बाद ऐसा लगा जैसे मेरे बदन में जान ही नहीं बची।
मैं थककर उसके बगल में लेटी रही।

हॉट वर्जिन गर्ल फर्स्ट Xxx कहानी कैसी लगी?
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हॉट वर्जिन गर्ल फर्स्ट Xxx कहानी का अगला भाग: पड़ोसी लड़के ने मुझे दोबारा चोदा

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