दोस्त की गर्लफ्रेंड को पटा कर चोदा
( Indian GF Chudai Story)
इंडियन GF चुदाई स्टोरी में मुझे अपने दोस्त की गर्लफ्रेंड बहुत अच्छी लगती थी. मैं उसे चोदना चाहता था. मैंने अपने दोस्त की दूसरी लड़की से सेक्स की बात रिकॉर्ड करके उस लड़की को भेज दी.
दोस्तो और मेरे पुराने अंतर्वासना के साथियो, मैं आपका आकाश आज फिर से आपके लिए अपने जीवन पर आधारित दूसरी सेक्स कहानी लेकर हाजिर हूँ.
ये मेरे जीवन की एकदम सच्ची सेक्स कहानी है.
पहले मैं एक बार फिर से अपने बारे में बता देता हूँ.
मैं 5 फीट 5 इंच का एक सामान्य लड़का हूँ.
मैं जिम वगैरह नहीं जाता तो मैं ये नहीं कहूँगा कि मेरे सिक्स पैक या वैसा कुछ है.
लेकिन मेरे लंड में इतनी ताकत और मोटाई जरूर है कि अच्छे से अच्छी रंडी भी पानी माँग लेगी.
मेरी यह इंडियन GF चुदाई स्टोरी आज से लगभग दस साल पहले की है.
उस समय मेरी उम्र 20 थी और मैं अपने कॉलेज के आखिरी साल में था.
उस वक्त मेरा ताजा-ताजा अपनी गर्लफ्रेंड से ब्रेकअप हुआ था और मैं नई चूत की तलाश में था.
मेरे एक दोस्त की सैटिंग थी, जिसका नाम अमिता था.
कसम से वह लड़की एक शोला थी. उसके होंठ बहुत ही नर्म थे.
मेरी उससे खूब बातें हुआ करती थीं.
लेकिन मेरा दोस्त बहुत कमीना था.
उसकी और भी लड़कियों से सैटिंग थी, जिनके साथ वह घूमा करता था.
हालांकि ये बात मुझे बाद में पता चली कि वह किसी के साथ कुछ नहीं पा सका.
एक दिन कॉलेज की कैंटीन में मैं और अमिता बैठे बातें कर रहे थे.
तभी अमिता ने मुझसे पूछा- आज तुम्हारा दोस्त क्यों नहीं आया?
तभी मेरे दिमाग में एक प्लान आया कि क्यों न आज इस बात का फायदा उठाया जाए.
मैंने अपने चेहरे को उदास दिखाते हुए अमिता से कहा- यार मैं क्या बताऊं! मेरी गर्लफ्रेंड मुझे छोड़कर चली गई है और एक तुम हो जो उस धोखेबाज लड़के को भी इतना चाहती हो!
अमिता भड़कती हुई बोली- ये तुम क्या बकवास कर रहे हो!
मैंने कहा- अगर तुम्हें विश्वास न हो, तो मैं तुम्हें प्रूफ दे सकता हूँ! लेकिन अगर उसकी जगह मैं होता, तो तुम्हें इतना प्यार करता, इतना प्यार करता कि क्या बताऊं!
अमिता थोड़ा गुस्सा और थोड़ा प्यार जताती हुई चली गई.
मुझे लगा कि अब मेरा काम हो जाएगा.
शाम को मैंने अपने दोस्त को कॉल किया और अपने फोन में रिकॉर्डिंग कर ली.
मैंने उससे पूछा- और भाई, कैसी चल रही है तेरी सैटिंग?
मेरे दोस्त को ढींगें हांकने का बहुत शौक था.
उसने वही करते हुए कहा- आज तो तेरे भाई ने उस दूसरी वाली के साथ होटल में मजा किया!
मैंने उसे और उकसाते हुए पूछा- भाई और क्या हुआ?
वह इठलाते हुए बोला- तेरे भाई ने आज 4 राउंड मारे!
मैंने उससे और बात करते हुए फोन काट दिया.
अब मेरा प्लान लगभग तैयार हो गया था.
मैंने फिर अमिता को मैसेज किया और हैलो बोला.
अमिता- हैलो आकाश, कैसे याद किया?
मैं- यार मुझे तेरी उस वक्त की वे आंखें याद आ रही थीं, जब तुम मुझसे बात कर रही थीं. मतलब अगर मेरी गर्लफ्रेंड न होती, तो मैं तुझे प्रपोज करता और इतना प्यार करता कि क्या बताऊं!
अमिता- अच्छा!
मैं- यार तुम मुझे पहले क्यों नहीं मिली! खैर … अब तो मेरी गर्लफ्रेंड ने मुझे धोखा दे दिया है. लेकिन अगर तुम मुझे पहले मिली होती तो …
आधी बात कह कर मैं चुप हो गया.
अमिता- तो … तो क्या करते?
मैं- यार मैं ना … तुम्हें बहुत प्यार करता! कभी तुम्हें धोखा नहीं देता, कभी चीट नहीं करता. मैं तुम्हें हमेशा खुश रखता. जितने साल हम साथ रहते, मैं तुम्हें कभी दुख न देखने देता. जब भी मिलता, तुम्हारी आंखों में आंखें डालकर … तुम्हारे उन नर्म-नर्म होंठों पर किस करता.
मैं बोल ही रहा था कि तभी अमिता की आवाज आई- अरे बस-बस यार … मतलब … तुम तो बिना मतलब के चीरहरण ही करने लगे!
मैं- नहीं यार, मैं तो बस अपनी फीलिंग्स तुम्हें बता रहा था!
अमिता- और तुम्हारा दोस्त कहां है?
मैं- यार … उसकी तो तुम बात ही न करो!
अमिता- क्यों?
मैं- यार वह तुम्हें चीट करता है और मुझे वह बिल्कुल पसंद नहीं है. मैं तो एक बार में एक ही लड़की के साथ रहना पसंद करता हूँ. क्यों किसी को धोखा देना!
अमिता- तुम्हें कोई गलतफहमी हुई है. वह बहुत अच्छा लड़का है. मेरी अभी उससे बात हुई थी.
मैं- मेरी भी अभी उससे बात हुई थी … सुनाऊं तुम्हें?
अमिता- हां, सुनाओ!
मैं- नहीं रहने दो. वरना लोग कहेंगे मैंने तुम्हें भड़काया है.
अमिता- सुनाओ न यार … मैं तुम्हें जानती हूँ. तुम मेरे फ्रेंड हो, मेरा भला ही सोचोगे!
मैं- नहीं.
अमिता- प्लीज!
मैंने देर न करते हुए उसे इंडियन GF चुदाई की बात की रिकॉर्डिंग भेज दी और शांति से इंतजार करने लगा.
जब काफी देर तक कोई जवाब नहीं आया, तो मैंने मैसेज किया- प्लीज, उसे इसके बारे में कुछ मत बताना!
अमिता का कोई जवाब नहीं आया.
मैंने कई मैसेज किए और आखिर में कई बार सॉरी के मैसेज भी भेजे.
साथ में कुछ बूट्स और इमोजी भी, जिनमें से कुछ किस वाली और कुछ हार्ट वाली थीं.
अगले दिन मैं कॉलेज गया.
मेरा दोस्त तो आया था लेकिन अमिता नहीं आई.
जब मैंने अपने दोस्त से उसके बारे में पूछा, तो वह बोला- हां यार, वह मेरा फोन भी नहीं उठा रही है. बस मेसेज में बोल रही थी कि आज से हमारा ब्रेकअप!
मैं अन्दर से बहुत खुश हुआ.
फिर भी दोस्त के सामने ये सब जाहिर न करते हुए उससे कहा- अरे … ऐसे कैसे ब्रेकअप!
मेरा दोस्त बोला- यार वह बहुत गुस्से में थी! पता नहीं उसे मेरे बारे में किसने क्या-क्या बता दिया. अब वह मेरी एक बात भी नहीं सुनेगी … मैंने पूरी रात उसे मनाने की कोशिश की, लेकिन सब खत्म हो गया.
मैंने कहा- मिलकर बात करो.
उसने बताया कि आज सुबह वह अमिता से मिला था. अमिता के घर कोई नहीं था, उसने उसे बुलाया था और सारे गिफ्ट्स वापस कर दिए.
मैंने हैरानी जताई- अरे!
“हां यार उसने गुस्से में यह भी कहा कि दुबारा अपनी शक्ल मत दिखाना. बताओ कितना अच्छा दिन था, उसका पूरा घर खाली था. वह अकेली थी और मेरा सब कुछ खत्म!”
ये सब सुनकर मेरा दिल जोरों से धड़कने लगा.
मैंने थोड़ी देर उसके साथ कैंटीन में बिताई, फिर बहाना बनाकर वहां से निकल गया.
कॉलेज से बाहर निकल कर मैंने अमिता को कॉल किया.
उसने फोन उठाया और बोली- हैलो!
मैं- हैलो अमिता! सुनो … फोन मत काटना! मुझे तुम्हारे ब्रेकअप के बारे में पता है. सॉरी … और सुनो …
अमिता- कोई बात नहीं … अच्छा हुआ! मुझे हकीकत जल्दी पता चल गई. हां, तुम बोलो!
मैं- क्या हम मिल सकते हैं?
अमिता- यार मेरे घर में कोई नहीं है, मैं बाहर नहीं निकल सकती.
मैं- कोई बात नहीं, मैं घर आ जाता हूँ! मुझे तुम अपने हाथों की चाय भी पिला देना!
अमिता- आ जा फिर? जब तक मैं चाय बनाती हूँ.
मैं- मैं आता हूँ तभी बनाना, अभी नहीं!
अमिता- ओके आ जाओ!
मैं अमिता के घर पहुंचा.
वह मेरा ही इंतज़ार कर रही थी.
जैसे ही मैंने बाइक खड़ी की, उसने तुरंत गेट खोला. मैं अन्दर गया, उसने झट से गेट बंद किया और बोली- जल्दी अन्दर चलो … कोई देख लेगा तो न जाने क्या सोचेगा!
मैं अन्दर चला गया.
हम बैठे और बातें करने लगे.
अमिता उठी और बोली- मैं चाय बना कर लाती हूँ!
मैंने कहा- रुको!
मैंने उसके जाते हुए, पीछे से उसका हाथ पकड़ लिया.
मैं सोफे से उठा और उसके पीछे खड़ा हो गया.
जब वह आगे बढ़ी, मैंने उसे पीछे खींचा, जिससे उसका मुँह मेरी तरफ हो गया.
मैं और आगे बढ़ा, वह पीछे हटती गई और आखिरकार दीवार के पास पहुंच गई.
मैं थोड़ा झुका, उसके चेहरे के करीब आया और बोला- तुम्हारी ये आंखें … उफ्फ! ये मुझे बिल्कुल न/शे में कर देती हैं. इन्हें देखकर मुझे और कुछ पीने की इच्छा ही नहीं होती.
ये कहते हुए मैंने अपने एक हाथ के अंगूठे को अमिता के होंठों पर फेरा.
फिर उसे अपने होंठों पर लगाकर चूम लिया और उसके और करीब आ गया.
अमिता की सांसें तेज हो रही थीं.
पूरे कमरे में मुझे बस उसकी सांसों की आवाज़ सुनाई दे रही थी.
उसकी धड़कन बहुत तेज़ थी.
उसकी सांसों के तेज़ होने से उसके दूध बार-बार ऊपर-नीचे हो रहे थे और ये देखकर मुझसे बिल्कुल कंट्रोल नहीं हो रहा था.
तभी अमिता ने अपना हाथ ऊपर उठाया मेरी छाती पर रखा और मुझे थोड़ा दूर करने लगी.
मैंने अपने हाथ को उसके हाथ में लिया, उसकी उंगलियों को अपनी उंगलियों के बीच फंसाया और उसके होंठों पर अपने हाथ रख दिए.
उफ्फ …
न मैं उसे किस कर रहा था, न वह मुझे. हमारे होंठ बस एक-दूसरे से चिपके थे.
फिर मैंने अमिता को स्मूच करना शुरू किया.
पहले तो उसे थोड़ा संकोच हुआ लेकिन फिर वह भी मेरा साथ देने लगी.
अब हम दोनों एक-दूसरे को पूरी तन्मयता से किस कर रहे थे.
हमारी ज़ुबान एक-दूसरे के गले तक पहुंच रही थी.
मैंने अमिता के हाथ छोड़ दिए, एक हाथ से उसके दूध दबाने लगा और दूसरे हाथ से उसकी गांड को.
अब अमिता के दोनों हाथों ने मेरी गर्दन को जकड़ लिया था.
मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी गांड को दबाना शुरू किया और थोड़ा जोर देकर उसे अपने हाथों में उठा लिया.
हमारी किस अभी भी चल रही थी.
तभी दरवाजे पर डोरबेल बजी.
हम दोनों तुरंत अलग हो गए.
हमारी सांसें चढ़ी हुई थीं.
अमिता ने अपने कपड़े ठीक किए.
मैंने भी अपने लंड को ठीक किया जो अब विकराल हो चुका था.
मैं सोफे पर बैठकर पानी पीने लगा.
अमिता बाहर गई और अपनी मम्मी और नानी को लेकर अन्दर आ गई.
मैंने आंटी को नमस्ते किया और अमिता से कहा- मुझे अपने नोट्स दे दो, मैं कल वापस कर दूँगा!
ऐसा बहाना बनाकर मैं वहां से बाहर निकल आया.
उसी रात हमारी बहुत सारी बातें हुईं.
हम दोनों ने माना कि ये सब हमारे ताज़ा ब्रेकअप की वजह से हुआ.
हमने तय किया कि आगे से हम सिर्फ़ दोस्त की तरह रहेंगे और ये सब भूल जाएंगे.
उसके बाद हमारी रोज़ाना ढेर सारी बातें होती थीं.
लेकिन हम दोनों ने कभी प्रपोज़ नहीं किया.
एक दिन अमिता के मम्मी-पापा को अचानक शहर से बाहर जाना पड़ा.
उस दिन अमिता कॉलेज नहीं आई थी.
मैंने उसे फोन किया और पूछा- घर आऊं, चाय पिलाओगी?
अमिता ने हंसते हुए जवाब दिया- अगर सिर्फ चाय पीनी है, तो आ जाओ!
मैं तुरंत कॉलेज की पार्किंग से उसके घर पहुंच गया.
अन्दर गया तो देखा, टेबल पर पहले से ही चाय रखी थी.
मैंने हंसकर कहा- आज चाय पहले ही बना ली!
अमिता ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया- जब तुम आते हो, तो चाय बनाने का मौका कहां देते हो!
आज अमिता के बोलने के तरीके में कुछ अलग-सा लग रहा था.
मैंने मौके का फायदा उठाया और उसके करीब जाकर उसे पकड़ लिया.
मैंने कहा- जो उस दिन अधूरा रह गया था, क्या उसे आज पूरा किया जा सकता है मैडम?
इतना कहते हुए मैंने अमिता को अपनी बाहों में जकड़ लिया और उसे चूमने लगा.
आज अमिता ने जरा भी विरोध नहीं किया.
मैं इसका फायदा उठाते हुए उसे चूमते-चूमते बेडरूम में ले गया और बेड पर लिटा दिया.
मैंने उसका टॉप उतार दिया और जब उसके होंठों से हाथ हटाया, तो उसके सिर में फंसा टॉप भी पूरी तरह उतार कर फेंक दिया.
कसम से अमिता काले रंग की ब्रा में बहुत खूबसूरत लग रही थी!
मुझे देखते ही न जाने क्या हुआ, मैं उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही चूसने लगा.
अमिता की सांसें तेज हो गईं और वह मेरे सिर के बालों में अपनी उंगलियां फेरने लगी.
मैंने ऊपर से बूब्स चूसते हुए उसकी ब्रा उतार दी और उसे भी दूर फेंक दिया.
फिर मैंने एक बूब को चूसना शुरू किया और दूसरे को अपनी उंगली से सहलाने लगा.
इससे अमिता के निप्पल्स बिल्कुल टाइट हो गए.
वह बड़बड़ाने लगी- आकाश … ये क्या कर दिया यार … अब बर्दाश्त नहीं हो रहा! कुछ करो आकाश आह कुछ करो! अब सहन नहीं हो रहा यार!
मैं चूमते हुए नीचे की ओर बढ़ा और उसकी नाभि तक पहुंच गया.
मैंने उसकी नाभि को चूमना शुरू किया.
अमिता अब मछली की तरह तड़प रही थी और बार-बार अपनी कमर उठा रही थी.
मैंने मौके का फायदा उठाते हुए उसकी कैप्री और पैंटी एक साथ उतार दी.
जैसे ही अमिता ने कैप्री उतारने के लिए एक पैर उठाया, मैंने उसकी कैप्री और पैंटी पूरी तरह उतार दी.
मैंने उसे पैर नीचे करने का मौका नहीं दिया और उसकी गीली चूत को जीभ से चाटने लगा.
लगभग पांच मिनट बाद ही अमिता पूरी तरह निढाल हो गई और झड़ गई.
मेरा मुँह उसके पानी से भर गया, जिसे मैंने चाटकर साफ कर दिया.
थोड़ी देर हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे. फिर मैं अमिता के बगल में लेट गया.
थोड़ी देर बाद जब अमिता को होश आया, वह मुझे चूमने लगी.
धीरे-धीरे उसने मेरे कपड़े उतारने शुरू किए और मैं उसका साथ दे रहा था.
देखते ही देखते उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया.
फिर उसने मेरे 6 इंच लंबे और 2 इंच गोलाई वाले लंड को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
उसे लंड चूसना बखूबी आता था.
लगभग दस मिनट बाद मैं उसके मुँह में झड़ गया और उसने सारा पानी चाटकर साफ कर दिया.
अब मैं फिर से उसे चूमने लगा.
जब वह थोड़ी देर में गर्म हो गई, तो मैंने उसकी दोनों टांगें उठाईं और अपने लंड को उसकी चूत पर सैट कर दिया.
थोड़ा दबाव डाला तो अमिता की आंखों में हल्के आंसू आ गए और मेरा लंड कहीं फंस गया.
मैंने उसे ऊपर किया और खुद नीचे लेट गया.
मैंने कहा- धीरे-धीरे अपने हिसाब से अन्दर डालो, ताकि तुम्हें दर्द न हो!
थोड़ी देर में जब अमिता ने हल्का-हल्का अन्दर डाला तो मैंने उसकी कमर पकड़ी और नीचे से जोर का झटका मारा.
मेरा पूरा लंड अन्दर चला गया.
अमिता ऊपर की ओर भागने को हुई लेकिन मैंने उसे कसकर पकड़ लिया और उसकी आंखों व चेहरे पर चूमने लगा.
मैं लंड डाले-डाले बैठ गया और बैठे-बैठे उसे चोदने लगा.
थोड़ी देर में अमिता का दर्द गायब हो गया और उसे मजा आने लगा.
वह भी तेजी से उछलने लगी.
दोस्तो, जिन्होंने कभी बैठे-बैठे चुदाई की होगी … वे समझ सकते हैं कि इसमें कितना मजा आता है और कितनी देर चलता है.
लगभग सात मिनट की चुदाई के बाद मैंने अमिता को नीचे लिटाया और फिर चुदाई शुरू की.
हम दोनों लगभग बीस मिनट बाद एक साथ झड़े.
उस दिन मैंने अमिता को कई तरह से चोदा, घोड़ी भी बनाया.
चुदाई के बाद हम दोनों एक कपल की तरह रहने लगे.
आपको मेरी ये इंडियन GF चुदाई स्टोरी कैसी लगी … प्लीज अपने विचार मुझे मेरी ईमेल पर जरूर भेजें.
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