ललितपुर वाली गुड़िया के मुंहासे-2

(Lalitpur Wali Gudiya Ke Munhase-Part 2)

This story is part of a series:

मेरी बात का अर्थ समझ के स्नेहा जैन के चेहरे पर शर्म हया की लालिमा छा गई और उसने सर झुका लिया. वह कुछ देर तक सर झुकाए सोचती रही.
फिर…
‘अंकल जी, इसका मतलब मेरे मुहाँसे भी शादी के बाद ही जायेंगे? पर मेरी उमर तो अभी बहुत छोटी है मेरी शादी तो कई सालों बाद होगी!’ वो चिंतित स्वर में बोली.
‘अब जो है सो है जो सच है वो मैंने तुम्हें बता दिया!’ मैंने कहा.
‘तो अंकल जी शादी की सिवाय और कोई उपाय नहीं है?’ उसने बेचैनी से पूछा.
‘स्नेहा, मैंने यह नहीं कहा कि शादी ही एकमात्र उपाय है. मेरा कहने का मतलब समझने की कोशिश करो.’ मैंने उसे समझाते हुए कहा.
‘अंकल जी, ठीक से कहो न साफ़ साफ़ कि और क्या उपाय है?’ वो बोली.

‘स्नेहा, इस विषय को कैसे समझाऊं मैं समझ नहीं पा रहा. अब तुम छोटी बच्ची नहीं रही, मेरी बात का मतलब तुम भी समझती होगी.’ मैंने कहा.
‘हाँ अंकल जी, आपके कहने का अर्थ मुझे कुछ कुछ समझ आ रहा है लेकिन मुहाँसे चले जाने का कारण समझ नहीं आ रहा. आप अच्छे से समझा कर कहिये न?’ वो सर झुकाये हुए बोली.
‘ठीक है, बताता हूँ, लेकिन वादा करो कि मेरी किसी बात का बुरा नहीं मानोगी और जो बातें हमारे बीच होंगी उनके बारे में तुम कभी भी किसी को नहीं बताओगी?’ मैंने थोड़ा जोर देकर कहा.
‘ओके अंकल जी, आप सब कुछ खुल के कहिये, मैं प्रोमिस करती हूँ कि इस बारे में कभी भी किसी से कुछ नहीं कहूँगी.’ वो बोली.

‘फिर ठीक है, देखो स्नेहा, मेरे कहने का मतलब है कि शादी के बाद पति पत्नी प्राकृतिक रूप से मिलते हैं और सेक्स क्रिया करते हैं तो शरीर के जो अंग शिथिल पड़े रहते हैं पति-पत्नी के शारीरिक मिलन से उनमें रक्त रस का संचार ठीक ढंग से होने लगता है, स्त्री पुरुष की कामेन्द्रियों के परस्पर घर्षण से शरीर में आनन्द की हिलोरें उठतीं हैं और काम रस का विसर्जन या स्खलन होता है जिससे चरमानन्द की प्राप्ति होती है. शरीर में स्फूर्ति और उमंग भर जाती है. सांसों के उतार चढ़ाव के साथ साथ पूरे बदन का रक्त संचार तीव्रतम होकर सामान्य होने लगता है. पसीना निकल जाता है. इससे शरीर के हारमोन्स ठीक से काम करने लगते हैं. और कई मानसिक और शारीरिक बीमारियाँ स्वतः ही ठीक हो जाती हैं.’ मैंने उसे समझाया.

‘थैंक्यू अंकल जी, यह उपाय मेरे लिए नहीं हैं. बने रहने दो मुहाँसे… कौन से मेरे अकेले के हैं. सभी के होते हैं. जब इन्हें जाना होगा चले जायेंगे अपने आप ही. अब मैं जाती हूँ. मम्मी इन्तजार करती होंगी.’ वो बोली और जाने के लिए खड़ी हो गई.

चिड़िया हाथ से निकलते देख मैंने एक बार और कोशिश की. आखिर मोहल्ले की जिस कन्या पर आप हाथ फेरना चाहते हैं या हाथ साफ़ करना चाहते हैं उससे इतनी नजदीकी, इतने अपनेपन से बात करने का मौका बार बार तो नहीं मिलता न… हज़ारों बार दूर दूर से उसकी उफनती जवानी पर नज़रें गड़ा कर आँखे सेंकने के बाद यह मौका हासिल होता है.
‘अरे दो मिनट और बैठ ना. ये क्या बात हुई… अभी मेरी बात पूरी नहीं हुई और तुम जा रही हो?’
‘अंकल जी, मेरी कोचिंग जाने का टाइम हो गया, मुझे जाना है अब. और हाँ आपको थैंक्स वो सब बताने के लिए. मैं वो सेक्स क्रिया वाले उपाय नहीं कर सकूँगी!’ वो बोली.

‘पगली है तू एकदम से… अरे स्नेहा बिटिया मैं कौन सा सेक्स क्रिया करने की बात कर रहा हूँ, अभी जो मैंने कहा उसके अलावा और भी तो उपाय हैं न… एक तरह की प्रोब्लम का इलाज करने के कई एक तरीके होते हैं.’ मैंने उसे फिर से समझाया.

‘ठीक है अंकल जी, अब जो भी कहना हो लास्ट टाइम बोल दो जल्दी. मेरा कोचिंग का टाइम हो गया, सर जी डांटेंगे अगर लेट हो गई तो!’ वो जल्दी से बोली.
‘ठीक है स्नेहा बिटिया, पहले मुझसे एक बार और प्रॉमिस करो कि जो मैं बताऊंगा वो बातें कभी भी किसी से भी नहीं ओपन करोगी?’
‘ओफ्फो, अंकल जी आप भी ना… अरे वो प्रॉमिस तो मैं पहले ही कर चुकी हूँ. बाई गॉड फिर से रिपीट करती हूँ कि इन बातों को कभी भी किसी से नहीं कहूँगी… ओके?’

‘ओके ओके. अच्छा सुन. एक उपाय और भी है लेकिन वो मैं कह नहीं सकता. दिखा सकता हूँ. अगर तुझे देखना हो तो एक वीडियो है मेरे फोन में, कहो तो ट्रान्सफर कर दूं तेरे फोन में?’
‘ठीक है भेज दीजिये!’ वो जल्दी से बोली.
‘तुम अपना ब्लू टूथ ऑन करो, मैं सेंड करता हूँ!’ मैंने कहा और अपने फोन का ब्लू टूथ ओपन कर दिया.
‘ये लो अंकल जी, मेरा ब्लू टूथ भी ओपन है.’ वो बोली.

मेरा फोन उसके फोन से कनेक्ट हो गया था उसके ब्लू टूथ का नाम था ‘हिरनी’ मैंने झट से एक पोर्न विडियो उसे भेज दिया. उसने भी मेरी फाइल को एक्सेप्ट किया और वो पोर्न क्लिप उसके फोन में चली गई.

‘थैंक्स अंकल जी. घर जा के बाद में देखूंगी कोचिंग के बाद!’ वो बोली.
‘ओके देख लेना… और हाँ तेरा फोन नंबर तो बोल एक बार?’ मैंने कहा.
उसने अपना नंबर बताया जिसे मैंने मिस्ड काल देकर सेव कर लिया.

मैंने जो छोटी सी पोर्न क्लिप स्नेहा के मोबाइल में ट्रान्सफर की थी उसमें एक कमसिन सी भारतीय लड़की अपने दादा जी की उम्र के आदमी के साथ बिस्तर पर बैठी थी. लड़की का चेहरा, पहनावा मध्य वर्गीय उत्तर भारतीय लड़की की तरह था.

पोर्न क्लिप शुरू होते ही वो बुजुर्ग आदमी लड़की को सहलाना चूमना शुरू करता है और वो लड़की शरमाती हुई आदमी के हाथों को दूर हटाती है बार बार.
लेकिन वो आदमी नहीं मानता और उसे छेड़ता रहता है. उसकी कुर्ती में हाथ घुसा के उसकी चूचियाँ मसलता है और उसकी सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत सहलाता है. फिर वो आदमी उस किशोरी के कपड़े उतारना शुरू करता है, लड़की विरोध करती है लेकिन उसके बदन से एक एक कपड़ा उतरता जाता है, पहले दुपट्टा फिर कुर्ती फिर शमीज फिर उसकी ब्रा और उसके समोसे जैसे छोटे छोटे मम्मे नंगे हो जाते हैं. लड़की दोनों हाथों से अपने मम्मे छुपाने की चेष्टा करती है लेकिन वो उसे रोक नहीं पाती और वो आदमी उसकी चूचियाँ चूसने लगता है.

कुछ ही देर बाद उसकी सलवार का नाड़ा खुलता है और सलवार उतर जाती है. नीचे उसने सफ़ेद रंग की चड्डी पहनी हुई है. वो आदमी चड्डी भी उतारता है, लड़की विरोध करती है, अपने पैर सिकोड़ के भींच लेती है लेकिन वो आदमी ताकत से उसकी चड्डी भी उतार कर फेंक देता है और उसके पैर खोल कर उसकी चूत पर मुंह लगा देता है.

अगले शॉट में वो किशोरी बिल्कुल नंगी होकर अपने घुटने मोड़ कर जांघों को पूरी तरह फैला के अपनी चूत अपने ही हाथों ओपन किये हुए लेटी थी और वो आदमी उसकी अर्धविकसित चूचियों को चुटकियों में मसलता हुआ उसकी खुली हुई चूत में जीभ घुसा कर चाट रहा था और लड़की पूरी तरह से उत्तेजित हो कर कामुक आवाजें निकाल रही थी.

फिर लड़की की चूत का क्लोजअप दिखता है और वो आदमी उस किशोरी का भगान्कुर अपने दांतों से धीरे धीरे कुतरने लगता है और चूत के उस हिस्से को होठों में दबा के चूसने लगता है. ऐसे करते ही मानो लड़की के बदन में भूचाल आ जाता है और वो अपने दांत भींच कर बिस्तर की चादर अपनी मुट्ठियों में जकड़ के अपनी चूत उठा उठा के हवा में उछालने लगती है और बेहद कामुक किलकारियाँ निकालने लगती है.

इस क्लिप में उस किशोरी की चूत के कितने ही क्लोज अप शॉट्स थे. उसकी चूत पर हल्की हल्की काली काली रेशमी झांटें थीं. उसकी चूत का वो नन्हा सा छेद जिसमें लंड घुसता है और वो छोटी सी भगनासा जिसे वो आदमी किसी कुत्ते की तरह लप लप करके चाट रहा था.

अब आप लोग अंदाजा लगा सकते हो कि यह कितनी उत्तेजक क्लिप थी और इसे देखने के बाद स्नेहा की क्या हालत होगी, उसकी चूत से रस की नदिया बहना तो तय था. और उसे हस्तमैथुन तो करना ही पड़ेगा, ये भी पक्का था. हाँ, इस क्लिप में चुदाई नहीं थी सिर्फ उसकी चूत चटाई थी.
और हाँ, इस पोर्न क्लिप के अंत में वो कमसिन किशोरी की चूत बुरी तरह झरने की तरह झड़ती है और उसकी चूत से रस की पिचकारियाँ किसी फव्वारे की तरह निकलने लगतीं हैं. इसके बाद वो पलट के लेट जाती है और वो आदमी भी उस पर छा जाता है और नीचे हाथ घुसा कर उसकी चूचियाँ दबोच लेटा है और उसके गोल गोल मुलायम गोरे गुलाबी नितम्ब चूमने लगता है.

बस यहीं पर वो क्लिप खत्म हो जाती है.

तो दोस्तो, उस दिन शादी की पार्टी से स्नेहा के जाने के बाद मेरी थोड़ी थोड़ी फट भी रही थी कि अगर स्नेहा ने मेरी शिकायत कर दी और उसने वो क्लिप अपने घर पर या मेरे घर आकर मेरी वाइफ को दिखा दी तो…
उस बात की कल्पना करके ही मुझे पसीने आने लगे थे. हालांकि इस तरह की उम्मीद कम ही थी क्योंकि मैंने स्नेहा से प्रॉमिस करवा लिया था कि वो इन बातों का जिक्र किसी से नहीं करेगी लेकिन दिमाग में संशय तो चल ही रहा था.

अब जो भी हो…

घर जाकर उस रात मैंने अपनी बीवी को स्नेहा समझ के दो बार बेरहमी से चोदा. अपनी कल्पना में स्नेहा को बसा कर उसकी चूचियाँ पकड़ कर उसकी चूत में आड़े तिरछे सीधे गहरे उथले जबरदस्त शॉट्स लगाए और लंड से उसकी चूत में चक्की भी चलाई.
इस दौरान मेरी बीवी न जाने कितनी बार झड़ी, उस रात और मुझसे लिपट लिपट के मुझे चूम चूम के उसने अपना आभार जताया.
अब वो बेचारी भोली भाली क्या जाने कि मेरे मन में क्या क्या चल रहा था और मैं अपनी फंतासी में किसे चोद रहा था.

अगले दिन से अब मुझे स्नेहा की प्रतिक्रिया का इंतज़ार था. उसकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई.

दिन पर दिन बीतते चले गये वो मुझे दिखी भी नहीं… हालांकि मेरे पास उसका फोन नंबर था लेकिन मैंने उसे फोन करना ठीक नहीं समझा क्योंकि हो सकता था कि वो मुझसे बहुत नाराज़ रही हो! पता नहीं बात करे या ना करे?

इसी तरह करीब पन्द्रह बीस दिन निकल गये. अब मुझे भी टेंशन होने लगी थी उसके बारे में सोच कर… मैं उसे देखने और उसका रिएक्शन जानने को एक तरह से तड़प रहा था.

मुझसे रहा नहीं गया तो एक दिन मैं उसके कोचिंग जाने के टाइम पर उसके घर के पास रास्ते में एक मोड़ पर खड़ा हो गया. वो अपने समय पर निकली और जैसे ही उसने मुझे देखा उसके चेहरे पर घबराहट के चिन्ह उभरे और उसने झट से अपना सिर झुका लिया और स्पीड से साइकिल चलाती हुई निकल गई. ऐसे मैं तीन चार बार उसके रास्ते में खड़ा हुआ और हर बार वो इसी तरह देख कर भी अनदेखा करके निकल जाती.

मुझे लगने लगा कि उसे वो विडियो क्लिप अच्छी नहीं लगी तभी वो मुझे इग्नोर कर रही है और अब इस तरह उसके सामने आने से कोई फायदा नहीं और उसे भूल जाना ही बेहतर है. अतः मैंने उसका फोन नम्बर डिलीट कर दिया उन सब बातों से अपना ध्यान हटा लिया और मेरी ज़िन्दगी पहले की तरह चलने लगी.

कहानी जारी रहेगी.
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