भाई के दोस्तों ने रात भर चोदा

(Lund Crazy Babe Sex Kahani)

लंड क्रेजी बेब सेक्स कहानी में एक रात मैं घर में अकेली थी. मेरी चूत लंड मांग रही थी पर मैं अन्तर्वासना कहानी पढ़ कर काम चला रही थी. तभी मेरे भाई के दोस्त आ गए.

नमस्ते दोस्तो, मैं आपकी अपनी रश्मि दीदी … मैं बिहार की रहने वाली हूँ.

लंड क्रेजी बेब सेक्स कहानी में मैं आगे बढ़ने से पहले आपको अपने बारे में बता दूँ कि मैं एक 20 साल की खूबसूरत लड़की हूँ, जिसे देखकर कोई भी लड़का मुझे चोदे बिना नहीं रह सकता.

वैसे मैं हूँ भी चुदक्कड़ किस्म की लड़की.

मेरा साइज़ 32-28-34 का है.

ये कहानी 15 दिन पहले की है जब मैं शाम को अपने घर पर थी.
हमारा घर ज्यादा बड़ा नहीं है इसलिए आंगन खुला हुआ है.

शाम को जब मैं पेशाब करने के लिए आंगन में बैठी थी, तभी मेरे भाई का दोस्त आ गया और मुझे पेशाब करते देख लिया.

मैं जल्दी से खड़ी हुई तो मेरी सलवार नीचे गिर गई.
उसने मेरी पैंटी के दर्शन कर लिए.
मेरे देखने के बाद उसने तुरंत अपना मुँह घुमा लिया.

मैंने जल्दी से सलवार उठाई और भागकर कमरे में चली गई.
थोड़ी देर बाद जब मैं बाहर आई, तो उसने मेरे भाई का नाम लेते हुए मुझसे पूछा- राजेश कहां है?

मैंने बताया- वह मार्केट गया है.
फिर वह चला गया.

थोड़ी देर बाद भाई आया, मुझे सामान दिया और कुछ देर बैठकर वह भी बाहर चला गया.

रात को भाई के दोस्त की शादी थी, तो उसे भी जाना था.

उसका कॉल आया- मेरे कपड़े प्रेस कर दो, मुझे थोड़ी देर में शादी में जाना है.

कुछ समय बाद वह आया, नहाकर कपड़े पहने और चला गया.

मम्मी-पापा भी मामा के घर जा रहे थे क्योंकि मामा जी की छोटी बेटी की मृत्यु हो गई थी, इसलिए उन्हें जाना पड़ रहा था.

मम्मी ने कहा- रात को भाई आ जाएगा!
यह कह कर वे दोनों चले गए.

मैं घर पर अकेली रह गई.
मेरी चुदास जाग गई और मैं ओनी चुत का बंदोबस्त करने में लग गई.

मैं अपने कमरे में अन्तर्वासना साइट खोल कर पढ़ने लगी.
तब तक रात के 8 बज चुके थे और मैं घर पर अकेली थी.

तभी भाई के दो दोस्त शशांक और हरप्रीत घर पर आए.
दोनों ही काफी हट्टे-कट्टे और हैंडसम थे. शशांक की उम्र 27 थी और हरप्रीत की 30 की थी.
उन्होंने घंटी बजाई.

मैंने गेट खोला, तो दोनों बाहर खड़े थे. उन्हें सामने देख कर मेरी चुत की सीटी बज गई.

उन्होंने पूछा- भाई कहां है?
मैंने इठलाते कहा- वह तो दोस्त की शादी में गया है, आप लोग नहीं गए?

उन्होंने जवाब दिया- उसने कहा था कि सब साथ चलेंगे, मगर वह अकेला चला गया.

शशांक गुस्से में बोला- आने दो, आज उससे पक्का लड़ाई होगी.
मैंने मुस्कुरा कर कहा- अरे क्यों लड़ोगे? कोई बात नहीं … मेरे भाई से गलती हो गई होगी. अभी ज्यादा समय नहीं हुआ, आप दोनों भी शादी में जा सकते हो.
शशांक बोला- अब क्या फायदा, वह तो चला गया.

मैंने कहा- आप लोग भाई का इंतजार कर सकते हैं, अन्दर आकर बैठिए.

वे दोनों अन्दर आ गए.

मैंने चाय बनाई और उन्हें दी.

चाय खत्म होने के बाद हम इधर-उधर की बातें करने लगे.

शशांक फिर बोला- आज पक्का पीटूँगा उसको, आने तो दो.
मैंने कहा- अरे अरे लड़ाई क्यों करोगे?

तभी शशांक ने बाथरूम का पूछा.
मैंने उसे बताया.

शशांक बाथरूम में गया, जहां मेरी पैंटी और ब्रा सूख रही थीं.
उसने मेरी पैंटी उठाकर अपने लंड पर रगड़नी शुरू कर दी और फिर उसे पहन कर बाहर आ गया.

कुछ देर बात करने के बाद मैंने कहा- मैं अभी आती हूँ, तब तक आप भाई का इंतज़ार कीजिए.
जब मैं बाथरूम गई, तो देखा कि मेरी पैंटी गायब थी.

मैंने इधर-उधर देखा, लेकिन वह नहीं मिली.
मुझे थोड़ा गुस्सा आया. मैं बाहर हॉल में आई, तो शशांक मुझसे नज़रें नहीं मिला रहा था.

तभी हरप्रीत बोला- इसके भाई को आने में देर लगेगी, तब तक क्या करें?
मैंने कहा- वेट करो भाई जरूर आ जाएगा!
तो वे दोनों बैठ गए.

कुछ ही देर के बाद भाई का कॉल आया कि वह सुबह तक आएगा.
अब मेरी मौज हो गई थी.
मैं मुस्कुरा दी.

मेरी मुस्कान देख कर शायद शशांक ने समझ लिया था कि लौंडिया मचल रही है.
उसने मुझसे पूछा कि आपका कोई दोस्त है?

तो मैंने होंठ गोल करते हुए कहा कि हाँ है.
तो उसने बोला कि फिर तो आपने सब कुछ किया होगा!

मैंने पूछा- सब कुछ किया होगा … इसका क्या मतलब?

हालांकि मैं समझ गई थी कि यह किस बारे में पूछ रहा है. फिर भी मैंने जानबूझ कर उससे सवाल किया था.

तो हरप्रीत ने अपने मोबाइल पर एक ब्लू फिल्म चलाई और बोला- देखो ये क्या है?
तो मैंने उसके मोबाइल की तरफ देखा और शर्मा गई.

वह बोला- तुमने यह सब किया है न!
मैंने शर्माते हुए ही हां में सर हिला दिया.

शशांक बोला कि आपके भाई नहीं आते तब तक क्या हम दोनों आपके साथ ये सब कर सकते हैं?

अब मैं तो उन दोनों को पसंद करती ही थी और आज घर में कोई था भी नहीं, तो मेरा मूड बनने लगा था.

ऊपर से शशांक ने मेरी पैंटी उठा ली थी तो मैं समझ गई थी कि आज ये दोनों मेरी चुत का भोसड़ा बनाने के मूड में हैं.

तभी शशांक ने कहा- यदि तुम ना करना चाहो तब भी कोई बात नहीं है.

यह सुनकर मेरे मुँह से तुरंत निकल गया कि अरे वह बात नहीं है … वह तो मैं बस सोच रही थी कि …

मेरी बात पूरी होने से पहले ही हरप्रीत उठा और उसने मेरे दोनों दूध पकड़ लिए और दबाने लगा.
मैं आह आह करने लगी.

तब तक शशांक भी उठा और उसने मुझे पीछे से पकड़ लिया.
वह बोला- हम तेरे भाई से लड़ाई करने आए थे क्योंकि वह अकेला चला गया. मगर अब नहीं करेंगे बस अब तुम हम दोनों को आज की रात पूरा मजा दे दो प्लीज!

पहले तो मना किया, फिर मैं तैयार हो गई.
मैंने कहा- इधर कुछ नहीं … अन्दर कमरे में चलते हैं.

मैं अपने रूम में चली गई और मेरे पीछे वे दोनों भी आ गए.

शशांक ने मुझे बिस्तर पर धक्का दे दिया और वे दोनों भी बिस्तर पर मेरे आजू बाजू में लेट गए.

उन दोनों लोगों ने मुझे पकड़ लिया और किस करने लगे.
मैं भी उनके साथ चूमा चाटी में मजा लेने लगी.

तभी शशांक ने मुझसे कहा कि अब जल्दी से तुम खुद से नंगी हो जाओ. नहीं तो हम करेंगे तो तुम्हें दिक्कत होगी और हम तुम्हारे कपड़े भी फाड़ देंगे.

मैंने कुछ नहीं कहा और जल्दी से खुद नंगी हो गई.

अब हरप्रीत ने मुझे चित लिटाया और वह मेरी छोटी सी चुत को चाटने लगा.

शशांक मेरे एक दूध को चूसने लगा और दूसरे दूध को मसलते हुए भँभोड़ने लगा.
वे दोनों मुझे शिकारी कुत्तों की तरह चाट रहे थे.

कुछ देर बाद मैंने कहा- अब यही सब करते रहोगे क्या?

यह सुनकर शशांक ने मुझे कुतिया बनाया और अपना लंड मेरी चुत में डाल दिया. उसका लंड बड़ा तगड़ा था तो घुसवाते समय मुझे हल्का सा दर्द हुआ और मैं कराह उठी- आह धीरे …
वह बिना कुछ सुने मेरी चुत बजाने लगा और तेज तेज धक्के मारने लगा.

तभी हरप्रीत मेरे सामने आ गया और मेरे मुँह में अपना लौड़ा पेल कर मुँह को चोदने लगा.

कुछ देर बाद उन्होंने पोजीशन बदली और शशांक मेरे मुँह में लंड पेलने लगा व हरप्रीत मेरी चुत फाड़ने लगा.

दस मिनट तक उन दोनों ने बारी बारी से मुझे चोदा.
उसके बाद शशांक ने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरी टांगों को ऊपर करके अपना लंड मेरे मम्मों पर रख कर रगड़ा.

फिर वह मेरी चुत को चाटने लगा.

मेरी तो जैसे हालत खराब होने लगी.
पर उन्होंने मेरी हालत को नजरअंदाज करते हुए मुझे वापस से चोदना चालू कर दिया.

शशांक के झड़ जाने के बाद हरप्रीत ने पेलना चालू कर दिया.

मेरी चुत में बहुत तेज जलन होने लगी थी मगर मुझे मजा भी बहुत आ रहा था.

हरप्रीत के झड़ जाने के बाद वे दोनों मेरे आजू बाजू लेट गए और मेरे मम्मों से खेलने लगे.

हरप्रीत बोला- गांड मरवाई है तुमने अपने यार से?
मैंने हंस कर कहा कि हां एक बार उसने मेरी पीछे से भी ली थी.

यह सुनते ही वे दोनों एक साथ बोले कि अब आज तुमको डबल पेनिट्रेशन का मजा मिलेगा.
मैंने डबल पेनिट्रेशन के बारे में सुना तो था, पर समझती नहीं थी कि यह क्या होता है.

करीब आधा घंटा के बाद हम तीनों फिर से चुदाई के लिए रेडी हो गए.

अबकी बार शशांक ने मुझे अपने लौड़े की सवारी करने को कहा.
मैं उसके लंड को अपनी चुत में हजम कर गई और मजे से चुदवाने लगी.

कुछ देर बाद शशांक ने मुझे अपने सीने से चिपका लिया और मेरे होंठ चूसने लगा.

मैं मस्त होने लगी और चुदाई का मजा लेने लगी.
तभी हरप्रीत ने मेरे पीछे वाले छेद में अपना लंड रगड़ना चालू कर दिया.

उस वक्त मैं चुदाई की मस्ती में थी तो कुछ समझ ही न पाई.

तभी हरप्रीत ने मेरी गांड में अपना मूसल ठांस दिया और मेरी चीख निकलने को हुई मगर मेरे मुँह को शशांक ने बंद किया हुआ था तो मैं कुछ कह ही न पाई.
मैं उसकी बांहों में इतनी ताकत से जकड़ी हुई थी कि टस से मस भी नहीं हो पा रही थी.

मुझे बेहद दर्द हो रहा था लेकिन मैं मजबूर कबूतरी सी मसली जा रही थी.

कुछ देर बाद उन दोनों ने मुझे एक साथ रगड़ना चालू कर दिया.
चुत को तो मजा आ रहा था लेकिन गांड में बेहद दर्द हो रहा था.

शायद एक मिनट ही हुआ होगा कि मुझे दर्द से निजात मिलने लगी और मजा आने लगा.
अब चुदाई की मस्ती अपने शबाब पर आ गई थी.

उन दोनों ने छेद बदल बदल कर मुझे खूब पेला और मेरे दोनों छेद अपने रस से भर दिए.

इस तरह से उन्होंने मुझे सुबह 4 बजे तक चोदा.

उस रात मैं दोनों से 2-2 बार अकेली अकेली में चुदी और दो बार डबल पेनीट्रेशन के मोड में सैंडविच बन कर चुदी.

चुदाई के बाद हम सब थक कर चूर हो गए थे तो सो गए.

सुबह जब मेरी आंख खुली तो वे दोनों रेडी हो रहे थे.

मुझे नंगी देख कर शशांक बोला कि तू रंडी तो बहुत मस्त है. आज तुझको और चोदने का मूड है मगर तेरा भाई आने वाला होगा इसलिए जाना पड़ रहा है वरना एक बार तो और चोद ही लेता.

मैं हंस कर बोली कि आप लोग कितने बेकार हो … आपने अपने दोस्त की छोटी बहन को ही अपने लौड़े के नीचे ले लिया. अगर आपकी बहन होती तो क्या इसी तरह उसको भी चोदते?
तो वे दोनों हंसने लगे और मेरी चूची को हॉर्न के जैसे दबा कर चले गए.

सुबह मेरा भाई आया.
तब मैं सो रही थी.

मेरे घर की एक चाबी भाई के पास भी रहती है क्यों कि अक्सर वह रात को अकेला आता है.

सुबह जब भैया कमरे में आया और मुझे सोती देख कर वह अपने कमरे में जाने लगा.
मैं भी जाग गई थी मगर कुछ न बोलती हुई चुपचाप लेटी रही.

भाई जब कमरे से बाहर जा रहा था, तो उसकी नजर गेट के पीछे पड़ी.
वहां पर मेरी ब्रा और पैंटी पड़ी थी.

भाई ने देखा और मुझे वापस देखा, आकर मेरे पास बैठ गया और मुझे देखने लगा.

तभी मैंने नींद खुलने का नाटक किया और जैसे ही अपना चादर हटाया तो भाई मुझे देखते ही रह गया.
मैं बिल्कुल नंगी पड़ी थी.

वहीं साइड में भाई ने कंडोम भी देख लिए तो उसने मुझसे पूछा- ये कौन लाया था!
मैंने चादर अपने ऊपर खींचा और भईया को सब बता दिया कि आपके दोस्तों ने मुझे पूरी रात सोने नहीं दिया.

यह कह कर मैं लंड क्रेजी बेब सेक्स की चाहत में अपने भाई से चिपकने लगी.
भाई ने मेरे जिस्म पर अपना हाथ फेरते हुए कहा- कोई बात नहीं तुम शांत हो जाओ. मैं इसका हिसाब उन दोनों से जरूर लूंगा.

तो मैंने पूछा- आप क्या करोगे?
तो भाई ने कहा कि मैं उन दोनों की मां बहन चोद दूंगा.

मैं अपने भाई के मुँह से यह सब सुनकर दंग रह गई कि मेरा भाई भी वही करेगा जो उन्होंने मेरे साथ किया. वे भी तो एक लड़की और औरत ही हैं.

फिर मैंने भाई से कहा- क्या आपको मैं अच्छी नहीं लगती, जो आप उनकी बहन चोदोगे?

यह सुनकर मेरा भाई मुझसे चिपक गया और मुझे चूमने लगा.
मैं खुश हो गई कि मेरा भाई भी आज मुझे चोद कर खुश कर देगा.

मैं अपनी अगली सेक्स कहानी लेकर जल्दी ही आऊंगी जिसमें मेरे भाई ने मेरे साथ चुदाई का मजा लिया था.

तो दोस्तो, आपको मेरी लंड क्रेजी बेब सेक्स कहानी कैसी लगी … प्लीज मुझे कमेंट करके और मेल करके जरूर बताएं.
धन्यवाद.
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