मोनिका और उसकी मॉम की चुदने को बेकरार चूत -2

(Monika Aur Uski Mom Ki Chudane Ko Bekarar Chut- Part 2)

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अब तक आपने पढ़ा.. कि किस तरह मैं गेट का एग्जाम देने राउरकेला गया और उधर पहले से चुदी हुई मोनिका और उसकी मॉम की चूत को चोदने का खेल शुरू करने की जुगत में लग गया।
अब आगे..

अब रहा नहीं जा रहा था तो अपने हाथ को उसकी स्कर्ट के इलास्टिक में डाल दिया और उसके चूतड़ों को सहलाने लगा।

ऊपर गर्दन से होते हुए खुले गले वाली टी-शर्ट थी तो मुझे किस करने के लिए भी बहुत जगह खाली थी.. मैं किस करने लगा और नीचे चूतड़ों को भी दबाने लगा।

उसके चूतड़ भी इतने ज्यादा मुलायम और गोल थे कि बता नहीं सकता। अगर चूतड़ों में भी एक निप्पल लगा होता.. तो पता ही नहीं चलता कि चूचियों को दबा रहा हूँ.. या चूतड़!

कुछ देर दबाने के बाद मैं उसके पीछे चला गया और पीछे से गर्दन पर किस करने लगा और उसकी चूचियों को दबाने लगा।

धीरे-धीरे मैंने टी-शर्ट के अन्दर अपना हाथ घुसा दिया और नंगी चूचियों को दबाने लगा.. क्या मस्त मखमली चूचियाँ थीं यार.. क्या बताऊँ।

मेरा लण्ड ट्राऊजर के अन्दर ही टाइट हो के फनफना रहा था.. इतना ज्यादा टाइट था कि उसकी गाण्ड को मेरा लण्ड फील हो रहा था।

उसने जैसे ही लण्ड को ऊपर से ही सहलाया.. मैं एकदम से आगे आ गया और उसकी टी-शर्ट को ऊपर उठा दिया जिससे उसकी चूचियाँ बाहर आ गईं.. और मैं उन पर टूट पड़ा उनको चूसने काटने लगा।

अब तक उसने मेरा लण्ड बाहर निकाल लिया.. लण्ड देख कर बोली- यह तो पहले से काफ़ी बड़ा हो गया है।
वो लण्ड को मसलने लगी और मैं उसकी चूचियों को।

कुछ देर ऐसा करने के बाद वो अलग हुई और झुक गई और लण्ड पर किस करने लगी और मैं उसके सिर को सहलाने लगा।

किस करने के बाद जैसे ही वो लण्ड को मुँह में लेने की कोशिश करने लगी कि तभी नीचे से उसकी मॉम की आवाज़ आई।
शायद वो हमें नीचे बुला रही थीं।

हमारे चेहरे पर उदासी छा गई.. लेकिन फिर भी मैं उसकी स्कर्ट को थोड़ा नीचे करने लगा.. मुझे उसकी चूत देखनी थी।
उसने मना कर दिया और हम दोनों को अपने अपने कपड़े ठीक करके जाना पड़ा।

नीचे आने पर उसकी मॉम बोली- सुशांत थका होगा.. इतनी दूर से आया है.. इसको आराम करने दो.. कुछ देर आराम कर लो फिर बैठ कर पढ़ो.. परसों एग्जाम है ना तुम दोनों का?

तो मैं बोला- परसों मेरा है.. उसका तो और एक दिन बाद है।

मोनिका अपने कमरे में पढ़ने चली गई और मैं आंटी के कमरे में ही सोने चला गया। तभी कुछ देर बाद आंटी शायद अपने कपड़े लेने कमरे में आईं.. मुझे जगा हुआ देख कर बोलीं- अब तक सोए नहीं हो?

मैं बोला- क्या करूँ नींद ही नहीं आ रही है.. आप तो पहले से ज्यादा सेक्सी हो गई हो.. लगता है आजकल पूरा फिटनेस पर ध्यान दे रही हो।
‘बस थोड़ा वजन कम किया है..’

‘तभी तो आपके ये और भी ज्यादा सेक्सी हो गए हैं.. मुझे तो दूध पीने का दिल कर रहा है!’
बोलीं- नो.. मोनिका यहीं है.. उसको पता चल जाएगा तो प्राब्लम हो जाएगी।
मैं बोला- कम से कम एक बार दिखा तो दो।

तो वो पोंछा लेकर आईं कमरे में पोंछा लगाने के बहाने से.. और उन्होंने मुझे आँख मारते हुए अपने ब्लाउज के 2 बटन खोल दिए और कमरे में पोंछा लगाने लगीं।

उनकी आधी चूचियाँ उनके ब्लाउज से बाहर ही थीं.. देख कर मेरा लण्ड फिर से टाइट हो रहा था लेकिन कुछ कर नहीं सकता था.. सो जब तक वो चूचे हिलाते हुए कमरे में पोंछा लगाती रहीं.. तब तक देखता रहा।

जब वो नहाने चली गईं तो मैं भी सो गया।

मैं नींद में ही था कि तभी मुझे लगा कि कोई मेरे बदन पर हाथ घुमा रहा है।
आँख खोली तो देखा मोनिका थी।
मुझे लगा कि मैं सपना देख रहा हूँ।

तभी वो बोली- अब कोई प्राब्लम नहीं है।
और मुझे किस करने लगी.. तो मैंने पूछा- आंटी कहाँ गई हैं?
बोली- मार्केट गई हैं.. कुछ शॉपिंग करने.. वे 2-3 घंटे से पहले नहीं आएगीं।

इतना बोलते ही वो मेरे ऊपर टूट पड़ी उसने मेरे होंठों को अपने होंठों में क़ैद कर लिया और चूसने लगी।
मैंने भी अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और उसकी जीभ को चूसने लगा।

अब हम एकदम वाइल्ड स्मूचिंग कर रहे थे.. बिल्कुल जंगली जानवरों की तरह.. क्योंकि हमारे पास ज़्यादा टाइम नहीं था।

मैंने उसको बिस्तर पर खींच लिया और उसको वहाँ पर लिटा दिया.. और खुद उसके ऊपर लेटकर उसे किस करने लगा। साथ ही साथ उसकी चूचियाँ भी दबाने लगा।

उसकी चूचियाँ एकदम टाइट और गोल थीं.. मैंने ज़्यादा देर ना करते हुए उसके टॉप को उतार दिया और साथ ही ब्रा भी उतार दी।
उसकी गोल-गोल गोरी चूचियाँ और उन पर ब्राउन कलर का अरोला बहुत ही सुंदर लग रहा था। मैंने उसकी लेफ्ट साइड की चूची को मुँह में ले लिया और सीधे तरफ की चूची के निप्पल को चुटकी में लेकर मींचने लगा.. वो मदमस्त होकर ‘आहें’ भर रही थी।

कुछ देर चूची चूसने के बाद यही मैंने उसकी दूसरी चूची के साथ किया.. पर लेफ्ट साइड की चूची नहीं दबाई बल्कि उसकी सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा..

वो एकदम से मस्त हो गई थी, मैं भी जोश में आ गया था।

अब मैंने उसकी सलवार भी उतार दी, उसकी पैन्टी उसके चूत के रस से बिल्कुल गीली हो गई थी.. तो देर ना करते हुए मैंने उसकी पैन्टी भी उतार दी।

उसकी एकदम चिकनी क्लीन शेव.. गोरी चूत का दीदार करने लगा।
एकदम फूली हुई चूत थी उसकी.. और लाल रंग का क्लाइटॉरिस बाहर को निकला हुआ था..

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मैंने देर ना करते हुए उसके क्लाइटॉरिस को अपने होंठों में भर लिया और उसकी चूत का रस पीने लगा। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत के अन्दर डाल दी और उसकी चूत की दीवारों का सारा रस चाट-चाट कर मज़ा लेने लगा।

वो तो जैसे पागल ही हो गई थी। ऐसे ही कुछ देर चूत चाटने पर वो झड़ गई.. और हाँफने लगी।

अब मज़ा लेने की बारी मेरी थी.. मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए।

मेरे लण्ड को देख कर बोली- बताया नहीं कि ये पिछली बार से थोड़ा बड़ा और मोटा कैसे हो गया है?
मैं बोला- मेहनत हुई है इसके साथ..

इतना कहकर मैंने उसके मुँह में अपना लण्ड डाल दिया और वो लण्ड को चूसने लगी।
पिछली बार तो उसे चूसना नहीं आता था.. लेकिन इस बार ऐसे चूस रही थी.. जैसे एक्सपर्ट हो गई हो।

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और टाइम भी कम था.. तो मैंने लण्ड को उससे अच्छी तरह से गीला करवा दिया और उसको बिस्तर पर आधा लिटा दिया।

अब मैं बिस्तर के कोने पर आ गया और उसकी टाँगों को अपने कंधों पर रख लिया। उसकी चूत का छेद और मेरे लण्ड का टोपा.. एकदम आमने-सामने थे.. मैंने देर ना करते हुए उसकी चूत पर अपना लण्ड फिराया.. वो तड़प उठी और बोली- बस अन्दर डाल दो..

उसका इतना कहना था कि मैंने लण्ड का टोपा उसके छेद से लगाया और एक जोरदार धक्का मारा.. मेरा आधा लण्ड उसकी चूत में चला गया।

वो एकदम से चिल्लाई.. तो मैं उसकी चूत के पास सहलाने लगा।

कुछ देर बाद फिर नॉर्मल हो गई.. तो मैंने उसके होंठों को अपने होंठों में दबाया और एक जोरदार धक्का और मारा और पूरा का पूरा लण्ड उसकी चूत में उतार दिया।

वो तो तड़पने लगी.. पर मुझे पता था कि जरा सी देर के बाद ही इसे मज़ा आना शुरू हो जाएगा।
मैं धक्के लगाने लगा।

पहले मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाए और फिर तेज-तेज.. उसको भी मज़ा आने लगा और वो भी गाण्ड उठा-उठा कर मेरा साथ देने लगी।
इस पोज़िशन में चोदते हुए कुछ समय हो गया था.. तो मैंने उसे उठाया और ड्रेसिंग टेबल के सामने ले गया, उसका एक पैर ड्रेसिंग टेबल पर रखा और एक नीचे को थोड़ा सा झुकाया और शीशे में देखते हुए उसकी चूत में लण्ड पेल दिया।

इस पोज़िशन में काफ़ी मज़ा आ रहा था, मुझे शीशे में उसके फेस के एक्सप्रेशन्स और उसकी हिलती हुई चूचियाँ नज़र आ रही थीं.. तो मज़ा दो गुना हो गया था।

इसी पोज़िशन में चोदते हुए काफी देर हो गई.. तो उसने बोला- मैं झड़ने वाली हूँ..
मैं भी झड़ने के ही करीब था.. तो मैंने उसको कहा- बस मैं भी झड़ने वाला हूँ.. कहाँ निकालूँ?

तो उसने बोला- चूत में ही निकाल दो.. अभी मेरा सेफ टाइम है।

तो 20-25 धक्कों के बाद हम दोनों साथ ही झड़ गए और बाद में मैंने अपना बचा हुआ माल उसकी चूचियों में झाड़ दिया।
वो बड़े प्यार से उसको उंगली से उठा कर चाट रही थी।

मैं निढाल होकर उसकी कमर को चूमने लगा.. वो भी पूर्ण सन्तुष्ट हो चुकी थी और मैं भी।

एक फेरा होने के बाद हम दोनों अलग हुए और बिस्तर ठीक किया। हम दोनों ने अपने-अपने कपड़े पहन लिए.. क्योंकि उसके मॉम और पापा दोनों के आने का टाइम हो गया था।

दोस्तो, मोनिका की रसीली चूत को चोदने का दिलकश मंजर आपने पढ़ा.. आगे उसकी मॉम चोदने की बारी है।
बस आप ईमेल भेजते रहिए।
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