ममेरे भाई से कुंवारी चुत की सीलतोड़ चुदाई- 1
(My Pussy First Lick Story)
माय पुसी लिक स्टोरी में सहेली से चुदाई की बातें सुनकर मेरी बुर गीली हो जाती थी. एक बार मैं मामा के घर गयी तो उनका बेटा मेरी उम्र का था. उसने मुझे पटाकर मेरी बुर चाटी.
यह कहानी सुनें.
दोस्तो, मैं आप सभी की रसीली जान्हवी.
आप सभी लंड धारियों को मेरे तीनों छेद से सुख देने वाला प्रणाम.
आपने मेरी पिछली सेक्स कहानी
भाई और उसके दोस्त से एक साथ चुदी बहन
को बहुत सारा प्यार दिया.
मेरे बारे में आप इससे पिछली सेक्स कहानी में जान ही गए होंगे कि मैं अब एक 29 साल की मस्त, प्यारी सी भाभी हो गई हूँ.
मेरी हाइट पांच फुट एक इंच है. अब मेरा एक डेढ़ साल का बेटा भी है.
शादी हो जाने के बाद मेरा फिगर 34-30-36 का हो गया है.
मेरा रंग पहले से ही एकदम साफ है.
मेरी नीचे की गुफा तो पूरी गुलाबी है जिसे एक बार कोई देख ले तो उसका जी बार बार खाने को ललचाए.
मेरी शादी को 3 साल हो चुके हैं.
मेरे पति के साथ भी मेरी चुदाई मस्त चल रही है.
पर कहते हैं ना कि जिसे अलग अलग लंड लेने की आदत हो, उसकी अब एक लौड़े से कहां प्यास बुझ सकती है.
मैं बहुत सुंदर लगती हूँ.
मेरे लम्बे घने बाल मेरे चूतड़ों तक आते हैं … और जब मैं मटक मटक कर चलती हूँ तो मेरे बाल मेरी गांड के गोलों पर नागिन से लहराते हैं.
मैं अपने हुस्न से सबको पागल कर देती हूँ.
मेरी गली के सारे लड़के मुझे पटाने की कोशिश करते रहते हैं.
मेरे तने हुए मम्मे लड़कों की नींद उड़ाने के लिए काफी हैं.
मेरे बड़े और गोल चूतड़ देख कर लड़कों की हालत खराब हो जाती है.
वे गली में खड़े होकर अपने लंड को हाथ में पकड़ कर मसलते रहते हैं.
मेरे रेशमी लम्बे बालों में पता नहीं कितने लौड़ों के टट्टे अटके पड़े हैं.
मेरी पतली कमर, मेरे गुलाबी गुलाबी होंठ … आह नामर्द और बुड्ढों के लटके हुए लौड़ों में भी जान फूँक देते हैं.
वैसे मैं भी अपने जिस्म के साथ कोई नाइंसाफी भी नहीं करती.
मुझे चुदाई की आदत तो 19 साल की उम्र से लग चुकी थी.
मैं अभी तक आठ लोगों के शेरों को अपनी गुफा के दर्शन करा चुकी हूँ.
अब तक आप समझ ही गए होंगे कि मैं कितनी बड़ी रंडी हूँ.
अभी तक आपने मेरी चुदाई करने वाले तीन लोगों के बारे में जान लिया था.
उन तीन में मेरा पहला प्यार समीर, मेरा सगा भाई और भाई का दोस्त.
इन तीनों से मैं शादी के पहले बहुत चुदी हूँ.
अपनी चुत से खेलने वाले बाकी और पांच लोगों के बारे में धीरे धीरे आगे की सेक्स कहानी में विस्तार से बताऊंगी.
वैसे मुझे रिश्तों में चुदाई कराने का बहुत शौक है.
हालांकि मैं अभी तक बाहर के लंड के नाम पर सिर्फ समीर से ही चुदी हूँ. बाकी सात लंड में एक मेरे पति का और बाकी सभी मेरे सगे वाले ही रहे हैं. कोई भाई या कोई रिश्तेदार से ही चुदी हूँ.
दोस्तो, जान पहचान वालों के साथ चुदाई करने का अलग ही मजा होता है.
जिसने अपनी बुआ या मौसी, मामा के बच्चों के साथ चुदाई की हो, वे ही मेरी बात समझ सकते हैं.
क्योंकि रिश्तों में जो पहले शर्म से बेशर्मी तक का सफर होता है … वह बहुत मजेदार होता है.
अब देर ना करते हुए मैं सीधा अपनी माय पुसी लिक स्टोरी पर आती हूँ.
ये मेरी पहली चुदाई की कहानी है जो भाई बहन सेक्स कहानी पर आधारित है.
ये कहानी तब की है, जब मैं उन्नीस साल की नई नई जवानी की दहलीज पर खड़ी हो रही थी.
मेरे चूचों में उभार और नीचे गुफा में खुजली होने लगी थी.
मैं उस वक्त ग्यारवीं क्लास में पढ़ती थी और बायो की स्टूडेंट थी तो सिलेबस में रिप्रोडक्टिव सिस्टम के बारे में थोड़ा-बहुत था.
मैं और मेरी सहेली शिवानी दोनों साथ में पढ़ाई करते थे.
मैंने आज तक कभी किसी का लंड नहीं देखा था.
मुझे आश्चर्य होता था कि कैसे किसी का लंड लंबा हो जाता होगा और फिर कैसे वापिस अपनी जगह आता होगा?
मतलब किसी अंग में बिना हड्डी के होने पर भी किस तरह से उठक बैठक होती होगी.
मेरी सहेली शिवानी का ब्वॉयफ्रेंड था तो शिवानी कभी कभी उसके साथ चुदाई कर लिया करती थी.
वह मुझे भी उसके लंड की फ़ोटो दिखा देती कि देख ले मेरी बहन, लंड ऐसे खड़ा होता है और ऐसे बैठ जाता है!
अभी तक मैंने सिर्फ फोटो में ही लंड देखा था.
वैसे मैं यहां एक राज बताऊं.
मेरी सील समीर ने नहीं, बल्कि मेरे मामा के लड़के आशीष ने खोली थी.
आशीष और मैं दोनों क्लास में पढ़ते थे.
मतलब मैं और वह दोनों बराबर उम्र के थे.
ब,चपन से ही हमारे बीच अच्छी यारी थी.
मैं अपने गांव में … और वह एक अच्छे सिटी के स्कूल में पढ़ता था.
वह मेरे मामा का इकलौता बेटा है.
मैं अपनी चूत में उंगली कर करके मजे लेती थी.
पापा के डर से मैंने किसी लड़के से दोस्ती भी नहीं थी कि कहीं पापा को पता ना चल जाए.
मैं अब कभी बाथरूम में अपने बूब्स को मसलती थी, तो कभी अपनी चूत में उंगली, तो कभी ब्रश, तो कभी केला डाल कर अपनी खुजली मिटा लेती थी.
ग्यारहवीं के पेपर के बाद मैं मामा के यहां घूमने चली गयी.
मामा मामी दोनों नोएडा में जॉब करते हैं.
उन्होंने वहीं किराए पर फ्लैट लिया हुआ था जिसमें दो बेडरूम और एक किचन था.
आशीष की भी छुट्टी चल रही थी.
आशीष ने मेरे पापा से कहा- फूफा जी आप जान्हवी को कुछ दिन यहीं भेज दो, हम दोनों साथ में पढ़ाई कर लेंगे.
क्योंकि उसका भी सब्जेक्ट बायोलॉजी ही था.
पापा की सहमति मिलते ही गर्मी की छुट्टी में मैं मामा के यहां चली गयी.
उस वक्त मैं बहुत दुबली पतली थी.
पर जिस्म का रंग बिल्कुल साफ होने से बहुत सुंदर लगती थी.
अगले रविवार को मामा मुझे लेने आ गए और मैं मामा के साथ मामा के घर आ गयी.
मैं और आशीष दोस्त तो थे, पर हमारे बीच कभी गंदी बात या सेक्स की बात नहीं होती थी.
हम दोनों एक दूसरे के रिश्ते की इज्जत करते थे.
मामा और मामी दिन में जॉब करते थे.
शाम को वे मुझे और आशीष को घुमाने ले जाते थे.
हम दोनों दिन में घर पर अकेले रहते थे, तो कभी पढ़ाई करते या कभी मूवी देखते थे.
मामा के यहां दो बेडरूम होने के कारण मामा मामी एक रूम में और मैं और आशीष एक रूम में सोते थे.
एक रात मेरी नींद रात को एक बजे के आस-पास खुल गई.
मैंने देखा कि आशीष किसी से फोन पर सेक्स की बात कर रहा था.
वह शायद उसकी गर्लफ्रेंड रही होगी.
बाद में मालूम हुआ कि उसका नाम मुस्कान था.
मैं तब उसकी बात सुन रही थी.
वह उससे कह रहा था- यार बहुत दिन हो गए हैं … किस किए हुए!
इसका मतलब साफ था कि अभी तक आशीष ने भी चुदाई नहीं की थी.
उसने मुस्कान के साथ सिर्फ ऊपर ऊपर से खेला था और उन दोनों में चूमा-चाटी हुई थी.
मैं इधर आशीष के बारे में आपको बता दूँ.
आशीष अपनी क्लास में सबसे ज्यादा होशियार और हैंडसम लड़का था.
रात को दोनों की बात मैं सुनती रही और फिर कब नींद लग गयी, कुछ पता ही न चला.
अगले दिन जब मामा मामी जॉब पर चले गए, तब मैंने आशीष से पूछा- भाई रात में तो आपकी भाभी से बात हो रही थी?
वह हड़बड़ा गया और नाटक करते हुए बोला- कौन सी भाभी?
मैं बोली- वही मुस्कान, जिससे तू रात को बात कर रहा था!
वह बोला- यार जान्हवी, यह बात घर में मम्मी पापा को मत बताना प्लीज!
मैं बोली- पागल है क्या? वह तो आजकल नॉर्मल है यार!
उसने रिलैक्स होते हुए मुझसे पूछा- तुम्हारा भी कोई ब्वॉयफ्रेंड है क्या?
मैं बोली- यार, ना मैं पढ़ने में होशियार हूँ और ना सुंदर हूँ तो कौन मुझे घास डालेगा?
उसने मुझे ऊपर से नीचे तक देखा.
फिर बोला- हम्म … मजाक अच्छा कर लेती हो!
मैं बोली- यार, सच में कोई ब्वॉयफ्रेंड नहीं है!
वह बोला- देख कर तो नहीं लगता!
मैं बोली- भाई विश्वास कर.
वह बोला- ठीक है यार!
फिर हम दोनों ने साथ में थोड़ी देर तक हंसी मजाक करते हुए टाइम पास किया.
उसने अपने लैपटॉप पर अपनी गर्लफ्रेंड की फोटो दिखाई.
सच में मुस्कान बहुत सुंदर थी.
फिर वह बोला- आज से अब ज्यादा देर तक नहीं जागना पड़ेगा क्योंकि अभी तो मुझे तुम्हारे सोने का इंतजार करना पड़ता था.
मैं बोली- भाई, भाभी से मेरी भी बात करा दे!
उसने मेरे सामने ही मुस्कान को कॉल कर दिया.
मोबाइल स्पीकर पर रख दिया.
वह कुछ बोलता, इससे पहले ही मुस्कान बोली- बाबू आज मेरे पेट में पीरियड का दर्द हो रहा है!
उसकी बात सुनकर आशीष ने झपट कर फोन का स्पीकर बंद किया और अकेले में जाकर उससे बात की.
उसने शायद उसे बताया कि मैं उससे बात करूंगी.
फिर वह मेरे पास आ गया.
हम दोनों ऐसे ही बैठे थे.
आशीष बोला- यार जान्हवी, एक बात पूछूं … तू बुरा तो नहीं मानेगी?
मैं बोली- हां यार पूछ न!
वह बोला- तूने कभी सेक्स किया है?
मैं बोली- पागल जब ब्वॉयफ्रेंड ही नहीं है, तो फिर सेक्स किसके साथ किया होगा?
वह बोला- बात तो ये भी सही है.
मैं बोली- और तूने किया है क्या?
वह बोला- नहीं यार, मुस्कान डरती है. वह कहती है कि पहली बार खून निकलता है और बहुत दर्द भी होता है.
मैं बोली- हां भाई, वह कह तो सही रही है क्योंकि मेरी एक सहेली है शिवानी … वह भी यही बता रही थी.
वह बोला- सच्ची?
मैं बोली- हां यार.
मैंने देखा कि अब तक मेरे भाई का लंड उसके निक्कर के ऊपर दिखने लगा था.
वह इस समय निक्कर और टी-शर्ट में था.
मैं भी सिर्फ लोअर और टी-शर्ट में थी.
मैंने नोटिस किया कि वह मेरी चूत को देख रहा है.
मैं कुछ नहीं बोली.
फिर उसने लैपटॉप पर सर्च किया कि पहली बार सेक्स कैसे करें?
उसमें कुछ बायोलॉजिकल टाइप ही वीडियो आने लगे.
हम दोनों साथ में देख रहे थे.
वह आगे बैठा था … मैं थोड़ी दूर.
तभी उसमें एक वीडियो में एनीमेशन के साथ लंड को बड़ा होते हुए और चूत में जगह बनाते हुए वीडियो दिखा रहे थे.
मैं एकदम से बोल पड़ी- यार, ये पेनिस (लंड) बड़ा कैसे हो जाता है?
उसने एक्सप्लेन किया कि उसमें नसें होती हैं. जब हम सेक्स के लिए उत्तेजित होते हैं, तो लंड हार्ड होने लगता है.
उसने पेनिस की जगह लंड बोला, तो मेरी चुत में पानी आ गया.
वह बोला- तुम बुरा ना मानो तो खुद देख लो!
मैं कुछ नहीं बोली.
उसने अपना लोअर नीचे खींच दिया.
लोअर के साथ उसकी चड्डी भी नीचे आ गयी.
उसका सात इंच का लंड मेरी आंखों के सामने था.
मैंने उसके लंड को देख कर आंखें बंद कर लीं.
वह हंस कर बोला- यार कोई नहीं है यहां … तुम आराम से देख सकती हो!
मैंने थोड़ी देर तक उसके लंड को देखा.
मुझे शर्म आ रही थी पर उसको कोई फर्क नहीं पड़ रहा था … वह मस्ती से अपने लौड़े को सहला रहा था.
फिर तभी नीचे कोई कार्ड देने वाला आ गया तो मैं बाहर चली गयी.
मैं कार्ड लेकर अन्दर आई.
वह वापिस अपने लैपटॉप पर काम करने बैठा था.
उसने मुझे पास बुलाया.
अपने लोअर से लंड वापस बाहर निकाल लिया और वह बोला- देख … यह वापिस छोटा हो गया.
मैं बोली- वाह यार, ये सही है पेनिस का!
वह बोला- इसको पेनिस नहीं … लंड बोलते हैं.
मैं बोली- ठीक है भाई.
अब उसका लौड़ा वापस खड़ा होने लगा था जिसे उसने सहला कर हार्ड कर लिया था.
वह मुझसे बोला- इसको हाथ में लेकर देखो!
मैं बेड पर बैठी थी और वह मेरे सामने खड़ा हो गया था.
मैंने उसका लंड हाथ में ले लिया.
उसके लौड़े के सुपारे को बार बार अन्दर बाहर करने में मुझे मजा आने लगा.
वह भी वासना में तप्त होकर मेरे सर पर धीरे धीरे हाथ फेर रहा था.
फिर वह बोला- जान्हवी मुँह में लोगी?
मैं बोली- छी:.
वह बोला- कोई बात नहीं.
फिर मैं बोली- ठीक है भाई … अब रहने दो … इसे अन्दर कर लो!
वह बोला- बस पांच मिनट और इसको ऊपर नीचे कर दो!
मैं लंड को ऊपर नीचे करने लगी.
मुझे मजा आ रहा था क्योंकि पहली बार मैंने किसी लड़के का लंड न केवल देखा था, बल्कि अपने हाथ में लिया था.
वह बोला- जान्हवी देखना कुछ देर बाद इसमें से कुछ सफेद सफेद आएगा, जिसको हम स्पर्म बोलते हैं.
मैं बोली- अच्छा!
वह बोला- इसे जोर जोर से हिलाओ.
मैं थोड़ी देर के लिए उसका लंड आगे पीछे करती हुई हिलाने लगी.
मुझे तब तक इस तरह से करने के बारे में कुछ नहीं पता था.
फिर वह अकड़ने लगा और आह करते हुए बोला- मेरा निकलने वाला है.
वह मेरे हाथ के ऊपर अपना हाथ रख कर लंड को मुठ मारने लगा.
कुछ ही पल बाद उसने बहुत सारा वीर्य नीचे जमीन पर छोड़ दिया.
फिर वह अपने लोअर को पूरा उतार कर नीचे से नंगा हो गया.
मुझे देखता हुआ वह बाथरूम में चला गया और उधर जाकर अपना लंड साफ कर आया.
फिर वह वापस आकर मुझसे बोला- जान्हवी, इधर जमीन को गीले कपड़े से पौंछ कर साफ कर दो!
मैंने जमीन को नीचे साफ कर दिया.
फिर वह मेरे पास आकर बोला- तुम भी अपनी चूत दिखाओ ना यार!
मैं बोली- नहीं रे पागल!
वह बोला- ऐसा थोड़ी होता है कि तुम मेरे लंड से मजे ले लो और अपनी चूत ना दिखाओ!
मैं बोली- मैं थोड़ी बोली थी कि तुम मुझे अपना दिखाओ!
वह बोला- प्लीज यार जान्हवी, मैंने भी आज तक चूत नहीं देखी … प्लीज मुझे देखना है!
उसने मेरे पास आकर मेरी कमर को पकड़ कर मुझे खींचा और अपने से चिपका लिया.
एक हाथ से मेरी गर्दन पकड़ कर वह मेरे गुलाबी होंठ चूसने लगा.
मैंने उसको धक्का लगाया.
वह बोला- यार क्या हुआ?
मैं बोली- तुम सिर्फ नीचे का देख लो … बाकी मुझे कुछ नहीं करना है.
वह बोला- ठीक है.
मैं अभी खड़ी थी.
उसने मेरे लोअर में हाथ डाल लिया, मेरी पैंटी के ऊपर से चूत को सहलाने लगा.
तो मैं बोली- यार यह क्या कर रहे हो … मुझे अन्दर कुछ कुछ हो रहा है.
वह अपने हाथ को लगातार मेरी चुत पर चलाते हुए बोला- कुछ नहीं … तुम बस देखती जाओ.
फिर उसने मेरा लोअर उतार फेंका.
अब मैं अपने ममेरे भाई के सामने सिर्फ नीचे पैंटी में खड़ी थी, ऊपर टी-शर्ट और ब्रा थी.
अब उसने टी-शर्ट उतारनी चाही तो मैंने रोक दिया.
फिर उसने मुझे वापिस अपने पास खींच लिया. हम दोनों एक- दूसरे से चिपक कर खड़े थे.
वह जीभ से मेरी गर्दन चाट रहा था.
उसके दोनों हाथ मेरी गांड को सहलाने में लगे थे.
मैं बोली- प्लीज भाई, जो करना है जल्दी कर ले … मुझे शर्म आ रही है.
वह बोला- ठीक है, तू जरा रुक … मैं अभी आता हूँ.
फिर वह अपनी मम्मी की चुन्नी ले आया.
उसने मेरी आंख पर पट्टी बांध दी.
वह बोला- अब तो नहीं आएगी शर्म ना!
मैं कुछ नहीं बोली. मैं बस चुपचाप खड़ी थी.
मैंने आशीष से कहा- सिर्फ चूत को देखना है तुमको … जल्दी देखो और मुझे जाने दो.
उसने एक झटके में मेरी पैंटी को नीचे उतार दिया, मेरी चूत में अपनी उंगली करने लगा.
मैं ‘आआह … हाअ … ऊहहआ …’ कर रही थी.
तभी मैं बोली- भाई आह … अब मेरे अन्दर से कुछ निकलने वाला है!
वह नीचे मेरी दोनों जांघों के बीच बैठ गया और अपनी जीभ से मेरी चूत को चाटने लगा.
मैं उससे दूर हटने की कोशिश करती हुई बोली- छी: छी: कितनी गंदी जगह है यार भाई उधर रहने दे न!
यह कहते हुए मैंने पानी छोड़ दिया और अपनी आंखों की पट्टी निकाल दी.
वह मेरी चुत में अपना मुँह लगाए हुए था … उसने मेरा सारा पानी पी लिया.
माय पुसी लिक होने के बाद अब मेरे अन्दर की शर्म जा चुकी थी.
मेरा मन कर रहा था कि बस ये अभी के अभी मुझे चोद दे.
मैंने उसके लंड को फिर से पकड़ा.
वह बोला- अब नहीं … मम्मी पापा कभी आ सकते हैं.
मेरी झांटों में मानो आग लग गई.
साले ने चुत गर्म करके छोड़ दी थी.
दोस्तो, इस सेक्स कहानी के अगले भाग में आपको अपनी कुंवारी चुत की सीलतोड़ चुदाई अपने भाई के लौड़े से कैसे करवाई, वह विस्तार से लिखूँगी.
आप मुझे मेरी इस भाई बहन सेक्स की माय पुसी लिक स्टोरी पर अपने कमेंट्स जरूर मेल करें.
आपकी जान्हवी
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माय पुसी लिक स्टोरी का अगला भाग:
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