घर से भागी दो बहनों को चोद कर बीवी बनाया- 3
(New Ass Anal Sex Kahani )
न्यू ऐस्स एनल सेक्स कहानी में दो सगी बहनें मेरे लंड से अपनी बुर की सील तुड़वाने के बाद मुझसे गांड मरवाना चाहती थी मुझे खुश करने के लिए क्योंकि मैंने उनकी मदद की थी.
कहानी के दूसरे भाग
बड़ी बहन ने छोटी बहन की चुदाई करवाई
में आपने पढ़ा कि मैं दो कुंवारी बहनों को अपने घर में शरण देकर उनकी रजामंदी से दोनों को चोद चुका था.
अब आगे न्यू ऐस्स एनल सेक्स कहानी:
रात के चार बज रहे थे तब मेरी आँख खुली तो मैंने देखा दोनों बहनें बेसुध नींद में खोयी हुई हैं।
दोनों के पूरे बदन पर रोएं का नामोनिशान नहीं था और हल्की सी रौशनी में दोनों कमाल की लग रही थीं।
मैंने देखा नगमा की बुर पर खू.न के धब्बे लगे हुए हैं और उसकी बुर बहुत सूजी हुई है।
मैं मन ही मन बेहद खुश हुआ.
और होऊं भी क्यों न जब ऊपर वाला मेहरबान तो गधा पहलवान।
मैंने हिना के तरफ पलट कर थोड़ा नीचे सरक गया और उसकी एक चूची मुँह में भरकर चूसने लगा।
मेरी इस हरकत की वजह से हिना की आँखें खुल गईं और वो टकटकी निगाह से मुझे देखने लगी।
फिर मुस्कुराकर मेरे बालों में हाथ फेरती हुई अपने चूचों के तरफ मेरे सर को चिपका कर बोली, “जानू आपको फिर से चोदने का दिल कर रहा क्या?”
मैंने मुंडी हिलाते हुए निप्पल को दांतो से खींचा तो वो चिंहुक उठी।
मैंने निप्पल मुँह से निकल कर कहा, “घोड़ी बनाकर चोदने का मन हो रहा है, चाहता हूँ तुम्हारी चीखें इस घर में गूंजे!”
हिना ने मुस्कुराकर कहा, “तो जानू मैं घोड़ी बन जाऊं?”
मैंने कहा, “पहले तुम्हारी सोन चिरैया को नींद से तो जगा दूँ!”
कहकर मैं नीचे चला गया और उसके घुटने मोड़ कर नीचे तकिये लगा दिए और उसकी चूत ऊँची कर दी और फिर तसल्ली से उसके बुर को जीभ घुमा घुमाकर चोदने लगा।
वो सिसकारियां लेने लगी और उसकी सिसकारियों की वजह से नगमा ने भी आँख खोल ली।
उसके पूरे बदन में दर्द हो रहा था और हर तरफ मेरे दांतों के गाड़ने से नीले निशान बन गए थे।
वो सुबह के चार बजे के उसकी बहन की बुर चुसाई का खेल देखकर हैरान थी।
हिना तो पागलों की तरह अपने स्तन उमेठ रही थी।
उसकी बुर में काफी गीलापन आ चुका था इसलिए मैंने उसे चूसना छोड़ पीछे पलटा दिया और उसके दोनों हाथ और घुटने मोड़ के घोड़ी बना दिया और पीछे से उसके निप्पलों को दोनों हाथों के उंगलिओं से मीचना शुरू कर दिया जिसकी वजह से वो कामुकता के मारे सिसकारने लगी।
मैंने अपना लंड उसके बुर के मुहाने पर घिसना शुरू कर दिया और एक हाथ को उसके निप्पल को छोड़ उसके गांड के छेद पर घुमाने लगा जिससे वो और कामुक होने लगी।
मैंने अपने मुँह से ढेर सारा थूक उसकी गांड के छेद पर निकाल कर अपने अंगूठे से अंदर उसकी गांड में भरना शुरू कर दिया।
हिना पीछे पलटी जैसे आँखों से बोल रही हो ‘साहब वो गलत छेद है.’
इसलिए मैंने उसे आँख मारी और एक ही वेग में अपना लंड उसके छेद में उतार दिया।
वो अबतक एक ही बार चुदी थी इसलिए उसके लिए घोड़ी बनकर चुदना बेहद दर्दनाक था।
वो जोर से चिल्लाई, “साहब आराम से!”
और इतना सुनना था कि मैंने अपने दोनों हाथों से उसके बाल पीछे से पकड़ कर दूसरे ही झटके में लंड को उसके बच्चेदानी के सिरे तक ठोक दिया।
वो छटपटाने लगी और लंड को बाहर निकलने की मिन्नतें करने लगी.
लेकिन मैं ठहरा जट्ट और वो भी सालों का भूखा … तो ऐसे कैसे अपने दिल की किये बगैर उसे छोड़ देता।
मैंने हौले से अपना लंड बाहर निकला और फिर फुल स्पीड में उसके बाल खींचता हुआ उसे चोदने लगा।
कुछ देर तो वो काफी रोई चिल्लाई.
लेकिन धीरे धीरे उसे मज़ा आने लगा।
जब धक्के लगते हुए मैं थक गया तो वो खुद अपने गांड को आगे पीछे कर चुदने लगी।
हिना ने नगमा को बोला, “छोटी, जा रसोई से सरसों का तेल ले आ, मालिक के राजकुमार से आज मैं अपनी गांड भी खुलवाऊंगी आज खाला वाला मज़ा लेकर भी देखती हूँ!”
नगमा के शरीर में तो जान नहीं थी लेकिन अपने दीदी का आदेश मानते हुए वो उठी, उसके पैर काँप रहे थे।
इधर मेरा लंड उसके बुर के पानी में नहाया हुआ था, वो लगातार तीन दफ़े झड़ चुकी थी।
मैंने लंड को जोर जोर से चलाना जारी ही रखा जबतक नगमा तेल की शीशी लेकर नहीं आ गई।
जैसे ही नगमा शीशी लेकर आयी मैंने उसे कमर से पकड़ कर खींच लिया और उसे चूमने लगा।
उसके निप्पल अभी पूरी तरह विकसित भी नहीं हुए थे जिन्हें मैंने अमेठना शुरू कर दिया।
वो पीछे हटने लगी और अपने को मुझसे दूर करते हुए बोली, “जानू मेरा रोम रोम दुःख रहा है, आज के लिए मुझे बक्श दो!”
मैंने मुस्कुराकर कहा, “ठीक है पर जो तेल लायी हो उसे तो अपने दीदी के गांड में डाल दो!”
उसने मुस्कुराकर मेरी तरफ देखा और फिर शीशी खोलकर अपने बहन के गांड में तेल की बूँदें गिराने लगी।
मैंने हिना की चूत से लंड खींच कर निकाला तो पक की आवाज़ आयी।
मैंने नगमा को बोला, “इसे भी थोड़ा तेल पिला दो जान, आज नहीं तो कल ये तुम्हारे गांड का भी उदघाटन करेगा!”
उसने अपने हाथ में कुछ बूँदें तेल निकाली और मेरे शिश्न मुंड से लेकर कामदण्ड के पिछले भाग तक तेल चुपड़ दिया और फिर मेरे गालों पर किस करते हुए वो किचन की तरफ तेल के शीशी को रखने चली गई।
मैंने हिना से कहा, “बेगम तुमने बहुत हिम्मत दिखाई है लेकिन गांड फटने पर तुम्हे बेहद दर्द होगा। क्या तुम सच में इसके लिए तैयार हो?”
वो गर्दन पीछे घुमाकर बोली, “अब जो मेरा है उसपे केवल आपका अधिकार है और जो भी दर्द आपके ख़ुशी के लिए होगा वो सब मंजूर है मुझे!”
उसके इस बात से मेरे अंदर उसके लिए ढेर सारा प्यार उमड़ आया।
मैंने कहा, “मुझे इस पूरी दुनिया में तुम दोनों बहनों से अच्छी लड़की नहीं मिलेगी आज से तुम दोनों बहनें मेरी बीवियां हो!”
मैंने धीरे से उसके गांड पे लंड लगाया और धीरे धीरे उसके उसकी गांड में उतरने का प्रयास करने लगा।
गांड के छेद काफी टाइट होते हैं और उसमे लंड उतारना बेहद चुनौती भरा होता है।
न्यू ऐस्स एनल सेक्स में असहनीय पीड़ा होती है.
लेकिन हिना ने मन बना लिया था कि उसे आज अपनी कुंवारी गांड फ़तेह करवा लेनी है।
मैंने कोशिश जारी ही रखी थी कि हिना ने अपनी गांड को मेरे लंड पर धकेलना शुरू कर दिया।
उसे दर्द भी हो रहा था लेकिन मुझे सुख देने के चक्कर में उसने वो सारा दर्द सह लिया।
मेरा सुपाड़ा उसके सहयोग से उसके गांड में जा चुका था और मैंने शेष बचे हुए लंड को धकेलना जारी ही रखा।
धीरे धीरे मेरा पूरा लंड उसकी गांड में था।
मैंने महसूस किया वो दर्द के मारे काँप रही थी और तब तक नगमा भी आ चुकी थी।
वो तेल रखकर बाथरूम चली गई थी इसलिए उसे आने में थोड़ा लेट हुआ।
वो मेरे लंड को अपने बहन के गांड में देखकर हतप्रभ थी।
“दीदी क्या काफी दर्द हो रहा है?” नगमा ने पूछा।
“हाँ लेकिन अपने पति के लिए तो थोड़ा दर्द बर्दाश्त करना ही पड़ता है!” वो तकलीफ के स्वर में बोली।
मैंने सुनकर कहा, “जान ज्यादा तकलीफ हो रही तो बाहर निकाल लूँ?”
उसने कहा, “नहीं जानू अब जोर जोर से मेरी गांड को चोदो!”
मैंने एक हाथ से उसकी बुर को सहलाना शुरू किया और एक हाथ से उसके स्तन को भीचते हुए हौले हौले धक्के चालू कर दिए।
कामुकता फिर से परवान चढ़ने लगी और धीरे धीरे मैंने स्पीड बढ़ा दी।
चूत की तुलना में गांड में झड़ना कम समय लगता है क्यूंकि घर्षण ज्यादा होती है।
पांच मिनट में ही मैं उसकी गांड में वीर्य के फौवारे छोड़ता हुआ उसपर निढाल हो गया।
वो लेट गई और मैं उसके गांड में फंसे हुए लंड के साथ उस पर सो गया।
हम दोनों के अंदर संतुष्टि के साथ प्यार का भाव था।
मेरे घर पर जो आंटी काम पर आती थी, मैंने उनसे रिक्वेस्ट की के वो इन दोनों बहनों को नागरिकता हासिल करने के लिए अपनी बेटी बना लें।
थोड़े ही समय में हिना और नगमा से मैंने से शादी कर ली।
साल भर के अंदर नगमा पेट से थी, उसने मेरी बेटी दीप्ति को जन्म दिया।
हिना ने थोड़ा इंतज़ार करना जरूरी समझा क्यूंकि वो खुलकर मन भरके चुदवा लेना चाहती थी इसलिए मैंने उसे फ़ोर्स भी नहीं किया।
शादी के चार साल के बाद हिना ने एक बेटे को जन्म दिया।
हिना और नगमा ने मुझे वो सुख दिया जो किसी और से पाने की कल्पना भी मैं नहीं कर सकता था।
हिना तो मेरे बेटे दीपक से ज्यादा मेरे मुँह में अपने चूचे भरकर रखती थी और सबसे पहले मुझे अपना दूध पिलाती थी।
अब मेरी उम्र 62 साल की है लेकिन इस उम्र में भी दोनों बहनें बिना चुदे नहीं सोतीं।
हमारी 3 बेटियां और 2 बेटे हैं जिनमें से दो बेटियों की शादी हो चुकी है।
न्यू ऐस्स एनल सेक्स कहानी के तीनों भागों पर आप अपनी राय मुझे कमेंट्स में बताएं.
लेखक के आग्रह पर मेल आईडी नहीं दिया जा रहा है.
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