मदद करने के बदले में मिली चूत- 2
(Pussy Eating Story)
पुसी ईटिंग स्टोरी में मैंने एक नवविवाहिता सेक्सी लड़की को अपने साथ सेक्स के लिए राजी कर लिया था. उसे पूरी गर्म करने के लिए मैंने उसकी चिकनी चूत खाकर मजा लिया.
कहानी के पहले भाग
उसे भी सेक्स की जरूरत थी
में आपने पढ़ा कि गाँव में रहने वाले नवविवाहित जोड़े को मैंने अलग अलग जॉब दिलवाई तो वे मेरे मुरीद हो गए. लड़का दुबई चला गया जॉब पर.
लड़की इकली रह गयी.
मैं उसके हुस्न का मजा लेना चाहता था और उसे भी लंड की जरूरत थी तो मैंने उसे अपने अहसानों का वास्ता देकर चुदाई के लिए मना लिया.
अब आगे Pussy Eating Story:
मैंने मरियम से कहा, “मरियम, अब तुम जाओ और जो मैंने तुम्हें नाइट सूट दिलाया था, वह पहनकर आओ!”
मरियम उठकर अंदर चली गई और ब्लैक कलर की ब्रा और पैंटी, ऊपर से सिल्क का जालीदार नाइट सूट पहनकर आई।
दोस्तो, आपसे मैं बता नहीं सकता कि उस समय मरियम क्या बला की खूबसूरत लग रही थी!
आप लोग तो जानते ही होंगे कि सिल्क के नाइट सूट में कितनी चमक होती है।
ऊपर से मरियम इतनी गोरी थी कि अंदर उसकी ब्लैक कलर की ब्रा और पैंटी, ऊपर से ब्लैक कलर का सिल्क का नाइट सूट—वह बहुत ही सुंदर लग रही थी!
मैंने मरियम को अपने पास सोफे पर खींचा और उसके ऊपर टूट पड़ा।
मरियम के होंठों को किस करते हुए मुझे ऐसा फील हो रहा था जैसे उसके होंठों में रस भरा हो जो मैं अपने दाँतों से दबा-दबाकर खींच-खींचकर पी रहा था।
कभी मैं उसके ऊपर के होंठ चूसता, कभी नीचे के।
कभी मरियम मेरी जीभ को अपने दाँतों से काट लेती।
वह बहुत अच्छी तरह से किस कर रही थी।
कुछ देर बाद मरियम ने मुझे नीचे लिटाया और मेरे ऊपर चढ़ गई।
उसने मेरी टी-शर्ट निकाल दी और मेरे गले, सीने पर चुम्मियों की बरसात कर दी।
वह बार-बार अपने दाँतों से मेरे सीने, गले, होंठों, गालों पर काटती और किस करती।
इससे मेरा लंड खड़ा हो गया, जो मरियम को महसूस होने लगा।
वह बोली, “अजय, तुम्हारा लंड तो खड़ा हो गया!”
मैंने कहा, “अब क्या करूँ? जब इतनी गजब की माल मेरे लंड पर बैठी हो, तो जाहिर-सी बात है कि लंड तो खड़ा होगा ही न!”
वह मेरे ऊपर बैठी मुझे किस किए जा रही थी।
मैं अपने दोनों हाथों से उसके दोनों स्तनों को दबाए जा रहा था।
जब मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ, तब मैंने उसे उठाया और अपने बेडरूम में ले गया, बिस्तर पर पटक दिया।
फिर मैंने उसका नाइट गाउन खोला और ब्रा के ऊपर से उसके चूचों को दबाने लगा, मैं दाँतों से काटने लगा.
जिस पर मरियम सिसकारी भरने लगी और मुझे जोरों से गले लगा लिया।
मरियम की हरकतों को देखकर ऐसा बिल्कुल नहीं लग रहा था कि वह पहले से चुदी हुई हो।
उसकी हरकतें बता रही थी जैसे वह चुदाई के लिए बहुत तड़प रही हो और उसे उसके मन के अनुसार नहीं चोदा गया हो।
वह बार-बार मेरे लंड को पकड़ना चाह रही थी और अपनी चूत में लेना चाह रही थी।
लेकिन मैं किसी जल्दबाजी में नहीं था।
मैं उसे आसानी से चोदना चाहता था।
इसलिए मैंने सबसे पहले उसकी चूत का जायजा लिया।
मैंने उसकी पैंटी निकाल दी।
जब मैंने उसकी चूत को नंगी किया, तब देखा कि उसकी चूत से रस टपक रहा था।
उसकी चूत काफी खिली हुई थी; उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, मानो उसने आज ही अपने चूत के बाल हटाए हों।
मैं उसकी चूत पर अपनी उंगलियों से सहलाने लगा, जिससे मरियम सिहर उठी और लंबी-लंबी साँसें लेने लगी।
उसके बदन में एक अलग-सी सनसनाहट होने लगी।
जब मैंने उसकी चूत को छुआ, तब मुझे ऐसा महसूस हुआ जैसे मैंने किसी गर्म चीज के आगे अपना हाथ रख दिया हो।
उसकी चूत बहुत गर्म थी।
मैंने अपनी एक उंगली उसके चूत के दाने पर लगाई, जिससे मुझे महसूस हुआ कि उसकी चूत में बहुत गर्मी है।
मैंने उंगली अंदर नहीं डाली, सिर्फ उसके चूत के दाने को अपनी दो उंगलियों की चुटकी से मसलने लगा।
मरियम गर्म साँसें छोड़ने लगी और सिसकारियाँ भरने लगी, “आआह … ईईस्स स्स… आह हह… ईस्स स्स्स्स!”
वह कहने लगी, “अजय, अब मुझे मत तड़पाओ! मैं काफी दिनों से एक अच्छी चुदाई के लिए तड़प रही हूँ। आज तुम मेरी जी भरकर चुदाई करो और मुझे तृप्त कर दो!”
मैंने कहा, “मरियम, मेरी जान, क्यों? दीपक के साथ चुदाई करके तुम्हारा पेट नहीं भरता? क्या दीपक तुम्हारी चुदाई अच्छे से नहीं करता?”
मरियम ने कहा, “अब क्या बताऊँ, अजय? तुमसे क्या छुपाना! दीपक चुदाई तो करता है, लेकिन मेरे झड़ने से पहले वह खुद झड़ जाता है। अगर मैं दोबारा कोशिश भी करूँ, तो वह मना कर देता है। अब मैं उसे कैसे समझाऊँ कि लड़कों से ज्यादा लड़कियों में चुदाई की इच्छा होती है। लेकिन अगर लड़कियाँ खुद कह दें कि अभी मुझे और चुदना है, तो लड़कों को लगेगा कि यह बहुत बड़ी रंडी है, जिसे एक बार की चुदाई से भला नहीं हुआ। हकीकत तो यह है कि जब तक लड़कियों की चुदाई उनकी इच्छा के अनुसार न की जाए, जब तक उन्हें तृप्त न किया जाए, तब तक कोई भी लड़की खुश नहीं होती। वही हाल मेरा भी है!”
मैं उठा और किचन में जाकर फ्रिज से आइस ट्रे ले आया।
उसमें से कुछ बर्फ के टुकड़े निकाले और मरियम की चूत पर रख दिए।
मरियम छटपटाने लगी और अपने दोनों हाथों से बेड की चादर नोचने लगी।
फिर मैंने धीरे से मरियम की चूत खोली और उसमें एक बर्फ का टुकड़ा डाल दिया।
जैसे ही मैंने बर्फ का टुकड़ा रखा, मरियम ने मुझे ऊपर खींच लिया और जोरों से मेरे होंठों को चबाने लगी।
मुझे उसका यह अंदाज काफी पसंद आया।
मैंने एक हाथ से उसकी चूत को पकड़े रखा, ताकि बर्फ का टुकड़ा बाहर न आए, और दूसरे हाथ से उसके स्तनों को दबाना शुरू कर दिया।
साथ ही उसके होंठों पर किस करना शुरू कर दिया।
उसके होंठ बहुत मुलायम थे, जिन्हें चूसने का एक अलग ही मजा आ रहा था।
उसके होंठों से एक मीठा स्वाद आ रहा था, जैसे वे कोई मीठा पदार्थ हों।
मैं बारी-बारी उसके होंठों को अपने दाँतों में दबाकर चूस रहा था।
कभी ऊपर के होंठ, कभी नीचे के। कभी मैं उसकी जीभ को अपने दाँतों से पकड़कर चूसने लगता।
काफी देर तक ऐसा चलता रहा।
फिर मैंने उसके होंठ छोड़ दिए और उसके गालों को चूमने लगा।
धीरे-धीरे नीचे खिसकता हुआ मैं उसके कानों पर आ गया और उसके कानों को चूमने लगा।
मैंने उसके कानों पर जोरों से अपने दाँतों से काट लिया, जिससे वह मचल उठी।
जो मेरे दोस्त चुदाई के पुराने खिलाड़ी हैं, उन्हें मालूम होगा कि जब लड़कियों के कानों के निचले हिस्से को कोई मर्द अपने दाँतों से काटता है, तो लड़कियों में एक अलग ही वासना उठती है।
फिर मैंने मरियम की गर्दन पर किस करते हुए एक जोरदार किस किया और अपने दाँतों से इस तरह काटा कि निशान छोड़ दिया।
मैं एक हाथ से उसकी चूची मसलने लगा और एक चूची को मुँह में लेकर चूसने लगा।
कभी मैं उसके निप्पलों को दाँतों से पकड़कर खींचता, तो कभी प्यार से उन्हें मुँह में लेकर चूमता।
मैं बारी-बारी उसके दोनों चूचों को दबाए जा रहा था और चूस रहा था।
मेरे ऐसा करने से उसके दोनों चूचे लाल हो चुके थे।
गोरी-गोरी चूचियाँ, जो दूध की तरह सफेद थीं और रुई से भी ज्यादा मुलायम थीं, उन्हें मैंने अपने दाँतों से दबाकर, चूसकर और काटकर लाल कर दिया था।
इससे मरियम को काफी दर्द होने लगा था लेकिन उसने रुकने को नहीं कहा।
वह सिर्फ इतना बोल रही थी, “अजय, आराम से करो! मुझे काफी दर्द हो रहा है!”
मैं धीरे-धीरे नीचे की ओर बढ़ता हुआ उसकी चूत पर पहुँचा।
फिर उसके चूत के दाने को अपने होंठों से चूसने लगा जिससे मरियम मचल उठी।
उसने अपनी दोनों टाँगें उठाकर मेरे सिर को अपनी चूत में दबाने लगी।
लेकिन मैंने उसके दोनों हाथ हटाए और प्यार से उसके चूत के दाने को खींच-खींचकर चूसने लगा।
थोड़ी देर में वह अकड़ने लगी।
मैंने उसकी चूत को खोला और अपनी जीभ से नीचे से ऊपर चाटने लगा, जिससे मरियम को एक अलग ही मजा मिल रहा था।
थोड़ी देर बाद मैं किचन से शहद की बोतल लेकर आया।
इसे देखकर मरियम बोली, “अब इसका क्या करोगे?”
मैंने कहा, “अब तुम देखती जाओ, मैं तुम्हारी चूत का स्वाद कैसे बढ़ाता हूँ!”
मैंने उसकी दोनों टाँगों को उठाया और कमर के साथ पकड़कर ऊपर की ओर उठा दिया।
फिर मैंने उसकी चूत में शहद डाला, जिससे उसकी चूत शहद से भर गई।
फिर मैं अपनी जीभ से उसकी चूत से शहद निकाल-निकालकर चाटने लगा।
मरियम सिसकारी भरते हुए बोली, “अजय, यह मेरी चूत है, जिसे तुम कटोरी समझ रहे हो? कोई ऐसे भी शहद चाटता है?”
मैंने कहा, “यह Pussy Eating का मेरा स्टाइल है!”
वह कहने लगी, “तुमने तो मेरी चूत को कटोरी बना दिया! अब क्या, इसी में शहद डालकर चाटोगे? इसमें जो चीज डालना है, वह तो डालो!”
मैंने कहा, “सब्र करो, मेरी जान! वह भी डालूँगा, लेकिन पहले मुझे तुम्हारी चूत खाने दो!”
मैं अपनी जीभ से उसकी चूत के अंदर तक डालता और चाटता था।
काफी देर तक ऐसा करने से मरियम ने अपना पानी छोड़ दिया, जिसे मैं शहद के साथ मिलाकर चाट गया।
फिर मैं उठा और मरियम को अपना लंड दिखाते हुए चूसने को कहा।
उसने पहले मना किया।
मैंने अपने लंड पर शहद लगाया और बोला, “अब इसे चाटो!”
मरियम मेरे लंड को अच्छी तरह चाटने लगी।
मैंने उसे बेड पर लिटाकर उसके सिर को बाहर की ओर लटकाया और उसके ऊपर उल्टा खड़ा होकर उसके मुँह में अपना लंड डालकर चोदने लगा।
मुझे इतना मजा आ रहा था कि मैं भूल गया कि मैं उसकी चूत चोद रहा हूँ या मुँह!
फिर मैंने उसे उठाया और सीधा करके घुटनों के बल बैठाया।
उसके बाल पकड़कर उसके मुँह में अपना लंड डाल दिया और उसकी नाक पकड़कर चोदने लगा।
इससे उसे तकलीफ होने लगी और मुझे मजा आने लगा।
मैं अपना पूरा लंड उसके हलक तक डालता।
जब तक वह खाँसने नहीं लगती, तब तक मैं लंड नहीं निकालता था।
मेरे ऐसा करने पर मरियम की आँखों से आँसू आ रहे थे।
वह बार-बार बोल रही थी, “अजय, यार, ऐसा मत करो! मेरी साँस फूल रही है! मुझे उल्टी हो जाएगी!”
मैंने कहा, “मेरी जान, मेरा पानी निकलने तक इंतजार करो!”
वह मुझे धक्का दे रही थी, जिससे मेरा लंड उसके मुँह से निकल जा रहा था।
फिर मैंने उसके दोनों हाथ पीछे करके दुपट्टे से बाँध दिए और उसकी नाक बंद करके लंड डालने लगा।
उसकी आँखें मानो बाहर आ जाएँगी।
मैं उसके मुँह को अच्छी तरह चोद रहा था।
रुक-रुककर जब वह गू-गू की आवाजें निकालने लगती, तब मैं लंड निकालता।
वह बहुत सारा थूक बाहर निकालती।
काफी देर तक ऐसा करने के बाद मैंने उसके मुँह में अपना सारा पानी निकाल दिया और उसे पीने को कहा।
जब तक वह मेरी एक-एक बूंद निगल नहीं गई, तब तक मैंने लंड नहीं निकाला।
जब उसने मेरे लंड को पूरी तरह चाटकर साफ किया, तब मैंने लंड निकाला और उसके हाथ खोल दिए।
मैंने उससे कहा, “पहले मेरे लंड को अच्छी तरह चाटो, चूसो और साफ करो, फिर कुछ करना!”
मरियम बोली, “ठीक है, लेकिन तुम मेरा सिर नहीं पकड़ोगे!”
मैंने कहा, “ठीक है!”
मरियम ने अपने तरीके से मेरे लंड को चूमा, चाटा और चूसा।
लंड पूरी तरह साफ हो गया।
फिर वह बाथरूम में जाकर अपना हुलिया ठीक करके बाहर आई और मेरे बगल में लेट गई।
वह बोली, “अजय, तुम तो मेरी जान निकाल दोगे! तुमने अभी मेरी चुदाई भी नहीं की और मेरी हालत खराब कर दी! जब तुम मेरी चुदाई करोगे, तब क्या होगा मेरा? मैं तो यही सोचकर घबरा रही हूँ!”
मैंने कहा, “मेरी जान मरियम, तुम परेशान न हो! मैं तुम्हारी चूत को बहुत अच्छे तरीके से चोदूँगा और तुम्हारी बुर का भोसड़ा बना दूँगा! तुम परेशान मत हो! अभी तो तुम्हारी गांड की सील खोलनी बाकी है!”
उसने कहा, “नहीं! तुम जो कुछ भी करना चाहते हो, कर लो, लेकिन मेरी गांड मत मारो!”
मैंने कहा, “नहीं, तुम्हारी चूत की चुदाई के बाद तुम्हारी गांड भी मारूँगा! तभी तो तुम मेरी हो पाओगी!”
उसने कहा, “अच्छा, ठीक है! तुम्हारी मर्जी! तुम जो करना चाहते हो, कर लेना! लेकिन फिलहाल चलो, हम लोग खाना खाते हैं!”
मैंने कहा, “ठीक है!”
हम लोग नंगे ही बिना कपड़ों के खाना खाने लगे।
मरियम अपनी गांड मटकाते हुए गई और किचन से खाना लेकर आई।
हम दोनों ने साथ में खाना खाया।
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