ऐशोआराम भरी जिन्दगी की चाह -1

(Small Penis Boyfriend Story)

स्माल पेनिस बॉयफ्रेंड स्टोरी में एक सेक्सी माल लड़की ने अय्याशी मौज मस्ती के लालच में एक अमीर लड़के को अपना बॉयफ्रेंड बनाया. लड़के के छोटे लंड से लड़की को कोई मजा नहीं मिलता था.

नमस्कार दोस्तो,
मैं सोनम वर्मा अन्तर्वासना की लेखिका हूँ.
मेरी पिछली कहानी थी: पड़ोस की चालू आँटी ने चूत के मजे दिए

अब मेरी नई कहानी मुझे मेरी एक प्रशंसक पाठिका निशा सिंह ने बताई थी और उसे लिखकर आप सब तक पहुँचाने का आग्रह किया था.
मैंने यह कहानी लिखी और साईट पर भेजी.

आप इस स्माल पेनिस बॉयफ्रेंड स्टोरी का मजा लीजिये.

मेरा नाम निशा सिंह है और मेरी वर्तमान में 29 साल की उम्र है.

आज मैं अपनी एक सच्ची सेक्स कहानी आप लोगों के साथ शेयर कर रही हूं.
इसे मैंने आज तक कभी किसी के साथ शेयर नहीं की.

आप इसे मेरी जिंदगी का एक राज ही समझ सकते हैं.
मैं किस शहर से हूँ, यह भी मैं आप लोगों को नहीं बता सकती … बस इतना जान लीजिए कि मैं एक बहुत बड़े शहर से हूँ.

ये बात आज से 6 साल पहले की उस वक्त की है जब मेरी शादी नहीं हुई थी.
तब मैं एक प्राइवेट एयर लाइंस में एयर होस्टेस की जॉब में थी.

उस वक्त मेरी उम्र 23 साल की थी.

जब मैं कॉलेज में थी, तभी से ही मेरा फिगर देखने लायक था और लोग मुझे एक बार देखने के बाद पलट पलट कर देखते थे.
एयर होस्टेस की जॉब में वैसे भी अपने फिगर पर खास तौर पर ध्यान देना होता है और मैं भी अपने फिगर का खास ख्याल रखती थी.

उस वक्त मेरा फिगर 34-28-36 का था.
मेरे तने हुए बूब्स और उभरी हुई गांड लोगों की खास पसंद थे.
लोगों की नजर बार बार इन्हीं दो चीजों पर टिक जाती थी.

कॉलेज के समय से ही मैं काफी लालची किस्म की लड़की थी और महंगी महंगी चीजों का मुझे काफी शौक था.
जॉब में आने के बाद मेरी दोस्ती एक लड़के से हुई, जो काफी रईस फैमिली से था.

उसके साथ महंगी कारों में घूमना, मंहगे मंहगे गिफ्ट लेना मुझे काफी पसंद आने लगा था.

जल्द ही हम दोनों की दोस्ती प्यार मोहब्बत में बदल गई और कुछ महीनों के अन्दर ही मैंने उसके साथ सेक्स भी कर लिया.

वह उम्र में मुझसे तीन साल छोटा था और मुझ पर बिल्कुल दीवाना था.
उसके इसी दीवानेपन का मैंने खूब फायदा भी उठाया.

महंगे गिफ्ट के साथ साथ फाइव स्टार होटल में रुकना, फाइव स्टार रेस्टोरेंट में डिनर करना.
ये मानिए कि मैं बिल्कुल ऐश की जिंदगी जी रही थी.

इन सबके बदले बस मुझे ज्यादा कुछ नहीं करना होता था, बस उसे खुश करने के लिए महीने में एक दो बार उसके साथ सेक्स कर लेती थी.

सेक्स के मामले में वह पूरी तरह से फेल ही था.
साढ़े चार इंच का उसका हथियार मुझे संतुष्ट करना तो दूर, वह मुझे अच्छे से गर्म भी नहीं कर पाता था.

दो मिनट की चुदाई में ही वह स्माल पेनिस बॉयफ्रेंड अपना पानी खाली कर देता था और फिर पूरी रात उसका खड़ा होने का नाम भी नहीं लेता था.

इसके बावजूद भी वह मेरे लिए सब कुछ करता था.
मेरे ऊपर उसने लाखों रुपये लुटा दिए थे.

उसके अलावा भी कई लोग ऐसे थे जो कि मेरे करीब आने की कोशिश करते थे.
लेकिन मैंने केवल अपनी अय्याशी के लिए उसके अलावा किसी से भी दोस्ती नहीं की.

सेक्स मेरे लिए कोई मायने नहीं रखता था, मैं बस अय्याशी भरी जिंदगी जी रही थी.

करीब डेढ़ साल तक मैंने उसके साथ बहुत एन्जॉय किया और उसके बाद वह अपनी पढ़ाई के कारण विदेश चला गया.

उसके विदेश जाने के बाद मेरी लाइफ पूरी तरह से वीरान सी हो गई.
मुझे लग्जरी लाइफ जीने की आदत सी हो गई थी और अब मैं बोरियत भरी जिंदगी जी रही थी.

मुझे पहले से ही कई लड़कों के ऑफर मिल रहे थे लेकिन उनमें वह बात नहीं थी … जो बात उस साढ़े चार इंची के लंड वाले लौंडे में थी.
इसलिए मैं सभी लड़कों को किनारे करती रही.

यूं कहिए कि मैं बस ऐसे ही इंसान की तलाश में थी जो मुझे उसकी तरह की ऐश करवाता रहे.

करीब पांच महीने तक तो मैं ऐसे ही अकेली रही.
मेरी जिंदगी में कोई लड़का नहीं था.

फिर अचानक से मेरी जिंदगी में वह हो गया जिसके बारे में तो मैंने कभी नहीं सोचा था.

एक दिन मैं अपनी जॉब पर आई.
एयरपोर्ट आने के बाद मुझे पता चला कि मेरी फ्लाइट कैंसिल हो गई है लेकिन मुझे अभी होल्ड पर रखा गया था.

मतलब मुझे किसी दूसरी फ्लाइट पर जाना पड़ सकता था.

लगभग दो घंटे इंतजार करने के बाद मुझे एक फ्लाइट में जाने का आदेश हुआ और मैं अपने जॉब पर चली गई.
यह पांच घंटे की फ्लाइट थी और फ्लाइट में जाने के बाद मैंने अपना रोज का काम शुरू कर दिया.

मैं हमेशा बिजनेस क्लास के पैसिंजर को ही अटेंड करती थी और मैं अपने डेली रूटीन के हिसाब से ही काम कर रही थी.

फ्लाइट के टेकऑफ करने के बाद मैं सभी पैंसेंजर को ब्रेकफास्ट देने लगी.

उस दिन बिजनेस क्लास में बेहद कम लोग ही सफर कर रहे थे इसलिए मेरे पास ज्यादा काम नहीं था.

करीब एक घंटे बाद एक पैसेंजर ने मुझे बुलाया.
मैं उसके पास गई तो उन्होंने मुझसे कॉफी के लिए कहा.

पहले तो मुझे सब कुछ नार्मल ही लगा और मैं उनके लिए कॉफी लेकर गई.

कॉफी देने के बाद उन्होंने मुझसे कहा कि क्या मैं आपसे कुछ देर बात कर सकता हूँ क्योंकि मुझे आज बेहद बोरियत महसूस हो रही हैं. चूंकि आज फ्लाइट भी पूरी तरह से खाली है.

उनकी ये बात सुनकर मुझे बहुत अजीब सा लगा क्योंकि आज तक किसी पैसेंजर ने ऐसा कुछ तो नहीं कहा था.
मेरी समझ में नहीं आया कि मैं उनको किस तरह से समझाऊं कि फ्लाइट के दौरान ऐसा करना मेरे लिए सही नहीं है क्योंकि मैं वहां अपनी जॉब करने के लिए थी, किसी का टाइम पास करने के लिए नहीं थी.

फिर भी मैं उनसे बोली- सर ज्यादा देर तो नहीं, बस मैं कुछ मिनट आपके पास रुक सकती हूं.
मैंने देखा कि आस पास की सारी सीट खाली थीं तो मैं उनके पास ही खड़ी होकर उनसे बात करने लगी.

पहले तो उन्होंने मुझसे मेरा नाम पूछा, फिर अपना नाम बताया.
उनका नाम रेड्डी था और उनकी उम्र 51 साल थी.

आगे बातें होती रहीं और उन्होंने अपने बारे में मुझे बताया.
उनका एक बड़ा बिजनेस था और अपने बिजनेस के सिलसिले में वे अक्सर ही फ्लाइट से आते जाते रहते थे.

वे अपने सफर के लिए ज्यादातर हमारी कम्पनी की फ्लाइट का ही इस्तेमाल करते थे.
उनसे ऐसे ही नार्मल बात करने के बाद मैं वापस अपने केबिन में आ गई.

करीब एक घंटे बाद उन्होंने फिर से मुझे बुलाया और कॉफी पीने की इच्छा जताई.
मैं उनके लिए फिर से कॉफी लेकर गई और वापस से कुछ देर उनके पास रुककर उनसे बात की.

ऐसे ही 6 घंटे की फ्लाइट में उन्होंने मुझसे 5 बार कॉफी मंगवाई और हर बार कुछ देर रुकने के लिए कहा.
हर बार मैं कुछ देर रुकने के बाद उनसे बातें करती रही.

ये फ्लाइट मेरे लिए बड़ी ही अजीब थी क्योंकि आज तक किसी पैसिंजर ने ऐसा कभी नहीं किया था.
मैं बस ये ही सोच रही थी कि ये बुड्ढा पागल ही है.

इसके बाद फ्लाइट को जहां जाना था, वहां पहुंच गई और वह आदमी भी चला गया.
इसके बाद मेरे दिमाग से भी ये बात आई गई हो गई.

उस घटना के करीब 20 दिन बाद मैं उसी फ्लाइट से इंडिया वापस आ रही थी और इत्तेफाक कहिए या कुछ और वही रेड्डी साहब भी उसी फ्लाइट से इंडिया वापस आ रहे थे.

उस दिन भी फ्लाइट में बिल्कुल वही मंजर था, बिजनेस क्लास में पैसेंजर ना के बराबर थे और मेरी ड्यूटी भी बिजनेस क्लास में ही थी.

हम दोनों ने एक दूसरे को देखते ही पहचान लिया था और एक दूसरे को देखते ही दोनों के चेहरे पर हल्की मुस्कान आ गई.
वह फ्लाइट रात की थी और हम सुबह सुबह इंडिया पहुंचने वाले थे.

फ्लाइट टेकऑफ हुई और मैंने अपना रोज का काम करना शुरू किया.
उसके बाद मैं अपने केबिन में आ गई.

एक घंटे बाद फिर से रेड्डी जी ने मुझे बुलाया और फिर से उनका कॉफ़ी का ऑर्डर शुरू हो गया.
फिर वैसे ही हर बार मैं उनके लिए कॉफी लेकर जाती और कुछ देर रुककर उनसे बात करती.

आज मुझे भी कोई दिक्कत नहीं थी क्योंकि रात की फ्लाइट थी और सभी पैसिंजर सो चुके थे इसलिए मैं भी ज्यादा देर तक रुककर उनसे बातें करती रही.
उनसे बात करते हुए मैंने गौर किया था कि बाकी मर्दों की तरह उनकी नजर भी बार बार मेरे तने हुए बूब्स पर जा रही थी.

मैं भी मन में सोच रही थी कि इस 50 साल के बुड्ढे को भी शर्म नहीं है, जो मुझ पर नजर डाल रहा है.
इसके बाद जब हम इंडिया पहुंचने वाले थे, तो आखरी बार फिर से उन्होंने कॉफी पीने की डिमांड की और मैं उनके लिए कॉफी लेकर गई.

इस बार उन्होंने मुझसे कहा कि अगर तुम बुरा न मानो तो आज मैं तुम्हें घर ड्राप कर दूं.
पहले तो मैं मन में ही बोली कि साले ठरकी बुड्ढे, अपनी उम्र देख!

उसके बाद मैंने उनसे कहा कि हम लोग केवल कंपनी की गाड़ी से ही आना जाना करते हैं.
फिर भी उन्होंने मुझे कई बार जोर दिया, तो मैंने भी उसे खुश करने के लिए हां कह दिया.

उसके बाद फ्लाइट इंडिया पहुंची और मैं अपने ऑफिस में रिपोर्टिंग करने के बाद एयरपोर्ट से बाहर निकली.
मैंने सोचा कि रेड्डी साहब तो अभी तक चले गए होंगे क्योंकि मुझे काफी देर हो चुकी थी.
लेकिन मैं गलत थी.

एयरपोर्ट के बाहर ही रेड्डी साहब मेरा इंतजार कर रहे थे और उन्हें देखते ही मैं उनके पास चली गई.
मेरे आते ही उन्होंने अपने ड्राइवर को फोन किया और उनका ड्राइवर कार लेकर आ गया.

उनकी चमचमाती BMW देख मैं दंग रह गई.
पहली बार मैं उनसे काफी इम्प्रेस हुई थी.

आज दूसरी बार मैं BMW में बैठने वाली थी.
इससे पहले मैं अपने बॉयफ्रेंड की BMW में बहुत घूमी फिरी थी.

हम लोग बात करते हुए चल पड़े और रास्ते में उन्होंने मुझे अपना कार्ड देते हुए कहा कि जिंदगी में अगर किसी भी चीज की जरूरत हो तो मुझे याद करना.

मैंने उनका कार्ड रख लिया और जल्द ही हम लोग घर पहुंच गए.
जैसे ही मैं जाने लगी, उन्होंने मुझसे कहा- क्या मेरा इतना भी हक़ नहीं है कि तुम मुझे अपना नम्बर दो!

कुछ देर सोचने के बाद मैंने उन्हें अपना नम्बर दे ही दिया.
इसके बाद मैं अपने घर आ गई और कुछ दिन के बाद मैं ये सब भूल भी गई थी.

इसके बाद करीब एक महीने बाद मैं रात में अपने बेडरूम में लेटी हुई मोबाइल पर अपनी सहेलियों के साथ चैटिंग कर रही थी.

उस वक्त रात के 11 बज रहे थे.

तभी अचानक से मुझे एक नए नम्बर से मैसेज आया.

पहले तो मैं सोच में पड़ गई कि इतनी रात में किसने मुझे मैसेज कर दिया.
फिर जब मैंने उस नम्बर की प्रोफ़ाइल चेक की तो उसमें रेड्डी साहब की फ़ोटो देख कर मैं समझ गई कि ये उनका नम्बर है.

इसके बाद मैंने भी उन्हें रिप्लाई दिया और हम दोनों के बीच मोबाइल पर ही चैटिंग शुरू हो गई.
उस रात 2 बजे तक हम दोनों के बीच ऐसे ही नार्मल चैटिंग हुई.

इसके बाद तो जब भी मैं घर पर रहती तो अक्सर हम दोनों के बीच ऐसे ही चैटिंग हुआ करती थी.

धीरे धीरे हम दोनों में एक अच्छी दोस्ती सी हो गई थी.
लेकिन मैंने उनके बारे में कभी कुछ गलत नहीं सोचा था.

फिर एक रात हम लोग ऐसे ही चैटिंग कर रहे थे तो उन्होंने मुझे डिनर के लिए इनवाइट किया.
कुछ सोचने के बाद मैंने उन्हें हां कह दिया और उसके अगले दिन ही उन्होंने डिनर के लिए आने का कहा.

अब अगले दिन शाम को हम लोगों का मिलना तय हुआ.
शाम 7 बजे मुझे उनसे मिलने के लिए जाना था और मैं तैयार होकर उनके आने का इंतजार करने लगी.

उस दिन मैंने सिंपल सी साड़ी पहनी हुई थी, जिसके साथ मैंने बिना बांह का और गहरे गले का ब्लाउज पहना हुआ था.

कुछ देर में उनकी कार मेरे घर के बाहर आकर रुकी और मैं उनके साथ चली गई.
हम लोग रास्ते भर बातें करते हुए जा रहे थे और मुझे पता नहीं था कि वे कहां जाने वाले थे.

जल्द ही उनकी कार एक आलीशान फाइव स्टार होटल में चली गई.

यह आलीशान फाइव स्टार होटल मेरे लिए पुनः एक लग्जरी लाइफ जीने की शुरुआत थी.
दोस्तो, मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी सेक्स कहानी में मजा आ रहा होगा.

इसके अगले भाग में मैं आपको रेड्डी साहब के साथ किस तरह से मेरी जुगलबंदी हुई और मैं उनके मूसल लंड से चुदी.

स्माल पेनिस बॉयफ्रेंड स्टोरी पर आपके विचारों का स्वागत है.
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स्माल पेनिस बॉयफ्रेंड स्टोरी का अगला भाग:

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