कमसिन लौंडिया की सीलपैक चूत चोदी

(Teenage Fuck Story)

टीनएज़ फक स्टोरी में मेरे साथ वाले घर में एक लड़की की जवानी निखरी तो मेरी नजर उस पर पड़ी. मैं उसके बड़े बूब्ज़ देख कर सोचता था कि साली चुद चुकी होगी.

हैलो सेक्सी सहेलियो, मैं आपको चोदने की चाहत लिए एक बार फिर से मदमस्त कर देने वाली हवस भरी दास्तान लेकर हाज़िर हूँ.

तो मेरी सेक्सी चूत वाली दोस्तो, सुनो एक प्यासी जवान लौंडिया की पहली चुदाई की कहानी.

जैसा टीनएज़ फक स्टोरी का नाम है, वैसा ही उसका जिस्म है.
अभी वह मात्र 18 साल की है.

लेकिन उसके बूब्स देखकर लगता है कि बहुत से लंड खा चुकी होगी.
गोरे रंग की, 5 फुट हाइट वाली, 36-30-38 का फिगर लिए, बड़ी कातिल अदाओं से बलखाती हुई वह मेरी बांहों में कैसे आई, ये सेक्स कहानी उसी संदर्भ में है.

बात कोई एक हफ्ते पहले की है.
इस कातिल हसीना का नाम है सोनिया, जो मेरी ही गली में मेरे घर से एक घर बाद रहती है.

पहले जब मैं उसे और उसके दूध देखता था तो लगता था कि ये लड़की खेली-खाई है.
पर ऐसा नहीं था.

उसे जब भी गली में चलते हुए देखता था तो बस उसके चलने के साथ हिलते हुए बड़े बड़े बूब्स पर ही नज़र जम जाती.

मन करता कि उनसे खेलूँ, दबाऊं.
पर ऐसा कर नहीं सकता था जो मन में होता क्योंकि उसकी और मेरी उम्र का फासला हमेशा बीच में आ जाता.

मैं तब भी उसे देखने से खुद को रोक नहीं पाता था.
मेरी नजरें उसके चूचों में अटक कर रह जाती थीं; कर कुछ पाता नहीं था तो बस मन की बात मन में ही रह जाती.

एक बात यह भी थी कि वह यह जानती थी कि मैं उसके जिस्म के किस-किस हिस्से को देखता हूँ.
लेकिन वह कोई अच्छा या बुरा रिएक्शन नहीं देती थी.

उसकी इसी बात से मुझे अन्दर से सुकून मिलता था कि यदि यह लड़की लंड खाने की शौकीन है तो कभी न कभी मेरे लौड़े का नंबर भी लग ही जाएगा.

मैं अपनी तरफ से कुछ और नहीं कर सकता था … सो बस मुठ मार कर रह जाता था.

पर कुछ दिन पहले जो हुआ, वह मेरी कल्पना में भी नहीं था.

सब कुछ अचानक हुआ.

उस दिन मैं घर पर अकेला था.
मैं सोनिया के दूध सोचते हुए अपने लौड़े को सहला रहा था और फव्वारे के नीचे खड़े होकर नहा रहा था.

उसी वक्त किसी ने डोरबेल बजाई.

मैं केवल तौलिया लपेटकर बिना अंडरवियर पहने बाहर आया और गेट खोला.
तो सामने सोनिया को पाया.

वह कुछ सामान लेकर आई थी.
उसे देख कर मैं एकदम से चौंक गया और अपनी तौलिया में फूले हुए लौड़े को छिपाने का प्रयास करने लगा.

मैंने उसकी तरफ देखा तो वह मुस्कुरा कर बोली- मम्मी ने यह सामान भेजा है.

मेरा पूरा शरीर और हाथ गीले थे.
तो मैंने उससे कहा- तुम खुद ही अन्दर रख दो.

वह बिना कुछ बोले, एक गहरी-सी नज़र मेरे बदन पर डालकर अन्दर आ गई.

दरवाज़ा बंद करके मैं भी अन्दर आया.
लेकिन फर्श पर गिरे पानी के कारण उसका पैर फिसल गया.

उसे संभालने के चक्कर में मेरा तौलिया खुलकर गिर गया और वह मेरी बांहों में थी.
मेरा एक हाथ उसके पेट पर था और दूसरा उसके बूब्स पर और मेरा लंड उसकी गांड से सट गया क्योंकि मैंने उसे पीछे से पकड़ने की कोशिश की थी.

वह गिरने से तो बच गई, फिर खड़ी हुई और फौरन पलट गई.
मेरे हाथों से आज़ाद होते ही वह मेरी तरफ पलटी और उसकी नज़र सीधी मेरे आधे खड़े लंड पर पड़ी.

वह मुँह खोले, हकबकाई-सी, आंखें बड़ी करके उसे देखती रही.
मैंने अपना तौलिया उठाया और लपेट लिया.

तब जैसे वह नींद से जागी हो, अचानक बोल पड़ी- ये इतना बड़ा होता है?
मैं भी अचानक हुए इस सवाल पर बोल पड़ा- तुमने पहले किसी का देखा नहीं क्या?

वह बोली- मैं किसका देखूँगी?
मतलब साफ था कि वह अनचुदी थी.

मैंने उससे कहा- तुम्हें बुरा तो नहीं लगा?
वह बोली- किस बात का?

मैंने कहा कि मेरे हाथ तुम्हारे सीने पर थे, इस बात का!
वह हंस कर बोली- नहीं … यह तो अच्छा हुआ कि आपने मुझे गिरने से बचा लिया, नहीं तो मुझे चोट लग जाती.

अब उसने अपने साथ लाया हुआ सामान रख दिया, लेकिन नज़र बचाकर बार-बार मेरे लंड को देखने की कोशिश कर रही थी.
इस पर मैंने थोड़ी हिम्मत की और पूछा- क्या तुम उसे दोबारा देखना चाहती हो!

वह कुछ नहीं बोली.
मैंने फिर से कहा- अच्छा लगा हो, तो देख लो!

यह कहते हुए मैंने अपना तौलिया खोलकर फेंक दिया.
इस बार मेरा लंड खड़ा हो चुका था.

मेरे फनफनाते हुए लौड़े देखकर वह बोली- ये तो और बड़ा हो गया!

मैंने उसका हाथ पकड़ कर लंड पर रख दिया और बोला- पकड़ कर देखो.
उसने मेरा लंड कसकर पकड़ लिया और मैंने उसकी कमर के पीछे हाथ ले जाकर उसके हिप्स को दबाने लगा.

अब हम दोनों में से कोई कुछ नहीं बोल रहा था.
उसकी सांसें तेज़ होने लगी थीं.

मैंने अचानक उसके होंठों पर होंठ रखकर किस करना शुरू कर दिया.

वह भी एकदम बेल की तरह लिपट गई.
काफी देर तक किस करने के बाद मैंने उसकी टी-शर्ट और स्कर्ट उतार दी.
जिसका उसने कोई विरोध नहीं किया.

फिर ब्रा और पैंटी भी उतार दी.
उसकी चूत पर हल्के-हल्के सुनहरे बाल थे.
गुलाबी चूत बड़ी मस्त लग रही थी.

मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी चूत चूसने लगा, दोनों हाथों से उसके बूब्स दबाने लगा.

खरबूजे के साइज़ के बूब्स दबाने में बड़ा मज़ा आ रहा था.
धीरे-धीरे उसके पूरे जिस्म को चूसा और चाटा.

फिर मैंने अपना लंड उसके मुँह में देने की कोशिश की.

थोड़ी ना-नुकुर के बाद वह मेरा लंड मुँह में लेने को राज़ी हो गई.

लेकिन उसे चूसना नहीं आता था, तो लंड चुसवाने में मज़ा नहीं आया.

अब मैंने उसे पलंग के किनारे किया और उसकी गांड के नीचे तकिया लगाकर अपना लंड उसकी चूत पर रखा.

उससे पूछा- डालूँ?
वह बोली- दर्द होगा!

मैंने कहा- थोड़ा होगा, लेकिन मज़ा भी आएगा.
टीनएज़ फक के लिए वह आतुर थी, वह कुछ नहीं बोली.

मैंने एक जोर की ठोकर उसकी चूत पर लगाई.
मेरा आधा लंड उसकी चूत में उतर गया.

वह चीखी तो नहीं, लेकिन उसकी आंखों से पानी निकल आया.

मैं रुक गया, लंड को चूत में ही फँसा रखकर उसके बूब्स चूसने लगा.

एकदम कड़क बूब्स थे.

वह नॉर्मल होने लगी, तो मैंने अपनी कमर को हिलाना शुरू किया.
वह भी अपनी पहली चुदाई एंजॉय करने लगी.

धीरे-धीरे मेरी स्पीड तेज़ होने लगी और वह मुँह से ‘उह … आह’ की आवाज़ें निकालने लगी.

मैंने इसी दौरान उससे पूछा- सोनिया, तेरे बूब्स इतने बड़े कैसे हो गए, जबकि तू अभी तक चुदी नहीं है!

ऐसा मैंने इसलिए कहा क्योंकि उसकी चूत से खू.न निकला था जो अब बंद हो चुका था.

वह बोली- मैं नहाते वक्त अपने हाथों से इन्हें मसलती हूँ. बड़ा मज़ा आता है मसलने में. आप भी इन्हें जोर-जोर से दबाओ.

अब मैं भी उसके दोनों गुब्बारों को पकड़ कर दबाने लगा और उसे चोदने लगा.

वह बोली- अंकल और जोर से चोदो!
मैंने उसके दोनों पैर अपने कंधे पर रखे और उसे जोर-जोर से चोदने लगा, साथ में बूब्स को मसलने लगा.

वह मज़ा ले-लेकर चुदने लगी.
तभी वह जोर से कांपी और ढीली पड़ गई.

मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकाला और उसे घोड़ी बनाया.

पीछे से उसकी चूत चाटने लगा.
पांच मिनट में वह फिर गर्म हो गई.

इस बार मैं उसे पीछे से चोदने लगा.
लेकिन वह थकने लगी पर पूरी चुदाई के मूड में थी.

मैं लेट गया और उसे लंड पर चूत रखकर बैठने को कहा.
वह भी आ गई और मेरे खड़े लंड पर चूत रखकर एकदम से बैठ गई.

मेरा पूरा लंड एक ही बार में उसकी चूत में घुस गया जिससे उसे मीठे दर्द के साथ मज़ा भी बहुत ज्यादा आया.

अब वह मेरे लंड पर उछल-उछल कर चुदाने लगी.
पूरा लंड बाहर निकलता और वह उस पर जोर से बैठ जाती.

इसी दौरान वह एक बार फिर से झड़ गई और मेरे ऊपर गिर पड़ी.

अब मैं भी खलास होने वाला था.

मैंने तुरंत पलटी मारी और उसके ऊपर आकर दनादन चोदने लगा.

मेरा पानी निकलने वाला था जिसे मैंने उसके पेट पर गिरा दिया.
टीनएज़ फक से वह तृप्त हो गई थी.

मैं भी उसे चोद कर बड़ा खुश था क्योंकि सोनिया अब मेरे लौड़े से चुदने बार बार आने वाली थी, यह तय था.

मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से चूमा तो वह भी मस्ती से मेरे होंठों से अपने होंठों के रस को चुसवाने लगी.

कुछ पल बाद मैंने उससे पूछा कि मजा आया?
वह बोली- हां पर दर्द भी हुआ!

मैंने कहा- अगली बार से दर्द नहीं होगा.
वह बोली- मैं छत से आपके घर में आ जाया करूंगी.

मैंने कहा- वह कैसे?
वह मुस्कुरा कर बोली- वह तो मैं आराम से आ जाती हूँ … बगल वाली आंटी की छत की मुंडेर बहुत छोटी सी है. उसे लांघ कर आपकी छत पर आना आसान है.

मैंने कहा- फिर रात को तुम्हारे घर में कोई टोकेगा नहीं?
वह हंस कर बोली- मुझे चुदवाना है और डर आप रहे हो अंकल!

मैंने उसके एक दूध को अपने होंठों से खींच कर चूसा और कहा- ओके तुम रात को आओगी तब तुम्हें मस्ती से चोदूंगा.
वह बोली- ओके … अब हटो न जाने तो दो मुझे … तभी तो रात को आ पाऊँगी!

मैंने उसे अपनी गिरफ्त से मुक्त कर दिया और वह अपने कपड़े सही करके चली गई.

अब रात को वह मेरे आगोश में जब आई तो किस तरह से मैंने उसे चोदा और क्या क्या हुआ, वह सब आपके कमेंट्स मिलने के बाद लिखूँगा.

तो दोस्तो, ये थी सोनिया की पहली चुदाई.
इस टीनएज़ फक स्टोरी पर रिस्पॉन्स ज़रूर दीजिएगा.

मेरी ईमेल आईडी है
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मेरी पिछली कहानी थी: मेरी कामवाली की चिकनी हॉट चूत

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