मैं चुदी अपनी बहन के देवर से

(Virgin Girl Xxx Kahani)

कशिश 25 2025-06-30 Comments

वर्जिन गर्ल Xxx कहानी में मैं अपनी छोटी बहन के देवर को पसंद करती थी, उसके साथ ही अपना पहला सेक्स करके अपनी सील तुड़वाना चाहती थी. मुझे उसका लंड कैसे मिला?

मेरा नाम कशिश है और मैं दिल्ली की निवासी हूँ।

इस कहानी में मैं आपको बताऊँगी कि मैंने कैसे अपनी बहन के देवर के साथ पहली बार शारीरिक संबंध स्थापित किए।

मैं पहले थोड़ा अपने बारे में बता देती हूँ।
मेरी आयु 27 वर्ष है, रंग साफ है, मेरा फिगर 32-26-32 है और मेरी ऊँचाई 4 फीट 11 इंच है।
मुझे विश्वास है कि अब तक आप मुझे अच्छे से कल्पना कर चुके होंगे कि मैं कैसी दिखती हूँ!

ये घटना एक साल पहले की है।

मैं अंकुश को पहले से ही पसंद करती थी लेकिन कभी साहस नहीं हुआ कि उससे कुछ कह सकूँ।

चलिए, अब मैं अपनी वर्जिन गर्ल Xxx कहानी शुरू करती हूँ।

मेरी बहन की शादी को 2 साल बीत चुके हैं।
वो मुझसे छोटी है लेकिन उसका विवाह हो गया था। उसने लव मैरिज कर ली थी.
मेरी ऊंचाई कम होने के कारण मेरी शादी में दिक्कतें आ रही थी.

उसका देवर अंकुश मुझे शुरू से ही आकर्षक लगता था।
लेकिन हमारी कभी खुलकर बातचीत नहीं हुई।
बस कभी-कभी कहीं मिलते थे तो हल्की-फुल्की बात हो जाती थी।
ना तो फोन पर बात होती थी और ना ही कोई खास सेटिंग थी।

एक दिन मैं अपनी बहन के घर थी और अंकुश भी वहाँ मौजूद था।

मैं आपको अंकुश के बारे में थोड़ा बता दूँ।
उसकी उम्र 25 वर्ष है।
हाँ, वो मुझसे छोटा है, लेकिन क्या करूँ, दिल को वो भा गया!
उसकी ऊँचाई 5 फीट 9 इंच है और रंग भी साफ है।

लोग मुझे देखकर नहीं कह सकते कि मैं 27 की हूँ, मैं 22 की दिखती हूँ!

उस दिन अचानक मेरी बहन और उसके पति को कहीं जाना पड़ गया।

मेरी बहन ने अंकुश से कहा, “कशिश को घर छोड़ देना।”
अंकुश ने जवाब दिया, “ठीक है, थोड़ी देर में छोड़ दूँगा!”

अब हम दोनों घर में अकेले थे।

यहीं से असली कहानी शुरू होती है।

वो लैपटॉप पर कुछ काम कर रहा था।

मैंने सोचा कि आज मैं उससे कुछ बात कर लेती हूँ और बता देती हूँ कि मैं उसे चाहती हूँ।
मुझे नहीं पता था कि आज का दिन मेरे लिए अविस्मरणीय होगा और मेरी चूत आज खुल जाएगी!

मैंने उससे सामान्य बात शुरू की, मैंने पूछा, “अंकुश, एक बात बता, तुम्हारा और प्रिया का कुछ चल रहा है क्या?”

प्रिया मेरी मौसी की बेटी है।

वो बोला, “यार, तुम बहनों का तो कमाल का हिसाब है!”
मैंने कहा, “क्यों, क्या हो गया?”

उसने कहा, “तुम्हें लगता है मेरा प्रिया से कुछ है और उसे लगता है मेरा तुमसे कुछ है!”
मैंने हैरान होकर कहा, “क्या! उसे ऐसा लगता है?”

वो बोला, “हाँ, उसे तो ये भी लगता है कि हमारे बीच कुछ हो चुका है, जबकि मैंने तो आज तक तुम्हारा हाथ भी नहीं छुआ!”
मैंने कहा, “हाथ तो आज तक किसी ने नहीं छुआ!”

वो बोला, “क्यों? तुम्हारे प्रेमी ने तो छुआ ही होगा!”
मैंने कहा, “मेरा आज तक कोई प्रेमी रहा ही नहीं!”

वो बोला, “क्यों यार, इतनी खूबसूरत हो, फिर प्रेमी क्यों नहीं बनाया?”

मैंने सोचा, आज बोल ही देती हूँ, मैंने कहा, “बस, किसी को चाहती थी, लेकिन उसे कह नहीं पाई और किसी और को चुना नहीं!”

उसने पूछा, “कौन है वो भाग्यशाली?”
मैंने एकदम बोल दिया, “तुम हो वो!”

उसने लैपटॉप हटाया और मुझे देखने लगा।
फिर बोला, “यार कशिश, तुमने पहले क्यों नहीं बताया?”

मैंने कहा, “बस, डर था कि तुम भी चाहते हो या नहीं!”

वो बोला, “अरे, मैं तो शुरू से तुम्हें चाहता हूँ, लेकिन रिश्तेदारी के चक्कर में कभी कहा नहीं, कहीं भाभी गलत न समझ लें!”

मैं हँसने लगी और बोली, “मैं भी शुरू से तुम्हें चाहती हूँ!”

उसने कहा, “यार, हमने एक-दूसरे के इंतज़ार में कितने साल गँवा दिए!”

फिर उसने अचानक मुझसे पूछा, “कशिश, क्या तुम मेरी प्रेमिका बनोगी? मैं तुम्हें बहुत चाहता हूँ!”

मैंने हाँ में सिर हिलाया।
उसने मुझे तुरंत गले से लगा लिया।
ये मेरा पहला आलिंगन था और मुझे बहुत अच्छा लगा!

फिर उसने कहा, “यार, आज इतना शानदार दिन है, तो मुँह मीठा करना बनता है!”
मैंने पूछा, “कैसे?”
वो बोला, “तुम्हारे इतने रसीले होंठ हैं!”
इतना कहते ही उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए।

मेरे तो जैसे बिजली सी दौड़ गई!
यह मेरा पहला चुम्बन था, वो भी अचानक!

3-4 मिनट तक उसने मेरे होंठ चूसे, फिर हटकर बोला, “कैसा लगा?”
मैं बस मुस्कुरा दी।

उसने मुझे तुरंत गोद में उठाया और अंदर कमरे में ले जाकर बेड पर लिटा दिया।
फिर से चुम्बन शुरू कर दिया।
इस बार उसने मेरी गर्दन पर चुम्बन लिया।

“उईईई!” मुझे अजीब सी खुशी महसूस हुई।

मैंने कहा, “नहीं अंकुश, हट जाओ!”
वो बोला, “श्ह्ह! कुछ मत बोलो बाबू, अब मुझे करने दो। तुमने मुझे बहुत तड़पाया है!”

वो मेरी गर्दन और होंठों पर चुम्बन करता रहा।
मैं भी मस्त होने लगी।
धीरे-धीरे उसने चुम्बन करते हुए मेरे बूब्स पर हाथ रख दिया।

मैंने उसका हाथ हटाया, लेकिन उसने फिर रख दिया।
मैंने भी ऊपरी मन से उसका हाथ हटाया था।

अब उसने मेरा कमीज ऊपर किया और मेरा पेट चूमने लगा।
मैं “उफ्फ्! आह्ह्!” करने लगी।

उसने मेरी ब्रा हटाई और मेरे बूब्स पर अपने होंठ रख दिए।
वह मेरे उरोज को चूसने लगा और एक बूब को दबाने लगा।

मैं सिहर गई।
मेरे मुँह से निकला, “आह्ह्ह! अंकुश! ऊईईई!”

वो चूसता और दबाता रहा।
मैं भी मजे में आने लगी।

फिर वो हटा।
मैंने सूट ठीक किया।

वो बोला, “कशिश, मुझे आज सब कुछ करना है!”
मैंने कहा, “क्या मतलब?”

वो बोला, “तुम्हारी चुदाई!”
मैंने कहा, “नहीं यार!”

वो बोला, “क्यों? तुम्हारा मन नहीं करता? तुम्हारी छोटी बहन के बच्चे हैं और तुम्हारा मन नहीं करता?”
मैंने कुछ नहीं कहा।

वो बोला, “बोलो! मैं तुम्हारी सहमति के बिना नहीं करूँगा!”
मैंने कहा, “ठीक है!”

इतना सुनते ही वो मुझ पर टूट पड़ा।

उसने मेरा सूट और ब्रा उतार दिए और अपनी शर्ट भी उतार दी।

उसने मेरे गोरे बूब्स को चूस-चूसकर लाल कर दिया।
मैं बस “आह्ह्ह! आह्ह्ह!” करती रही।

फिर उसने मुझे अपने ऊपर लिया।
मैं उसकी गर्दन और होंठ चूमने लगी।
मैंने उसके निप्पल भी चूसे।

अब उसने मुझे पलटा और मेरी लेगिंग्स और पैंटी उतार दी।

उसने अपने सारे कपड़े भी उतार दिए।
वो मेरे ऊपर आ गया।

मैंने अपनी टाँगें बंद कर ली थीं।

उसने मेरी टाँगें खोलीं और मेरी जाँघों को चूमने लगा।
मैं “आह्ह्ह!” करने लगी।

फिर उसने मेरी चूत पर हाथ फेरा।
मैं उछल गई।

वो बोला, “आराम से बाबू!”
फिर उसने मेरी चूत चूसनी शुरू की।
पहले उंगली डाली, फिर अपनी जीभ से चूसने लगा।

मैं बस “आह्ह्ह! ऊईईई! अंकुश … ऊईईई!” करती रही।
वो चूसता रहा।

मेरा हाथ कब उसके सिर पर चला गया, पता ही नहीं चला।

मुझे भी मजा आने लगा।
मैं “आह्ह्ह! आह्ह्ह!” करती रही।

उसने मेरी पूरी चूत गीली कर दी।

फिर वो उठा और मुझे उठाकर अपना लंड मेरे सामने कर दिया।

वो बोला, “चूसो बाबू!”
मैंने कहा, “नहीं!”

वो बोला, “बेबी, चूत तो मजे से चुसवा रही थी, अब चूसो!”

उसने मेरे होंठों पर अपना लंड रख दिया।
मैंने एक चुम्बन लिया।
फिर उसने मेरा मुँह खुलवाया और अंदर कर दिया।

पहले अजीब लगा लेकिन जिस तरह उसने मेरी चूत चूसी, उसी तरह मैंने भी उसका लंड चूसा।

अब असली इम्तिहान था।
मेरी चूत को खोल कर बड़ी करना था।

उसने मुझे बेड पर लिटाया और मेरी जाँघों पर चुम्बन लिया, फिर अपना लंड मेरी चूत पर घिसने लगा।

अचानक उसने मेरी चूत में लंड डाल दिया।
मेरी चीख निकल गई, “आह्ह! ऊह ऊऊऊ! आआह आआ!”

मैंने उसे हटाने की कोशिश की लेकिन वो चुम्बन करता रहा।
थोड़ी देर बाद उसने पूरा लंड अंदर कर दिया।

मैं मचलती रही, “आह्ह! ऊऊऊ! आईई ईई!”

वो मेरी टाइट चूत को चोदता रहा।

फिर उसने मुझे घोड़ी बनाया और फिर से चोदा।
इस बार दर्द के साथ-साथ मजा भी आने लगा।

फिर उसने मुझे गोद में लिया और गोद में ही चोदने लगा।
इस बार मुझे पहले से भी ज्यादा मजा आया।

कुल मिलाकर उसने मुझे 25 मिनट तक लगातार चोदा।
मैं पूरी थक गई थी लेकिन मुझे बहुत आनंद आया।

आखिर में उसने अपना माल मेरे पेट पर गिराया और मेरे ऊपर लेट गया।

दोस्तों, मैं बयान नहीं कर सकती कि मैं उस दिन वर्जिन गर्ल Xxx करके कितनी प्रसन्न थी।
जिसे मैं चाहती थी, उसी से मैं पहली बार चुदी!
मेरी पहली चुदाई की खुशी का कोई पारावार ना था.

तो दोस्तो, ये थी मेरी पहली कहानी कि कैसे मैं अपनी बहन के देवर से चुदी।

आप सब मुझे बताना कि कहानी कैसी लगी।
अगर आप सबका साथ मिला, तो मैं आगे बताऊँगी कि कैसे कुछ महीने पहले मैंने अंकुश की सगी बहन को उससे चुदवाया।

उसका जिक्र हो गया, तो थोड़ा उसके बारे में बता देती हूँ।
उसका नाम नंदिनी है। उसकी उम्र 23 वर्ष है, रंग साफ है, फिगर 34-28-36 है और उसका चेहरा ऐसा है कि लड़के कहेंगे, “यार, इसके तो मुँह में दे दो!”

चलो, आप सब बताना कि मेरी वर्जिन गर्ल Xxx कहानी कैसी लगी।
फिर मैं आगे नंदिनी की कहानी बताऊँगी कि कैसे उसके भाई ने उसे चोदा।

मेरी ईमेल आईडी है
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