बुआ की रिश्तेदार को उसके घर पर चोदा

(Virgin Ladki Chudai Kahani)

वर्जिन लड़की चुदाई कहानी में मुझे ट्रेन में बुआ के रिश्तेदार मिले. उनके साथ वह लड़की भी थी जिसके साथ मैं बचपन में बुआ के घर में खेला करता था. मैंने उसे वो बातें याद दिलाई.

लड़कियो और भाभियो, आप सभी की गर्म चूत को मेरे कड़क लंड का प्यार पहुंचे.

मेरा नाम प्रवीण कुमार है. मैं नवसारी (गुजरात) का रहने वाला हूँ.
वैसे तो मैं राजस्थान के सीकर का हूँ लेकिन फ़िलहाल नवसारी में रहता हूँ.

मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ और मुझे यहां से ही लड़कियों और भाभियों को चोदने की प्रेरणा मिलती है.

मेरी उम्र 30 साल है, कद 5 फीट 8 इंच और लंड का साइज 7 इंच है.

यह वर्जिन लड़की चुदाई कहानी एक रेल यात्रा से शुरू हुई थी.

एक बार मैं गुजरात से राजस्थान ट्रेन से जा रहा था.
तब मेरी उम्र 23 साल थी.

मेरी सीट कन्फर्म नहीं हुई थी इसलिए मैं लॉबी में खड़ा था.
हमारे यहां के 2-3 लोग मुझे मिले, तो उनके साथ टाइम पास कर रहा था.

थोड़ी देर बाद मेरी बुआ के रिश्तेदार संजय अंकल और उनकी फैमिली बड़ौदा से उसी ट्रेन में चढ़े.

मैंने संजय अंकल के पैर छुए.
तो उन्होंने कहा- बेटा, यहां क्यों खड़े हो? तुम्हारी सीट नहीं है क्या?’

मैंने कहा- हां अंकल, मैंने टिकट तो लिया था, लेकिन बर्थ कन्फर्म नहीं हुई.

संजय अंकल बोले- कोई बात नहीं. हमारे पास एक टिकट एक्स्ट्रा है, तुम चाहो तो हमारे साथ बैठ सकते हो.

मैंने सोचा कि दिन में तो ठीक है, लेकिन रात को नींद न आने के कारण सिरदर्द होने लगेगा.
ऐसे में तो अंकल ने सही सुविधा दे दी.

मैंने झट से कहा- ठीक है, अंकल … यह तो मेरे लिए बहुत बढ़िया है.

संजय अंकल के साथ उनकी बेटी पूजा भी थी.

दोस्तो, मैं आपको पूजा के बारे में बता दूँ.
वह बहुत ही सेक्सी और स्लिम लड़की है.
उसका फिगर 32-28-34 का है. रंग एकदम गोरा, काले बाल, नीली आंखें और रसीले होंठ.

उसकी उम्र 20 साल है.
मैंने करीब 10 साल बाद आज उसे देखा था.
वह बहुत ही मस्त माल हो गई थी.

उसे देखते ही मेरा लंड एकदम टाइट हो गया.

पहले बचपन में हम घर-घर खेलते थे.
तब मैं पापा बनता था और पूजा मम्मी.

जब हम अकेले होते, तो मैं पूजा को चुपके से किस कर लिया करता था.
वैसे तो वह बचपन की बात थी, जो बीत गई.

शायद हम दोनों ही अपनी उसी बात को याद करने लगे थे.
इसी लिए वह मुझे देखकर मुस्कुराई और मेरे पास आकर बैठ गई.

बातों-बातों में रात हो गई.
सबने खाना खाया और अपनी-अपनी बर्थ पर सो गए.

मैं नीचे वाली बर्थ पर सो गया और वह मेरे सामने वाली बर्थ पर.

हमने इधर-उधर की बातें की.
मैंने उससे पूछा- घर-घर खेलें क्या?

वह समझ गई और शर्माती हुई बोली- फालतू बात मत करो.
फिर वह शर्माकर चुप हो गई.

मैंने उससे पूछा- इसका मतलब सब याद है न!
वह धत कह कर मुस्कुराने लगी.

मैंने कहा- अब मुझे देख कर तुमको कैसा लगा?
वह बोली- मतलब!

मैंने कहा- चलो बताना नहीं है तो कोई बात नहीं, पर हर बात में मतलब निकालना ठीक नहीं होता है पूजा मैडम!

वह हंसने लगी और बोली- अरे यार, वे सब उस समय की बातें थीं. अब उन्हें याद करने से कोई लाभ नहीं है.
मैंने कहा- लाभ हानि इसमें किधर से आ गया?

वह आँख मटकाती हुई बोली- तुम से बातों में जीतना मुश्किल है!
मैंने कहा- तो किसी और चीज में कोशिश कर लो … हो सकता है उसमें तुम जीत जाओ!

वह हुं कह कर मेरी आँखों में झांकने लगी फिर धीरे से बोली- अब सो जाओ … सपने में मिलते हैं!
मैंने कहा- ओके मैं तुम्हें यहीं इंतजार करता हुआ मिलूँगा.

वह हंस दी और मुँह फेर कर सोने लगी.
मैं भी उसे देखता रहा और न जाने कब मेरी नींद लग गई.

रात को करीब 2 बजे मेरी नींद खुली.
मैंने देखा कि सब सो रहे थे और लाइट भी बंद थी.

मैं उठा और पूजा के बूब्स पर हाथ फेरने लगा.
वह शायद जाग रही थी इसलिए वह थोड़ी सी कसमसाई और मेरी तरफ पीठ करके सो गई.

थोड़ी देर बाद मैंने उसकी गांड पर हाथ घुमाया तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया.

मेरी तो गांड फट रही थी कि कहीं ये चिल्ला कर पूरी ट्रेन को न जगा दे.
फिर वह मेरी तरफ घूमी और उसने मेरे हाथ को पकड़ कर अपने बूब्स पर रख दिया.

वह पूरी गर्म हो चुकी थी.

मेरी हालत अभी भी डर से खराब थी कि कोई देख लेगा, तो क्या बोलेगा!

कुछ पल बाद वह मेरे पास को आई और मेरे होंठों से अपने होंठ चिपका कर किस करने लगी.
अब मैं भी बिना डरे उसे किस करने लगा और एक हाथ से उसके बूब्स दबाने लगा.

कुछ देर बाद वह सामान्य हुई और टॉयलेट चली गई.

थोड़ी देर बाद मेरे पास आकर बैठ गई.

मैंने कहा- आगे का प्रोग्राम चालू करें?
उसने कहा- नहीं, यहां नहीं. जब हमारे गांव आओगे, तब देखेंगे.

मैंने कहा- तुम अपना मोबाइल नंबर दे दो.
उसने अपना नंबर दिया और फिर हम सो गए.

सुबह उनका स्टेशन पहले आया तो मैंने उनके सामान उतारने में मदद की.

तभी अंकल ने कहा- चलो, तुम भी अपनी बुआ के यहां चले चलो!
मैंने कहा- बाद में आऊंगा अंकल. अभी तो मैं घर जाऊंगा और फिर एक शादी में जाकर बाद में बुआ के यहां आऊंगा.

अंकल- ओके बुआ के यहां आओ, तो हमारे घर भी आना!
मैंने कहा- ठीक है अंकल.

फिर मैं ट्रेन से अपने गांव आ गया.

इसके 10-12 दिन बाद मैं बुआ के घर गया.
सबसे मिला, फिर मैंने पूछा- आपके परिवार के वह संजय अंकल आए थे, वह हैं या चले गए?
बुआ ने कहा- पता नहीं … तुझे कैसे पता कि वह आए हुए हैं?

मैंने कहा- मैं उनके साथ ही आया था. अभी मैं उनसे मिलने जा रहा हूँ.

मैं संजय अंकल के घर गया.
उस वक्त दोपहर के 1 बजे थे.

मैं उनके घर पहुंचा तो देखा कोई नहीं था लेकिन ताला भी नहीं लगा था.

मैंने दरवाजे के पास जाकर आवाज़ लगाई- कोई है क्या घर पर?

तभी अन्दर से आवाज़ आई- कौन है?
आवाज़ लड़की की थी.

जब वह बाहर आई तो मैंने देखा कि वह तो पूजा है.
उसे देखते ही मेरा लंड फनफना उठा.

मैंने अपने आपको संभालते हुए पूछा- अंकल और बाकी लोग कहां हैं?
उसने कहा- सब शादी में गए हुए हैं.

उसकी बात सुनकर मैंने उसे अपने सीने से चिपका लिया और उसे किस करने लगा.

उसने कहा- एक मिनट रुको. आप अन्दर चलो, मैं आती हूँ.
वह बाहर गई, इधर-उधर देखकर दरवाजा बंद करके आ गई.

मैं उसके बेडरूम में गया और मोबाइल पर एक हॉट सेक्सी चूत चुदाई की वीडियो लगा दी.

मैंने मोबाइल उसके हाथ में दे दिया और उसका टॉप उठा कर उसके मम्मे चूसने और दबाने लगा.
धीरे-धीरे वह भी गर्म हो गई.

उसने मोबाइल साइड में रखा और मुझे किस करने लगी.

मैंने उसका टॉप और जीन्स उतार फेंकी और उसकी चूत पर हाथ घुमाने लगा.

मैं उसके बदन को चूमता हुआ उसकी चूत पर पहुंचा और चूसना शुरू कर दिया.
उसकी चूत ने एक बार तो पानी छोड़ दिया था.

उसने मुझसे कहा- यार अब और मत तड़पाओ. मेरी चूत में अब डाल भी दो अपना लंड!

मैं उठा और उसकी टांगें फैलाकर अपना लंड उसकी चूत पर सैट किया.
एक झटका मारा, तो मेरा लंड फिसल गया.

मैंने पूछा- पहली बार है क्या तुम्हारा?
उसने कहा- हां.

फिर मैंने उसकी चूत पर थोड़ा तेल लगाया और अपने लंड पर भी थोड़ा तेल लगाया.
इसके बाद धीरे-धीरे उसकी चूत में लंड डालने लगा.

लंड का सुपारा अन्दर जाते ही वह थोड़ा चिहुंक पड़ी.
मैं थोड़ी देर बिना हरकत किए उसके ऊपर लेटा रहा.

कुछ देर बाद वह नॉर्मल हुई और अपनी गांड हिलाने लगी.
मैंने सही मौका देखकर एक जोर का झटका दे मारा.

मेरा पूरा लंड उसकी चुत के अन्दर घुसता चला गया.

उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे, वह छटपटाने लगी.
लेकिन मेरे वजन से वह ज्यादा हिल नहीं पा रही थी.

थोड़ी देर बाद मैंने धीरे-धीरे झटके मारना शुरू किया.
अब उसे भी मज़ा आने लगा था.

वह वर्जिन लड़की चुदाई में मेरा पूरा साथ दे रही थी.

उसने कहा- मुझे तुम्हारे ऊपर आना है. फिर मैं चित लेट गया और वह मेरे लंड पर जोर-जोर से कूदने लगी.

कुछ देर कूदने के बाद वह झड़ गई और मेरे सीने पर गिर गई.
मैंने भी नीचे से 5-7 झटके मारे और मेरा भी पानी निकलने वाला था.

मैंने पूछा- कहां निकालूँ?
उसने कहा- अन्दर ही डाल दो.
मैं झड़ गया.

फिर 15-20 मिनट तक हम ऐसे ही चिपककर सो गए.
जब उठे, तो देखा कि बेड पर खून ही खून था.

वह उठी और उसने बेडशीट धो दी और नहाने चली गई.

मैं भी बुआ के घर आ गया.

मैं अपनी बुआ के यहां 2-3 दिन रुका और रोज़ दोपहर को पूजा को चोदने उसके घर चला जाता.

उसने कहा- दो दिन बाद हम सब बड़ौदा चले जाएंगे.
मैंने उससे बड़ौदा का पता पूछा, तो उसने दे दिया.

एक बार मैं बड़ौदा जाकर भी उसे चोदा.

अब उसकी शादी हो गई है लेकिन आज भी वह मुझसे बात करती है.

जब भी हम दोनों अकेले होते हैं, तो चुदाई भरी बातें करते हैं.

आप लोगों को यह वर्जिन लड़की चुदाई कहानी कैसी लगी और किन लड़कियों व भाभियों की चूत गीली हुई, मुझे नीचे दिए गए ईमेल पर बताएं.
[email protected]

मेरी पिछली कहानी थी: कॉलेज फ्रेंड ने सेक्स के लिए अपने घर बुलाया

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