गर्ल्स हॉस्टल की लड़कियां- 9

(Xxx Group Fuck Kahani)

Xxx ग्रुप फक कहानी में 4 लड़कियों ने अपनी एक कुंवारी सहेली की पहली के लिए लंड का इंतजाम किया. उन्होंने चार लंड बुलाये. सबने मिल कर सामूहिक चुदाई का मजा लिया.

कहानी के पिछले अंक
कुंवारी चूत के लिए लंड का इंतजाम
में आपने पढ़ा कि नादिरा एक ग्रैंड नाइट मस्ती पार्टी का आयोजन करती है जिसमें सारी सहेलियां मिलकर सोनिया की पहली चुदाई को यादगार बनाने का निर्णय ले लेती हैं। 

जब दो सरदार सुक्खी और बल्ली सोनिया के बूब्स चूस रहे होते हैं तब नादिरा और सलमा उन के लंड चूस के उन से चुदने की इच्छा प्रकट कर देती हैं।

हरप्रीत, रोज़ी के गांडू बॉयफ्रेंड जैकब से अपनी गांड की खुजली मिटवाना चाहती है।

अब आगे Xxx ग्रुप फक कहानी:

मेरे कामुक, सनसनी पसंद पाठकों, आइए हम एक-एक करके पांचों लड़कियों की इस मस्ती भरी रात में मज़े लूटने की चर्चा करते हैं।
शुरुआत आज की हीरोइन सोनिया से!

सहेलियों के द्वारा बार-बार छेड़े जाने और दोनों सरदारों के द्वारा उस के स्तनों के मसले, चूसे जाने के कारण सोनिया की चूत इतनी गर्म हो गई थी कि अपनी चूत में किसी का भी तन्नाया हुआ लंड लेने की उसकी इच्छा तीव्र हो चुकी थी।
वह कल्पना कर रही थी कि जैसे अभी कोई चूत का रसिया आएगा और अपने लौड़े से उसकी सील तोड़कर उसे औरत की पूर्णता का अहसास प्रदान करेगा।

बल्ली और सुक्खी के लगातार स्तन चूसे जाने के कारण सोनिया अब बदहवास होने लगी।
वह नादिरा से बोली- अरी मादरचोद जालिम, कुछ तो कर मेरी इस चूत का! अब मुझ से रहा नहीं जा रहा यार!

सलमा ने सोनिया की बात सुनी तो मुंह से सुक्खी का लंड निकाल के नादिरा से बोली- देख इस गर्म कुतिया को, लंड बिना कैसी तड़प रही है स्साली! 

रोज़ी, हरप्रीत भी सोनिया की इस प्रचंड कामुकता के मज़े ले रही थीं.
सोनिया बदहवासी में दोनों पैरों को पटक रही थी।

रोज़ी से रहा नहीं गया, वह झुकी और सोनिया की चिकनी चूत में अपना मुंह दे दिया। 

हरप्रीत ने देखा कि अब केवल सोनिया का मुंह बाकी रह गया है जो इस काम क्रीड़ा में सम्मिलित नहीं है तो वह झुकी और अपने स्तन सोनिया को चुसवाने लगी।

कुछ ही देर में हरप्रीत की चूत पानी छोड़ने लगी, उसने एक बूंद भी बर्बाद नहीं होने दी और सोनिया के मुंह पर बैठ गई।

वह हरप्रीत की चूत से स्रावित हो रहे स्वादिष्ट द्रव को चटखारे लेकर चाटने लगी।

सोनिया मस्ती की हर सीमा को आज पार कर रही थी, थोड़ी-थोड़ी देर में उसकी सहेलियों के कारण उसकी चूत में कामवासना का एक नया तूफान उठ रहा था।  

एक बार फिर सोनिया सोचने लगी कि जिन सहेलियों को मैं मन ही मन चालू कह के अपने आप को चरित्रवती समझती थी, वास्तव में वह एक प्रकार से मेरी ईर्ष्या थी क्योंकि उस समय मैं पारिवारिक दबावों के कारण, उनकी तरह जिंदगी के मजे नहीं ले पा रही थी।

उसके बाद में सोनिया सोचने लगी कि काश पूरी जिंदगी इस रात की तरह मस्ती, सनसनी और आनन्द से भर जाए।
उसकी सारी सहेलियों और पांच पांच मर्दों के नंगे जिस्म उसको काम सुख के शिखर की ओर ले जा रहे थे।

जैसे ही रोज़ी की जुबान सोनिया की चूत पर सक्रिय हुई, सोनिया की बेचैनी और बढ़ गई। 
रोज़ी की जुबान तेज़ी से सोनिया की चूत के अंदर बाहर सक्रिय थी।

सोनिया चिल्लाई- हाय मैं मर जाऊं! तुम सब ने मिलकर मुझे एक कामुक चुड़ैल बना दिया है। 

तभी रोज़ी ने सोनिया के क्लिटोरिस को अपने होठों में पकड़ा और उसे जुबान से सहलाने लगी।

कुछ पल बाद जब उसने क्लिटोरिस को चूसना शुरू किया तो सोनिया के जिस्म में उठा काम का आवेग, उसकी चूत पर आकर केंद्रित हो गया। 

रोज़ी जोर-जोर से उसके क्लिटोरिस को चूस रही थी.

सोनिया का पूरा जिस्म अकड़ गया और उसकी चूत में एक प्रचंड स्पंदन होना शुरू हुआ।
सोनिया ने रोजी को कहा- बस रोज़ी बस … मैं झड़ गयी, अब मान जा यार!

लेकिन रोज़ी ने सोनिया की बात नहीं मानी और उसके क्लिटोरिस को चूची की तरह चूसती रही।
जब ऑर्गेज्म की इन घड़ियों में चूत की फड़कन, सोनिया के लिए असहनीय हो गई तो सोनिया ने जबरन रोज़ी को अपनी चूत पर से हटाया।

दोनों सरदारों सुक्खी और बल्ली ने भी सोनिया के स्तनों को आजाद कर दिया था।
उनके हटने के बाद मुख लार से सने हुए सोनिया के स्तनों पर ठंडी हवा का एक झोंका, सोनिया को एक अजीब से सुख से भर गया।

बहुत देर तक उस की चूत चरमसुख के कारण फड़कती रही जिस से सोनिया के दिमाग को वासना के तनाव से जैसे राहत मिली।
उसके जिस्म की अकड़ी हुई मसल्स रिलैक्स होने लगीं।

सोनिया अपनी उखड़ी हुई सांसों को संभालने में लगी हुई थी कि तभी उसके दिल की हसरत, उसकी जुबान पर आ गयी।
उस के मुंह से निकला- काश! ऐसे में मेरी चूत को किसी जवां लड़के का कड़क लंड मिल जाता।

उसी समय जैसे ऊपर वाले ने उसकी सुन ली, रोज़ी को उसकी चूत पर से हटाते हुए एक मजबूत लंड, उसकी चूत को चौड़ा करते हुए, उसकी कौमार्य झिल्ली की ओर बढ़ा।
सोनिया दम साधे इस अनमोल पल को जी लेना चाहती थी। 

एक अनजाना लंड एक करारे झटके के साथ उसकी चूत की सील तोड़ते हुए भीतर प्रवेश कर गया।
सोनिया के मुंह से दर्द भरी एक चीख निकल गई।
सोनिया का पूरा वजूद जैसे इसी क्षण के इंतज़ार में था, कुछ देर चूत में दर्द की लहरें उठती रहीं।

वह दोनों हाथों से चादर को पकड़े, आंखें मूंदे इस दर्द भरे आनन्द को, अपनी पूरी क्षमता से भोग रही थी।
करीब 2 मिनट बाद लंड ने रगड़े लगाना शुरू किये। 

कुछ ही धक्कों के बाद उसकी रग रग में जैसे आतिशबाजी होने लगी।
अब सोनिया के मन में जिज्ञासा होने लगी कि उस की सील तोड़कर इतना सुख पहुंचाने वाले मर्द का चेहरा तो देखूं।

उसने आंखें खोल कर उसकी, पहली चुदाई करने वाले के चेहरे को बड़े प्यार से निहारा।
उसके ऊपर एक खूबसूरत नौजवान ऑस्कर चढ़ा हुआ था।
सोनिया ने उसका चेहरा पकड़ कर, उसके होंठ चूम लिये।

ऑस्कर के चेहरे पर भी एक हसीं मुस्कान आ गई जो सोनिया जैसी अनछुई कली की सील तोड़ने और बदले में उसके कामुक चुंबन के कारण प्राप्त हुई थी।

सोनिया ने फिर बड़े प्यार से ऑस्कर को कहा- अब चोद दे राजा, मेरी बुर आज पहली बार किसी लौड़े का स्वाद चख रही है।

यह सुनकर अब ऑस्कर ने हौले हौले धक्के लगाना शुरू किया.
सोनिया ने थोड़ा उठकर ऑस्कर के लंड की ओर देखा जो उसके चूत रस और खू.न में लिपटा लाल हो चुका था। 

सोनिया अपने औरत बनने के गर्व से भर गई.
उस की चूत हल्दीघाटी बन चुकी थी।

सोनिया ने रोज़ी की ओर मुस्कुरा के देखा, जैसे कह रही हो कि देख तेरे चोदू यार ने मेरी चूत की क्या हालत बना दी है? 

रोज़ी, सोनिया के पास आई और बोली- तेरी असली लंड से सील तुड़वाने की इच्छा पूरी करने के लिए, मैंने अपने दोनों बॉयफ्रेंड को केवल आज के लिए छुट्टा छोड़ा है। 

यह सुनकर सोनिया की आंखें रोज़ी के लिए कृतज्ञता से भर गईं, उसने रोज़ी का हाथ दबा कर अपनी खुशी जाहिर की।

सोनिया ने अब अपना ध्यान रोज़ी से हटाकर उसके बॉयफ्रेंड की ओर दिया और रोज़ी के यार ऑस्कर को जोरों से बाहों में भींच लिया.
आखिर पहली बार कोई मर्द उसके ऊपर चढ़ा हुआ उस की चुदाई कर रहा था। 

ऑस्कर ने नई चूत में पहली बार घुसे लंड के कारण हो रही उत्तेजना को नियंत्रित करने के लिए दो-तीन लंबी-लंबी सांसें ली और सोनिया के नर्म नाजुक रसीले होठों पर अपने जलते हुए होंठ रख दिए और एक भंवरे की तरह उनका रस चूसने लगा।

सोनिया ने भी प्रत्युत्तर में अपनी जुबान को ऑस्कर के होठों पर तथा उसके मुंह में सक्रिय कर दिया दोनों रह-रह के एक दूसरे की रसीली जुबान को चूसने लगे।

मर्द के पहले स्पर्श और उसके शरीर से उठती हुई कामुक गंध के कारण सोनिया के सेक्सी बदन के पोर पोर में वासना की तरंगें उठने लगी। 

सोनिया को पहली बार औरत के लिए मर्द के जिस्म का महत्व पता चला और पहली ही बार की चुदाई में ही वह समझ गई कि निर्जीव डिल्डो कभी भी, मर्द के असली लंड का मुकाबला नहीं कर सकता।

कुछ ही देर में सोनिया की चूत बेचैन होने लगी।
उसने ऑस्कर से बड़े प्यार से कहा- मेरे राजा, अब तो मेरी बेकरार चूत तुम्हारे इस खुशकिस्मत लंड के रगड़े मांग रही है। एक बार … बस एक बार कसके चोद दे और मुझे निहाल कर दे यार!

ऑस्कर ने सोनिया के कहने पर मुस्कुराते हुए धक्के तो लगाना शुरू किये.
लेकिन फिर से हौले हौले, सोनिया पहले पहल तो ऑस्कर की इस छेड़छाड़ से मुग्ध हुई.
किंतु कुछ देर बाद सोनिया की चूत में भड़की वासना से वह छटपटाने लगी।

सोनिया ऑस्कर की शरारत को समझ गई कि वह आर्गैज़्म के लिए उसकी बेचैनी के मज़े ले रहा है।
वह ज़ोर से बोली- मादरचोद रगड़ न, क्यूं तड़पा रहा है कमीने? 

सारी सहेलियां सोनिया के मुंह से गालियां सुन के हंस पड़ी और ऑस्कर ने दमदार रगड़ों से सोनिया की चूत की चूलें हिलाना शुरू कर दिया।

सोनिया भी पूरी मस्ती में उछल उछल के चुदवा रही थी और अपनी सील तोड़ पहली चुदाई का आनन्द उठा रही थी।

एक बार फिर सोनिया के जिस्म में अकड़न होने लगी, चूत फड़कने को थी.
वह तड़प के बोली- ऑस्कर थोड़ा और ज़ोर से, मैं बस झड़ने वाली हूं।

सोनिया की कामुक सिसकारियों और उत्तेजना में मुंह से निकले अश्लील शब्दों ने कमरा गूंजा दिया।

वह कह रही थी- वाह यार ऑस्कर मज़े ला दिए तेरे लौड़े ने। तभी ऑस्कर और सोनिया के मुंह से एक साथ आह.. आह.. की ध्वनि निकली।

सोनिया का शरीर एकाएक तनाव ग्रस्त हुआ और फिर एक-एक मांसपेशी उसको चरम सुख का अहसास कराती हुई ढीली पड़ने लगी।
ऑस्कर ने सोनिया की प्यासी चूत में वीर्य का झरना बहा दिया था। 

ऑस्कर का लंड स्खलन के बाद भी कड़क था.
उसने धक्के लगाना बंद नहीं किया सोनिया की चूत लगातार फड़क रही थी।

कई बार, लगातार के ऑर्गेज्म के बाद सोनिया ने थके हुए स्वर में कहा- ऑस्कर, अब रुक जा यार, मेरी जान निकल गई।

ऑस्कर का लंड भी अब नर्म पड़ चुका था।
वह और सोनिया दोनों चरम सुख के इन बेशकीमती लम्हों को भोग रहे थे।
दोनों की धड़कनें बढ़ी हुई थीं।

ऑस्कर सोनिया के कोमल बदन पर निढाल पड़ा हुआ लंबी-लंबी सांसें लेकर अपने फेफड़ों को आराम पहुंच रहा था और सोनिया आंखें मूंदे जन्नत की सैर का मजा ले रही थी।

कुछ देर बाद सोनिया ने अपनी भारी हो चुकी पलकों को खोला और बहुत प्यार से नादिरा, सलमा, रोज़ी और हरप्रीत की ओर देखा, जैसे कह रही हो धन्यवाद मेरी कामसखियो, आज तुम सब और तुम्हारे यारों ने मुझको ऐसा सुख पहुंचाया है, जो इस जीवन में मेरे लिए प्राप्त करना संभव नहीं था। 

सोनिया अब एक बार तो तृप्त हो चुकी थी.
उस का शरीर और दिमाग फिर से चार्ज होने के लिए कुछ देर की नींद चाह रहे थे।

सोनिया इस रात के पूरे घटनाक्रम के बारे में सोचती हुई मीठी नींद लेने लगी।

मेरे रसिक पाठको, अब आइये हरप्रीत के पास चलते हैं.

रोज़ी ने एक बार सहेलियों से चर्चा के दौरान, अपने दोनों दोस्तों के बारे में बताया था कि ऑस्कर जब करीब दस बार उसकी चूत चोद लेता है, तब कहीं एक बार गांड मारने की ज़िद करता है।
लेकिन जैकब … वह तो साला 10 बार मेरी गांड मार लेने के बाद भी बड़ी मुश्किल से एक बार मेरी चूत चोदने के लिए राजी होता है।

रोज़ी की यह बात ध्यान में आने पर हरप्रीत की गांड में खुजली सी होने लगी।
उसने सोचा कि उसकी चूत के लिए लौड़ों की तो कोई कमी नहीं है। 
आज भी उसकी चूत के लिए तो ऑस्कर का नया लंड है, यूं भी गांड मरवाए बहुत दिन हो गए हैं इसलिए आज तो जैकब का लंड अपनी गांड में जरूर लूंगी।

उसके बाद उसने जैकब को इशारे से अपने पास बुलाया और उसे गले लगाते हुए कहा- मैं जानती हूं कि तू गांड का शौकीन है। हमें रोज़ी ने तेरे गांड मारने के शौक के बारे में बता रखा है, तुझे देख कर मेरी भी गांड में खुजली मची हुई है, देखती हूं कि तू मेरी गांड की खुजली मिटा पाता है या नहीं।

जैकब ने हरप्रीत के बूब्स मसलते और चूसते हुए कहा- मैं भी जब से आया हूं तेरी सुडौल गांड देखकर मेरी लार टपक रही थी। बहुत मजा आएगा आज दूसरी गांड मारने में!

हरप्रीत ने चौंक कर पूछा- क्यों रोज़ी के अलावा कोई और गांड नहीं मारी?
जैकब ने जवाब दिया- मैं और ऑस्कर, हम दोनों रोज़ी के साथ 1 साल से लिव इन में रहते हैं। इस दौरान न उसने किसी मर्द को अपने पास आने दिया, न हमें किसी औरत के नजदीक फ़टकने दिया। आज पता नहीं कैसे उसका दिल इतना बड़ा हो गया कि उसने हम दोनों को खुली छूट दे दी कि मेरी चार सहेलियां हैं, उनके साथ पूरी रात जो जी में आये वह कर सकते हो।

हरप्रीत ने कहा- अच्छा? चल अब जरा अपना हुनर दिखा!
जैकब ने हरप्रीत को घोड़ी बनने को कहा।

हरप्रीत घोड़ी बनकर जैकब के मोटे लंड के घुसने का इंतजार करने लगी.
लंड के बजाय जैकब की जुबान ने उसकी गांड में प्रवेश किया।

हरप्रीत के मुंह से सिसकारी निकल गई।

जैकब चटखारे ले लेकर उस की गांड चाट रहा था क्योंकि हरप्रीत ने अपनी गांड में ढेर सारा शहद लगा रखा था।

जैकब को उसकी गांड चाटने में शहद की मिठास के कारण दुगुना मजा आने लगा।
हरप्रीत चिल्लाई- कब तक गांड में मुंह देता रहेगा? लंड घुसेड़ न गांडू, बहुत खुजली मची है मेरी गांड में!

जैकब हरप्रीत की बेताबी देखकर हंसने लगा.
फिर उसने अपने लंड के मोटे सुपारे पर थूक लगाया, गांड के मुंह पर टिका के दम लगाया। 

हरप्रीत ने न केवल अपनी चूत में कई लंड ले रखे थे बल्कि उसने तो गांड भी बहुत बार मरवा रखी थी इसलिए जैकब का लंड हरप्रीत की गांड चौड़ी करता हुआ अंदर सरकने लगा।

पूरा लंड घुसेड़ के जैकब लंबी लंबी सांस ले रहा था जिससे कि जल्दी डिस्चार्ज ना हो जाए।
हरप्रीत की गांड की खुजली, बिना रगड़ों के उसको बेचैन किये जा रही थी।

कुछ पल इंतजार करने के बाद हरप्रीत चिल्लाई- भोसड़ी के रगड़ न!

जैकब के भी लंड में सरसराहट मची हुई थी.
उसने आव देखा ना ताव … और कस कस के हरप्रीत की गांड में रगड़े लगाने लगा।

हरप्रीत आज कई महीनों के बाद गांड मरवा रही थी, उसे जैकब के लंड के रगड़े बहुत सुकून पहुंचा रहे थे।

हरप्रीत दाहिने हाथ से अपने क्लिटोरिस को सहला रही थी।

जैसे-जैसे जैकब के धक्कों की स्पीड बढ़ी, उसका हाथ भी तेजी से अपने क्लिटोरिस पर चलने लगा। 

रुक रुक के जैकब ने 40 – 50 धक्के लगाने के बाद 4 – 5 जोरदार धक्के लगाए, हरप्रीत और जैकब दोनों एक साथ झड़े।

जैकब, हरप्रीत को पलंग पर औंधा लिटा कर उसके ऊपर निढाल होकर पड़ गया।
उसका सारा वीर्य हरप्रीत की गांड से रिस के बाहर आ रहा था।

कुछ ही पल में वीर्य के इस एनिमा ने अपना असर दिखाया और हरप्रीत उठ के टॉयलेट की ओर दौड़ी।

जैकब हरप्रीत की गांड मार कर आनन्द से भरा हुआ था।
हरप्रीत टॉयलेट से लौटी, तब तक जैकब मीठी नींद सो चुका था।

मेरे सभी सेक्सी पाठकों को कहानी से कामोत्तेजना मिल रही होगी।
अभी कहानी से और भी सनसनी मिलने वाली है।
पढ़ते रहें और Xxx ग्रुप फक कहानी पर अपनी रसीली प्रतिक्रिया मुझ तक पहुंचाते रहें।
मेरी आईडी है 
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कहानी का अगला भाग:

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