ऐशोआराम भरी जिन्दगी की चाह- 2
(Xxx Uncle Boyfriend Story)
Xxx अंकल बॉयफ्रेंड स्टोरी में मैंने एक अंकल को अपना बॉयफ्रेंड बना लिया क्योंकि उनके पास बहुत पैसा था, वे मुझे खूब महंगे होटलों में ले जाते, महंगे और ढेर सारे गिफ्ट देते.
फ्रेंड्स, मैं निशा सिंह एक बार पुनः अपनी सेक्स कहानी का अगला भाग लेकर हाजिर हूँ.
कहानी के पहले भाग
अमीर बॉयफ्रेंड को चूत देकर मौज मस्ती की
में अब तक आपने पढ़ा था कि हवाई जहाज की यात्रा में रेड्डी साहब से मेरी मुलाकत हुई थी और जल्द ही मैं उनके साथ घुल-मिल गई थी.
फिर एक दिन वे मुझे अपने साथ डिनर पर ले गए.
अब आगे Xxx अंकल बॉयफ्रेंड स्टोरी:
जब मैं रेड्डी साहब के साथ डिनर के लिए एक फाइव स्टार होटल में गई तो अन्दर ही अन्दर मुझे एक बार फिर से लग्जरी लाइफ जीने का मेरा सपना सच होता नजर आने लगा.
हम दोनों होटल के रेस्टोरेंट में चले गए और कुछ देर बात करने के बाद हमने डिनर का ऑर्डर दिया.
हम दोनों लगातार बात कर रहे थे और रेड्डी साहब की नजर बार बार मेरे ब्लाउज के बगल से मेरे तने हुए बूब्स और मेरी कमर पर जा रही थी.
मैं इतनी भोली भी नहीं थी कि उनकी नजर को भांप न सकूँ.
मेरे मन में बस एक ही बात बार बार आ रही थी कि इस बुड्ढे को मुझसे क्या चाहिए जो ये मुझ पर इतना मेहरबान हो रहा है.
मुझे तो वह बिल्कुल ठरकी ही लग रहा था लेकिन उसकी बातों से ऐसा कुछ भी नहीं दिख रहा था क्योंकि वह एक नॉर्मल दोस्त की तरह ही मुझसे बात कर रहा था.
इसके बाद हमने डिनर किया और डिनर करने के बाद उन्होंने अपने कोट की जेब से एक गिफ्ट पैकेट निकाला और मुझे देते हुए कहा.
‘निशा ये हमारी दोस्ती के लिए मेरी तरफ़ से एक छोटा सा गिफ्ट तुम्हारे लिए है, लेकिन तुम इसे घर जाकर ही देखना.’
कुछ देर रुकने के बाद हम लोग वापस आ गए.
उन्होंने मुझे घर छोड़ दिया.
घर आकर मैं अपने बेडरूम में गई और कपड़े बदलने के बाद उस गिफ्ट पैकेट को खोलने लगी.
पैकेट खोलते ही मैंने देखा कि उसमें एक आई फोन था और उसके साथ ही एक खत भी था.
आई फोन देखकर तो मेरे होश उड़ गए क्योंकि एक लाख रुपये का गिफ्ट उन्होंने मुझे कैसे दे दिया था.
फिर मैं उस खत को पढ़ने लगी, जिसमें लिखा था कि निशा तुम मुझे बेहद पसंद हो और मैं तुम्हें अपनी गर्लफ्रैंड बनाना चाहता हूं. भले ही हम दोनों की उम्र में बड़ा फासला है लेकिन मैं तुम्हें हमेशा खुश रखूंगा. अगर तुम्हें मेरी बात पसंद आए तो आगे बढ़कर मुझे फोन करना वर्ना मैं समझ लूंगा कि तुम्हें मेरी दोस्ती पसंद नहीं है. उसके बाद मैं कभी भी तुम्हें फोन या मैसेज नहीं करूंगा.
उनका खत पढ़कर तो मैं बड़ी दुविधा में पड़ गई कि उनके इस खत का क्या जवाब दूं. अगर वे मेरी उम्र के होते तो मुझे कोई दिक्कत नहीं थी.
लेकिन वे मुझसे दुगने से भी ज्यादा बड़े हैं और मैं उनकी बेटी की उम्र की हूं.
सारी रात मैं इसी सोच में रही कि मैं आगे क्या करूँ.
लेकिन मेरे मन में भी लालच तो पहले से ही भरा हुआ था और कुछ सालों से मुझे जो लग्जरी लाइफ जीने की आदत पड़ गई थी, उस लाइफ को जीने के लिए मुझे रेड्डी साहब से अच्छा पार्टनर नहीं मिल सकता था. बस दिक्कत थी तो हम दोनों के उम्र की.
बहुत सोचने के बाद मैंने अपने मन से कहा- चलो अब जो होगा देखूंगी. अगर मुझे सब कुछ मिल रहा है तो क्या दिक्कत है.
मैंने अपने मन से समझौता करते हुए उनको हां बोलने का सोच ली.
उस रात तो मैंने उन्हें कोई जवाब नहीं दिया और अगली सुबह मैं अपनी जॉब पर चली गई.
दो दिनों तक हमारी कोई भी बात नहीं हुई और उनका भी कोई मैसेज नहीं आया.
तीसरे दिन जब मैं घर पर थी तो रात में उनको मैंने मैसेज किया.
हमारे बीच चैटिंग शुरू हो गई और मैंने उन्हें अपनी बात बता दी.
मेरा जवाब सुनकर उन्हें बेहद खुशी हुई और हम दोनों के बीच रोज ही बातों का सिलसिला शुरू हो गया.
हम दोनों जितनी भी बात करते, उतनी ही एक दूसरे के नजदीक आ रहे थे.
हमारा मिलना जुलना भी शुरू हो गया. अब तो आए दिन हम लोग किसी न किसी फाइव स्टार होटल में जाकर डिनर और लंच करते थे.
मुझे महंगे महंगे गिफ्ट, महंगे कपड़े हर चीज मिलने लगी.
ऐसे ही मेरी जिंदगी बिल्कुल मस्त तरीक़े से चलने लगी.
ऐसे ही छः महीने कब बीत गए, पता ही नहीं चला.
इन छह महीनों में रेड्डी साहब ने मुझे छुआ तक नहीं था.
मैं बड़ी खुश थी कि मुझे कुछ देना भी नहीं पड़ रहा है और मुझे सब कुछ मिल रहा है.
इसके बाद रेड्डी साहब का जन्मदिन आया और उन्होंने अपने फार्म हाउस में मेरे लिए पार्टी रखी.
दो दिन पहले ही उन्होंने मुझे बता दिया था और इस बार मैंने भी उनके लिए एक अच्छी सी महंगी घड़ी गिफ्ट में ली थी.
जन्मदिन वाले दिन मैं एक अच्छी सी ड्रेस पहनी और पूरी तरह से तैयार होकर उनके फार्म हाउस गई.
जब मैं पहुंची तो पार्टी शुरू हो चुकी थी और मेरे पहुंचते ही रेड्डी साहब ने मुझे अपने पास बुला लिया.
पूरी पार्टी में मैं उनके साथ ही साथ रही और पार्टी में मौजूद सभी मर्दों की नजर बस मुझ पर ही टिकी हुई थी.
पार्टी में खाने के साथ साथ ड्रिंक भी चल रही थी और मैंने भी रेड्डी साहब के कहने पर ड्रिंक ले ली.
हल्के हल्के नशे में मैं रेड्डी साहब का हाथ थामे उनके साथ घूम रही थी और रेड्डी साहब मुझे अपने गेस्ट लोगों से मिलवा रहे थे.
पार्टी में मेरी उम्र की दूसरी कोई लड़की नहीं थी और जो औरतें थीं भी, वे अपने अपने पतियों के साथ ही थीं.
पूरी पार्टी में मुझसे ज्यादा सुंदर और बोल्ड लड़की कोई नहीं थी.
मेरी ड्रेस में तने हुए मेरे बूब्स और नीचे से खुली हुई मेरी नंगी टांगें सभी मर्दों की नजर को खींच रही थीं.
रात 12 बजे तक पार्टी ऐसी ही चलती रही और फिर सभी मेहमान अपने अपने घर की तरफ जाने लगे.
मैंने भी रेड्डी साहब से जाने की इजाजत मांगी लेकिन उन्होंने कहा- मैं तुम्हें छोड़ दूँगा.
सभी मेहमानों के जाने के बाद फार्म हाउस में कुछ नौकरों के अलावा मैं और रेड्डी साहब ही बचे हुए थे.
रेड्डी साहब सभी नौकरों को काम बताने के बाद मुझे अन्दर फार्म हाउस में ले गए.
अन्दर उन्होंने मुझे एक बड़ा सा गिफ्ट पैकेट दिया और मुझसे कहा- अगर तुम्हें दिक्कत नहीं है, तो आज यहीं रुक जाओ … रात बहुत हो चुकी है.
मैंने भी उनका दिल रखते हुए उन्हें मना नहीं किया और उन्हें हां बोल दी.
इसके बाद उन्होंने मेरे और अपने लिए फिर से ड्रिंक तैयार की और हम दोनों साथ में ही ड्रिंक पीने लगे.
दो दो पैग पीने के बाद हम दोनों ही नशे से भर गए क्योंकि उससे पहले भी हमने ड्रिंक पी हुई थी.
उसके बाद रेड्डी साहब मुझे बेडरूम में लेकर गए और बोले- ये रहा तुम्हारा बेडरूम!
वह बेडरूम देख कर मुझे किसी फाइव स्टार होटल का कमरा याद आ गया.
इतना आलीशान तो फाइव स्टार का कमरा भी नहीं रहता.
हर तरह से लग्जरी चीजों से सजा हुआ बेडरूम, जिसमें एक आलीशान बिस्तर बिछा हुआ था.
कुछ देर हम दोनों वहीं बिस्तर पर बैठे हुए बात करते रहे और उसके बाद रेड्डी साहब ने मुझे जो गिफ्ट दिया था, उसे खोलने के लिए कहा.
मैंने उनके सामने ही वह गिफ्ट पैकेट खोला.
उसके अन्दर से एक गाउन था जो कि पूरी तरह से ट्रांसपेरेंट (जालीदार) था.
मेरे पहनने पर मेरे अन्दर का पूरा बदन उस गाउन से झलकने वाला था और वह काफी महंगा गाउन भी था.
रेड्डी साहब ने मुझे कहा- अगर तुम्हें कोई दिक्कत नहीं है, तो मैं तुम्हें इस गाउन को पहने हुए देखना चाहता हूँ.
उनकी बात सुन मुझे पहली बार लगा कि इनके मन में कुछ न कुछ चल रहा है.
मैं उस वक्त सोच में पड़ गई थी कि करूं तो करूं क्या!
अगर मैं वह गाउन पहनती हूँ तो मेरे अन्दर का पूरा बदन उनके सामने दिखाई देगा.
कुछ समय सोचने के बाद मैंने मन में सोचा कि जो भी होगा देखा जाएगा. अगर मुझे कुछ मिल रहा है तो इतना सब तो करना ही पड़ेगा.
इसके बाद मैं बेडरूम में ही बने बाथरूम में चली गई और अन्दर जाकर अपनी ड्रेस निकाल दी.
उसके बाद मैंने उस जालीदार गाउन को पहना और अपने आप को आईने में देखने लगी.
उस गाउन से मेरी ब्रा पैंटी के साथ साथ मेरा पूरा गोरा बदन झलक रहा था.
इसके बाद मैं धीरे धीरे बेडरूम में गई और रेड्डी साहब मुझे ऊपर से नीचे तक देखने लगे.
उनकी आंखों में वासना की लहर साफ साफ दिखाई दे रही थी.
मैं जाकर उनके सामने खड़ी हो गई और वे मुझे नीचे से ऊपर तक देखे जा रहे थे.
कुछ देर बाद वे खड़े हुए और अपने दोनों हाथ मेरे कंधे पर रख कर बोले- तुम किसी कयामत से कम नहीं हो निशा!
इसके बाद उन्होंने मेरे चेहरे को थामा और मेरे गालों की तरफ अपने होंठ बढ़ाने लगे.
मैंने उन्हें रोकते हुए कहा- ये सब गलत है प्लीज ऐसा मत कीजिए!
लेकिन वे मेरे गालों पर उंगलियां चलाते हुए बोले- एक बॉयफ्रेंड और गर्ल फ्रेंड के बीच इतना तो चलता है निशा. वैसे भी आज मेरा जन्मदिन है और मुझे इससे अच्छा गिफ्ट नहीं मिल सकता है. अगर तुम ये गिफ्ट दे दोगी तो मुझे भी अच्छा लगेगा.
इतना सुनने के बाद मैं उनकी आंखों में देखने लगी और बोली- लेकिन ये सब मैं रोज रोज नहीं करूंगी.
मेरे मुँह से इतना सुनकर उन्हें तो पूरी आजादी ही मिल गई थी और उन्होंने मुझे अपने सीने से लगा लिया.
मेरे गालों को ताबड़तोड़ चूमने के बाद उन्होंने अपने होंठ मेरे होंठ पर लगा दिए और मेरे होंठों को चूमने लगे.
मैं भी उनका साथ देने लगी और उनके बालों को सहलाने लगी.
मेरे होंठों को चूमने के साथ साथ वे अपने हाथों को मेरी पीठ और कमर पर चला रहे थे.
मैं अपने आप को पूरी तरह से उन्हें सौंप चुकी थी.
काफी देर तक मेरे होंठों का रस पीने के बाद उन्होंने वहीं पर मेरा गाउन निकाल दिया.
अब मैं ब्रा पैंटी में उनके सामने खड़ी थी.
मेरी ब्रा से मेरे बूब्स बाहर निकलने के लिए बेताब थे और आधे बूब्स तो पहले ही ब्रा से बाहर निकले हुए थे.
रेड्डी साहब झुके और ब्रा के ऊपर से ही मेरे बूब्स चूमने लगे.
उनके चूमने से मेरे अन्दर भी वासना की लहर दौड़ गई और मेरी ‘आआह आआह ऊऊऊ ऊह ऊऊ’ की सिसकारी निकलने लगी.
कुछ देर ऐसे ही मेरे बूब्स चूसने के बाद उन्होंने एक झटके में ही मेरी ब्रा निकाल दी और मेरे दोनों दूध उछलकर उनके सामने तन गए.
उन्होंने तुरंत ही मुझे अपनी तरफ खींच लिया और मेरे दोनों दूध पर टूट पड़े.
वे मेरे एक निप्पल को चूसते हुए जोर जोर से दूसरे दूध को मसलने लगे.
वे कसकर मुझे जकड़े हुए थे और लगातार अपने हाथ मेरी नंगी पीठ और कमर पर चला रहे थे.
जल्द ही मेरे गोरे गोरे दूध बिल्कुल लाल हो गए.
उनके दूध चूसने से मैं बिल्कुल मदहोश हो गई और मेरे मुँह से जोर जोर से सिसकारी निकलने लगी ‘आआह आआ सीई ईईई ओओह ओओ गॉड उफ्फ़ बस बस्स आआह आआह ऊऊऊ.’
काफी देर तक मेरे दोनों दूध को चूसने के बाद उन्होंने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और अपने कपड़े निकालने लगे.
दोस्तो, मैं अब रेड्डी साहब के लंड से चुदने के लिए मन बना चुकी थी.
उनके मूसल लंड से अपनी चुदाई की कहानी को मैं विस्तार से सेक्स कहानी के अगले भाग में लिखूँगी.
Xxx अंकल बॉयफ्रेंड स्टोरी पर आपके विचार मुझे प्रोत्साहित करेंगे.
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