दीदी की चुदाई की कहानी उनकी जुबानी- 1

(Young Desi girl Xx Kahani)

यंग देसी गर्ल Xx कहानी में एक लड़की जो जवान पर भरे बदन की है, सेक्स के बारे में बात करने लगी थी. उसकी अमेरिका वाली सहेली ने उसे बताया कि बिन्दास रहो.

फ्रेंड्स, मैं फेहमिना इकबाल एक बार फिर आप सबके सामने एक नई कहानी लेकर हाजिर हूँ।

इतने दिनों तक कोई कहानी न लाने के लिए मैं माफी चाहती हूँ.
मगर मेरे साथ ऐसा कुछ हुआ ही नहीं कि मैं कोई नई कहानी आपसे शेयर करती।

तो फिर आज आप लोग नई कहानी का मजा लीजिए!

यह कहानी मेरे एक प्रशंसक दीपक ने मुझे भेजी है।

उम्मीद करती हूँ कि मेरी पुरानी कहानियों की तरह इस कहानी को भी पूरा प्यार मिलेगा।

यह यंग देसी गर्ल Xx कहानी है इशिता दीदी की, जो हमारे कॉलेज फ्रेंड्स के ग्रुप में से एक थी।
उनके अलावा ग्रुप नेहा, पारुल, निहारिका, राहुल, अनिल और मैं था।

इशिता दीदी काफी हेल्दी थी।
मोटी नहीं … पर ग्रुप में सब पतले थे इसलिए सबके मुकाबले वो थोड़ी मोटी दिखती थी।
उनके फिगर में सिर्फ गोश्त है, चर्बी नहीं।
फिगर उनका 36-34-36 था तब, और अब वो 38D की ब्रा पहनती हैं।

करीब दो साल पहले की बात है, हम राहुल के घर में नाइट पिकनिक कर रहे थे।
कोई ड्रिंक्स नहीं, बस नॉर्मल पिज्जा पार्टी।

साथ ही हम एक वेब सीरीज देख रहे थे।
कुछ एपिसोड्स बाद कुछ सेक्स सीन्स आने लगे, और आप सबको पता है, आजकल सब कुछ ओपन दिखा देते हैं।

बस वैसा ही कुछ आ गया.
पर हम सब बड़े हो गए थे, तो सब बिना शर्म के देख रहे थे।

कुछ देर बाद लाइट चली गई।

इन्वर्टर था, इसलिए लिविंग रूम की लाइट ऑन थी।
काफी देर लाइट न आने के बाद सब बोर होकर जाने लगे।

इशिता दीदी ने भी भाई को फोन कर दिया कि वो आके ले जाए।

राहुल, अनिल को बाइक पर छोड़ने चला गया, तो घर में सिर्फ लड़कियाँ और मैं बचे थे।
सब चुप बैठे बोर हो रहे थे.

तो मैंने एक बात छेड़ी- अच्छा, एक सवाल है तुम सब से! आजकल सीरीज में सब कुछ दिखा देते हैं। पहले एक-दो में होता था, अब तो लगभग हर वेब सीरीज में न्यूड सीन्स होते हैं। तुम लोगों को अजीब नहीं लगता?
निहारिका- अजीब किस बात का! आजकल ये सब आम बात है। अभी कोई सेक्स कपड़े पहन के थोड़ी करेगा!

मैं- सेक्स तो ठीक है, पर बाकी सीन्स में भी, जैसे एक सीन था जहाँ फैमिली पिकनिक पर बीच पर गई है। फैमिली के सामने ही बिकिनी में घूम रही है हीरोइन। कभी बॉयफ्रेंड के सामने कपड़े बदल रही है। इतनी आजादी!
निहारिका- अरे, कहा न, ये सब आम बात है!

मैं- अच्छा? तो अब मैं पूछता हूँ असल सवाल। अगर ऐसा सिचुएशन नॉर्मल है, तो हम सब भी क्यों नहीं करते? मतलब, हम भी तो बड़े हो गए हैं। हम दोनों को एक-दूसरे के बदन के बारे में पता है, स्कूल में पढ़ाया जाता है, तो अभी शरीफ क्यों बनते हैं?

सब हँसने लगीं।

निहारिका- अच्छा, तू क्या चाहता है, हम सब नंगे रहें?

मैं- ना-ना! अभी जो तुम लोगों ने कहा कि सामने चेंज करना नॉर्मल है, तो उतना ही हम क्यों नहीं कर सकते? बाहर नंगा घूमने नहीं बोल रहा, बस हमारे बीच फ्रैंक रहने को बोल रहा हूँ। कुछ गलत बोला मैंने?

सब शर्म से स्माइल कर रही थीं।
अंदर ही अंदर सबको पता था कि बात सही है।

नेहा- आज अचानक से ये सवाल क्यों?
मैं- आज नहीं, बहुत दिनों से मेरे माइंड में ये सवाल थे। देखो, अगर तुम लोग ऐसा करो, तो तुम लड़कियों का ही ज्यादा फायदा है।

निहारिका- वो कैसे?

मैं- देखो, सारा दिन तुम लोगों को हजारों सिचुएशन में कपड़े सम्भालने हैं। कपड़े चेंज करते वक्त रूम बंद रहे, चेक करो कोई खिड़की तो नहीं खुली। डीप नेक पहना है, तो क्लीवेज ढक के रखो, झुकते वक्त ध्यान रखो। टाइट फिटिंग है, तो ओढ़नी लो। नहाकर बाहर आओ, तो टॉवल सम्भालो, फिर भी एक-आध बार स्लिप हो जाता है। और लिख के दे सकता हूँ कि कभी न कभी, कम से कम एक बार, किसी घरवाले के सामने जरूर टॉवल स्लिप हुआ होगा या चेंज करते वक्त घुस आया होगा।

ये सारे टाइम इशिता दीदी कुछ नहीं बोल रही थीं और बस स्माइल कर रही थीं सर झुका के!

निहारिका- हाँ, ये तो बहुत सही बोला तूने!
नेहा- अरे हाँ, मेरे साथ भी हुआ है!
पारुल- हाँ, बिल्कुल सही! परेशान हो जाते हैं, इतना प्रोटेक्टिव रहना पड़ता है!

मैं- और तो और, इतना कुछ सम्भालने के बाद भी कभी न कभी कुछ न कुछ दिख ही जाता है। या कोई देख रहा हो, तो महसूस होता है कि पल्लू नीचे आ गया।

अंकिता- बिल्कुल सही बोल यार तूने! लेकिन इतना कुछ तुझे कैसे पता? तू भी देखता है क्या लड़कियों का क्लीवेज?
मैं- सच बोलूँ, हाँ मैं देखता हूँ!

निहारिका- अच्छा? दीदी-दीदी करके दूध देखता है?
मैं- दिखता है, तो क्यों न देखूँ?
नेहा (हँसते हुए)- अच्छा बच्चू, मेरा कितनी बार देखा?
पारुल (खींचाई करते हुए)- हम सबका कितनी बार देखा है?
निहारिका- वो छोड़, हम सब में से किसका सबसे अच्छा है?

यह कहकर सब हँसने लगे।
मैं भी शरमा गया।

इतने में लाइट आ गई.
और नेहा, पारुल, और निहारिका ने सोचा अब चलना चाहिए, रात हो रही है।
दोनों एक ही एरिया से थीं इसलिए साथ में निकल गईं।

इशिता दीदी का भाई अब तक नहीं आया था।

तीनों के जाने के बाद मैं उनसे बात करने लगा।
मैं- आपका क्या राय है दीदी, मैंने कुछ गलत बोला? अगर हम फ्रैंक होने लगे, तो आप लोगों को उतना सब कुछ सम्भालना या छुपाना नहीं होगा न?
वो बस स्माइल कर रही थीं।

मैं- क्या बात है दीदी, मैं सीरियस हूँ! आपको नहीं लगता क्या?
इशिता- अरे, नहीं, वो बात नहीं है!

मैं- अच्छा, आप मुस्कुरा रही थीं, तो लगा आपको मेरी बातें बचकानी लग रही हैं!
इशिता- ना-ना, असल में…
यह कहके वो चुप हो गईं, पर स्माइल अब भी होंठों पर थी।
कुछ तो राज़ छुपा था उनके अंदर।

मैं- क्या बात है? आप शेयर कर सकती हैं मुझसे, अगर आप चाहें तो!

मुझे पता था वो बोलेगी, पर मुझे उनका विश्वास जीतना था।
उसके लिए मुझे उन्हें सोचने का मौका देना था।

काफी देर वो अंदर से हिचकिचाती रहीं।
आखिर बोल पड़ीं- एक्चुअली, जो तूने टॉवल स्लिप होने की बात की… वो मेरे साथ भी…
मैं- ओह, ये बात है! इसमें इतना शरमाने का क्या है? मैंने तो कहा था कि लगभग हर लड़की के साथ कभी न कभी ये हुआ है!

इशिता- बात वो नहीं है, वो तो अक्सर होता है!
मैं- तो?
वो चुप रहके स्माइल करती रही।

मैं- अच्छा, समझा, बॉयफ्रेंड के सामने गिर गया क्या?
इशिता- अरे, ना रे! बॉयफ्रेंड के सामने क्या फर्क पड़ता है? और वैसे भी मेरा बॉयफ्रेंड नहीं है!

मैं- तो फिर क्या बात है, जो बोल नहीं पा रही?
बहुत देर सोचने के बाद उन्होंने धीरे से, कँपती हुई आवाज़ में कहा- वो… मेरा भाई मोहित…

मेरा फ्यूज उड़ गया ये सुनके, और लंड खड़ा हो गया।
मोहित उस वक्त 19 साल का था, इशिता दीदी से तीन साल छोटा।

मुझे अपनी रिया दीदी की याद आने लगी।

किसी भी इनसेस्ट भाई का सपना होता है अपनी दीदी को नंगी देखना।
और वो लोग बहुत लकी होते हैं, जिनको सामने से ही बिना मेहनत के यंग देसी गर्ल Xx नंगी दिख जाए।

अब मैं अंदर से बहुत एक्साइटेड था और उनकी पूरी स्टोरी जानना चाहता था.
इसलिए मैंने होश सम्भाला और एक्ट करने लगा कि ये सब नॉर्मल है ताकि उनको मुझमें विश्वास और बढ़े और वो और भी राज़ खोलें।

मैं- ओह, ये तो एक न एक दिन होना था! घर में भाई-बहन हों, तो ऐसी घटना कभी न कभी होगी ही। पर ये कब की बात है?
इशिता- चार साल हो गए।

अब दीदी फ्रैंक होने लगी थीं।
उनकी आवाज़ में शर्म कम हो रही थी और कॉन्फिडेंटली बोल रही थीं।

इशिता- एक दिन नहाकर निकलने वाली थी बाथरूम से! मुझे पता था कि रूम में कोई नहीं है, तो टॉवल को चेस्ट पर बाँधा नहीं, बल्कि जस्ट एक हाथ से दोनों एंड को मुट्ठी से पकड़ रखा था। पता नहीं कब मोहित रूम में कुछ लेने आया, मुझे अंदर के शावर में सुनाई नहीं दिया। मैं जैसे ही बाहर आई, उसको देखा, तो एकदम से डर गई, और डर के मारे टॉवल का एक एंड मुट्ठी से निकल गया। मेरा राइट साइड का टॉवल मेरे बॉडी से हट गया।

उसने आगे बताया- वो भी मुझे देखके डर गया। मैं इतना घबरा गई कि जैसे-तैसे टॉवल को पकड़ने के लिए हाथ मारने लगी, और जितना भी पकड़ में आया, उससे बचा कुछ बॉडी ढक के बाथरूम में भाग गई। करीब 20 दिनों तक हम आँखें न मिला पाए, और पहले जैसा फ्रैंकली बात नहीं हो पा रही थी। बस हाँ और ना में!

मैं- तो आज तक आप लोग वैसे ही हो?
इशिता- नहीं, अभी तो बहुत सही चल रहा है!

उनके इस जवाब से उनके गालों पर ब्लश आ गया।
मैं ठीक से समझ नहीं पा रहा था कि चक्कर क्या है।

मैं- तो कैसे हुई आप लोगों की बातें ठीक?
इशिता- एक्चुअली, वो सिर्फ एक ही किस्सा नहीं था। उसके अलावा और भी कई किस्से हुए। एक बार कॉलेज जाने के लिए ड्रेस कर रही थी। मैंने जीन्स और ब्रा पहनी थी, बस टी-शर्ट डालनी बाकी थी। उस वक्त मेरे गले में टी-शर्ट थी और हाथ भी डाल लिए थे, पर अब भी ब्रा के ऊपर था टी-शर्ट। बस नीचे खींचना था कि मोहित अचानक अंदर आ गया, और एक सेकंड के लिए मुझे ब्रा में देखा, और मैंने टी-शर्ट नीचे खींच लिया। कई बार अचानक से सामने आ जाने पर बूब्स उसके चेस्ट से टकरा जाते थे, या गलती से हाथ लग जाता था। एक बार जब हममें बात थोड़ी बढ़ने लगी तो बात करके जब मैं रूम में आई, तो आईने में बाल बनाते वक्त देखा कि टी-शर्ट के ऊपर से मेरे निप्पल्स दिख रहे थे। मैं सोच के घबरा गई कि इतनी देर से भाई से बात कर रही थी, और मेरे निप्पल्स दिख रहे थे। उसने तो देख लिया होगा। तो ऐसी बहुत सी घटनाएँ होने लगी। मैं घर पे शर्म फील करने लगी थी क्योंकि कहीं न कहीं मुझे लग रहा था कि मोहित का नजर भी मेरे लिए बदलने लगा था। लगता था कि ये अचानक से टकराना, रूम में घुस जाना, शायद जान-बूझकर करता है।

मैं- ऑब्वियसली, शर्म तो लगेगा ऐसे!
मैं बस उनका हमदर्द बनने की एक्टिंग कर रहा था, ताकि वो और भी शेयर करें।

मैं- लेकिन जो भी हो, आज तो खुश लगती हैं, और कहा भी कि अभी तो सही चल रहा है। तो ऐसा क्या हुआ बीच में? कैसे मैनेज किया?

इशिता- मेरी एक फ्रेंड है श्रेया, यूएस में रहती है। उससे एक दिन वीडियो चैट कर रही थी। वो मुझे अपनी नई ब्रा दिखाना चाहती थी। दिखाने के लिए उसने टी-शर्ट उतारा।

इशिता (वीडियो पर)- अरे, पागल, दरवाजा तो बंद कर!
श्रेया- छोड़ ना, ये देख, कैसा है?
इशिता (मुझसे)- वो अपनी ब्रा दिखा रही थी कि पीछे से उसका ससुर रूम की तरफ आ रहा था। वो जल्दी में आए कि मैं श्रेया को वार्न कर ही नहीं पाई। पर उसके बाद जो हुआ, वो देखके मैं शॉक्ड हो गई। उसका ससुर रूम में आया, और जो उसे चाहिए था, वो ले गया. और दोनों को कोई फर्क नहीं पड़ा।

श्रेया- चुप क्यों है, बता ना, कैसा है?
इशिता- ये क्या हुआ?
श्रेया- क्या?
इशिता- तेरा ससुर आके चला गया!

श्रेया- तो क्या हुआ? ओह, अच्छा, समझी। ऐसी खड़ी थी, इसलिए? अरे, चिल मार, यहाँ ऐसा नॉर्मल है। पूल पार्टी में तो सब पड़ोस की आंटी बिकिनी में रहती हैं, सबके सामने!
इशिता- मैं अभी भी हजम नहीं कर पाई!

श्रेया- मेरा छोड़, तू बता, परेशान क्यों लग रही है?
इशिता- है, परेशान तो हूँ। असल में, घर में भाई के सामने काफी सम्भल के रहना पड़ रहा है।
श्रेया- क्यों?

इशिता (मुझसे)- मैंने श्रेया को वो सब बताया, जो तुझे बताया।

श्रेया- अरे, तो छोड़ दे ना! कोशिश क्यों कर रही है ढकने की? मैं ये नहीं कह रही कि खोल के दिखा दे, पर कब तक और कहाँ-कहाँ ढकेगी? जो सब तूने बताया, ये सब तो तेरे सामने हुआ। पर सोच, ऐसा कितना कुछ हुआ
होगा, जब तुझे पता भी नहीं, और तेरा कुछ न कुछ दिख रहा होगा!
इशिता- हाँ, सही है यार! अब हर जगह तो चादर ओढ़ के नहीं रह सकती ना!

श्रेया- एग्जैक्टली! ये तो कह रही हूँ, ढकना छोड़ दे। वो बड़ा हो रहा है, जितना भी छुपा ले, उसे पता है कि लड़की में क्या-क्या होता है। अब मुझे ही देख। अभी पापाजी रूम में आ गए, और हम दोनों को फर्क नहीं पड़ा। क्यों? क्योंकि हम सोचते ही नहीं इन सब के बारे में। दिस इज नॉर्मल। अच्छा चल, मैं जाती हूँ। जाते-जाते ये बोलूँगी कि घर में लड़का है तो ये सब होगा ही। बेहतर होगा, ये सब सिचुएशन को नॉर्मल समझ। कुछ दिख जाता है, तो घबरा मत, दिखने दे। और हाँ, कुछ ऐसा होता है, तो बातें बंद मत कर। इससे दुबारा बात करने में शर्म लगेगा। करके देख, और मुझे बताना नेक्स्ट टाइम!

इशिता (मुझसे)- अजीब तरीका था, पर कोशिश की मैंने। उसके बाद, जब भी वो मेरे बूब्स से टकरा जाता था तो मैं नॉर्मल ही एक्ट करने की कोशिश करती थी और बात करती थी। कुछ दिन अजीब लगा, पर ये आइडिया काम करने लगा। उसने कई बार मुझे ब्रा में देखा, पर मैं नॉर्मल ही रहती थी, ताकि वो भी कम्फर्टेबल हो जाए। मैं भी कॉन्फिडेंट होने लगी, और एक-आध महीने बाद मोहित के सामने टी-शर्ट उतारना मेरे लिए आम हो गया। बूब्स पर हाथ लगना, उसके सामने टॉवल में बाहर आ जाना, और वही टॉवल के नीचे से पैंटी पहनना, उसकी तरफ पीठ करके टॉवल नीचे करके ब्रा पहनना। इसका एक और बड़ा फायदा हो गया कि भाई की वजह से मैं हर वक्त अंदर ब्रा पहनती थी। गर्मी के दिनों में तो हालत खराब हो जाती थी। पर अब घर पे मैंने ब्रा पहनना भी छोड़ दिया। बस टी-शर्ट में रहती थी। और अब मुझे पता होता था कि मेरे निप्पल्स दिख रहे हैं, पर मुझे अजीब नहीं लगता था। ऐसा नहीं कि मोहित न देखने का बहाना करता था। बल्कि उसकी नजर ऑब्वियसली निप्पल्स पर जाती थी. और मुझे भी पता होता था, पर मैं माइंड नहीं करती थी। इससे उसका भी कॉन्फिडेंस बढ़ गया, और कभी भी मेरे रूम में घुस आता था, भले ही मैं कपड़े बदल रही हूँ। मैं भी उसको मना नहीं करती थी। हालाँकि, कभी भी वो तब नहीं आया, जब मैंने कुछ नहीं पहना हो। अगर कुछ भी न पहना हो, तो भी शायद नहीं रोकती।

मैं- वाह, मतलब आप इतना फ्रैंक हो गईं कि मोहित आपको नंगा भी देख लेता, तो आप माइंड नहीं करतीं!
इशिता- बिल्कुल!

मैं- तो फिर किया क्यों नहीं? मतलब, ये सब तो नॉर्मली होता था, पर आपने खुद से क्यों नहीं शुरू किया उसके सामने नंगे रहना? ब्रा-पैंटी तक तो बात आ ही गई थी!
इशिता- हाँ, लेकिन तब मैं ये सब इसलिए कर रही थी, ताकि कपड़ों के मामले में उसके सामने कम्फर्टेबल रहूँ। कोई रिलेशनशिप नहीं करने जा रही थी!

मैं- अच्छा, हाँ, ये भी सही है। खैर, वैसे सबसे अधिक लिमिट तक वो आपको किस हाल में देखा है?
इशिता- ज्यादातर सिर्फ ब्रा पहने देखा है, और नीचे हाफ पेंट। बस दो बार वो रूम में तब घुसा, जब मैं सिर्फ पैंटी में थी, और पीछे घूम के ब्रा पहन रही थी। अगर सामने घूमी होती, तो उस दिन वो मेरे बूब्स देख लेता।

मैं- सच बोलूँ दीदी, ऐसा मेरा साथ होता, तो अब तक…
इशिता- जानती हूँ, तू मुझे टच करता!

यह यंग देसी गर्ल Xx कहानी 4 भागों में चलेगी.
आप अपने विचार मुझे बताते रहें.
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यंग देसी गर्ल Xx कहानी का अगला भाग: दीदी की चुदाई की कहानी उनकी जुबानी- 2

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