चुद्दाकड़ माँ को देख मेरी वासना भड़की- 2

(Young Girl Antarvashna Kahani )

रिंकी माल 2025-05-14 Comments

यंग गर्ल अन्तर्वाशना कहानी में एक कमसिन जवान लड़की ने अपनी माँ को कई लोगों से चुदती देखा तो उसकी अन्तर्वाशना प्रबल होकर लंड मांगने लगी. वह भी अपनी चालू मम्मी के नक्शेकदम पर चल पड़ी.

दोस्तो, मैं रिंकी आपको अपनी बुर की सील टूटने वाली सेक्स कहानी सुना रही थी.
कहानी के पहले भाग
नंगी मम्मी को नौकर के लंड के नीचे देखा
में अब तक आपने पढ़ा था कि मेरे परिवार के नौकर मुन्ना चाचा मेरी मम्मी की चुदाई करते थे.
अपनी मम्मी को मुन्ना चाचा व चंदू चाचा से चुदवाते देख कर मैं भी गर्म हो गई थी और मुन्ना चाचा से अपने दूध मिंजवाने लगी थी चुत में उंगली करवाने लगी थी.
अब मुझे जल्द से जल्द अपनी बुर में मोटा लंड चाहिए था.

यह कहानी सुनें.

अब आगे यंग गर्ल अन्तर्वाशना कहानी:

जिस समय मेरी चुत लंड के लिए भभक रही थी और मुन्ना चाचा की गांड फट रही थी, उसी समय हमारे घर पर मेरी मौसी का बेटा आया हुआ था.
उसका नाम पवन था.

वह हमारे घर में रह कर पढ़ने के लिए आया था.

एक दिन मैंने देखा कि वह मेरी बड़ी दीदी को चोद रहा है.
मैं उस समय तो कुछ नहीं बोली, मैंने बस उन दोनों की चुदाई की कुछ फोटो ले ली.

उसके बाद जब घर में कोई नहीं था तो मैंने भैया से कहा- भैया, यह बताइए आप दीदी के साथ क्या कर रहे थे?
तो उसने कहा- कुछ नहीं?

फिर मैंने उसको उनकी चुदाई की फोटो दिखाईं, तो वह मुझसे सॉरी बोलने लगा.

मैंने कहा- सॉरी सॉरी से कुछ नहीं होने वाला है. जैसा आप दीदी के साथ करते हैं, वैसा ही मेरे साथ भी कीजिए.

यह सुनकर वह तो बहुत खुश हो गया कि साला फ्री फंड में एक और चुत मिल रही है.
उसने कहा- चलो ठीक है, तुम पढ़ाई के बाद मेरे कमरे में आ जाना.

मैं रात में उसके कमरे में गई और उसे मुस्कुरा कर देखने लगी.

उसने मुझे सबसे पहले अपने पास बुलाया और थोड़ी बहुत इधर-उधर पढ़ाई की बात की.

उसके बाद उसने कहा- रिंकी, तू जब भी मेरे पास आया कर तो केवल स्कर्ट पहन कर आया कर, अन्दर कुछ मत पहना कर … और ऊपर लूज टी-शर्ट पहन करके आया कर, जिससे हम दोनों को बिना कपड़े उतारे ही बहुत मजा आएगा.
मैंने कहा- ठीक है भैया, मैं ऐसा ही करूंगी.

उस दिन पढ़ाई करने के बहाने मैं उसके पास सो गई.

रात के टाइम में उसने मेरे सारे कपड़े खोल दिए और वह मेरी चूचियों को खूब अच्छी तरह से चूसने लगा.
धीरे-धीरे मैं एक गर्म रांड सी होती जा रही थी.
मेरे कपड़े मेरे बदन पर नहीं थे और मैं उसके पास एकदम मादरजात नंगी थी.

उसने भी अपने सारे कपड़े निकाल दिए थे और मेरा हाथ अपने लंड के पास में ले जाकर रख दिया.
मैं भैया का लंड पकड़ कर धीरे-धीरे आगे पीछे करने लगी.

लेकिन जब वह मेरी चूचियों को चूस रहा था तो उसका लंड दूर हो गया था.
मैं खड़ी हो गई और इस तरह की पोजीशन में आ गई कि मेरी चूत उसके मुँह की तरफ हो गईं और मेरा मुँह उसके लंड की तरफ हो गया.

अब मैंने भैया के लौड़े पर अपना हाथ से चलाते हुए लंड के सुपारे को पहले जीभ से टच किया.
मुझे लौड़े का नमकीन स्वाद बहुत अच्छा लगा.

उसके बाद मैंने गप से उसे अपने मुँह में भर लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.

मैं अपने भैया का लंड चूस रही थी.
उस टाइम मेरा भैया भी मेरी चुत को चूस रहा था और दांत से हल्के हल्के बाइट कर रहा था.

मैं एकदम गर्म हो चुकी थी और उसके मुँह में ही झड़ने लगी थी.

मेरी सांसें तेज हो गई थीं और मैं उसको जोर से पकड़ कर उसका मुँह अपनी चुत पर दबाने लगी थी.

इससे उसको मालूम चल गया कि मैं झड़ चुकी हूं.

फिर उसने भी मेरे मुँह में अपने धक्के तेज कर दिए और मेरे मुँह में ही झड़ गया.

जब हम दोनों का ज्वार शांत हो गया तो काफी थकान होने लगी थी.

उसके बाद भैया बोला- रिंकी एक काम करते हैं, आज मैं तेरी चुत की सील नहीं तोड़ूँगा क्योंकि अभी तू सील पैक माल है. तुझे लंड लेने में दर्द भी बहुत होगा. आज एक काम करते हैं कि मैं कल की थोड़ी तैयारी कर लेता हूँ. उसके बाद मैं तेरी चुदाई करूंगा!
मैं बोली- ठीक है.

इत्तेफाक से अगले ही दिन एक हादसा हो गया.

जब मैं जब स्कूल से वापस आई तब पता चला मेरे नाना जी का एक्सीडेंट हो गया था और पापा मम्मी समेत घर के सभी लोग वहां जाने की तैयारी कर रहे थे.

उस वक्त मुझे चुदाई की खुजली मची हुई थी इसलिए मैंने बहाना किया कि मैं नहीं जा सकती हूं क्योंकि मेरी तबीयत खराब है.
वहां पर एक तो ऐसे ही बुरे टाइम में जा रहे हैं और बुरे टाइम में जाने के बाद वहां जाकर खुद भी बीमार पड़े रहना अच्छी बात नहीं है.

मम्मी बोलीं- तू सही कह रही है लेकिन बेटा तू अकेली कैसे रहेगी?
यह सुनकर दीदी और पवन भैया बोलने लगे- नहीं, हम भी नहीं जाएंगे. हम भी यहां पर इसके साथ में रुक जाते हैं.

दीदी के ना जाने का तो कारण यह था कि वे भैया से चुत चुदाई का प्लान बना रही थीं.
भैया यह प्लान कर रहा था कि आज दोनों चूत को चोद देगा.

मुझे दीदी के ऊपर गुस्सा तो आ रहा था लेकिन मैं कुछ बोल नहीं सकती थी.
जब मम्मी पापा सब लोग चले गए तो भैया और बड़ी दीदी लोग भी चले गए.

मैंने भैया को इशारा करके पीछे बुलाया और उसके ऊपर गुस्सा करके बोली- तुमने दीदी को क्यों रोका?
पवन भैया बोला- यार मैं कैसे मना कर सकता था, अगर मना करता तो कहीं किसी को शक न हो जाता! फिर ऐसे में मैं क्या करता?

मैं बोली- अब यह बताओ कि करेंगे कैसे?
उसने कहा- सब ठीक हो जाएगा तू परेशान मत हो. मुझे तेरी पिंकी दीदी की एक बार चुदाई तो करनी पड़ेगी लेकिन मैं कोल्ड ड्रिंक मंगाने की सोची है और मैं उसमें नींद की गोली भी मिला दूंगा. जब वह उसको पिएगी तो सो जाएगी.

मैं भी अब कुछ कह तो सकती नहीं थी.
मैंने कहा कि चलो ठीक है, कोई बात नहीं.

उसके बाद पवन भैया ने कहा कि मैंने खाना बाहर से ऑर्डर कर दिया है. अभी पिज़्ज़ा वाला आ रहा होगा.

कुछ देर बाद वह आया और कोल्ड ड्रिंक और पिज़्ज़ा दे कर चला गया.
भैया पहले दीदी के पास गया और उसे पिज्जा व कोल्डड्रिंक दे आया.

फिर उसने मुझे दिया और उसके बाद खुद भी लिया.
बाद में मैंने जानबूझ कर शाम होते ही कहा- मुझे बहुत नींद आ रही है, मैं जा रही हूं सोने के लिए!

भैया और दीदी दोनों लोग बहुत खुश हुए और उन्होंने कहा- ठीक है तुम जाओ सो जाओ.

लगभग 5 मिनट के बाद दीदी मेरा नाम लेकर आवाज देकर चैक कर रही थीं कि मैं जाग तो नहीं रही हूँ.

वे मेरे कमरे में भी मुझे देखने आईं लेकिन मैं सोने का नाटक करती हुई एकदम सीधी पड़ी रही.

उसके बाद दीदी ने पवन भैया से कहा- यह तो सो गई है. आ जाओ आज इसी के बगल में चुदाई करते हैं.

इधर पवन भैया के साथ तो मेरी सैटिंग थी ही, तो पवन भैया को क्या आपत्ति हो सकती थी.

लेकिन फिर भी उसने पता नहीं क्यों कहा- मुझे यह सब पसंद नहीं है.
फिर दीदी बोली कि अरे यह तो घोड़े बेच करके सोती है.
लेकिन भैया तैयार नहीं हुआ और बोला- नहीं तुम्हारे कमरे में चलते हैं.

भैया दीदी को लेकर के उसके कमरे में चला गया और 5 मिनट के बाद मैं भी पीछे से दबे पांव उनके कमरे की खिड़की पर आ करके उन दोनों की चुदाई का नजारा देखने लगी.
उधर दीदी चुत चुदाई करवाते ही सो गईं.

उसके बाद पवन वहां से निकला तो उसने बाहर से दरवाजे को बंद कर दिया और सीधे मेरे कमरे में आ गया.
उसके बाहर निकलने से पहले ही मैं अपने बिस्तर पर लेट गई थी.

जब वह मेरे कमरे में आया, तो उसने मुझे आवाज देकर बुलाया.
मैं उठ कर बैठ गई और बोली- हो गई चुदाई तुम लोगों की?

वह अपने कंधे से झोला उतारता हुआ बोला- क्या करता यार, उसको सुलाना जरूरी था. इसलिए कुछ ना कुछ तो करना ही था.
मैं भी कुछ नहीं बोली.

मैंने कहा- अब आगे का क्या प्लान है?
उसने हंस कर कहा- आ जा मेरी जान आज तो तेरी सील तोड़ दूंगा, ले देख मैं कितनी तैयारियों के साथ आज तेरी चुदाई का प्लान बना कर आया हूं.

उसने अपने झोले का मुँह खोला.
उसमें उसने नारियल का तेल रखा हुआ था. कुछ पुराने कपड़े रखे हुए थे, कुछ पेन किलर दवाइयां रखी हुई थी, डेटॉल, फिटकरी आदि भी थी.

उसकी इन तैयारियां को देख कर मैंने कहा कि यह सब क्यों लेकर आए हो?

उसने कहा- मेरी बहना की जब आज सील टूटेगी तो उसको बहुत तकलीफ नहीं होना चाहिए. तुझको हो सकता है कुछ दर्द भी हो … लेकिन मेरी पूरी तरह से कोशिश रहेगी कि तुझे कोई तकलीफ ना हो. इसी लिए मैं पूरी तैयारी करके आया हूं. साथ ही साथ किसी को पता ना चले इसलिए मैं उसकी भी पूरी तैयारी करके आया हूं!

मैं बोली- थैंक्यू भैया, तुम मेरा कितना ख्याल रखते हो.

उसने इसके बदले में मुझे किस करना शुरू कर दिया.
मैं भी उसको लिप किस करने लगी.

किस करते-करते मैं उसकी पीठ को भी सहला रही थी और वह भी मेरी पीठ को सहला रहा था.

धीरे-धीरे हम दोनों एक दूसरे के कपड़े ऊपर सरकाने लगे और एक-एक करके हमारे कपड़े अलग होने लगे.

फिर वह मुझको उठा कर बिस्तर पर ले आया और मेरी कमर पर, जांघ पर चूमने लगा.

उसकी जुबान मेरे सारे अंगों को चाट रही थी और उसके होंठों ने लगातार मेरे बदन पर चुंबनों की झड़ी लगा दी थी.

मैं भी यंग गर्ल अन्तर्वाशना में उसके पूरे शरीर को पागलों की तरह चूमे जा रही थी.
भैया के चुंबनों की वजह से मैं धीरे-धीरे गर्म होने लगी और मेरी चुत पानी छोड़ने लगी.

अब वह मेरी चूचियों को जोर जोर से मसल रहा था और बारी बारी से दोनों दूध मुँह में दबा दबा कर चूस रहा था.

साथ ही वह मेरी गांड पर कभी थप्पड़ मार देता तो कभी मेरी चुत में अचानक से अपनी उंगली डालकर उसे आगे पीछे करने लगता.

मुझे पहले तो थोड़ा सा बुरा लगा, लेकिन बाद में अच्छा लगने लगा.
फिर आगे पीछे करते-करते उसने अपनी दूसरी उंगली भी मेरी चुत में डाल दी.

वैसे मैं खुद अपनी चुत में उंगली करती रहती थी लेकिन एक मर्द की उंगली का कुछ अलग ही अहसास था.
आज मेरी चुत से बहुत पानी भी निकल रहा था.

फिर जब मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो मैं बोली- भैया अब बस भी करो, आज मेरी सील तोड़ दो और आज मुझे अपनी रखैल बना लो!
भैया बोला- रुक जा मेरी बहन, आज मैं तेरी रंडी बनने की फुल व्यवस्था किए देता हूं. साली आज के बाद तू खुली सड़क पर अपनी चुत खोल कर खड़ी हो जाएगी, तब भी तुझे लंड से डर नहीं लगेगा.

कुछ देर के बाद उसने मुझे बिस्तर पर सीधा लिटा दिया और मेरी गांड के नीचे एक तकिया रखकर मेरे दोनों पैर फैला दिए, जिसकी वजह से मेरी चुत खुल कर एकदम से उसके सामने आ गई.

उसने मेरी चुत का एक जोरदार गहरा सा चुंबन लिया और उसके बाद अपने लंड पर वही वाला नारियल का तेल लगाया जो पहले से ही चुदाई के लिए लाई गई सामग्री में अपनी बारी का इंतजार कर रहा था.

भैया ने उस नारियल के तेल को मेरी चुत पर गिराया और उसके बाद उसने अपने हाथ की उंगलियों से तेल को चुत में अन्दर बाहर रगड़ते हुए कहा- बहन, थोड़ा सा दर्द होगा, उसको बर्दाश्त कर लेना … बस एक बार सील टूटने के बाद तुझे जिंदगी में लंड से सिर्फ मजे ही मजे मिलेंगे.

मैं चुत उठाती हुई बोली- भैया अभी लेक्चर मत दो … जो भी करना है जल्दी करो क्योंकि मैं तड़प रही हूं!

भैया ने जल्दी से अपना लंड निकाल कर उस पर नारियल का तेल मला और मेरी चुत पर लंड का सुपारा टिका कर उसके जरिए भी नारियल का तेल टपकाया.

फिर अपने लंड से ही मेरी चुत पर तेल को मेरी भग्नासा से से लेकर छेद तक रगड़ने लगा.

उसकी इस हरकत से मेरी आग और भड़क गई और मैं गुस्से से गाली देने लगी- मादरचोद गांडू है क्या … तेरी समझ में नहीं आ रही है भोसड़ी के … तुझे जो भी करना है जल्दी कर बहन के लौड़े … चुत में लंड पेल हरामी … आह इधर आग लगी है और तू साला सर्कस कर रहा है!

यह सुनकर पवन भैया को भी ताव आ गया और उसने भी गाली देते हुए कहा- ले बहन की लौड़ी छिनाल, लंड का मजा ले बहन की लौड़ी.
बस यह कह कर उसने मेरी चुत में अपना लंड सैट करते हुए एक जोर से धक्का दे मारा.

तेज धक्के की वजह से भैया का आधा लंड मेरी चुत को फाड़ता हुआ अन्दर फंस गया था.

मुझे तो जैसे लगा कि किसी ने गर्म खूंटा मेरी चुत में गाड़ दिया हो … इतनी तेज दर्द हुआ कि लगा बस अब मैं मर गई.
मेरी सांसें ही अटक गईं.

मेरी बहुत तेज आवाज निकलने वाली थी कि उससे पहले ही भैया ने अपना हाथ मेरी मुँह पर रख दिया था.
उसी वजह से मेरी चीख अन्दर ही घुट कर रह गई.

उस समय भैया मेरे ऊपर ही पड़ा रहा और मेरी चूचियों को मसलता रहा.
दर्द के मारे मेरी आंखों से आंसुओं की धार निकलती रही.

मैं आवाज नहीं निकाल पा रही थी लेकिन मुझे बहुत दर्द हो रहा था.
पवन भैया ने मेरा मुँह दबा कर रखा था और वह मेरी चूचियों को मसल रहा था.

कुछ ही देर में मानो चमत्कार हो गया, मेरा दर्द धीरे-धीरे कम होता गया.

इसके बाद मेरा भाई अपनी कमर को धीरे-धीरे आगे पीछे करने लगा.

अब मुझे मजा आने लगा था.
सच में पवन भैया ने मुझे तबीयत से रगड़ा और करीब बीस मिनट तक मेरी चुत फाड़ने के बाद वह मेरे अन्दर ही झड़ गया.

एक बार चुत को लंड का स्वाद मिला तो वह भोसड़ी बनने की दिशा में आगे बढ़ने लगी.
उस रात पवन ने मुझे दो बार पेला और दोनों बार मेरे अन्दर झड़ गया.

पवन भैया के बाद मुन्ना चाचा के लौड़े से मैं से भी चुदी.

उसका ऐसा हुआ कि एक दिन मैं मुन्ना चाचा से अपनी चुदाई की कहानी सुनाती हुई बोली- आज आप भी मुझे चोद ही दो.

उन्होंने मुझसे मेरी चुदाई की पूरी कहानी सुनी और मुझे घर से बाहर उसी अरहर के खेत में ले गए.
उधर ले जाकर चाचा ने मेरी चूत में अपना मूसल लंड पेल दिया.

उनका मोटा लंड मेरी टाइट चूत में घुसा, तो मैं दर्द से चीख पड़ी लेकिन साथ में मजा भी आया.

उस दिन के बाद मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.
मम्मी की तरह मैं भी लंड की भूखी हो गई.

मुन्ना चाचा, चंदू चाचा और गांव के कई मर्दों के लंड मैंने अपनी चूत में लिए.
मेरी चूचियां अब 36 इंच की हो चुकी हैं और मेरी चूत हर लंड को चटखारे लेकर खाने लगी थी.

आज मैं एक रंडी हूँ, लेकिन मुझे कोई शर्म नहीं.
मेरी मम्मी ने मुझे ये राह दिखाई और मैंने उस राह को और चौड़ा कर दिया.

मेरी चूत की आग अभी भी जल रही है और मैं हर रात एक नए लंड की तलाश में रहती हूँ.

इसके बाद मेरी बड़ी बहन व मैंने एक साथ पवन के लंड से चुदाई का मजा लिया.
फिर मैंने अपनी बहन को मुन्ना चाचा के मूसल लंड से भी चुदवा दिया.

यह सब आपको मैं जरूर सुनाऊंगी लेकिन अपनी अगली सेक्स कहानी में इस यंग गर्ल अन्तर्वाशना कहानी पर आपके कमेंट्स मिलने के बाद!
आप प्लीज अपना बहुत ख्याल रखें.
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