मौसी की कुंवारी बेटी की चुदाई- 1

(Young Sexy Ladki Hindi Kahani)

देव 1996 2023-01-29 Comments

यंग सेक्सी लड़की हिंदी कहानी में पढ़ें कि मेरी नजर मौसी की बेटी पर पड़ी तो मुझे लगा कि इसकी जवानी खूब निखर उठी है. मैंने उसे लंड के नीचे लाने की कोशिश शुरू कर दी.

नमस्कार दोस्तो, मैं अनुज सेक्स कहानी आपके लिए लाया हूं. मैं उम्मीद करता हूं कि आपको यंग सेक्सी लड़की हिंदी कहानी पसंद आएगी.

मेरी मौसी की लड़की का नाम आकांक्षा है. वो 19 साल की सांवली सी, छरहरे बदन की खूबसूरत सी लड़की है.
हम दोनों की मुलाकात काफी कम होती थी पर फोन पर थोड़ी बहुत बात अक्सर हो जाया करती थी.

वो मुझसे मिलती थी तो भैया भैया कह कर बात करती थी और हमेशा नजरें नीची करके मुझसे बात करती थी.
मेरे भी मन में उसके प्रति कभी ऐसी कोई भावना नहीं थी.

पर एक दिन मैं काम के सिलसिले में बाइक से जा रहा था. मैंने देखा कि वह स्कूल जाने के लिए बस का इंतजार कर रही थी.
मैंने उसके सामने दूसरी तरफ़ अपनी बाइक रोक दी और उसको इशारा करके अपने पास बुलाया.
वह मुझे देख कर मुस्कुराती हुई मेरे पास आई और नमस्ते की.

मैंने उसको उत्तर दिया और अपना हेलमेट उतार कर उससे बात करने लगा.
मैं उससे बात कर रहा था, तभी मैंने आस-पास नजर घुमा कर देखा तो कुछ लड़के हमारी तरफ नजरें उठा कर देख रहे थे.

उनको अपनी तरफ देखते हुए मैं समझ गया कि ये साले सोच रहे होंगे कि देखो लड़की से मिलने आया है.
ये सोचते हुए मैंने आकांक्षा के बदन की तरफ देखा तो वो मुझे बड़ी मादक लगी.

19 साल की कमसिन कली जैसी खिली हुई खूबसूरत सी सांवली लड़की का खूबसूरत चेहरा, काले लम्बे बाल, स्कूल ड्रेस के नीचे दबी हुईं, अधपके संतरे जैसी छोटी छोटी चूचियां थीं.
वो नजरें नीची कर मुझसे बात कर रही थी.

उस समय मुझे वह इतनी खूबसूरत लग रही थी कि मन कर रहा था कि उसको अभी ले जाकर चोद दूं.
पर यह संभव नहीं था. जब तक कि ये ना पता चले कि वो मुझसे क्या चाहती है.
बात कर लेने के बाद मैंने उससे कहा कि कोई लड़का तो तुम्हें परेशान नहीं करता है?

यह सुनते ही उसने शर्माते हुए मुस्कुरा कर अपनी नजरें नीचे झुका लीं और ना का इशारा करती हुई सर हिला कर मूक भाव से कहा कि मुझे ये बताने में शर्म आती है.
उसका यूं मुस्कुराना क्या हुआ, उसने मानो मेरे दिल पर बिजली गिरा दी.

मैंने उसी पल सोच लिया था कि कुछ भी हो जाए, आकांक्षा एक दिन मेरे लंड के नीचे जरूर आएगी.
उसके बाद मैं भी अपने काम पर चला गया और व्यस्त हो गया.

धीरे-धीरे ये बात मेरे दिमाग से उतर गई.
कभी कभी फोन पर मैं उससे दिअर्थी बातें कर देता था, पर इससे ज्यादा आगे ना बढ़ सका.
वो भी मुझसे खुल कर बात कर लेती थी.

पर कहते हैं ना कि जब किस्मत में चूत मिलना लिखा हो, तो एक दिन मिलती ही है.

उस दिन मैंने शाम को मौसी के यहां कॉल किया तो मौसी ने बताया कि वो लोग दवा लेने बाहर आए हुए हैं, घर पर आते आते हो शाम हो जाएगी.
शाम को मैंने वहां पर हाल-चाल लेने के लिए फोन किया तो मौसी ने बताया कि पंद्रह दिन की दवा दी है. फिर बीस तारीख को वापस दिखाने के लिए बोला है.

सारी बातें करने के बाद मैंने फोन वापस रख दिया.
मैंने मोबाइल में देखा तो 20 तारीख को रविवार था.

अब मेरे दिमाग में फिर से आकांक्षा का खूबसूरत चेहरा घूमने लगा और उसका वह शर्माते हुए मुस्कुरा कर नजरें झुकाना जैसे ही याद आया, मेरा मन आकांक्षा को चोदने का करने लगा.

मैं प्लान बनाने लगा. मैं जानता था कि 20 तारीख को 11:00 बजे तक हर हाल में मौसी मौसा के साथ दवा लेने चली जाएंगी और आकांक्षा का छोटा भाई रविवार होने के कारण दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने चला जाएगा.
आकांक्षा उस दिन घर पर अकेली रहेगी.

तो मेरे पास उसे चोदने के लिए और प्यार करने के लिए कम से कम चार-पांच घंटे का समय होगा.

मौसी का घर गांव के थोड़ा बाहर बना था तो वहां पर किसी के आने का कोई डर नहीं था.

मैं कभी-कभी मौसी के घर जाता था तो आस-पास के लोग भी मुझे जानते थे.
वो मुझे देख कर संदेह नहीं करते कि मैं आज अपनी मौसी की लड़की को चोदने का प्लान बना कर आया हूं.

इसलिए मैं निश्चिंत होकर 12:00 बजे के करीब मौसी के घर पर चला गया.
घर के बाहर गाड़ी खड़ी करके साथ में जो मीठा लाया था, उसे लेकर मैं घर के अन्दर गया.

मेरी उम्मीद के मुताबिक घर पर कोई नहीं था. आकांक्षा बैठ कर पढ़ रही थी.
मैंने उसे पुकारा, तो वो तुरंत खड़ी हो गई. मेरे पास आई और नमस्ते की उसने!

मेरी मादरचोद निगाहें उसकी समीज के अन्दर झांकने लगीं.
मुझे उसकी काले रंग की ब्रा और दोनों चुचियों के बीच की गहराई दिख गई.

मैंने उसके कंधे पकड़कर उसे अपने पास लाते हुए कहा- तुम बड़ी हो गई हो.
उसने हंस कर कहा- भैया, मैं कहां बड़ी हो गई हूं. अभी तो मैं बहुत छोटी हूं.

मैंने कहा- तुम्हें नहीं पता है, पर मेरी नजर से देखोगी, तो पता चलेगा कि अब तुम सच में बड़ी हो गई हो.
यह सुनकर उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया और उसने नजरें झुका कर मुझसे कहा- किसी और ने तो मुझसे नहीं कहा कि मैं बड़ी हो गई हूं, फिर आपको कैसे पता लगा?

मैंने कहा- आकांक्षा, हर बात कही नहीं जाती है. लोगों की नजरें तुम को बता देती होंगी कि मैं सच बोल रहा हूं या झूठ!
यह सुनकर सुनकर आकांक्षा इठला कर बोली- किसी की नजरें कैसे बताएंगी कि मैं बड़ी हो गई हूं?

यह सुनकर मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ कि मेरा प्लान सही दिशा में जा रहा है … और आज सब कुछ सही गया तो आकांक्षा आज मेरे लंड के नीचे आ ही जाएगी.
आज ऐसा करने से मुझे रोकने वाला भी इस समय घर पर कोई नहीं है.

मैंने कहा कि आकांक्षा, जब आस-पास के लोग किसी लड़की को अजीब नजरों से घूरने लगें तो उसे समझ जाना चाहिए कि अब वो जवान हो गई है. क्या तुम्हें आस-पास के लोग और क्लास में लड़के अजीब नजरों से नहीं घूरते हैं?
आकांक्षा की आंखों को देख कर स्पष्ट अनुमान लगाया जा सकता था कि अब वासना आकांक्षा पर हावी हो रही थी.

वह मेरी तरफ देखती हुई बोली- भैया, लोग मुझे घूरते तो बहुत हैं और मुझे बहुत अजीब भी लगता है. पर भैया, यह बताइए कि लड़के मुझे ऐसे क्यों घूरते हैं?

मैंने आकांक्षा का हाथ पकड़कर अपने पास किया और उसके चेहरे को हाथों से थोड़ा सा ऊपर उठा कर नजरें मिलाते हुए उससे कहा कि अब तुम छोटी नहीं हो, तुम जवान हो गई हो … और तुम्हें अच्छी तरह से मालूम है कि लड़के तुम्हें घूरते क्यों हैं?

यह सुनकर आकांक्षा वासना भरे स्वर में बोली- भैया, मुझे नहीं पता, आप ही बताओ ना कि लड़के मुझे ऐसे क्यों घूरते हैं?
मैंने उसकी आंखों में देखते हुए कहा- आकांक्षा, अब तुम जवान हो गई हो और बहुत खूबसूरत हो, इसलिए लड़के तुम्हें पाना चाहते हैं.

यह सुनकर आकांक्षा बोली- भैया यह बताइए कि लड़कों को कैसे पता कि मैं जवान हो गई हूं … और भैया आप झूठ बोलते हैं कि मैं खूबसूरत हूं.
मैंने कहा- आकांक्षा, हीरे की पहचान एक जौहरी ही कर सकता है. तुम सच में बहुत खूबसूरत हीरा हो.

इस बार आकांक्षा बोली- भैया, आप जौहरी कब बन गए?
मैंने कहा- जब सामने इतना खूबसूरत हीरा हो, तो लोग अपने आप से जौहरी बन जाते हैं. तुम सच में बहुत खूबसूरत हो. चाहो तो अपने आस-पास की लड़कियों को देख लो, सबसे ज्यादा लड़के तुम्हारे चक्कर में पड़े रहते होंगे और तुम्हें पटाना चाहते होंगे.

वो कुछ नहीं बोली.
मैं- अच्छा, यह बताओ … क्या मैं झूठ बोल रहा हूं?

उसने धीमे से कहा- नहीं … पर भैया, मेरे चक्कर में इतने लड़के क्यों पड़े रहते हैं … और वो मुझे पटा कर क्या करेंगे?
मैंने आकांक्षा से कहा कि वो तुम्हें पटा कर तुम्हें चोदना चाहते हैं.

उसने शर्माकर बात बदल दी और धीमे से कहा- जौहरी जी, ये बताइए कि इस हीरे की क्या क्या खासियत है?
अब तक वासना आकांक्षा के ऊपर पूरी तरह हावी हो चुकी थी. उसकी आंखें एकदम नशीली हो चुकी थीं.

मैंने उसके दोनों हाथों को अपने हाथों में लेते हुए कहा- इस हीरे की पहचान अकेले में बिस्तर पर बताई जाती है.
उसने चुदासी आवाज में कहा- तो चलिए, बिस्तर पर ही बताइए ना … वैसे भी घर पर कोई नहीं है.

यह सुनकर मैंने कहा- मैं जानता हूं इसी लिए तो हीरे को उसकी खासियत बताने अकेले में आया हूं.
ये सुनकर आकांक्षा इठला कर बोली- लग रहा है, आज पूरा प्लान बना कर आए हैं.

इतना सुनकर मैंने कसकर आकांक्षा को अपनी बांहों में भर लिया और कहा- हां आज अपनी छोटी प्यारी बहना को चोदने का पक्का प्लान बनाकर ही आया हूं.

मैं आकांक्षा के पूरे चेहरे को चूमने लगा.
कुछ देर ऐसे ही उसके चेहरे को चूमता रहा.

कुछ देर बाद आकांक्षा बोली- भैया, छोड़िए … पहले दरवाजा बंद कर लेने दीजिए, नहीं तो कोई आ जाएगा.
मैंने उसे छोड़ दिया और उसने जाकर दरवाजा बंद कर दिया.

वो मेरे पास आकर बोली- चलिए अब हीरे को उसकी खासियत बताइए.
मैंने अपनी गोद में आकांक्षा को उठाते हुए कहा- जौहरी के होते हुए हीरे को अपने नाजुक पैरों को कष्ट देने की जरूरत नहीं है.

आकांक्षा ने मुझसे कहा- इतनी भी नाजुक नहीं हूं भैया!
मैंने उससे कहा- अभी थोड़ी देर में पता चल जाएगा.

उसे गोद में उठाए ही मौसी के रूम में लेकर आ गया और बेड पर लिटा दिया.

मौसी के रूम की टीवी चलाकर मैंने पेन ड्राइव से एक एचडी बीएफ चला दी और आकांक्षा को अपनी गोद में बैठाकर कुछ देर तक उसे वीडियो दिखाया, जिसमें एक अफ्रीकन आदमी एक अंग्रेज लड़की को अपना लंड पिला रहा था.
मैं समीज के ऊपर से ही उसकी चूचियां रगड़ने लगा था.

टीवी में चुदाई की आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थीं, जिससे दोनों के ऊपर और ज्यादा नशा चढ़ रहा था.

मैंने आकांक्षा को लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़ कर उसके चेहरे को अपने हाथों में लेकर बोला- आकांक्षा, मेरी जान आई लव यू.
आकांक्षा ने भी कहा- आई लव यू टू भैया.

मैंने कहा- आकांक्षा, मैं तुम्हें चोदना चाहता हूं.
तो उसने कहा- जानती हूं भैया, आप मुझे चोदना चाहते हैं. आपने ही देरी कर दी, मैं तो कबसे आपको पसंद करती हूँ.

मैंने कहा- पागल, इतने दिन तक क्यों तड़पाया? बस अपने संतरे ही दिखाती रही. एक बार कह भी तो देती.
उसने कहा- भैया, चुदाई के लिए कभी आपने कुछ कहा ही नहीं. मैं तो खुद आपसे चुदना चाहती थी.

ये सुनकर मैं आकांक्षा के होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसने लगा. वह भी मेरे होंठों को चूस कर मेरा साथ देने लगी.

कुछ देर तक उसके होंठों को चूसने के बाद मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी.
वो मेरी जीभ को चूसने लगी.

कुछ देर बाद उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी. अब मैं उसकी जीभ को चूसने लगा.
यूं ही कुछ देर तक हम दोनों एक दूसरे की जीभ को चूसने के बाद अलग हो गए.

मैंने उसको बेड पर बैठा कर उसके दोनों हाथों को ऊपर कर दिया और उसके जिस्म से कसी उसकी समीज को निकाल दिया.
उसके सीने पर काले रंग की ब्रा में उसकी दो संतरे जितनी बड़ी चूचियां कैद थीं.

उसने शर्म से अपनी आंखें बंद कर ली थीं.
मैंने अपने हाथों से उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और उसकी ब्रा को उसके जिस्म से अलग कर उसको बेड पर लिटा दिया.

मैंने आकांक्षा से कहा- आंखें खोलो.
वो शर्मा कर ना ना करने लगी.

इस पर मैंने आकांक्षा को अपनी कसम दी तो उसने आंखें खोल दीं.
वो मेरी तरफ देखने लगी.

मैंने उसकी नजरों में देखते हुए कहा- तुम्हारे बदन को भगवान ने बहुत तराश कर बनाया है. बताओ किस किस अंग के तुम्हारी तारीफ करूं. तुम्हारे चेहरे की, गर्दन की, आंख नाक कान, सब भगवान ने बहुत फुर्सत में बनाए हैं. नाक में तुम्हारी नथ तुम्हारे चेहरे की सुंदरता और बढ़ा रही है. तुम्हारे लंबे लंबे बाल, छोटा सा चेहरा, बहुत मासूम लगती हो.

वो मेरी तरफ देखती हुई बोली- और?
मैं समझ गया कि ये खुल कर कुछ सुनना चाहती है. मैंने तय कर लिया कि इसे कुछ सही सा कहा जाना चाहिए, ताकि मामला आर-पार का हो सके.

मैं बोला- तुम्हारे बदन का हर कटाव बहुत ही गजब का है. तुम्हें देखते ही सब का लंड खड़ा हो जाता होगा.
लंड शब्द सुनते ही मेरे सीने पर मुक्का मारती हुई बोली- आप कितना गंदा बोलते हैं. आप बहुत गंदे हो.

मैं समझ गया कि लौंडिया चुदने को एकदम मचल रही है.

अगले भाग में मैं आपको अपनी मौसेरी बहन की सील पैक चुत चुदाई की कहानी लिखूँगा.
प्लीज़ आप अपना बाद में हिला लेना, पहले मुझे मेल कर दीजिए कि यंग सेक्सी लड़की हिंदी कहानी कैसी लग रही है.
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यंग सेक्सी लड़की हिंदी कहानी का अगला भाग: मौसी की कुंवारी बेटी की चुदाई- 2

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