कॉलेज गर्ल की प्यासी चूत- 1

(Young Xx Girl Kahani)

अनुक्ति 2025-12-02 Comments

यंग Xx गर्ल कहानी में मैं कॉलेज में पढ़ने वाली सेक्सी गर्म माल हूँ. मैं चुदाई का मजा ले चुकी थी पर दोबारा मेरी चूत को लंड नहीं मिल रहा था. मैं अपने सहपाठी को पटाने लगी.

प्यारे मित्रो, मैं अनु! आप सबने मेरी पिछली कहानी
मेरे जिस्म की अधूरी प्यास- 2
पढ़ी।

मुझे बहुत ख़ुशी हुई कि आप सबको मेरे कहानियां पसंद आ रही हैं।

काफी लम्बे समय से निजी जीवन में व्यस्त होने के कारण में अपनी कहानिया नहीं लिख पायी.
पाठकों के बहुत सारे मेल आये मेरे पास!
मैंने कोशिश की कि सभी का जवाब दूँ.

लेकिन मैं नहीं दे पायी, उसके लिए आप सभी से माफ़ी चाहती हूँ।

पुराने पाठक जो मुझे पढ़ते हैं, उनके लिये मैं अनजान नहीं हूँ।
पर इस यंग Xx गर्ल कहानी के नये पाठकों को मेरे बारे में जानकारी होनी जरूरी है।

दोस्तो, मेरा नाम अनुक्ति है। मैं अब 22 साल की हूँ।
मेरे बदन का आकार अब 32-28-33 हो चुका था और कद 5’7″ है।

मैं अपनी चुदाई की सेक्सी कहानी को आगे ले जाने के लिए पुनः हाज़िर हूँ।

मौसी के भतीजे नितिन से चुदने के बाद घर से वापस हॉस्टल आकर एडमिशन लेने के लिए संजय को कॉल किया.
कुछ ही दिन में नये कॉलेज में एडमिशन ले लिया.

उसने कहा- अनुक्ति, मेरे घर में एक रूम खाली हुआ है तुम दोनों वही शिफ्ट हो जाओ!
घर बात करी और हॉस्टल छोड़ संजय के घर शिफ्ट किया, तो खाने पीने के समान को लेकर छवि और मेरे पापा दोनों आए.

उन्होंने रूम देखा और संजय के पेरेंट्स से मिलकर गये.

हमारे दोनों पेरेंट्स को नहीं मालूम था कि संजय और मैं एक दूसरे को जानते हैं.

संजय ने अपने घर शिफ्ट करवाया था ताकि मुझे चोदने का जब भी मन हो तो चोद ले.
लेकिन उसकी छोटी बहन के कारण वो ऐसा नहीं कर पा रहा था।

करीब 3 महीने हो चुके थे.
इधर छवि राहुल के साथ तो थी ही … और कॉलेज में नया बायफ्रेंड भी बना लिया था.

बची सिर्फ़ मैं!

राहुल भी अपने प्रॉजेक्ट के काम से दिल्ली गया हुआ था.
अब मैं करती भी तो क्या?

कभी कभार मौका मिलता तो संजय मुझसे ब्लोजोब ले लेता; मुझे ऊपर ऊपर से ही करता और मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता, जल्दी जल्दी में कुछ मज़ा ही नहीं आ पाता।

3 महीनों में मेरी संजय के घर पेरेंट्स और बहन से अच्छी बातचीत होने लग गयी थी.
वे हम दोनों को अपने बच्ची की तरह ही मानते थे।

इधर मैंने भी कॉलेज में एडमिशन के बाद अपने नये फ्रेंड्स बनाए.
ग्रुप बन गया जिसमें लड़के तो ताड़ में ही थे कब मौका मिले उन्हें … लाइन तो देते ही थे

सभी में गगन नाम का लड़का था सीधा सादा … जिससे मेरी दोस्ती काफ़ी अच्छी थी.
गगन पढ़ने में काफ़ी होशियार था.

ग्रुप में कुछ ख़ास मित्र आयुष, मैं, पायल, सुरभि काफ़ी क्लोज़ थे.

मैंने गगन और आयुष को लाइन देना शुरू कर दिया.
दोनों में से कोई एक तो मिले मुझे!

इसलिए मैं जान मुझकर डीप क्लीवेज ड्रेस ही पहनती थी जिससे लड़कों की नज़रें मुझ पर ही टिकी रहें.
हालाँकि में इस मामले में अकेली भी नहीं थी।

ग्रुप में आयुष और गगन के सामने मौका मिलते ही मैं झुक जाती.
तो दोनों की नज़र मेरे क्लीवेज पर ही होती और मुझसे नज़र मिलते ही दोनों नज़र घुमा लेते.

मैं भी अनजान बनकर हाथों से क्लीवेज छुपाने का नाटक कर लेती।

क्लास के बाद कभी कुछ पढ़ना होता तो गगन और सुरभि हमारी मदद कर दिया करते थे.
तो हम सभी गगन और सुरभि से पढ़ने के लिए कभी कॉलेज में खाली क्लास में या बाहर गार्डन में या फिर पायल के घर ही जाते थे.
पर कभी कभी ही …

क्योंकि मुझे और पायल को छोड़कर सभी होस्टल या रूम से रहते थे, वहाँ पढ़ना मुश्किल था तो पायल के घर सभी आ जाते थे.
पायल के मम्मी और पापा दोनों सरकारी नौकरी में थे.
और उसके बड़े भैया बेंगलोर में जॉब कर रहे थे.

पायल के मम्मी और पापा को मालूम था कि ग्रुप स्टडी के लिए फ्रेंड्स आते है।

धीरे धीरे नज़दीकियां बढ़ाती जा रही थी मैं, गगन और मेरे बीच में!
कोशिश तो आयुष की भी चल ही रही थी.
मेरी लेकिन पायल भी उसे लाइन दे रही थी.

इधर पायल को सेट करने के लिए आयुष भी कोशिश किए जा रहा था और साथ में मुझे भी अकेले मौका पाकर लाइन देता था.

सुरभि इन चीजों से फिलहाल दूर ही थी.

धीरे धीरे फोन और मेसेज पर बातें करते और ग्रुप में एक दूसरे से डबलमीनिंग में मज़ाक किया करते थे.

आयुष ने पायल और मेरे साथ अच्छी दोस्ती कर ली और दोनों बहुत ही जल्दी क्लोज़ फ्रेंडशिप में आ गये।

अकेले में तो आयुष मुझे छूने की कोशिश करता.
पर मैं उसे लाइन देते हुए मज़ाक में कुछ करने नहीं देती.

यही हाल गगन का भी था.
पर गगन के पास सब्र नहीं था.

एक दिन मौका मिलते आयुष ने पायल को उसके घर पर ही हमारे सामने मज़ाक मस्ती में पायल को प्रापोज़ कर दिया.
पायल ने भी कुछ नहीं कहा और मुस्कुरा दी।

इधर गगन ने भी मुझसे कहा कि वो मुझे पसंद करता है.
मैंने कहा- मुझे भी तुम पसंद हो!

फिर क्या ही था … आयुष पायल के साथ सेक्स करने के लिए मौके की तलाश में था इधर गगन मेरे साथ!

अब सिर्फ़ सुरभि ही ग्रुप में अकेली थी.
करीब 3 महीने हो गये और अब मेरी और गगन के बीच सेक्स से सम्बन्धित बातें हुआ करती थी.
वो मुझे कॉलेज के लिए लेने और उसके बाद छोड़ने आता था।

मैं खुली लाइन देती थी.
गगन की बाइक पर पीछे बैठने पर चिपक कर बैठती थी ताकि मेरे बूब्स टच हों.

एक दिन गगन के सब्र का बाँध टूट गया.
पायल के घर पर ही जब पायल और सुरभि किचन में थी और आयुष समोसे लेने गया था तो गगन ने मौका पाकर मेरे करीब आकर बैठ गया और मुझे लिपकिस करने लगा.
किस करते करते उसने मेरे चूचे भी दबा दिए.

मैं उंह करके उछल गयी, पीछे हटी और बोली- ये क्या कर रहे हो?
उसने कहा- मुझसे अब और नहीं रहा जाता!
मैंने कहा- मैं तैयार नहीं हूँ.

उसने फिर मुझे पकड़ कर किस किया और और बहुत देर मेरे होंठ चूसता रहा.
चूसने के बाद बोला- अब तैयार हो?
मैंने कहा- यहाँ कोई देख लेगा, दूर हटो!

मैं गगन को धक्का देकर किचन की ओर भागने लगी तो उसने तुरंत पीछे से मुझे पकड़ कर फिर मुझे किस किया और मेरे बूब्स को ऊपर से ही मसलने लगा.
उसका हाथ मेरी चूत तक पहुंच ही गया कि तभी किसी के आने की आहट आई तो मैंने गगन को धक्का देकर अलग किया.
तब आयुष समोसे लेकर आया था.

ये बात उस दिन तक ही नहीं रही … फिर जब भी अकेले में मौका मिलता तो मैं बस किस तक बात ही बनने देती, अपने किसी अंग को छूने नहीं देती.

पर वो कहाँ मानने वालों में से था.
वह उसके कठोर हाथों से मेरी कोमल सी चूची को मसल देता और मैं कुछ ना कर पाती.
मैं जानबूझकर नखरे कर रही थी ताकि वो थोड़ा और आगे बढ़े।

एक दिन गगन को मौका मिल गया.
क्लास के बाद खाली क्लास में कुछ ही लोग थे.

गगन जानबूझकर पढ़ने का बहाना बनाकर वहीं पढ़ने बैठ गया और मुझे भी रोक लिया.
मैं इस बात को समझ ना सकी.

करीब आधे घंटे के बाद पूरी क्लास खाली हो गयी.

क्लास भी हमारी कॉर्नर की थी.
क्लास में दो दरवाजे थे, एक को बंद कर दिया.
दूसरे के सामने हम थे अंदर की ओर!

गगन ने मौका पाकर मुझे अचानक ही बेंच जिस पर मैं बैठी थी वहीं किस करना शुरू कर दिया.

मैंने धक्का दिया और कहा- कोई आ जाएगा. समझो!
उसने कहा- कोई नहीं आएगा.
और कहा- अनुक्ति और कितने दिन तड़पा तड़पा कर मारोगी? आज तक ना चूची और चूत के दर्शन करवाए हैं. ऐसे कब तक चलेगा? मुझे आज दोनों के दर्शन करना ही है. वरना हमारी दोस्ती ख़त्म!

वो अपनी बात पर अड़ गया और किस करना शुरू कर दिया.

मुझे टेबल पर बैठा कर वह मेरे बूब्स को मसलते हुए किस करने लगा.
मैं यंग Xx गर्ल भी उसी के रंग में रंगने लगी थी.

तुरंत मौका पाकर वह मेरे टॉप को ऊपर कर मेरी ब्रा के अंदर हाथ डाल कर बूब्स मसलने लगा.

मैंने उसे रोकने की कोशिश की.
मैंने कहा- देखो, किसी ने देख लिया तो लेने के देने पड़ जाएँगे!

गगन ने कहा- मैं कुछ नहीं जानता. मुझे किसी की कोई परवाह नहीं. तुम बोलो हां या ना?
मैं उससे बोली- ठीक है, रूको तुम्हें देखना ही है तो मैं वॉशरूम जाकर आती हूँ.
उसने कहा- क्यूं?
मैंने कहा- आती हूँ.

मैं उठी और बैग लेकर वॉशरूम गयी.
वहां कोई नहीं था.
तो अंदर जाकर मैंने टॉप उतारा और ब्रा उतारकर बैग में रख लिया.
फिर जीन्स उतारकर पैंटी भी रख ली.

अब कपड़े पहन कर मैं वापस आई.
सभी क्लास रूम खाली हो चुके थे.

मैंने आकर कहा- देखो ज़्यादा देर नहीं लगाना. कोई भी आ सकता है. मुझे कोई मुसीबत नहीं चाहिए!
उसने कहा- हाँ बिल्कुल!

वहीं दरवाजे की आड़ में उसने खड़ा किया मुझे और किस करने लगा.
मैंने भी आज पहली बार उसका साथ दिया.

वो अपने दोनों हाथों से मेरी चूची को दबाते हुए बोला- ब्रा उतार दी तुमने?
मैंने हाँ मैं इशारा किया.

वो मुस्कुरा कर उन्हें मसलने लगा.
उसने मेरे टॉप को ऊपर किया और मेरी नाभि को किस किया और फिर मेरे टॉप को मेरे मम्मों के ऊपर कर पहली बार देखकर कहा- उम्मीद से कहीं अच्छा!
और टूट पड़ा उन पर!
तभी बंद दरवाजे के खुलने की आवाज़ आई

मेरी तो जान ही सूख गयी थी कि अब पकड़े गये.
इधर गगन के चेहरे का भी रंग उड़ गया था.

देखा तो सुरभि थी, तब हमने राहत की साँस ली.

सुरभि बोली मुस्कुराकर- मैंने डिस्टर्ब कर दिया प्रेमी जोड़े को? ह्म्‍म्म्म?
हम शर्म से लाल हो गये थे.

अपने कपड़े ठीक करे मैंने!
और गगन बोला- नहीं ऐसी बात नहीं है.
उसने कहा- मैं तो बुलाने आई थी. टाइम हो गया है जाने का. आयुष और पायल भी इंतज़ार कर रहे हैं तुम्हारा! चलो!

गगन बोला- एक मदद कर दोगी सुरभि?
उसने कहा- हां बोलो?

गगन ने कहा- दरवाजे पर पहरा दे दो कुछ देर के लिए प्लीज़!
वो हं सते हुए बोली- ठीक है, जल्दी करो जो भी करना है.

इधर मैंने कहा- चलते हैं. यहाँ कुछ करना ठीक नहीं है.
पर गगन कहाँ ही मानने वाला था, मुझे दीवार से सटा कर सीधे मेरे टॉप को ऊपर किया और मम्मों के ऊपर टूट पड़ा जैसे बहुत दिन का भूखा शेर अपने शिकार पर टूट पड़ता है.

मेरे बूब्स चूसते हुए उसने मेरी जीन्स को खोला.
पर मैंने कहा- यहाँ नहीं!
उसने कहा- सिर्फ़ एक बार देखना है. प्लीज़ अनु!

वह आज मानने वाला नहीं था.
मैंने बहुत समझाया उसे … पर नहीं माना.

आख़िर में सिर्फ़ एक बार के लिए मैंने अपना हाथ अपनी जीन्स से हटाया और उसने हुक और खोली जीन्स को नीचे कर दिया जो मेरी जाँघों में फस गयी.

मेरी चूत देखते ही वह बोला- आआहह चिकनी चूत!
उसने मेरी चूत पर किस किया और मैंने तुरंत जीन्स ऊपर कर ली.

मेरी नज़र सामने गेट पर पड़ी तो आयुष और पायल भी सुरभि के साथ हमें देख रहे थे.

मेरी चिकनी चूत के दर्शन किए दूर से ही किए सबने!
पर मुझे बिल्कुल भी ठीक नहीं लग रहा था.
और मेरे मम्मे तो शायद देख लिए हों कपड़े ठीक करते हुए.

आयुष बोला- आज तो तुम रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे?
सुरभि बोली- प्रेमी जोड़े के लिए कमरे का जुगाड़ करो अब तो!

और वो तीनों हंसने लगे.

गगन बोला- तुम ही बताओ कोई जुगाड़?
सुरभि बोली- सोचते हैं पायल के घर पर!

सभी बैठे और बात करने लगे ही थे कि आयुष मुझे लगातार मुझे ताड़े जा रहा था.
क्योंकि ब्रा नहीं पहनी थी मैंने … तो मेरे टॉप से निप्पल का उभार दिख रहा था.

तभी सुरभि ने आयुष को देखा और बोली- आयुष, बस कर! उसके बूब्स कब तक ताड़ते रहेगा?
आयुष को पायल ने कोहनी मारी.

और आयुष बोला- आज ब्रा नहीं पहनी क्या?
मैंने कहा- नहीं उतार दी थी।

सब पायल के घर पहुंचे और हंसी मज़ाक शुरू!
करीब 20 मिनट के बाद सुरभि बोली- मेरे पास एक सेफ जुगाड़ है!

हम चारों की नज़रें उसी पर रुक गयी.
सभी ने एक स्वर में पूछा- क्या?

सुरभि बोली- मज़े तो तुम दोनों जोड़े करोगे मेरा क्या फ़ायदा? … ह्म्‍म्म्म बोलो?

आयुष बोला- तू भी बॉयफ्रेंड बना ले!
सुरभि बोली- बना तो मैं लूं … पर कोई ऐसा मिला ही नहीं!

पायल बोली- ये सब तो करना ही है कभी ना कभी!

बहुत पूछने पर उसने कहा कि वो लड़कों को और लड़कियों को दोनों को पसंद करती है। उसकी लेस्बियन पार्ट्नर अब नहीं है. पहले कॉलेज में वह साथ पढ़ती थी, अब वो मुंबई चली गयी है.

हम चारों चुप!

सुरभि बोली- किसी को ये बात मत बताना प्लीज़! नहीं तो सभी मज़ाक उड़ाएंगे!
हमने प्रॉमिस किया कि ये बात सिर्फ़ हम तक ही रहेगी.

तभी आयुष बोला- तो क्या हुआ? ये सब तेरे हाथ में नहीं है, भगवान ने बनाया है।

माहौल थोड़ा ठीक करते हुए आयुष ने कहा- जुगाड़ तो बता? हमारा काम हुआ तो तेरा भी कुछ ना कुछ जुगाड़ कर ही लेंगे.
सुरभि बोली- पक्का?
हम चारों ने कहा- प्रोमिस!

उसने कहा- पायल का घर जहाँ हम अभी हैं.

हम चारों का दिमाग़ खराब … ये बात हमारे जहन में क्यों नहीं आई?
और अब हम चारों के चेहरे पर खुशी नज़र आ रही थी।

दोस्तो, आगे की कहानी और रोमांचक भरी है तो आगे की कहानी अगले पार्ट में!
यह यंग Xx गर्ल कहानी कैसी लगी?
आप मुझे कमेंट करके बतायें।
[email protected]

यंग Xx गर्ल कहानी का अगला भाग: कॉलेज गर्ल की प्यासी चूत- 2

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