मेरी मुंहबोली बहन की एक अनकही चाहत- 1

(Hot Girl Masturbation Story)

हॉट गर्ल मास्टरबेशन स्टोरी में मेरी मुंहबोली बहन के मोबाइल से मुझे पता चला कि वह मेरे बारे में सोच कर अपनी चूत में उंगली करती थी. इसकी उसने वीडियो बनाई हुई थी.

दोस्तो, मैं विनोद, एक बार फिर अपनी कल्पना को पंख लगाकर आपके लिए एक नई कहानी लेकर आया हूँ।

यह कहानी भी मेरी जिंदगी के कुछ सच्चे लम्हों में मेरी फंतासी को जोड़कर बनाई गई है।
वास्तविकता केवल स्थान और कुछ सामान्य परिस्थितियों तक सीमित है, बाकी पूरी कहानी को वासना के काल्पनिक रंगों से सजाया गया है।

कहानी शुरू करने से पहले बता दूँ कि मेरी कहानियां पहले भी आ चुकी हैं.
मेरी पिछली कहानी थी: लॉकडाउन में मिली एक प्यारी सी लड़की

मेरी पहली कहानियों में मैंने बताया था कि गाँव में मेरी एक दुकान है, जो मेरे घर से लगभग एक किलोमीटर दूर है।
घर में मेरे माँ-बाप और मेरी मुंहबोली छोटी बहन अन्नू रहती है।

अन्नू के बारे में आपने मेरी पहली कहानी
चुदाई के चाव में कुंवारी बुर की सील तुड़वाई
में पढ़ा था.

हॉट गर्ल मास्टरबेशन स्टोरी शुरू करने से पहले स्पष्ट कर दूं कि यह सेक्स कहानी पूरी तरह काल्पनिक है। इसमें शामिल सभी किरदार केवल कहानी के लिए बनाए गए हैं।

देसी गर्ल सेक्स कहानी को जीवंत और विश्वसनीय बनाने के लिए किरदारों को वास्तविक-सा रूप दिया गया है।

मेरी मां का एक राखी भाई है, जो हमारे गांव में ही नौकरी करता है। आर्थिक तंगी के कारण वह हमारे घर पर ही रहता है।
उसकी दो बेटियां भी शुरू से हमारे साथ ही रहती थीं।
बड़ी बेटी का नाम सुमन है और छोटी का नाम अन्नू।
सुमन ने स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने गांव वापस चली गई जबकि अन्नू अभी भी हमारे साथ रहती है।

दोनों बहनें दिखने और स्वभाव में एक-दूसरे से बिल्कुल अलग हैं। सुमन गठीली और भरी-पूरी है, जबकि अन्नू पतली, लेकिन आकर्षक और सुंदर है।

सुमन का स्वभाव शुरू से ही बिंदास और बेबाक रहा है, वहीं अन्नू इसके विपरीत शांत और शर्मीली है।

मैं, सुमन और अन्नू बचपन से एक साथ बड़े हुए। हम साथ खाते, खेलते, सोते और यहां तक कि साथ नहाते भी थे।

उम्र में मैं सबसे बड़ा था, इसलिए मैं ही अक्सर उन्हें नहलाता था। उस समय हममें इतनी समझ नहीं थी। मैं उनके शरीर के हर हिस्से को छूता था, लेकिन तब न मुझे कोई फर्क पड़ता था, न ही उन्हें।

बड़े होने पर हम तीनों अलग-अलग नहाने लगे।

मैं और सुमन आपस में हर बात खुलकर करते थे। हम दोनों मिलकर अक्सर अन्नू को चिढ़ाते थे। कभी-कभी मजाक में एक-दूसरे के शरीर को छू लेते, तो अन्नू शर्माकर वहां से चली जाती या सिर झुका लेती। हम दोनों उस पर हंस पड़ते। लेकिन अन्नू ने कभी किसी से इस बारे में कुछ नहीं कहा।

अब जब मैं पीछे मुड़कर सोचता हूं, तो लगता है कि हम तीनों में सबसे समझदार अन्नू ही थी।

पहली कहानियों की तरह यह कहानी भी शायद थोड़ी लंबी हो, लेकिन किरदारों को ठीक से समझे बिना कहानी में मजा नहीं आता।
हो सकता है कि इस कहानी का पहला भाग आपको थोड़ा बोरिंग लगे, लेकिन यकीन मानिए, पूरी कहानी पढ़ने के बाद आप वो जरूर महसूस करेंगे, जो इस प्लेटफॉर्म पर महसूस करने आए हैं।

तो चलिए, कहानी शुरू करते हैं।

हमारा घर गाँव से थोड़ा दूर, एक कुएँ के पास है।
हमारे आसपास कोई दूसरा घर नहीं है।

कुछ दूरी पर एक और कुएँ वाले का घर है लेकिन दोनों घरों के बीच लगभग आधा किलोमीटर की दूरी है।
गाँवों में कुओं के बीच ऐसी दूरी आम बात है।

यह कहानी 2017 की है जब मेरी छोटी बहन अन्नू कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी।

अन्नू एक साधारण और शांत स्वभाव की लड़की है।
उसका शरीर भी एक सामान्य लड़की जैसा है।
उसके स्तन साधारण कपड़ों में नजर ही नहीं आते और उसकी कमर और नितंब भी कुछ ऐसे ही हैं।
लेकिन उसकी खूबसूरती इन कमियों की भरपाई कर देती है।

वो अपने बाल लड़कों की तरह छोटे रखती है — एक तरफ लंबे और दूसरी तरफ छोटे, जैसे आजकल का वन-साइड स्टाइल, लेकिन उसमें थोड़े लंबे बाल।
उसके लंबे बाल केवल उसकी गर्दन तक पहुँचते हैं और छोटे वाले कान तक।

अन्नू अपने कानों में सात-आठ बालियाँ और नाक में एक नथ पहनती है।
उसके हाथ में मोली के धागे के अलावा दो-तीन हैंडबैंड और ब्रेसलेट होते हैं।
उसकी नाक और होंठ पतले हैं और होंठों के नीचे दाहिनी तरफ एक काला तिल है।

अन्नू हमेशा खुशमिजाज रहती थी।
उसे दूसरों के कामों से कोई मतलब नहीं था।

इतने सारे पहनावे के बावजूद मैंने उसे कभी ज्यादा देर तक शीशे में खुद को निहारते नहीं देखा।
अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वो कितनी साधारण, फिर भी फंकी लड़की थी।

अन्नू का कॉलेज मेरी दुकान से कुछ दूरी पर था।

सुबह वो मेरे साथ घर से निकलती और कॉलेज चली जाती।
दोपहर में कॉलेज से मेरी दुकान पर आ जाती, जहाँ हम दोनों मेरे टिफिन से खाना खाते।
फिर अन्नू दुकान के पीछे वाले हिस्से में कुछ देर आराम करने चली जाती।

मेरी दुकान की लंबाई लगभग 25 फीट है, जिसमें मैंने 10 फीट का हिस्सा पार्टिशन करके गोदाम बना रखा है।
वहाँ मैं भी कभी-कभी आराम कर लेता हूँ।

अन्नू भी वहाँ कुछ देर आराम करती या कॉलेज का काम करती, फिर धूप कम होने पर घर चली जाती।

शाम को जब मैं घर पहुँचता, तो अन्नू कुछ देर मेरे पास बैठती, इधर-उधर की बातें पूछती, और फिर एक प्यारी सी मुस्कान देकर अपने कमरे में चली जाती।
यह हमारा रोज़ का रूटीन था।

लेकिन पिछले कुछ समय से मैंने गौर किया कि अन्नू पहले की तरह मुझसे बात नहीं करती।
शाम को भी बिना कुछ बोले अपने कमरे में चली जाती।

हर महीने के आखिरी रविवार को हमारे पूरे मार्केट की छुट्टी होती है।

पिछले एक-दो महीनों में मैंने अन्नू को ऑब्जर्व किया तो वो मुझे कुछ चिड़चिड़ी-सी लगी।
उसका स्वभाव बदल गया था।
वो हर बात का जवाब तुनककर देती।

मैंने एक-दो बार उससे वजह जानने की कोशिश की, लेकिन उसने कुछ नहीं बताया।
वो हमेशा गुमसुम-सी रहने लगी।

एक दिन अन्नू की दोस्त मेरी दुकान पर जूते खरीदने आई।
मैंने उससे अन्नू के बारे में पूछने की कोशिश की।

पहले तो उसने कुछ नहीं बताया लेकिन मेरे बार-बार पूछने पर उसने खुलासा किया।

कुछ समय पहले अन्नू पास के गाँव के एक लड़के से बात करती थी।
कॉलेज के समय वो उसके साथ कहीं जाती भी थी।

लेकिन पिछले एक-दो महीनों में उनके बीच कुछ अनबन हो गई, जिसके बाद अन्नू उदास रहने लगी।

मुझे बात समझते देर न लगी।
मैं उस लड़के को पहचान गया।
वो पास के गाँव का था और मेरे पास सामान लेने आता रहता था।

मैंने उसे एक-दो बार अन्नू से बात करते देखा था लेकिन मुझे कोई शक नहीं हुआ।

अन्नू का स्वभाव लड़कों से बात करने में डरने वाला था।
वो केवल मेरे साथ ही बिना डर के सहज रह पाती थी।

उस लड़के के साथ भी अन्नू बिल्कुल सहज दिखी थी इसलिए मैंने कुछ नहीं कहा।

वो लड़का अन्नू की जाति का था।
अब मुझे सारी बातें समझ आने लगीं।
मैंने उससे बात करने का फैसला किया और रविवार का इंतज़ार करने लगा ताकि घर पर अकेले में बात करने का मौका मिले।

रविवार का दिन आ गया।
उस दिन मेरे माँ-बाप किसी परिचित से मिलने दूसरे गाँव चले गए।

मैंने खेत का काम और घर के कुछ छोटे-मोटे काम निपटाए, फिर फ्री हो गया।

अन्नू भी अपना रोज़ का काम करके खाना बनाने लगी।
मैं बाहर बैठा था।

फिर अंदर गया, जहाँ मुझे अन्नू का फोन दिखा।
मैंने फोन उठाकर चेक किया।

व्हाट्सएप में अनुज के नाम से करीब 130 अनपढ़े मैसेज थे।
आखिरी मैसेज था, “प्लीज यार!”

मैंने अन्नू से पूछा, “ये अनुज कौन है?”
वो थोड़ा सकपकाई।

फिर मेरे हाथ में अपना फोन देखकर बोली, “आप मेरे फोन को क्यों चेक कर रहे हो?”
मैंने कहा, “तू खुद तो कुछ बताती नहीं, तो मुझे तो पता करना पड़ेगा ना कि तेरी दिक्कत क्या है? मैंने तेरी कोई चैट नहीं पढ़ी, बस ये आखिरी मैसेज ऊपर दिख रहा था, तो पूछा।”

अन्नू बोली, “आप मेरा फोन रख दो!”
मैंने कहा, “ठीक है, रख दूँगा, लेकिन एक शर्त पर—तू मुझे सब कुछ बताएगी जो मुझे जानना है!”

उसने कहा, “ठीक है, लेकिन अभी फोन रख दो और कुछ चेक मत करना!”
मैंने कहा, “चलो, मैं चैट नहीं चेक करता। गैलरी तो चेक कर सकता हूँ, ना?”

अन्नू बोली, “हाँ, वो चेक कर सकते हो!”
तभी वो चौंकी और बोली, “नहीं, वो भी चेक मत करो! फोन मुझे दे दो!”
लेकिन तब तक मैं गैलरी खोल चुका था।

गैलरी में कैमरा फोल्डर में कुछ नोट्स जैसे थे।
दूसरे फोल्डर में व्हाट्सएप की तस्वीरें थीं।

एक फोल्डर में उस लड़के की अन्नू के साथ तस्वीर दिखी।

फिर मैंने एक फोल्डर देखा जिसमें मेरी तस्वीरें थीं।
उसे खोला तो उसमें मेरी और अन्नू की, या मेरी अकेले की तस्वीरें थीं।

मुझे कुछ भी असहज नहीं लगा.
लेकिन कुछ तस्वीरें अजीब थीं।

मैंने उन्हें खोला तो देखा कि वो मेरे सोते हुए की थीं, शायद खिड़की से या पास से ली गईं।
उनमें मैं केवल अंडरवियर में था।

कुल मिलाकर 25-30 तस्वीरें थीं, कुछ पुरानी भी।

कुछ में मेरा चेहरा, कुछ में मेरी पीठ दिख रही थी।
ये तस्वीरें अलग-अलग दिनों की थीं।

कुछ तस्वीरों में मैं सीधा लेटा था, जिससे साफ पता चल रहा था कि ये सुबह की हैं।

इनमें मेरी अंडरवियर कुछ ज्यादा उभरी हुई थी।

साफ दिख रहा था कि सुबह-सुबह मेरा लिंग खड़ा होकर अंडरवियर को तंबू बना रहा था।

दो तस्वीरें मुझे अजीब लगीं।

उनमें मेरी अंडरवियर थोड़ी नीचे खिसकी थी, जिससे मेरे लिंग का सिरा बाहर निकला हुआ था।

मैंने अन्नू से इसके बारे में पूछना चाहा लेकिन तब तक वो मेरे पास आ चुकी थी।
उसने मेरे हाथ से फोन छीन लिया।

मैंने कहा, “इन सब के बारे में बताएगी मुझे?”
अन्नू बोली, “हाँ, शायद, लेकिन सही समय आने पर!”

मैंने कहा, “समय अभी है, यही सबसे अच्छा है! जो बताना चाहती हो, बता दे!”
अन्नू बोली, “नहीं, अभी रहने दो!”

इन तस्वीरों को देखकर मैं समझ चुका था कि अन्नू ने ये सब मुझे चिढ़ाने के लिए नहीं लिया था।

अन्नू ने खाना बना लिया था और बर्तन सिंक में डाल रही थी।

मैंने फिर पूछा, “ये अनुज कौन है?”
उसके चेहरे की शिकन बता रही थी कि वो डरने लगी थी।
वो मेरी ओर डर से देखने लगी।

मैंने उसे अपने पास आने का इशारा किया।
वो मेरे पास आई।

मैंने उसे पास बैठने को कहा, तो वो बैठ गई।
मैं दीवार के सहारे बैठा था।

मैंने अन्नू के माथे पर हाथ फेरा और उसे अपनी गोद में खींच लिया।
अन्नू का सिर मेरी गोद में था।

मैं उसे सहलाने लगा।
कुछ देर तक हम दोनों चुप रहे।

थोड़ी देर बाद अन्नू रोनी आवाज़ में बोली, “मेरा अब उसके साथ कुछ नहीं है! आप माँ-बाप को कुछ मत बताना!”
मैंने कहा, “ये बात पहले समझ नहीं आई थी कि घर वालों पर क्या बीतेगी?”

वो बोली, “भैया, अब कुछ नहीं है! प्लीज, किसी को कुछ मत बताना!”
मैंने कहा, “मैं किसी को कुछ नहीं बताऊँगा, लेकिन तुझे मुझे सब कुछ बताना होगा — सब कुछ! और आगे भी सब बताएगी!”
अन्नू खुश होकर उठी और बोली, “पक्का!”

फिर उसने खाना परोसा।

मैंने उसे पास बुलाया, उसके चेहरे को दोनों हाथों से पकड़ा, नीचे खींचा और उसके माथे को चूम लिया।
हम दोनों ने खाना खाया।
अन्नू ने बर्तन साफ किए।

मैं अपने कमरे में जाकर टीवी पर फिल्म देखने लगा।

दोपहर को जब अन्नू सो गई, मैं उसके कमरे में गया और उसका फोन अपने कमरे में ले आया।
मैंने फिर से गैलरी खोली और तस्वीरें देखने लगा।

पहले उस लड़के वाला फोल्डर खोला।
उसमें एक तस्वीर थी जिसमें वो लड़का अन्नू का गाल चूम रहा था।
बाकी तस्वीरें बाइक पर या दुकानों पर थीं।

फिर मैंने अपनी तस्वीरों वाला फोल्डर खोला।
उसमें पहले वाली तस्वीरों के अलावा कुछ चुपके से ली गई तस्वीरें थीं।
बाकी सब सामान्य थीं।

फिर मैंने फोन का ब्राउज़र खोला।
उसमें कुछ टैब खुले थे।
कुछ में कपड़े, कुछ में कॉलेज की पढ़ाई से संबंधित चीज़ें थीं.
लेकिन तीन टैब में पोर्न वेबसाइट्स खुली थीं।

इस उम्र में ये तो स्वाभाविक था।
लेकिन जब मैंने देखा तो सारी वीडियो “step brother” और “brother-sister” थीं।
मैं कन्फ्यूज़ हो गया।

मैंने ब्राउज़र की हिस्ट्री खोली।
उसमें लगातार भाई-बहन से संबंधित पोर्न सर्च किया गया था।

कुछ “अंतर्वासना” साइट्स पर भाई-बहन की कहानियाँ पढ़ी गई थीं।
अब मुझे गैलरी की तस्वीरों का संबंध समझ आने लगा।

फिर मैंने फोन में वीडियो देखे।
ज्यादातर सामान्य फिल्में या वीडियो थे।

फिर मैंने फाइल मैनेजर में हिडन फोल्डर खोला।
उसमें कुछ वीडियो और नोट्स मिले।

पहला वीडियो खोला तो मैं दंग रह गया।
उसमें केवल अन्नू की चूत और स्तन थे।
वीडियो उसके कमरे में बनाया गया था।
उसके स्तनों पर एक तिल था, जिससे मुझे यकीन हो गया कि ये अन्नू ही है।

दूसरे वीडियो में अन्नू बिना किसी झिझक के कपड़े उतार रही थी और झट से नंगी हो गई।

उसे इस उम्र में पहली बार पूरी तरह नंगा देखा था।
बचपन में हम साथ नहाते थे, तब इतनी समझ नहीं थी।

उसके स्तन छोटे थे, जैसे किसी उभरती लड़की के।
उसका शरीर कोमल, सफेद चमड़ी से ढका था।
केवल उसके निप्पल काले और उनके आसपास का हिस्सा भूरा था।
उसकी चूत बाहर से काली थी, जो हल्के काले बालों से ढकी थी।

उसने मेरे लैपटॉप के हेडफोन लगाए थे जिसमें शायद पोर्न चल रही थी।
वो फोन के पास बैठी और अपने स्तनों को मसलने लगी।
एक हाथ से उसने अपनी चूत के होंठों को फैलाया, जिससे उसकी गुलाबी चूत दिखने लगी।

उसने अपनी चूत की क्लिट को मसलना शुरू किया।
हॉट गर्ल मास्टरबेशन वीडियो देख मेरा लिंग खड़ा होने लगा।

करीब पाँच मिनट तक उसने अपनी चूत को मसला, फिर एक उंगली अंदर डाल दी और उछल-उछलकर उसे अंदर-बाहर करने लगी।
उसके मुँह से “आह! आह!” की मादक आवाज़ें निकलने लगीं।

शायद उस समय घर पर कोई नहीं था क्योंकि उसकी आवाज़ें बहुत तेज़ थीं।
हेडफोन की वजह से उसे शायद अपनी आवाज़ का अंदाज़ा नहीं था।

दो मिनट तक उंगली करने के बाद उसकी स्पीड बढ़ गई।
उसने एक और उंगली अंदर डाली और जोर-जोर से अंदर-बाहर करने लगी।
दूसरे हाथ से वो अपने स्तनों को दबा रही थी।

फिर वो जोर से मोअन करते हुए झड़ने लगी।
उसने अपनी चूत को फोन के पास लाकर दिखाया।
उसका छोटा-सा छेद होंठों से ढका था।

ये सब देखकर मुझसे रहा नहीं गया।
मैंने कमरे में ही उस वीडियो को देखते हुए मुठ मारनी शुरू कर दी।
उसकी चूत का छेद मुझे बार-बार आमंत्रित कर रहा था।
मैंने पहले कभी अन्नू को इस नज़र से नहीं देखा था।

यह कहानी 4 भागों में चलेगी.
आप हर भाग पर अपने विचार मुझ तक पहुंचाते रहें.
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हॉट गर्ल मास्टरबेशन स्टोरी का अगला भाग:

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