बिजनेस के बहाने चुदाई का मजा- 5

(Wife Sharing With Business Partner)

सनी वर्मा 2025-05-22 Comments

वाइफ शेयरिंग विद बिजनेस पार्टनर कहानी में बिजनेस में लाभ के लिए पति ने किसी गैर औरत को चोदा तो उसे लगा कि उसकी बीवी भी चूत देकर फायदा ले सकती है.

कहानी के चौथे भाग
बिजनेस में फायदे के लिए दूसरे की बीवी को चोदा
में आपने पढ़ा कि बिजनेस में फायदे के लिए दीपक ने सुलोचना को चोद दिया.
सुलोचना से विदा लेकर दीपक सीधा घर आया.

अब आगे वाइफ शेयरिंग विद बिजनेस पार्टनर:

उसे मन में बहुत ग्लानि हुई कि आज उसने पिंकी को धोखा दिया है.

वो समझ नहीं पा रहा था कि क्या करे.
घर पर पिंकी नहीं थी, वो बाज़ार गयी हुई थी.

दीपक फ्रेश हुआ और चुपचाप सो गया.

पिंकी ने आकर उसे उठाया तो दीपक ने बहाना कर दिया कि सर दर्द है.
पिंकी ने उसे चूमते हुए कहा- चलो उठो, अदरक की चाय बनाती हूँ.

पिंकी असल में अमन से मिल कर आ रही थी.
अमन उसे मार्किट में मिल गया था और उसे जबरदस्ती कॉफ़ी पिला कर ही भेजा.

पिंकी अब अमन के नजदीक जाने लगी थी.
इसीलिए उसने दीपक से अमन से मिलने की बात छिपा ली.
असल में ऐसा उससे अमन ने ही कहा था.

अगले दिन सुबह दीपक ने बैंक में फोन किया।
पहले तो रमन बड़ी बेरुखी से बात करता था पर जब से अमन ने उसे फोन किया, रमन बहुत अच्छे ढंग से बात करने लगा था।

दीपक ने उससे बैंक लिमिट की बात की तो रमन ने कुछ कागजात मांगे और कहा, “जब अमन इन्वॉल्व है, तो लिमिट तो बन ही जाएगी!”
अमन के जुड़ने से सब काम धीरे-धीरे सध रहा था।

दीपक ने सारी बात पिंकी को बताई।

पिंकी ने कहा, “अमन की बीवी मायके गई है। अगर तुम ठीक समझो, तो आज रात उसे डिनर पर बुला लें।”

दीपक ने हंसकर कहा, “कहीं डिनर की जगह वो तुम्हें खा गया तो!”
पिंकी भी हंस पड़ी, “जब काम निकलवा रहा है तुम्हारा, तो खा भी जाए तो क्या हुआ!”
दोनों ठहाका मारकर हंस पड़े।

शाम को दीपक ने घर आने और ड्रिंक्स-डिनर की बात की तो अमन खिल गया।

उसने हंसकर कहा, “चल, अच्छा हुआ! तेरी भाभी भी मायके गई है!”

दिन में पिंकी को क्या सूझा, वो फिर पार्लर गई और फुल बॉडी वैक्सिंग करवाई।

पार्लर में ही अमन का गुड डे का मैसेज आया।
पिंकी ने गुलाब के फूल का मैसेज भेजा, “थैंक्स!” लिखकर!

घर आकर उसने दोपहर को ही डिनर और ड्रिंक्स के नाश्ते की तैयारी कर ली।
फिर एक घंटा जमकर सोई ताकि शाम को फ्रेश रहे।

उठकर पिंकी ने घर सेट किया, फिर खुद को सजाया।
नेल पेंट से लेकर ड्रेस, सब छांटकर रखा।

दीपक छह बजे तक आ गया।
वह बहुत उत्साहित था।

उसने पिंकी को बाहों में लेते हुए कहा, “एक बार तुमने कहा था कि मेरे लिए कुछ भी कर सकती हो। उस दिन मैं गुस्सा हो गया था। पर आज मुझे अमन की सख्त जरूरत है। अगर तुम अमन को हद भी पार करने दो, तो मुझे कोई ऐतराज नहीं!”

पिंकी ने उसे चूमा और कहा, “टेंशन मत लो! बस तुम नॉर्मल रहो। ऐसा कुछ होने नहीं जा रहा। चलो, साथ नहाते हैं, फिर मुझे तैयार होने में समय लगेगा।”

दीपक को सुलोचना के साथ हुए सेक्स को लेकर टेंशन थी
इसलिए वो पिंकी को भी खुला छोड़ना चाहता था।

जब उसने सीमा तोड़ दी, तो पिंकी भी मजे क्यों न ले!

नहाकर दीपक ने अमन से बात की।
वो आठ बजे तक आने को कह रहा था।

पिंकी अच्छे से तैयार हुई।

उसने एक बैकलेस मिडी पहनी जिसमें उसका हर उभार तूफान मचा रहा था।
मैचिंग नेल पेंट और हाई हील।
कुल मिलाकर, तंबू में बांस खड़ा करने का पूरा इंतजाम था!

ठीक आठ बजे घंटी बजी।

पिंकी ने दीपक से कहा, “डोर मैं खोलती हूँ। तुम वॉशरूम का बहाना बनाकर दो मिनट बाद आना।”

पिंकी ने गेट खोला, तो अमन था।
उसके हाथ में गुलाब के फूलों का बुके था, जाहिर है, पिंकी के लिए।

पिंकी ने मुस्कुराकर उसे विश किया।
उसे देख अमन के होश उड़ गए।

उसने इतनी खूबसूरत और मुस्कुराती पिंकी पहली बार देखी थी।
वो हकला सा गया।

उसने बुके पिंकी को दिया और घबराहट में बोला, “हाय, गॉर्जियस!” और हाथ आगे बढ़ा दिए।

पिंकी ने बिना पल गंवाए मुस्कुराकर उसके गले लग गई और चूमते हुए “थैंक्स!” कहकर उसे अंदर ले आई।

वो बोली, “दीपक एक मिनट में आ रहा है।”
अमन तो उसे घूरता ही रहा।
उसने हल्के से कहा, “आज तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो!”

तभी पीछे से दीपक आ गया।
दोनों ने मुस्कुराते हुए हाथ मिलाए।

पिंकी बोली, “आज कोई बिजनेस की बात मत कीजिएगा! शाम रंगीन है, उसे एंजॉय करें!”
कहकर वो खिलखिला पड़ी।

अब वो दोनों भी हंस पड़े।

पिंकी ने ड्रिंक्स का इंतजाम टेरेस पर किया था।
हल्की ठंडी हवा बह रही थी।

बाहर हल्की रोशनी में मेज सजी थी।

अंदर से म्यूजिक की हल्की आवाज आ रही थी।
बैठने के लिए बेंत का सोफा था एक डबल सीटर और दो सिंगल सीट।

अमन डबल सीट पर बैठा, दीपक सिंगल सीट पर।
पिंकी ने दो ड्रिंक्स बनाए और सर्व किए।

अमन बोला, “तुम नहीं लोगी?”
पिंकी बोली, “आज नहीं। मुझे डिनर भी तैयार करना है। आप लोग एंजॉय करें!”
अमन बोला, “बिना तुम्हारे कैसा एंजॉय? क्यों, भाई दीपक?”

दीपक ने हाँ में हाँ मिलाई और पिंकी के लिए छोटा पेग बना दिया।

अब हंसी-मजाक का दौर शुरू हुआ जो धीरे-धीरे नॉन-वेज जोक्स पर आ गया।

अमन तो पिंकी पर मर ही रहा था।
एक बार पिंकी किचन से कुछ लेने उठी.
और जब आई तो अमन ने दीपक से पूछकर उसे अपने पास बिठा लिया।

तभी दीपक का फोन बजा।
पिंकी बोली, “तुम अंदर जाकर बात कर लो।”
दीपक उसका इशारा समझ गया और अंदर चला गया।

अमन पिंकी को कनखियों से देख रहा था।
पिंकी मुस्कुराते हुए बोली, “लीजिए, अच्छे से देखिए! अब तो हम दोस्त हैं!”

अमन ने पिंकी के कंधों पर हाथ रखा, जैसे अनजाने में।
पिंकी ने कुछ नहीं कहा।

अमन ने अचानक उसे चूम लिया।

पिंकी ने बनावटी गुस्सा दिखाते हुए कुछ लाने को उठी, तो अमन ने उसका हाथ पकड़कर बिठा लिया।
पिंकी ने हाथ छुड़ाते हुए कहा, “दीपक आ जाएगा!”

इतने में दीपक आ गया।
दीपक बोला, “चलो, थोड़ा डांस करते हैं!”

पिंकी ने म्यूजिक लगाया और दीपक को लेकर थिरकने लगी।

अमन उन्हें मुस्कुराते हुए देखता रहा, अपनी ड्रिंक खत्म करते हुए।

ड्रिंक्स आज ज्यादा ही हो गई थीं।
दीपक ने वॉशरूम जाने की इजाजत मांगी और पिंकी का हाथ अमन को थमा दिया।

दीपक के जाते ही अमन ने पिंकी को कसकर भींच लिया।
दोनों लिपटकर थिरकने लगे।

अमन के हाथ पिंकी की कमर पर मचल रहे थे।
दोनों के हालात बेकाबू थे।
नजदीकी ने उनके जिस्म में आग लगा दी थी।

अमन ने पिंकी के होंठों से होंठ मिलाए तो पिंकी ने उसे हटाते हुए कहा, “दीपक पीछे ही है! उसे दिख जाएगा, तो बवाल कर देगा!”

पर अमन पिंकी की खूबसूरती के पुल बांधता रहा।
पिंकी के मम्मे उसकी छाती में धंस रहे थे।

पिंकी ने प्यार से कहा, “मुझे दोस्ती से ऐतराज नहीं, पर दीपक को शिकायत नहीं होनी चाहिए!”

दीपक ने सब देख लिया था। वो तो चाहता था कि पिंकी और आगे बढ़े।
पर पिंकी अमन से अलग होकर डिनर लगाने चली गई।

दीपक ने उसे फर्म में पार्टनर बनाने की बात कर ली थी।

वो तैयार हो गया।
अब नई फर्म में पिंकी और अमन पार्टनर थे।

डिनर के बाद अमन दोनों से गले लगकर जाने लगा।
जाते-जाते अमन ने पिंकी की चिकनी कमर पर एक बार फिर हाथ फेरा।

पिंकी चिहुंकी, तो उसने नीचे चिकोटी भी काट ली।
अमन आज कुछ ज्यादा ही मस्ती के मूड में था।

पिंकी ने पूछा, “मिताषा कब आएगी?”
अमन ने बताया, “कुछ दिन बाद!”

रात को पिंकी चुदास में थी।

उसने दीपक को छेड़ते हुए कहा, “अमन तो आज मुझे छोड़ता नहीं! वो तो बार-बार बेकाबू होने को तैयार था। उसकी पैंट में तंबू देखा तुमने?”
दीपक उसके मम्मे चूसते हुए बोला, “हाँ, आज वो तुम्हारी चूत के ख्याल में मुठ मारेगा!”

पिंकी ने उसे खींच लिया, “वो कुछ भी मारे, तुम तो मेरी बिल्ली मारो, पूरे दम लगाकर! मेरी चूत में तो चीटियां चल रही हैं, ये सोचकर कि आज तो दो-दो लंड मिलने जा रहे थे!”

दीपक ने अपना मूसल पेलते हुए कहा, “ऐसे कह रही है, जैसे तू ले ही लेती उसका लंड!”

पिंकी बोली, “अब बात मत करो! बस चुदाई पर दम लगाओ, वरना मैं अभी अमन को बुलाती हूँ!”
दीपक ने वाइफ शेयरिंग विद बिजनेस पार्टनर की बात सुनकर उसकी टांगें चौड़ाईं और अपना लंड पूरे दम से घुसेड़ दिया।
आज पिंकी की आग भड़की हुई थी।

दीपक ने पूरे जोर लगा दिए, पर वो पिंकी का स्खलन कर नहीं पाया।
अब पिंकी उसके ऊपर चढ़ी और घुड़सवारी शुरू कर दी।

दीपक ने उसके मम्मे मसल-मसलकर लाल कर दिए।
अब दीपक बोला, “सच बताना, तेरे दिमाग में इस वक्त अमन चल रहा है न? तू उसी से चुद रही है न!”

पिंकी हांफते हुए बोली, “हाँ, मेरी चूत में अमन का ही लंड है! देखो, वो कितने मजे दे रहा है मुझे! पर तुम्हें मिताषा की चूत नहीं लेने दूँगी। तुम सिर्फ मेरे हो!”
कहते-कहते पिंकी दीपक के ऊपर लुढ़क गई।
उसका हो गया था।

दीपक मन ही मन सोच रहा था कि जो सेक्स का सुकून अपनी बीवी से मिलता है, वो पराई औरत में कहाँ!

इसमें कोई शक नहीं कि सुलोचना बहुत सेक्सी थी, पर उसके साथ सेक्स दीपक की मजबूरी थी, खुशी नहीं।

अगली सुबह दोनों बहुत खुश होकर उठे।
साथ-साथ नहाए।

दीपक ने एक बार फिर पिंकी को शावर के नीचे घोड़ी बनाकर चोदा।
चोदते वक्त उसने पूछा, “तुम अमन का लेने को तैयार हो और मुझे मिताषा की नहीं लेने दोगी। ऐसा क्यों?”

पिंकी मुस्कुराते हुए बोली, “न तो मैं अमन का ले रही हूँ, न तुम्हें मिताषा के नजदीक जाने दूँगी! मिताषा अच्छी लड़की नहीं है। और सबसे बड़ी बात, मैं तुम्हें नहीं बांट सकती!”

दीपक के दिमाग में सुलोचना घूम गई।
उसे अपने ऊपर बहुत गुस्सा आया कि वो क्यों कमजोर पड़ गया।

पिंकी ने पूछा, “तुम एकाएक क्या सोचने लगे?”
दीपक ने बात टाल दी।

तभी राकेश का फोन आया।
उसने बधाई दी कि दीपक का टेंडर पास हो गया है और एग्रीमेंट आज ही साइन होना है।

दीपक ने कहा, “आज तो मुझे अपने घर जाना है।”
राकेश बोला, “कंपनी पर प्रेशर था टेंडर किसी और को देने का, पर सुलोचना ने बीच में पड़कर ये टेंडर तुम्हें दिलवाया। इसलिए जितना जल्दी एग्रीमेंट साइन हो, अच्छा है।”
दीपक ने खुश होकर पिंकी को चिपटा लिया।

दीपक ने अमन को भी फोन पर बधाई दी और कहा कि दोपहर को उसे कंपनी के ऑफिस पहुंचना है।

तभी दीपक के पिताजी का फोन आया।
उन्हें किसी जरूरी कागज पर दीपक के साइन चाहिए थे।
दीपक ने बहुत कहा कि कल आ जाएगा, पर उनकी भी कोई मजबूरी थी।

तब दीपक ने अमन को कहा कि वो पिंकी को लेकर कंपनी के ऑफिस चला जाए और एग्रीमेंट साइन कर ले।
दीपक का मन था कि रात तक वापस आ जाएगा।

पिंकी घबरा रही थी, उसे लग रहा था कि अमन उसे अकेला ले जाएगा और कुछ गड़बड़ न हो जाए।
वो अमन की कल की हरकतों से डर रही थी।

उसने दीपक से ये डर बताया तो दीपक ने उसे चूमते हुए कहा, “अमन हमारे लिए इतना कुछ कर रहा है, तो थोड़ा-बहुत हंसी-मजाक तो बनता है!”

अब पिंकी क्या कहती।
वो अच्छे से तैयार होने लगी।

उसे अंदर ही अंदर लग रहा था कि आज अमन और उसके बीच कुछ हो ही जाएगा।
पता नहीं कितनी आगे की सोचकर उसने अपनी चूत भी पूरी चिकनी कर ली।
उसे मालूम था कि अगर अमन से बच भी गई, तो दीपक रात को उसे सोने नहीं देगा।

दीपक तुरंत घर के लिए निकल गया।
वो बाहर था कि राकेश का फोन आया कि एग्रीमेंट उसके घर पर है।

दीपक ने कहा कि वो अमन को कह देता है, वो उसे राकेश के घर से ले लेगा।
राकेश ने बताया कि चूंकि सुलोचना सीईओ है, तो एग्रीमेंट पर साइन उसके ही होंगे।

सुलोचना ने ही ये फोन करवाया था कि दीपक उससे साइन करवाकर एग्रीमेंट ले जाए।

अब दीपक परेशान हो गया।
सुलोचना को मना करने का रिस्क वो लेना नहीं चाहता था।
मजबूरी में उसने गाड़ी सुलोचना की कोठी की ओर मोड़ ली।

वाइफ शेयरिंग विद बिजनेस पार्टनर कहानी के हर भाग पर अपनी राय बताते रहें.
धन्यवाद.
[email protected]

वाइफ शेयरिंग विद बिजनेस पार्टनर कहानी का अगला भाग: बिजनेस के बहाने चुदाई का मजा- 6

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top