याराना का चौथा दौर-5

(Yarana Ka Chautha Daur- Part 5)

राज वीर 69 2019-09-07 Comments

This story is part of a series:

कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि श्लोक और नील एक ही बिस्तर पर अपनी बीवियों को एक दूसरे के सामने नंगी करने के मकसद में कामयाब हो गये थे. प्रतिस्पर्धा की इस दौड़ का फायदा उठाकर उन दोनों ने एक ही बिस्तर पर अपनी बीवियों के स्तनों को चूसा और उनकी चूत में उंगली की.

अब स्टेमिना दिखाने की बारी थी और दोनों ही अपनी बीवियों की चूत को एक साथ एक ही समय पर चोदने लगे. तभी नील ने कहा कि सीमा तो छोटा लिंग ले रही है. लेकिन रकुल मेरा लंबा लिंग ले रही है. यह तो कोई मुकाबला न हुआ. प्रतियोगिता का मजा तो तब आयेगा जब वो मेरे लिंग जितने आकार का लिंग अपनी योनि में झेल सके.

अब आगे की कहानी:

नील- यही तो बराबर का सौदा होगा और इससे पता भी चलेगा कि सीमा अपने उस लिंग जो कि वह रोजाना लेती है से बड़े लिंग को अधिक देर तक ले पाएगी कि नहीं!
रकुल- तो क्या तुम सीमा की चुदाई करोगे?

श्लोक- नील, बात तो तुम्हारी सही है। इस निर्णायक प्रतियोगिता में तुम्हारे अंक हम से तीन अंक ज्यादा हैं। इस वास्ते सीमा को थोड़ी कठिन परीक्षा मिलनी चाहिए।

मैंने सीमा की तरफ देखते हुए कहा- लेकिन मुझे मेरी जान की क्षमता पर पूरा विश्वास है कि वह मेरा लिंग जब घंटे भर तक ले सकती है तो तुम्हारे लिंग को 30-40 मिनट तक तो ले ही पाएगी।
मेरी जान सीमा क्या तुम्हें खुद पर यकीन है?

सीमा ने कहा- इस जीत के लिए मुझे खुद पर यकीन है। मैं जानती हूं कि मैं नील का लिंग ले सकती हूं. मैं मुकाबले के लिए तैयार हूं.

हमें पता था कि सीमा इस अदला-बदली के लिए इतना जल्दी मान जाएगी क्योंकि एक तो रकुल ने उसे इतना चिढ़ा दिया था कि वह मन ही मन यह सोच रही थी कि उसे रकुल से किसी भी प्रकार जीतना है.
दूसरा वह पतियों की अदला बदली के खेल में पहले भी अनुभवी थी। अतः उसने बिना कोई नखरे किए यह खेल स्वीकार कर लिया और वैसे भी अकेले में वह नील को अपने स्तनपान का सुख दे चुकी थी तो फिर अब चूंकि उनके पतियों की सहमति भी तो अब किसी भी तरह की औपचारिकता की जगह ही नहीं बची थी.

रकुल के लिए यह सब अकस्मात था किंतु शराब के नशे तथा मेरे प्रति प्यार ने उसको इस खेल के लिए राजी कर लिया।
ऐसे ही कोई स्त्री किसी छोटे से नक्की के खेल के लिए अपने स्तन किसी को भी नहीं चुसवाएगी और न ही किसी को चुंबन देगी, इस बात का अंदाजा तो मुझे भी हो चला था।

उसके मन में मेरे लिए कुछ तो प्रेम था ही और अंत में एक बिस्तर पर दो जोड़ों का पूर्ण रूप से नग्न होने का यह माहौल किसी भी सेक्स खेल को कर गुजरने के लिए उत्तेजना पैदा कर ही देता है। ऐसा हो और लिंग बदलकर चुदाई हो जाए तो यह कोई बड़ी बात नहीं है.

रकुल ने भी खेल को जारी रखने की हामी भरी।
अतः मैंने और नील ने एक दूसरे की जगह बदल ली अब सीमा की चूत में नील अपना मोटा तगड़ा लन्ड घुसाने जा रहा था और मैं रकुल की चूत में।

लगभग 9:45 पर हमने अदला बदली करके एक दूसरे की बीवियों की चूत में अपना लन्ड डाला।

जैसे ही सीमा की चिकनी चूत में नील का लन्ड गया तो वह जोर से चिल्ला उठी। उसने बेड की चादर को अपने हाथों में खींच लिया। यह उसके जीवन में उसकी चूत को मिलने वाला सबसे बड़ा लन्ड था जिसे आज उसने भोग लिया था। नील ने थोड़ी देर के सामान्य धक्कों के बाद अपनी गति तेज कर दी।

इधर मेरा लिंग जो कि नील के लिंग से छोटा था, इसके कारण रकुल की चूत में वो आसानी से प्रवेश कर गया।
अब हम चारों की एक ही बिस्तर पर जोरदार चुदाई वाली मशीन चालू हो गई। हम जानवरों की तरह अपनी बीवियों को बदलकर उनकी चूतों में धक्के दिए जा रहे थे। पूरा बेड हमारे जोरदार धक्कों से हिलने लगा था।

हम दोनों की चुदाई की उत्तेजना में ओ यस… यस… की आवाजें निकलने लगी थीं। उधर सीमा और रकुल भी जोर जोर से यस… ओ यस… करते हुए अपनी चूतों में हमारे लौड़ों का मजा ले रही थीं।
फक मी… फक्क मी हार्डली… कहते हुए वो दोनों बार-बार चिल्लाने लगीं।

ऐसा लग रहा था कि मानो किसी वाइल्ड फकिंग पोर्न फिल्म की शूटिंग चल रही हो। 
उस वक्त उस वातानुकूलित कमरे में भी हम चारों पसीने से भीगने लगे थे और जोरदार चुदाई करने लगे।

करीब 10:05 बजे वही हुआ जो कि हमें पता था। सीमा के अपनी चूत में बड़ा लिंग लिए हुए नील के झटके अपने सामान्य झटकों से तेज हो गए।

उनकी गति काफी तेज हो गई, अतः यह नील के द्वारा उसकी चुदाई का अंतिम चरण था। उधर इतने मोटे लिंग से चुदाई होने के कारण सीमा भी अपने सामान्य समय से पहले झड़ गई। नील और सीमा दोनों इतनी गहरी खतरनाक चुदाई से थक कर निढाल होकर एक दूसरे के ऊपर गिर गए।

इधर अब मुझे रकुल और नील को अपनी ताकत का अंदाजा कराना था। रकुल भी मेरी चुदाई के धक्कों से एक बार छूट गई किंतु मैंने उसकी छूट के बावजूद भी अपने जोरदार धक्के उसकी चूत में चालू ही रखे.

रकुल की चूत से फच-फच-फच की जोरदार आवाजें आने लगीं और करीब अगले 15 मिनट के अंदर वह मेरी जोरदार चुदाई से दो बार और झड़ी।
किन्तु मेरा अंतिम चरम-सुख अभी भी दूर था। इधर नील और सीमा भी अपनी थकान उतार कर बैठ गए और हमारी चुदाई का घमासान देखने लगे।

करीब उसके 5 मिनट बाद जब मैंने सीमा और नील को देखा कि वह हमारी चुदाई घमासान को देख रहे हैं तो मुझे यह देखकर काफी उत्तेजना हुई कि एक पति अपनी पत्नी की चुदाई होते हुए कैसे देख रहा है और एक बीवी अपनी सहेली की चुदाई अपने पति के लंड से अपनी ही आंखों के सामने कैसे देख रही है।
 
इस उत्तेजना से आखिर में मेरा गति वेग बढ़ गया और मैंने अपने अंदर का गर्म लावा रकुल की चूत में उड़ेल दिया। रकुल की चूत मेरे लन्ड की चोटों से बाहर तक लाल हो गई थी।
अब निढाल होकर गिरने की बारी हमारी थी।

करीब 10 मिनट तक सांसें सामान्य होने के बाद नील ने तालियां बजाकर मुझे विजेता घोषित किया।
सीमा अबकी बार चहक उठी।
मैंने कहा- विजेता केवल मैं नहीं विजेता रकुल भी है, जिसने की इतनी देर तक की असामान्य चुदाई का सामना बिना किसी विरोध के इतनी देर तक किया है। जैसे मैं जीता हूं उसी तरह रकुल भी विजयी है। यानि हम दोनों ही जोड़ें विजेता हैं अतः इस खेल में कोई नहीं हारा। सब जीते हैं।

सीमा- हां बस यह हुआ कि हमें अपने पतियों के अलावा पराए मर्दों ने भी चोद लिया।
रकुल- यार सीमा, तेरे पति की एक्सप्रेस ट्रेन तो वास्तव में बहुत तेज निकली।
इस पर दोनों हंसने लगीं और उनकी हंसी का साथ हम लेते हुए हम चारों भी हंसने लगे।

अतः इस तरह पहली बार हमने एक दूसरे की बीवियों की चुदाई की।
लेकिन जब रात में बीयर उतरी और हमने खाना खाया तो दोनों की बीवियों ने ऐसा व्यवहार नहीं किया कि उनके साथ कुछ गलत हो गया। वह सामान्य थी क्योंकि उनके मन में कहीं न कहीं हम दोनों के लिए प्यार तो पनप ही रहा था।

मतलब कि हमारी अदला-बदली की चुदाई उनके लिए सामान्य थी।
और हमारे लिए उनकी चुदाई सामान्य।

अतः इस तरह हमारी बीवियों की अदला-बदली करने की शुरुआत हुई और हमने अपने इस जीवन का भरपूर आनंद उठाना शुरू कर दिया और अभी भी इस जीवन को भोग रहे हैं।

श्लोक राजवीर से- हमारा पहला सेक्स ही ग्रुप सेक्स हुआ। पता है ज्यादातर हमारा एक बेडरूम तो खाली ही रहता है। हम चारों रोजाना साथ ही सोते हैं। ग्रुप चुदाई के हमने सारे आसन पूरे कर लिए हैं जिसका मैं कभी बाद में बखान करूंगा।

इस घटना के कुछ दिनों के बाद नील ने ऑफिस में मुझसे कहा- यार, मैं याराना की प्रमुख नायिका रीना से मिलना चाहता हूं। जितना उनके बारे में सुना है क्या वह उतनी ही खास है?

श्लोक- हां … रीना दीदी सबसे ज्यादा खास है। हालांकि सीमा, रकुल भी कम नहीं। लेकिन जो मजा रीना दीदी की चुदाई में है वह मजा शायद ही किसी और महिला की चुदाई में आज तक मुझे मिला हो।

नील- तो क्यों न तुम्हारे जीजा जी और रीना को यहां बुलाकर अदला बदली की जाए!

श्लोक- यह एक अच्छा विचार है नील। किंतु जीजा जी से एकदम से आप लोगों को नए जोड़े के रूप में परिचित करवाना उनके लिए शायद अजीब हो सकता है। पहले मैं रीना दीदी को यहां कुछ समय के लिए बुला लेता हूं। उनकी तुम लोगों से जान पहचान करवाता हूं और उसके बाद रीना दीदी, जीजा जी को यहां आने के लिए मना लेगी।

श्लोक राजवीर से – 
अतः हमने रीना दीदी को कुछ समय के लिए अहमदाबाद बुलाया था। रीना दीदी नील और रकुल से काफी घुल-मिल गई थी। उन्हें भी हमारे इस जीवन के बारे में पता चल गया था। किंतु वह आपकी आज्ञा के बिना इस चुदाई संग्राम में शामिल नहीं होने वाली थी।

जब उनका जन्मदिन आ रहा था तब सीमा रकुल और मैंने उन्हें जन्मदिन को विशेष बनाने के लिए उनसे साथ में चुदाई में शामिल होने का आग्रह किया।
उन्होंने सोचने के लिए कुछ समय लिया।

नील और मुझे लगा कि रीना दीदी की हरी झंडी अब हमें मिल ही जाएगी।
नील, रीना दीदी को देखकर वैसे ही बड़ा उत्तेजित था और क्यों न हो, रीना दीदी है ही ऐसी बला की खूबसूरत।

किंतु अचानक से रीना दीदी के पास आपका फोन आ गया और उनके जन्मदिन को मनाने के लिए आपके पास जयपुर चली गई। हमारा ख्वाब यहीं अधूरा रह गया। बस यही था रीना दीदी के जन्मदिन को मनाने का हमारा प्लान।

राजवीर- वाह यार श्लोक … मजा आ गया तुम्हारा किस्सा सुनकर। क्या तरीके से शामिल किया तुमने सीमा और रकुल को अपनी इस बदला बदली की चुदाई में।
श्लोक- बस राजवीर जीजू, सब आप की संगत का नतीजा है। तो अब हम चार नहीं कुल 5 जोड़े हैं जो कि मालदीव में महायाराना का आनंद लेने के लिए तैयार हैं। तो बताइए कैसे क्या प्लानिंग करनी है?

कृपया यह भी बताइए कि वह जोड़ा कौन है जिसके लिए मैं अन्जान हूं। मैं भी आप की अदला-बदली की वह कहानी सुनना चाहता हूं जिससे कि आपने उस अज्ञात नए जोड़े को इस खेल में शामिल किया। 

श्लोक मुझसे याराना का तीसरा दौर की कहानी जानने के लिए बेताब था. अतः इस रास्ते में मैंने विस्तार से उसे याराना का तीसरा दौर की कहानी सुनाई जिसमें कि मैंने उसे बताया कि कैसे विक्रम और वीना ने मुझे अपने साथ अदला-बदली के खेल में शामिल किया और कैसे हमने रीना के साथ उसका जन्मदिन मनाया.

यह उसके लिए बहुत बड़ा आश्चर्य था लेकिन जानने के बाद वह बहुत खुश हुआ क्योंकि उसने भी वीना को देखा हुआ था और वह भी वीना की चुदाई के सपने देखने लगा था।
अब तो श्लोक इस महा याराना के लिए और भी बेताब हो गया था।

राजवीर श्लोक से- 
श्लोक! इस महा याराना का आयोजन जो मैं करने जा रहा हूं, उसकी सबसे बड़ी विशेषता यही है कि सबको इसमें कुछ ना कुछ आश्चर्य मिलने वाला है। लेकिन तुम्हें यह सब इसलिए बताया है क्योंकि मैं अकेला इतना सब कुछ आयोजित नहीं कर सकता। अतः मुझे तुम्हारी सहायता की आवश्यकता होगी।
श्लोक- बताइये क्या सरप्राइज़ होगा सबके लिए?

राजवीर ने पूरी योजना समझायी:

देखो जब मैं और रीना मालदीव के लिए निकलेंगे, तब रीना और वीना को पता नहीं होगा कि वहां हम चारों एक बार फिर इकट्ठा हो जाएंगे। यानि विक्रम और वीना से हम यह कहेंगे कि हम शिमला घूमने जा रहे हैं और तुम मालदीव चले जाना।
 
किंतु विक्रम को सच पता होगा कि मैं और रीना उसे मालदीव में ही मिलेंगे। इस तरह वीना के लिए मालदीव में हमारा मिलना सरप्राइज़ होगा।

इधर मैं अपने सबसे पहले वाले याराना के साथियों रणविजय और प्रिया को भी मालदीव बुलाऊंगा। उन्हें लगेगा कि मालदीव में उन दोनों को केवल हम, यानी राजवीर और रीना ही मिलेंगे अतः वह यह सोचकर मालदीव आएंगे कि एक बार फिर चारों का याराना हो जाएगा।

लेकिन रणविजय और प्रिया को मालदीव में हमारे साथ-साथ तुम दोनों और विक्रम और वीना भी मिल जाओगे। यह उनके लिए बड़ा सरप्राइज़ होगा. विक्रम के लिये भी तुम्हारा और रणविजय तथा प्रिया का मिलना सरप्राइज होगा।

इधर तुम अपने अदला-बदली के साथियों रकुल और नील को भी मालदीव बुलाना। वे सोचेंगे कि मालदीव में केवल तुम चारों की अदला-बदली की चुदाई का मजा लोगे किंतु जब वह मालदीव में रीना और मुझे पाएंगे तो उनकी मनोकामना भी पूरी हो जाएगी। 

इधर जब सीमा को वहां विक्रम, रणविजय और हम सब मिलेंगे तो उसके लिए भी यह एक सरप्राइज़ होगा। इधर मेरी पत्नी रीना को भी मालदीव में तुम सबके तथा विक्रम वीना के होने की जानकारी मैं पहले नहीं दूंगा और सबसे बड़ा धमाका तो तब होगा जब वह अपने याराना के पहले अदला-बदली के साथियों यानि रणविजय और प्रिया से मिलेगी।

यानि कि कुल मिला कर याराना के इन चार चरणों के बाद एक महा याराना वहां पर मना कर एक बड़ा धमाका करेंगे।

हम अलग अलग समय पर एक ही होटल में अपनी बीवियों के साथ कमरा लेंगे और जब रात होगी तो किसी बहाने से बाहर आकर सारे मर्द एक जगह इकट्ठा होकर अदला-बदली कर लेंगे। 
मर्दों के बीच में बात में को पक्का करके सब अलग-अलग बीवियों के कमरे में जाएंगे और जब हमारी बीवियों का सामना अलग-अलग लेकिन जाने पहचाने मर्दों से होगा तो उनकी उत्तेजना कुछ और ही होगी।

जब सब बीवियों को पता चल जाएगा कि हमारे साथ यह सब भी हैं फिर हम मालदीव के 5 कमरों वाले टापू पर एक बड़ा होटल लेंगे और वहां पर महा याराना का आयोजन करेंगे।

तो कैसा लगा मेरा प्लान? 

श्लोक- वाह यार जीजू! यह सुनने में ही इतना उत्तेजक है तो उस समय क्या होगा जब हम सब एक साथ इकट्ठा होंगे। मजा आएगा… बहुत। इस महा याराना को जल्दी से शुरू करो। 

राजवीर- करते हैं. करते हैं श्लोक! अभी इतनी जल्दी भी क्या है। अभी तो एक और याराना इस महायाराना से पहले हमारा इंतजार कर रहा है।

श्लोक- क्या कहा एक और याराना? इस महा याराना से पहले? वह कैसे? क्या आपके पास अभी भी मेरे लिए कोई सरप्राइज़ है? 

राजवीर- हां और क्या?  तो तुम्हें क्या लगता है गोवा में हम यहां किसी बिजनेस की मीटिंग के लिए आए हैं? तुम ही बताओ हमारे बिज़नेस का अभी तक तो गोवा से कोई संबंध ही नहीं है फिर गोवा में कौन सी मीटिंग हो सकती है?

श्लोक- लेकिन हमारे साथ हमारी बीवियां तो हैं ही नहीं, फिर हम कैसे याराना मनाएंगे? क्या किसी वैश्या के साथ?

राजवीर- अरे नहीं यार श्लोक, जब जिंदगी इतनी हसीन अदला-बदली से गुजर रही हो तो वेश्याओं की क्या जरूरत होती है। आओ गोवा में याराना बनाते हैं और इस का मजा लेते हैं।

राजवीर के शब्दों में- 
तो मेरे प्यारे याराना के पाठको। याराना का चौथा चरण यहीं समाप्त होता है। 

शायद यह चरण आपको पहले के याराना से कमतर लगे किंतु पहले के याराना सब मेरी आंखों देखी घटनाएं थी और इस याराना को मैंने श्लोक के शब्दों में सुना था तथा उसी के शब्दों में आपको इस घटना का परिचय करवाया। लेकिन कुछ चीजों को छोड़कर घटना सत्य थी और आशा है आपको याराना का चौथा चरण भी बहुत पसंद आया होगा। 

दोस्तो, आपने मेल पर हमें ढेर सारा प्यार दिया है उसके लिए तहे दिल से शुक्रिया. आपके मेल ही मुझे हमारी अगली घटना ‘गोवा में याराना’ और ‘यारों का महायाराना’ लिखने के लिए प्रेरित करेगी।

दोस्तों यारों का ये महायाराना सब कहानियों से ज्यादा आनंदित और उत्तेजना भरा होगा जिसमें कि मैं आपको यह बताऊंगा कि हम 10 लोगों ने मालदीव में जाकर किस तरह 10 दिन गुजारे। 
यह एक अत्यधिक उत्तेजित घटना है जिसमें हमने बहुत मजे किए।

हां, हमारा याराना आपके यह सब जानने के बिना अधूरा है। अतः मेल करते रहिए और प्यार बनाए रखिए आपके राजवीर और रीना से।
[email protected]

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