बस में मिली लड़की ने दिलाया ज़न्नत का मजा-3

(Bus Me Mili Ladki Ne Dilaya Zannat Ka Maja- Part 3)

दोस्तो, मैं अपनी मजेदार मस्त सेक्सी कहानी का आखरी भाग आपके सामने ला रहा हूँ.
अभी तक मेरी इस गर्म कहानी के पिछले भागों
बस में मिली लड़की ने दिलाया ज़न्नत का मजा-1
बस में मिली लड़की ने दिलाया ज़न्नत का मजा-2
में आपने पढ़ा कि:

सुहानी और पूजा बाथरूम से सिर्फ तौलिया लपेटे हुए निकलीं तो मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया.
मैं बोला- हुस्न की परियों.. कहाँ क़यामत गिराओगी?
तो बोली- ये तुम्हारी पूजा तुमको देखे बगैर रह नहीं सकती.. साली ने मेरे भी कपड़े भिगा दिए और अपने भी गीले कर लिए.. और आपके सामने तौलिया में ही ले आई.

सुहानी ने अलमारी से अपने कपड़े निकाले और वो बाथरूम में चली गई. पूजा को खींच कर मैंने फिर से बेड पर गिरा लिया और उसकी तौलिया खोल दी.
मेरा लंड तो खड़ा ही था. मैंने सीधा उसकी चूत में डाल दिया और मस्त चोदने लगा. पूजा भी मस्त हो गई और अपने चूतड़ उठाउठा कर चुदवाने लगी.

अब हम चरम सुख पर पहुँचने ही वाले थे कि सुहानी ने कमरे में आकर बोला- कुछ तो शर्म करो, मैं यहाँ पर हूँ.
पूजा हटने को हुई तो मैंने मना करते हुए सुहानी से कहा कि साली से कैसी शर्म.. और अगर नहीं देखा जाता तो मुँह फेर लो. अब मैं नहीं रुकने वाला, एक बार तो मूड ख़राब हो ही चुका है.
पूजा भी मूड में थी, वो बोली- यार बस थोड़ा रुक जा.
सुहानी ने कहा- आपसे मुँह मोड़ना था तो पहले ही आपका खेल न देखती. अब देख चुकी हूँ तो पूरा खेल देखूंगी.

मैं सुहानी को देख नहीं सकता था वो बिल्कुल पीछे खड़ी थी.

पूजा गांड उठाते हुए बोली- तूने कब देखा?
सुहानी ने कहा- जब मैं बाथरूम गई थी, तब से ही देख रही हूँ.
मैं बोला- यार आप देखो पर मुझे कुछ मत कहो.. अब पूरा काम होने दो.

मैं जोर जोर से धक्के मारने लगा. थोड़ी देर में मेरा लंड और पूजा दोनों शान्त हो गए. मैंने पूजा को किस किया और एक साइड को हो गया.
पूजा ने तुरंत मुझे चादर उढ़ा दी और खुद को ढक लिया.

मैंने सुहानी को हँसते हुए ‘थैंक्स..’ कहा.
सुहानी बोली- किस लिए थैंक्स?
मैं बोला कि आपने हमको प्यार करने का मौका दिया.

अब तक सुहानी कपड़े पहन कर आ चुकी थी वो पूजा से बोली- साली कुतिया, क्या नंगी ही पड़ी रहेगी.. मेरा सूट पहन ले.
तो पूजा बोली- तू तो हट यहाँ से..
‘जीजू के सामने ज्यादा बन मत साली.. तेरे को कितनी ही बार नंगी देखा है.’
पूजा तुरंत बोली- देखा है, पर चुदते तो पहली बार देखा है.

सब हँसने लगे फिर पूजा को सूट दिया. पूजा उठ कर बाथरूम में जाने लगी तो सुहानी बोली- यहाँ कोई और है जिसने तुझे देखा नहीं है क्या?

यहीं खड़ी हो कर पूजा ने भी सूट पहन लिया और मैं भी अपना ट्राउजर पहनने को हुआ तो सुहानी ने मुझे पकड़ लिया- जीजू, तुम यूं ही अच्छे लग रहे हो.

पूजा ने उससे छीन कर मुझे ट्राउजर दे दिया.

अब मैं बोला कि तुम दोनों बिजी हो जाओगी.. मैं यहाँ से निकलता हूँ.. शाम को मैरिज होम में मिलूंगा.

मैं सीधा पूजा के घर आ गया. दरवाजा भाभी ने खोला और कहा- अच्छा हुआ तुम आ गए.
मैं समझा नहीं.. तो बोला- क्यों क्या हुआ?
तो भाभी बोलीं- जरा रुको तो, बताती हूँ.. अभी तो मम्मी पापा शादी में गए हैं.

वे छोटी भाभी के रूम में गईं और आ गईं. भाई और भाभी बाहर आए और मेरे से बोलीं- अमित, हम सुहानी के यहाँ जा रहे हैं, तुम बड़ी भाभी को लेकर शाम को आ जाना. बड़े भाई शादी में सीधे वहीं पहुँचेंगे.
मैंने उनको तो ‘ठीक है..’ कहा.. पर खुद सोचा कि कहाँ यार एक बार भी सेक्स करने को नहीं मिलता, यहाँ खुद ही मौके और जगह बनती जा रही है.

वो दोनों चले गए. अब मैंने तुरंत वियाग्रा की टैब खाई. मुझे पता था कि अब बहुत जरूरत पड़ने वाली है.

तभी भाभी आ गईं और उन्होंने तुरंत बाहर का दरवाजा बंद कर दिया. भाभी मेरे से लिपट गई और भूखी शेरनी की तरह हो गईं. मेरे से पहले भाभी ने मेरे कपड़े निकल दिए और मेरे लंड को चूसने लगीं. मैं भी उनके चुचे मसलने लगा. भाभी मस्ती से ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ करने लगीं.

मैंने उनसे पूछा- भाभी ये क्या है.. तुम तो एकदम पागल हो गई हो.
वो बोलीं- अभी मम्मी-पापा के जाने के बाद एक सेक्सी मूवी देखी है.. तुम बस मस्ती करने दो आज.. जो तुमको लूटना है, तुम लूटो और जो मुझे चाहिए मैं लूट लूंगी.

अब तो मेरी भी आवाज़ निकलने लगी. मैं जोर-जोर से भाभी के मुँह में ही चुदाई करने लगा. अब भाभी से सहा नहीं जा रहा था. अपने मुँह से मेरा बड़ा लंड कब तक सहतीं, सो लंड बाहर निकाल दिया और मेरे ऊपर आकर मेरे लंड पर बैठने को हो गईं.

भाभी ने चुत का मुँह खोला और जोश में झटके देकर लंड पर बैठ गईं और पूरा लंड एक बार में ही उनकी चुत में घुस गया.
लंड घुसते ही भाभी चिल्ला दीं- अह अमित… आह आज मेरी चुत फट गई!
भाभी ऊपर को उठने लगीं, मैंने तुरंत भाभी को लंड पर खींच लिया और उनके होंठों से होंठों को चिपका कर उनके होंठों को काटने लगा.

कुछ ही पलों में मैंने भाभी को पलट दिया और उनके ऊपर आ कर उन्हें चोदने लगा.
भाभी ‘मर गई.. आह.. फाड़ दी.. बचा ले माँ.. आह आह अमित मेरी जान धीरे कर..’ चिल्लाने लगी. भाभी मस्त हो चली थीं और अपनी गांड उठा-उठा कर चुदा रही थीं.

तभी भाभी ने मुझे कसके पकड़ लिया और अपनी सांस को खींच लिया.. वो झड़ चुकी थीं. मैं अभी भी भाभी को चोदे जा रहा था. तो भाभी कराहते हुए बोलीं- अमित अन्दर जलन हो रही है.. प्लीज़ निकाल लो.
मैंने उनको उल्टा किया और भाभी की गांड में लंड डाल दिया. वो फिर कराह उठीं. मैं उनकी गांड को जोर-जोर से चोदने लगा.

भाभी दर्द से चिल्लाने लगीं.. वियाग्रा की वजह से मेरा पानी निकल नहीं रहा था. भाभी खुद हट कर मेरे लंड को हाथ से हिलाने लगीं, पर पानी जब नहीं निकला तो भाभी ने मेरे लंड को पानी से धोकर चूसने लगीं.

मुझे लग रहा था कि भाभी परेशान हो रही हैं.. और मैं उनकी इसी बात का मजा ले रहा था.

तभी पूजा का फोन आया, तो भाभी ने कहा- पूजा, संभाल अपने अमित के लंड को, साले ने बहुत परेशान कर रखा है.
पूजा बोली- क्या हुआ.. बस मैं और सुहानी घर को ही आ रहे थे, मुझे पार्लर जाना है.. और मेरे कपड़े वहीं हैं.
भाभी बोलीं- जल्दी आ जा, तू ही इसको झेल.
यह कहते हुए भाभी मेरा लंड जोर-जोर से हिलाने लगीं.

कुछ ही मिनट में पूजा ने दरवाजे को दस्तक दी और भाभी नाइटी पहन कर बाहर चली गईं. मैं यूं ही लेटा रहा.

भाभी ने पूजा को मेरे पास भेजा और सुहानी को अपने रूम में ले गईं.

पूजा के आते ही मैंने उसे नंगी किया और उस पर चढ़ बैठा और उसको चोदने लगा. अब पूजा ने भी थोड़ी देर में पानी छोड़ दिया तो मैं उसकी गांड को बजाने लगा.

पूजा चिल्लाने लगी, तभी सुहानी आ गई.

सुहानी मुझे चोदते हुए देखा तो छूट मसलते हुए बोली- तुम दोनों ने मेरा मूड ख़राब कर दिया है, जब देखो चुदाई में लगे रहते हो. मैं कल सुहागरात मनाती, मगर तुम दोनों मेरी चूत का पानी आज ही कई बार निकलवा चुके हो.

पूजा उस टाइम खुद चाहती थी कि वो मुझसे छूट जाए. मैंने सुहानी को पकड़ा और खींच लिया. मैं बोला- यार जब से तुझे देखा तो चोदने का मन था, पर सोचा कि कल शादी है जिसकी, वो एक दिन बाद तो चुदेगी ही.. तो वो नए लंड को क्यों अपनी चूत देगी. पर आज ऊपर वाला मेहरबान है, जो मांगता हूँ, मिल रहा है.

सुहानी की शादी शाम को थी मातब वो आज दुल्हन बन्ने वाली थी और मैंने सुहानी के कपड़े निकाल दिए. सुहानी ने ब्रा नहीं पहनी थी तो मैं उसके नंगे मम्मों को चूसने लगा.

मैंने उसकी पेंटी के अन्दर हाथ डाल कर चूत को सहलाया और पेंटी को खींच कर अलग कर दिया.

सुहानी ने भी मेरा लंड पकड़ लिया और हिलाने लगी. मैं उसकी चिकनी चूत को देख कर चूत को चाटने लगा. सुहानी बस ‘आह आह..’ करने लगी.

अब वो बोली- जीजू जल्दी करो… मेरी चुत में बहुत आग लगी है.

मैं तो खुद जल्दी में था, तो मैंने उसकी टांगें खोलीं और लंड को उसकी चूत पर लगा कर धक्का दे मारा.

सुहानी चिल्ला उठी- अह.. पूजा मर गई.. वो पीछे को होने लगी, मैंने रुक कर सुहानी से पूछा- क्या तुम्हारा फर्स्ट टाइम है?
तो वो दर्द में चिल्ला कर बोली- और क्या मैं चुदती फिरती हूँ.. कल अपने पति को चुत देती, पर तुमने मुझे गरम कर दिया.

वो बातों में लगी थी, उसका दर्द भी कम हो चला था, तो मैंने मौका देख एक जोरदार धक्का लगा दिया और पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया.

आज शाम की दुल्हन की चूत की सील टूट गयी और वो बहुत जोर से चीख उठी और पूजा और भाभी दोनों अन्दर आ गईं.

सुहानी की आँखों में आंसू आ गए, मैंने सुहानी को दबा कर रखा और किस करने लगा. पूजा और भाभी पास आईं और सुहानी के सर पर हाथ फिराते हुए बोलीं- बन गई तू भी हमारी सौतन.. खा ले लंड.
भाभी सुहानी के मम्मों को सहलाने लगीं. थोड़ी देर के बाद सुहानी को जब आराम आया तो भाभी को देख थोड़ा शर्मा गई, पर मुस्कुरा कर रह गई.

धीरे धीरे लंड अन्दर-बाहर होने लगा तो अब सुहानी को मजा आने लगा. वो दर्द के साथ में लंड का मस्त मजा लेने लगी.
कुछ ही देर में सुहानी ने मुझे कसके पकड़ लिया और पानी छोड़ दिया.

दोस्तो, आज भी मुझे याद है, जब उसका पानी निकला तो उसके पानी ने मेरे लंड की जड़ तक बौछार मारी थी, बहुत सुखद समय था.

मेरा लंड अब जोर के झटके मारने लगा. अब मेरा भी पानी निकलने वाला था तो मैंने पूछा- बोलो पानी कहाँ निकालूँ?
तो सुहानी बोली- जीजू अन्दर ही निकालना, ये मेरा पहला सुहागदिन है.
मैं भी खुश हो गया और मैंने जोरदार धक्के के साथ पूरा पानी चुत में ही डाल दिया और कसके पकड़ लिया.

जब हटा तो भाभी और पूजा को बांहों में भर लिया. अब सुहानी भी पास आ गई और उसको पूजा ने अपने ऊपर खींच लिया.

हम चारों ने एक-दूसरे को किस किया. सुहानी को दर्द की गोली खिलाई और वो फ्रेश हो कर चली गई.

उसकी शादी में मैंने बहुत मस्ती की और दूसरे दिन सुहानी की विदाई के बाद मैं भी विदा होकर घर आ गया.
हम लोग अब भी मिलते तो हैं.. पर वो 3 दिन मुझे आज भी याद हैं.

मेरी यह चुदाई की मस्त कहानी कैसी लगी दोस्तो, जरूर बताना. कहानी बड़ी तो थी, पर क्या करूँ.. दोस्तों अगर एक भी पार्ट छोड़ता तो शायद मजा नहीं आता.
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