मैंने लंड के लिए मरा ली अपनी गांड

(Porn Ladki Ki Gand)

रेहाना खान 2023-06-16 Comments

पोर्न लड़की की गांड की कहानी में पढ़ें कि मैं जवान हो गयी पर मुझे लंड नसीब नहीं हुआ. तो मैंने अपनी शादीशुदा सहेली को लंड का जुगाड़ करने को कहा.

यह कहानी सुनें.

उन दिनों मैं नई ताज़ी जवान हुई थी; पूरी तरह एडल्ट हो चुकी थी मैं!

मेरा जिस्म एकदम जवान हो चुका था। मेरी जांघें मोटी हो गईं थीं, मेरे चूतड़ भी उभर आये थे, मेरी गांड भी बुर चोदी मटकने लगी थी और मेरे बूब्स भी बड़े बड़े हो गए थे।
मेरी बाहों की गोलाई और मेरे कूल्हों के ठुमके सबको बड़े अच्छे लगने लगे थे। मैं हमेशा स्लीवलेस कपड़े पहनती थी।

मैं थोड़ा चंचल स्वभाव की थी, शरारती थी और हंसी मजाक करने में बहुत तेज थी इसलिए मैं लोगों की नज़रों में चढ़ी हुई थी।

हमारी गली मोहल्ले के लोग भी मुझे बुरी नीयत से देखने लगे थे पर हाथ लगाने से डरते थे क्योंकि मैं थोड़ा दबंग टाइप की थी।
मेरी अम्मी जान का मुझ पर पहरा वैसा ही बना रहा, वह कम न हुआ था।

उधर कॉलेज में मेरी कई लड़कियां दोस्त बन चुकी थीं और उनसे खूब खुल कर बातें होतीं थीं।
अब जवान लड़कियां अगर बातें करेंगी तो सेक्स पर जरूर करेंगीं.
इसलिए सब की सब भोसड़ी वाली लंड, बुर, चूत, भोसड़ा की बातें खुल कर करतीं थीं।

इधर कुनबे की सभी हमउम्र लड़कियां मुझे लंड की, चूत की और चोदा चोदी की बातें खूब सुनाया करतीं थीं।

मेरे कान में हर तरफ से लंड ही लंड की आवाज़ आने लगी थी।
जहाँ देखो वहीं लंड की बातें … कॉलेज में तो लंड की बातें … कुनबे में तो लंड की बातें … पड़ोसियों के साथ तो लंड की बातें … खाला व फूफी के घरों में भी लड़कियों के बीच में लंड की बातें!

यहाँ तक कि मैंने अपनी अम्मी जान को दूसरी औरतों से कई बार लंड की बातें करते हुए सुना है।

अब लंड बहन चोद मेरे दिमाग में चढ़ गया।

हकीकत यह थी कि मैंने न कोई लंड देखा था और न कोई लंड पकड़ा था.

मैं एक गरीब परिवार से हूँ।
मेरा नाम अज़रा है।

मेरे पास मोबाइल नहीं था, घर में लैपटॉप नहीं था।
मैं लंड देखने के लिए तरसने लगी।

मेरा मन हुआ कि मैं कुत्ते का लंड पकड़ लूं, किसी घोड़े या गधे का लंड पकड़ लूं।
मैं सच में लंड के लिए बड़ी बेताब होने लगी।

एक दिन मैं अपनी सहेली रिदा के पास चली गयी।
रिदा मेरी बहुत पुरानी दोस्त है, मुझसे बड़ी है और शादीशुदा है।

मुझे यकीन था कि वह कोई न कोई जुगाड़ करके मुझे लंड जरूर पकड़ा देगी।

मैं पहले तो इधर उधर की बातें करने लगी, फिर मैंने कहा- यार रिदा, मुझे कोई लंड पकड़ा दो यार! मैंने अभी तक कोई लंड नहीं पकड़ा। कॉलेज में सब लड़कियां लंड की बातें करती हैं और मैं बहन चोद उनका मुंह ताका करती हूँ। उनकी बातें सुन सुन कर मेरी झांटें सुलगने लगतीं हैं।

वह बोली- अच्छा ऐसी बात है? तूने सच में कभी कोई लंड नहीं पकड़ा?
मैंने कहा- हां यार मैं सच कह रही हूँ, खुदा कसम!

वह बोली- अच्छा तो तुम मेरी अम्मी के पास चलो. वह कोई न कोई रास्ता निकाल लेगी और तेरे लिए लंड का इंतज़ाम कर देगी।
मैंने कहा- तेरी अम्मी से मैं यह सब कैसे कह पाऊँगी यार? मुझे शर्म आएगी।

वह बोली- तुम मेरी अम्मी को अम्मी मत समझो, वह बुरचोदी मेरी सहेली है जैसे तुम मेरी सहेली हो! बड़ा मज़ा करती है वह मेरे साथ … लंड पेलती है मेरी चूत में!
मैंने कहा- हाय दईया, क्या कह रही है तू? सच कह रही है कि मुझे चूतिया बना रही है तू माँ की लौड़ी? अगर ऐसा है तो फिर तू क्या करती है, हरामजादी रिदा?
वह बोली- मैं भी लंड पेलती हूँ उसकी चूत में … मैं क्या उससे कम हूँ!

मैंने कहा- बाप रे बाप, तो तुम दोनों माँ बेटी एक दूसरी की फुद्दी में लंड पेलती हो? क्या हो गया है तुम लोगों को? घर को क्या रंडीखाना बना लिया है तुम दोनों ने?

वह बोली- अरी मेरी भोसड़ी वाली अज़रा, सुन तो पूरी बात! हम दोनों माँ बेटी ही नहीं बल्कि ननद भौजाई भी हैं। वह भोसड़ी वाली मेरी ननद है और मैं बुरचोदी उसकी भौजाई हूँ. मैं उसके सबसे छोटे भाई जान की बीवी हूँ यार! इस रिश्ते से वह मेरी ननद हो गई और मैं उसकी भाभी जान! उधर मेरा अब्बू हो गया मेरा ननदोई। मैं तो उसके भी लंड का मज़ा लेती हूँ। वह अगर होता तो मैं अभी तुझे उसका लंड पकड़ा देती. अब जब भी वह आएगा मैं उसका लंड तेरी चूत में पेलूँगी।

उसकी इन बातों ने मेरी चूत में भयंकर आग लगा दी।

पर मुझे तो लंड आज ही चाहिए था, मैंने कहा- कुछ करो न यार! मुझे आज ही कोई लंड पकड़ा दो प्लीज!

वह मुझे अपनी अम्मी के पास ले गयी और बोली- अम्मीजान, ये मेरी सहेली अज़रा है। इसने अभी तक कोई लंड नहीं पकड़ा।
आंटी यह सुनकर बड़ी हैरान हो गयी और गुस्से में बोली- हाय दईया, इसकी अम्मी को क्या नहीं पता कि उसकी बेटी अब जवान हो गयी है और उसे लंड की जरूरत है। बेटी का ख्याल बिलकुल नहीं है। अच्छा ऐसा कर रिदा, तू पड़ोस के सल्लू को बुला कर उसका लंड इसे पकड़ा दे। लंड उसका बढ़िया है इसे भी मज़ा आएगा और उसे भी!

रिदा बोली- अरे अम्मीजान, वह तो साला गांड मारता है, बुर नहीं चोदता!
आंटी बोली- तो क्या हुआ, गांड तुम मरवा लेना. इस बिचारी को तो लंड पकड़ने का मौक़ा मिल जाएगा।
मैंने कहा- नहीं नहीं आंटी, लंड के लिए तो मैं अपनी गांड भी मरवा लूंगी।

फिर रिदा मुझे बगल के कमरे में ले गयी और फोन करके सल्लू को बुला लिया।

सल्लू जब आया तो मैं उसे देख कर खुश हो गयी।
मैं तो उसे बड़ी देर तक देखती ही रही।

वह बड़ा स्मार्ट था, हैंडसम था और गोरा चिट्टा था।
दाढ़ी मूंछ बिल्कुल साफ थी।
पजामा कुर्ता पहने हुआ था।
उसकी उम्र भी यही कोई 25 साल की होगी।

रिदा ने मुझे उससे मिलवाया और सारी बात बता दी, बोली- यार सल्लू, ये अज़रा है मेरी पक्की दोस्त! इसने अभी तक कोई लंड नहीं पकड़ा। यह बात जब मेरी अम्मी जान को मालूम हुई तो उसने कहा कि तुम इसे सल्लू का लंड पकड़ा दो। मैंने इसीलिए तुमको बुलाया है।

रिदा की बात सुनकर सल्लू मुस्कराने लगा।
उसने हसरत भरी निगाहों से मुझे देखा तो मैंने भी उसे बड़ी सेक्सी अदाओं से देखा।

उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मैं भी उससे लिपट गयी।

मेरे मन में एक सवाल आया कि क्या रिदा की अम्मी इसका लंड पकड़तीं हैं?
क्या रिदा की अम्मी इससे अपनी गांड मरवातीं हैं?
क्योंकि इसे तो गांड मारना आता है बुर चोदना नहीं।

लेकिन मैंने रिदा से कुछ पूछा नहीं!

रिदा ने मेरा हाथ पकड़ कर उसके लंड पर रख दिया।

पजामा के ऊपर से लंड का उभार साफ़ दिख रहा था और फिर उसका हाथ पकड़ कर मेरी चूचियों पर रख दिया।

मैंने ऊपर से उसका लंड दबाया तो उसने ऊपर से मेरी चूचियाँ दबा दीं।
मैं जल्दी से जल्दी उसके लंड तक पहुंचना चाहती थी।

रिदा एक एक करके मेरे कपड़े उतारने लगी और सल्लू के भी कपड़े उतारने लगी।

सबसे पहले मेरी चूचियाँ खुली तो सल्लू मुझे बड़े गौर से देखने लगा।
उसका हाथ मेरी चूचियाँ सहलाने लगा.

मैं भी उसकी तरफ खिंची चली गयी.

तब तक उसका भी कुर्ता उतर चुका था।
उसकी चौड़ी छाती देख कर मैं मस्त हो गयी।

आखिर में रिदा ने बड़ी बेशर्मी से उसका पजामा भी खोल डाला।
नीचे उसने कुछ भी नहीं पहना था तो उसका लंड एकदम से नंगा हो गया मेरे आगे!

रिदा ने उसे बड़े प्यार से पकड़ा, दो चार बार आगे पीछे किया और फिर मुझे पकड़ा दिया।

मैंने पहली बार कोई खड़ा लंड देखा था तो मैं एकदम से उत्तेजित हो गयी।
मेरी चूत भी गीली हो गयी और मेरे मुंह में भी पानी आ गया।

मैं भी रिया की ही तरह लंड मुट्ठी में लेकर आगे पीछे करने लगी और बोली- हाय दईया लंड इतना बड़ा होता है क्या रिदा?
वह बोली- हां यार अज़रा, लंड तो बड़े बड़े ही अच्छे लगते हैं। वैसे इससे भी बड़े बड़े होते हैं लंड! तुमने तो आज से लंड पकड़ना शुरू किया है. अब आगे देखना कि तुमको कितने बड़े बड़े लंड मिलते हैं। एक बात और सुन ले बुरचोदी अज़रा … लंड सबका अलग अलग होता है। यानि जितनी तरह के लोग उतने तरह के लंड!

यह जान कर तो मेरे मन में आया कि मैं अब और भी लोगों के लंड पकड़ पकड़ कर देखूं और पता करूं कि किस किस तरह के होते हैं लंड!

इतने में रिदा ने मुझे नीचे से पूरी तरह नंगी कर दिया।

सल्लू ने जब मेरे चूतड़ देखे, मेरी मस्तानी गांड देखी तो उसके लंड में जबरदस्त तनाव आ गया।

मैं समझ गयी कि यह भोसड़ी का सच में गांड का बड़ा शौक़ीन लड़का है। अब यह बिना मेरी गांड मारे रह नहीं सकता।

लेकिन मैं एक हाथ से उसके पेल्हड़ थामे हुए दूसरे हाथ से लंड पकड़ कर मज़ा करने लगी, लंड का टोपा चूमने लगी, टोपा चाटने भी लगी और लंड का सुपारा मुंह में भी घुसाने लगी।

रिदा ने मेरी थोड़ी मदद की तो मैं मस्ती से चूसने लगी लंड!
फिर जब रिदा भी अपने सारे कपड़े उतारकर हमारे आगे नंगी हो गई तो सोने पे सुहागा हो गया।

हम तीनों एकदम नंगधड़ंग तो माहौल में एक अजीब तरह की गर्मी छा गई।
उसने मेरी मस्तानी छोटी छोटी झाटों वाली चूत देखी तो जरूर मगर उस पर कोई खास ध्यान नहीं दिया।

कुछ देर बार जब हम सब नंगे नंगे बेड पर चले गए तो वह बड़े प्यार से मेरी गांड चाटने लगा।

मैं मन ही मन सोचने लगी कि इतनी छोटी सी गांड में अगर ये इतना मोटा लंड पेलेगा तो सच में मेरी गांड तो आज फट जाएगी।
मेरे हिसाब से इतना मोटा लंड मेरी गांड में घुसेगा ही नहीं!

हम दोनों मिलकर उसका लंड चाटने लगीं।
कभी मैं लंड चाटती तो वह पेल्हड़ चाटती और जब मैं पेल्हड़ चाटती तो वह लंड चाटती।

धीरे धीरे उसने लंड मेरे मुंह में पेला तो मैं लंड चूसने लगी।
फिर मैंने उसके मुंह में लंड पेला तो वह लंड चूसने लगी।
इस तरह हम दोनों मिलकर लंड का मज़ा लेने लगीं।

कुछ देर में रिदा उठी और क्रीम टाइप कोई चीज उठा लायी।
वह क्रीम उसने मेरी गांड में लगाई और गांड के छेद में एक उंगली डाल कर घुमाने लगी।

फिर दो उंगली डाली … फिर तीन उंगली डाल कर घुमाने लगी।

मुझे लगा कि गांड का छेद बढ़ता जा रहा है।
मैंने कहा- यार ये क्या है जो तुम मेरी गांड में लगा रही हो?

वह बोली- यार, यह एक तरह की क्रीम है जो अमेरिका से आई है। इसके लगाने से लड़की की गांड का छेद बड़ा हो जाता है और फिर लंड बड़ी आसानी से घुस जाता है। अमेरिका में गांड मारने और गांड मराने का बड़ा चलन है। वहां की लड़कियां और बीवियां गांड खूब मरवातीं हैं। लोग अपनी बीवियों की गांड पराये मर्दों से मरवाते हैं। मेरी अम्मी जान को भी गांड मराने का शौक है। वह भी सल्लू से अपनी गांड जब कब मरवाती है।

फिर क्या … मेरे सवाल का जवाब अपने आप मिल गया।
मुझे यकीन था कि रिदा की अम्मी सल्लू से अपनी गांड जरूर मरवाती हैं.

सल्लू की निगाह जैसे ही मेरी गांड पर पड़ी, वैसे ही मुझे उसने घोड़ी बना दिया और मेरे पीछे जाकर अपना लंड मेरी गांड पर रख दिया।

पहले तो उसने लंड थोड़ा रगड़ा और फिर गच्च से पेल दिया अंदर!

लंड भी साला घुस गया और मैं चीख पड़ी- उई माँ मर गयी मैं … फट गई मेरी गांड, बड़ा मोटा है इसका लंड, बाप रे बाप … मुझे क्या मालूम था कि इतना दर्द होगा. हाय रिदा, तू भोसड़ी की बैठे बैठे मेरी गांड मरा रही है। तुझे कोई बुर चोदने वाला लंड नहीं मिला? तेरी माँ का भोसड़ा, बुरचोदी रिदा; मैं इसका बदला लूंगी, मैं भी पेलूँगी लंड तेरी गांड में।

वह हरामजादी बड़ी बेशर्म निकली। वह अपनी दोनों टाँगें फैलाकर मेरे मुंह के सामने अपनी चूत करके लेट गयी और बोली- ले भोसड़ी वाली अज़रा, अब तू झुक कर मेरी बुर चाटना शुरू कर दे। गांड मरवाते हुए बुर चाटेगी तो तुझे डबल मज़ा आएगा।

मैंने सच में उसकी बुर चाटना शुरू किया तो मज़ा आने लगा।

सल्लू मेरी गांड चोदे जा रहा था और मैं रिदा की बुर चाटे जा रही थी।
बड़ा मनमोहक सीन बन गया।

उसके बाद कुछ ही देर में लंड ने फच्च से उगल दिया वीर्य मेरी गांड पर और मेरे चूतड़ों पर भी!

उसे देख कर रिदा घूम गई और मेरे हिप्स चाटने लगी.
मैं सल्लू का झड़ता हुआ लंड चाटने लगी।

इस तरह मैंने लंड पाने के लिए मरा ली अपनी गांड!

दूसरे दिन रिदा ने मुझे फिर बुला लिया और मैं ख़ुशी ख़ुशी चली भी गयी।

मैं सोचने लगी कि आज फिर वह किसी से मेरी गांड मरवायेगी.

पर वहां तो नज़ारा ही दूसरा था।
वहां दो मस्त जवान लड़के बैठे थे।

रिदा ने बताया- ये मेरा शौहर है रियाज़ है. और ये मेरे शौहर का दोस्त है गुलफाम!

दोनों ही बड़े हैंडसम लड़के थे।

इतने में रिदा मुझे अंदर ले गयी और बोली- यार देखो, आज मेरी अम्मी जान नहीं हैं। मैं अकेली हूँ. अचानक ये दोनों आ गए तो फिर मैंने तुमको बुला लिया ताकि हम भी दो हो जायें!

मैंने कहा- हाय दईया, तो क्या ये लोग भी मेरी गांड मारेंगे?
वह बोली- नहीं नहीं यार, ये लोग गांड नहीं मारते हैं, बुर चोदते हैं। आज मैं तेरी बुर चुदवाऊंगी। मैंने तेरे बारे में इन दोनों को सब बता दिया है।

मैंने कहा- हाय रब्बा, तो तूने बता दिया कि मेरी पोर्न गांड चुदी हुई है?
वह बोली- अरे नहीं यार, ये सब नहीं बताया जाता। सिर्फ यह बताया कि मेरी एक सहेली है अज़रा … जो बहुत खूबसूरत है, सेक्सी है और हॉट है। चुदाई में बड़ी बेजोड़ भोसड़ी वाली। बड़ा मज़ा देगी!

मैंने कहा- तू तो मादरचोद बहुत बड़ी छिनार है। अब देखूंगी तू आज क्या करेगी?

फिर हम दोनों उन दोनों के सामने आ गईं।

मेरी नज़र दोनों पर थी और मैं दोनों के लंड के बारे में सोचने लगी।
मैं समझ रही थी कि दोनों ही लंड अलग अलग होंगे तो पकड़ने में बड़ा मज़ा आयेगा।

तब तक रिदा हम चारों को लेकर बेड रूम आ गयी और उन दोनों को चित लिटा दिया।
मुझे अपने मियां के बगल में लिटा दिया और खुद उसके दोस्त के बगल में लेट गयी।

रिदा ने मुस्कराते हुए मेरा हाथ पकड़ कर अपने मियां के लंड पर रख कर कहा- लो अज़रा, अब तुम मेरे मियां का लंड पकड़ो और जो चाहो करो। मैं इसके दोस्त का लंड पकड़ती हूँ।

ऐसा कह कर उस पोर्न लड़की ने गुलफाम के पजामा का नाड़ा खोला और हाथ अंदर घुसेड़ दिया।

फिर मैंने भी उसके मियां के पाजामे में हाथ डाल दिया।

लंड साला पहले से ही खड़ा था।
मैंने लंड बाहर निकाला और कहा- बाप रे बाप, क्या मस्त लौड़ा है तेरे मियां का रिदा … मज़ा आ गया।

तब तक वह भी बोली- अरे यार इधर देख … इसके दोस्त का भी लंड बड़ा गज़ब का है। आज तो चुदाई में ज़न्नत का मज़ा आएगा।

फिर एक एक करके हम सब नंगे हो गए।
मैं उसके मियां के लंड से खेलने लगी और वह अपने मियां के दोस्त के लंड से खेलने लगी।

दोनों ही लंड एकदम अलग अलग किस्म के थे।

उसके बाद हमने जिस तरह से लंड अदल बदल कर चुदवाया वह मुझे आज भी याद है।

तो दोस्तो, कैसी लगी आपको यह मेरी सच्ची कहानी?
आपने देखा कि लंड के लिए बहुत कुछ करना पड़ता है यार … पोर्न लड़की को गांड भी मरानी पड़ती है अपनी!

मेरी पोर्न लड़की की गांड की कहानी पर अपने विचार जरूर भेजिएगा.
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लेखिका की पिछली कहानी थी: किरायेदार से लिया पहली चुदाई का मज़ा

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