शरीफ चाची को अपना लंड दिखा कर चोदा-4

(Sharif Chachi Ko Apna Lund Dikha Kar Choda Part-4)

दीपू सोनी 2019-12-31 Comments

अब तक चाची की चुदाई कहानी के पिछले भाग
शरीफ चाची को अपना लंड दिखा कर चोदा-3
में आपने पढ़ा था कि मेरी पड़ोस वाली चाची को मैं चोद रहा था. वो झड़ गईं, तो उठ कर बाथरूम में चुत धोने जाने लगीं.

मैंने चाची को बांहों में उठा लिया और बाथरूम में ले गया. उधर ले जाकर मैंने चाची को शॉवर के नीचे खड़ा करके शॉवर चालू कर दिया. हम दोनों एक दूसरे के अंगों से खेलते हुए नहाने लगे. मैंने उनकी चुचियों को मुँह में ले कर अच्छे से चूसा और बड़े बड़े निशान कर दिए.

मैंने चाची से कहा- अब बस जानू आपकी चुत धुल गई … जल्दी से घोड़ी बन जाओ … मैं पीछे से लंड पेल देता हूँ.

चाची तैयार हो गईं.

अब आगे:

फिर मैंने उनको वहीं घोड़ी बना करके चाची की चुत में अपना लंड डाल दिया और जोर जोर से चोदने लगा. कुछ देर बाद मैंने चाची का एक पैर टॉयलेट के कमोड पर रखा और फिर से उन्हें चोदने लगा.

इस तरह से लगातार 20 से 25 मिनट तक चाची की चुदाई के बाद जब मेरा होने को हुआ, तो मैंने कहा- जान मेरा होने वाला है … कहां निकालूं?
चाची ने कहा- बाबू प्लीज मेरे मुँह में डालना … मैं तुम्हारा रस पीना चाहती हूँ.

मैंने तेज तेज 8-10 झटके और मारने के बाद लंड को उनकी चुत से निकाला और उनके मुँह में दे दिया. चाची लॉलीपॉप की तरह मेरा लंड चूसने लगीं और उन्होंने मेरा सारा पानी पी लिया. पानी गिरने के बाद भी चाची मेरे लंड के सुपारे को चाटती रहीं और उन्होंने अपनी जीभ से मेरे लंड को पूरा साफ़ कर दिया.

हम कुछ देर बाथरूम में और रुके रहे. फिर नहाने के बाद मैं उनको गोद में उठा कर वापिस बिस्तर पर ले आया.

अब हम दोनों निढाल होकर नंगे ही बिस्तर पर पड़े रहे. कुछ देर ऐसे लेटे रहने के बाद चाची नंगी ही उठ कर रसोई में गईं और मेरे लिए बादाम वाला दूध लेकर आईं.

चाची बोलीं- लो मेरी जान … आज तुमने मुझे पूरी तरह खुश कर दिया.

मैंने उसमें से आधा गिलास चाची को पिलाया और आधा मैंने पिया. दूध पीने के बाद चाची कपड़े पहनने लगीं.

मैंने कहा- जान, ये क्या कर रही हो?
तो उन्होंने कहा- मुझे एक बार घर जा कर आना पड़ेगा, मैं जल्दी ही आ जाऊंगी.
मैंने कहा- यार ,मुझे अभी आपकी गांड भी तो मारनी है.
तो उन्होंने कहा- हां क्यों नहीं मेरी जान. अब मैं सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी ही हूँ, पर मुझे एक बार घर जाकर आना है. फिर आते ही शुरू करेंगे.

वो कपड़े पहन ही रही थीं कि घर की घंटी बज गई. हम दोनों को तो पसीने आ गए कि इस समय कौन होगा.

मैंने चाची से रसोई में जाकर कपड़े ठीक करने का कहा और मैं दरवाजा खोले के लिए अपनी अंडरवियर पहनने लगा.

जब मैं अंडरवियर पहन कर गेट खोलने गया, तो देखा कि सामने के घर में रहने वाली भाभी थीं. जब मैंने गेट खोला, तब तक चाची अन्दर रसोई में जा चुकी थीं.

मैंने गेट खोला तो उनका ध्यान सीधा मेरे अंडरवियर में खड़े लंड पर गया. पर अब तक मेरा लंड आधा ही खड़ा रह गया था. उन्होंने मेरे लंड की तरफ देखा और एक कातिलाना स्माइल देते हुए अन्दर आ गईं. मैंने हंस कर भाभी को नमस्ते की. भाभी ने मेरी नमस्ते का जबाव दिया और वो सीधा रसोई की तरफ जाने लगीं.

मैंने कहा- क्या काम है भाभी?
भाभी ने कहा- मुझे थोड़ी चीनी चाहिए.

मैं कुछ बोल पाता, तब तक वो अन्दर जा चुकी थीं. अन्दर चाची सूट ठीक करके, सलवार का नाड़ा बांध रही थीं. उन्होंने चाची को देखा, तो वे एकदम से चौंक गईं भाभी बिना चीनी लिए बाहर वापिस आ गईं. मैं भी सकपकाया हुआ खड़ा था.

एक बार फिर से भाभी ने लंड की तरफ देखा, मगर अब लंड की माँ चुद चुकी थी और वो टुन्नू सा बन कर अंडरवियर में पूरा बैठ गया था.

भाभी ये कहते हुए बाहर जाने लगीं- मैं चीनी लेने बाद में आऊंगी.
मगर जाते हुए भाभी मुझे एक कातिलाना स्माइल दे गईं.

मैं तो इस हरकत से हक्का बक्का रह गया कि ये क्या हो गया. तभी चाची बाहर आईं और बोलीं- अब क्या करें?
मैंने कहा- कुछ नहीं होगा जान, मैं हूँ ना.
चाची ने कहा- जान क्या करोगे … ये साली तो मुझे बदनाम कर देगी.

मैंने चाची को भाभी के लंड देखने वाली बात बताई और कहा- वो जाते जाते मुस्कुरा कर गई थीं. मुझे लगता है कि भाभी को लंड की जरूरत है.
चाची को एक पल के लिए बुरा लगा, मगर उन्हें अगले ही पल अच्छा लगने लगा.

चाची बोलीं- ठीक है उसे भी जल्दी ही पटा ले … नहीं तो कुतिया जाने किधर किधर भौंक आएगी.
मैंने चाची को बांहों में भरा और उनको चूमते हुए कहा- आप चिंता मत करो जान. मैं सब सम्भाल लूंगा.

चाची एक घंटे बाद आने का प्रॉमिस कर के चली गईं और उनके जाने के बाद मैं ऐसे ही घूमता रहा और बाद में लेट गया.

मैं भाभी के बारे में सोचने लगा कि पता नहीं भाभी मेरे बारे में क्या सोच रही होंगी.

बस ये सोचते सोचते मेरी आँख लग गई और मुझे पता ही नहीं चला कि बाहर का गेट खुला है. एक घंटे बाद वापिस चाची कब आ गईं और आते ही उन्होंने मुझे बांहों में भर लिया और एक हाथ से मेरे लंड पर रगड़ने लगीं … इतना सब कब हो गया, मुझे कुछ भी होश नहीं था.

जब लंड पर चाची का हाथ घूमने लगा. तभी मेरी आँख खुली.

मैंने चाची को जोर से किस किया. फिर मैंने उठ कर अपना मुँह धोया. तब तक चाची रसोई में जाकर मेरे लिए चाय बनाने लगीं. मैंने उनके पास जाकर उनको पीछे से पकड़ लिया और अपना लौड़ा उनकी गांड पर रगड़ने लगा.

मैं चाची की गर्दन पर किस करने लगा और गैस को बंद करके चाची को उठा क़र बेडरूम में ले आया. बस देखते ही देखते मैंने चाची को पूरी नंगी कर दिया और कुत्तों की तरह चाटने लगा. मैंने उनको ऊपर से नीचे तक खूब चाटा. मैं उनके एक एक अंग को निचोड़ देना चाहता था. आज मैं बहुत ज्यादा खुश भी था कि मुझे चाची की गांड मारने का मौका मिलने वाला था.

मुझे चाची की कुंवारी गांड मारने को मिलेगी, ये सोच कर मेरा लंड झूम उठा था. मैंने तुरंत चाची को डॉगी स्टाइल में आने को बोला.

उन्होंने कहा- दीपू प्लीज, मैंने आज तक तेरे चाचा को अपनी गांड टच भी नहीं करने दिया … इसलिए तुम प्लीज़ आराम से करना. तुम्हारा लंड बहुत मोटा और लम्बा है, ये तो मेरी जान ले लेगा … मुझे बहुत डर लग रहा है.
मैंने कहा- डोंट वरी जानू … बिल्कुल आराम से डालूंगा तुमको मालूम भी नहीं चलेगा.

बस मैं भाग कर ड्रेसिंग टेबल से तेल की बोतल उठा लाया और उनकी गांड पर अच्छे से तेल लगा कर गांड को चिकना कर दिया. फिर अपने लंड को भी अच्छे से तेल में भिगो लिया. चाची की गांड में लंड पेलने से पहले मैंने उंगली पर तेल मला और उनकी गांड में रास्ता बनाने लगा … ताकि चाची को ज्यादा दर्द न हो.

मैंने पहले एक उंगली अन्दर दी, फिर धीरे धीरे दो उंगलियां उनकी गांड में डाल दीं. अब चाची भी मस्ती से हल्की हल्की सिसकारियां लेने लगी थीं. चाची ‘अहाह … ओहह … सीईई …’ क़र रही थीं.
जब मुझे लगा कि अब चाची मेरा लंड लेने के लिए तैयार हैं, तब मैंने अपने लंड का सुपारा उनकी गांड पर रखा और धीरे धीरे अन्दर धकेलने लगा. चाची को मोटे सुपारे से दर्द होने लगा और वो कसमसाने लगीं.

मैंने कहा- दर्द हो रहा है क्या जानू?
तो उन्होंने कहा- मेरी जान … तेरे लिए तो मैं सब सहन कर सकती हूँ, तू धीरे धीरे कर.

मैंने धीरे धीरे करके अपना आधा लंड उनकी गांड में डाल दिया और फिर 5 मिनट रुक कर इन्तजार करने लगा. मैं उनको किस करता रहा, दूध दबाता रहा. ताकि चाची का थोड़ा बहुत दर्द कम हो जाए.

कुछ देर बाद मैंने फिर से लंड को सुपारे तक बाहर निकाला कर और लंड पर तेल गिरा कर एकदम से ही पूरा अन्दर पेल दिया. उनकी गांड से फच्च की आवाज आयी.
चाची जोर से उछल पड़ीं, जिससे मेरा लंड बाहर निकलने को हो गया था. तभी मैंने चाची की गांड को जोर से पकड़ कर लंड को अन्दर ही रखा. उनकी आँखों में आंसू आ गए थे.

उन्होंने कहा- उम्म्ह… अहह… हय… याह… दीपू … प्लीज धीरे धीरे डाल …
मैंने कहा- सॉरी चाची.
उन्होंने कहा- कोई बात नहीं.

बस मैं कुछ पल ऐसे ही रुका रहा और उनकी कमर में किस करता रहा. जब मुझे लगा कि अब चाची नार्मल हो गयी हैं, तो मैंने उनकी गांड को पकड़ कर हल्के हल्के झटके देना शुरू कर दिया.

उनको मजा आने लगा और उनके मुँह से मादक सिसकारियां सुनाई देने लगीं, तब मुझे समझ आ गया कि अब स्पीड बढ़ा देनी चाहिए. बस मैंने चाची की गांड चुदाई की स्पीड बढ़ा दी.

अब चाची भी मस्ती से बोले जा रही थीं- आंह … चोद दे मुझे … उंहह ह्ह … हां चोद देईई ऊऊह ओह्ह्ह यस यस … दीपू तुमने आज मेरी गांड का भी उद्घाटन कर दिया … मुझे खुशी इस बात की है कि ये काम तूने किया है. मुझे नहीं पता था कि गांड मरवाने में भी इतना मजा आता है. अब मैं तुमसे चुत और गांड दोनों ही मरवाया करूंगी.

मैं भी चाची की गांड को और जोर जोर से चोदने लगा. मेरे हर झटके के साथ उनकी कामुक सिसकारियां निकल रही थीं.

लगातार 15 से 20 मिनट गांड चोदने के बाद मैंने चाची की गांड में ही पानी निकाल दिया. इस दौरान चूंकि मैं चाची की चुत में भी उंगली कर रहा था, तो उनका भी 2 बार काम हो चुका था. मैं झड़ने के बाद चाची के ऊपर ही पड़ा रहा. हम दोनों पसीने में लथपथ हो गए थे. कम से कम आधा घंटे तक ऐसे ही पड़े रहने के बाद हमने फिर से चुदाई करनी शुरू कर दी. इस बार मैंने पहले उनकी चुत मारी और फिर गांड मारी. इस बार चाची को भी गांड मरवाने में इतनी तकलीफ नहीं हुई.

उस दिन हमने कम से कम 6 बार चुदाई की. अंत में चाची ने हाथ जोड़ लिए और बोलीं- मेरे बाप … अब तो छोड़ दे मुझे … अब मुझसे चला भी नहीं जाएगा. एक तो तेरा इतना मोटा और लम्बा लंड है और ऊपर से तेरा 40 मिनट से पहले निकलता नहीं है. अब आज और नहीं … अब मैं तुम्हें कल दूंगी.

यह कह कर चाची मेरा खाना बना कर और मुझे लम्बा सा किस देकर चली गई.

इस तरह मैंने चाची की चुत के साथ साथ गांड भी मारी. और हां दोस्तो, मैं आपको उन भाभी के बारे में अपनी अगली स्टोरी में बताऊंगा कि मैंने उनके साथ क्या किया और कैसे किया.

दोस्तो, ये मेरे जीवन की सच्ची सेक्स कहानी है. मुझसे लिखने में कहीं कोई गलती हो गयी हो, तो प्लीज मुझे अपना समझ कर माफ़ कर देना. मुझे आपके ईमेल का इंतजार रहगा. आप बताना जरूर कि आपको मेरी पहली चुदाई की कहानी कैसी लगी.
मेरी ईमल आईडी है [email protected]

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