बेटे की टीचर की चूत चुदाई
मैंने अपने बेटे को पढ़ाने के लिए ट्यूशन टीचर रखी। एक दिन मेरा बेटा अपनी मम्मी के साथ शॉपिंग के लिये चला गया। तभी बारिश हो गई और टीचर भीगती हुई आई।
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मैंने अपने बेटे को पढ़ाने के लिए ट्यूशन टीचर रखी। एक दिन मेरा बेटा अपनी मम्मी के साथ शॉपिंग के लिये चला गया। तभी बारिश हो गई और टीचर भीगती हुई आई।
दीदी गर्भवती हुई तो उनकी मदद के लिये जीजू मुझे लेने आए। उनके साथ रसीले खेल की शुरूआत तो ट्रेन में ही हो गई। घर पहुंचने के बाद दीदी की शह पर क्या क्या हुआ!
सुमन के मुँह से चुदाई की बात सुन कर मैं थोड़ा चौंक गया और सुमन ने कहा- मैं तो कब से इस टाइम का वेट रही थी कि कब मेरे पति घर पर ना रहें और तुम्हें बुला कर तुम से चुदूँ।
सोनिया बोली- अब तुम लोगों ने ग्रुप सेक्स का मज़ा लेने की आदत डाल दी है.. तो एक और लण्ड का इंतजाम कर लो.. पर एक बार में एक अकेले से ही चुदवाऊँगी.. जैसे मैंने मदन से चुदवाई थी।
सोनिया बोली- वीडियो देख कर तो अब मेरा दिल भी कर रहा है कि गाण्ड मरवा कर देखूँ एक बार.. पर अगर ज्यादा दर्द होगा.. तो मेरी गाण्ड प्लीज़ मत चोदना।
सोनिया की चूत की सील तो मैंने तोड़ दी पर अब मेरा दोस्त सोनिया को चोदने की जिद करने लगा। आखिर सोनिया मेरे दोस्त से अकेली चुदने को तैयार हो गई।
इन्डियन कॉलेज गर्ल की पहली बार चूत चुदाई की सच्ची कहानी है यह… वो दिखने में बहुत खूबसूरत थी… पहले उससे दोस्ती की, फ़िर प्रोपोज़ किया और एक दिन उसे बिस्तर पर ले गया।
मैंने फ़ौरन ही उस को अपनी बांहों में ले कर चुम्बन करना शुरू कर दिया। वो भी मज़े ले रही थी पर जल्दी ही नीलम ने मुझसे कहा- यहाँ कुछ मत करो.. अगर रोशनी और अंकित जाग गए तो दिक्कत हो सकती है।
हमारे नए किरायेदार आए तो उनकी बड़ी बेटी मुझे भा गई लेकिन वो मुझसे दूर भागती थी। एक दिन उसे कॉलेज छोड़ने जाना पड़ा तो उससे बात हुई और मेरी दोस्ती उसने स्वीकार कर ली।
मेरा हाथ मेरी पैन्टी के अन्दर चला गया और मेरी उंगली मेरी चूत में आगे-पीछे होने लगी। मैं एक हाथ से अपने चूचों को दबाने लगी। उधर मम्मी पापा का लण्ड चूस रही थीं
मैं तब अनचुदी कुंवारी चूत थी जब मैंने पापा को मम्मी की चूत चोदते हुए पहली बार देखा था. उनके कमरे से आती आवाजों ने मेरी उत्सुकता बढ़ाई तो मैंने अन्दर झांका.
अनुराग कहने लगा- रोमा, मैं झड़ने वाला हूँ। तो मैंने उसे कहा- मेरे मुँह में ही अपना सारा रस निकाल दो! उसने मेरे मुँह कस
वो आया और हम होटल के कमरे में गए, कमरे में जाते ही उसने मुझे अपनी बाँहों में ले लिया और अचानक अपने होंठों को मेरे होंठों पर रख कर बेतहाशा चूसने लगा।
उसके अचानक यूँ चूमने से में थोड़ी घबरा गई और मैं उसके बदन को अपने हाथ से दूर हटाने लगी पर मैं अनुराग की मजबूत बाँहों में कसती जा रही थी, मैं अपने आपको छुड़ाने की कोशिश कर रही थी।
मैं पूरे जोश में उसके लंड को चूसने लगी। उसके लंड से भी वीर्य की गाढ़ी बाढ़ मेरे मुँह में गिरने लगी। इस बार मैं
अचानक से आनन्द ने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और चूसने लगा। मैं भी उसके होंठ काट कर चूसने लगी। अब मेरी चूत
उसने मुझे अपने से इस तरह चिपका लिया था कि उसका खड़ा लंड मेरे चूतड़ों की दरार में घुसने लगा। वो मेरे मम्मों दबाए जा
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार। आप सबने मेरी पिछली कहानियाँ पढ़ीं और बहुत पसंद किया, मुझे बहुत अच्छा लगा। उसके लिए मैं आप
प्रदीप ने मुझे भी खींच कर कार के बाहर किया और कार से एक कुशन को निकल कर कार का गेट लगा दिया और खुद
अब हमारी कार क्योंकि सिटी से बाहर आ गई थी, इसलिए अब प्रदीप की मस्ती चालू हो गई थी। उसका एक हाथ कार के स्टेयरिंग से हट कर मेरे सीने के ऊपर आ गया और वो बूब्स को दबाने लगा।
उसने मेरे हाथों को अपने कंधों पर रखा और मुझे अपनी तरफ खींच लिया तो मैं आसानी से उसके ऊपर जा गिरी। प्रदीप ने अपने होंठों को मेरे होंठों पर रखा और उन्हें चूसने लगा।
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