वैभव खरे

My self vaibhav khare and I Am Unmarried and doing job in New Delhi Basically belong from Lucknow. And only a brother in the family.

गरीबी ने चूत और नौकरी दोनों दिलाई-3

मैं जूही के बेडरूम में पंहुचा, देखा कि वहां पूजा बिस्तर पर लेटी हुई थी उसे देख मेरे पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक गयी, उसने अपने शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं पहना था।

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गरीबी ने चूत और नौकरी दोनों दिलाई -2

मैं जूही की कम्पनी में नौकरी करने लगा। एक शाम को मैं ऑफिस से निकला कि जूही की कार मेरे पास रुकी, मुझे बैठने के लिए कहा। उस दिन उसकी शादी की साल गिरह थी लेकिन उसका पति उसके साथ नहीं था।

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गरीबी ने चूत और नौकरी दोनों दिलाई -1

नौकरी की तलाश से हताश सड़क किनारे बैठा मैं अपने गले में रूमाल डाल कर सोचने लगा कि अब आगे क्या करना है। तभी एक डस्टर कार मेरे सामने आ कर रुकी और देखा कि कोई 31-32 साल की शादी-शुदा युवती थी।

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