मौसेरी भाभी की मस्त चुदाई

(Brother Wife Xxx)

ब्रदर वाइफ Xxx कहानी मेरी मौसी की पुत्र वधू के साथ मजेदार सेक्स की है. मौसाजी ने हमें अपने घर के पास मकान दिला दिया था. तो हमारा आना जाना बहुत था.

मित्रो! मैं दीपक, हाजिर हूँ आप सभी के सामने अपनी पहली ब्रदर वाइफ Xxx कहानी लेकर!

हम राजस्थान के प्रसिद्ध शहर अजमेर में पिछले 15 वर्षों से रह रहे हैं।
मेरे पिताजी रोजगार की तलाश में गांव से यहां रहने आये थे और किराए के मकान में रहकर यहीं काम करने लगे।
फिर धीरे-धीरे 15 साल बीत गए।

आर्थिक स्थिति में सुधार होने पर हमने नया घर खरीदने का विचार किया।

अजमेर में ही हमारे एक दूर के रिश्ते में मौसाजी अपने परिवार सहित रहते थे।
उन्होंने अपने पास वाले मकान के बारे में हमारे पिताजी को बताया फिर वो मकान उचित दाम में मिलने के कारण हमने खरीद भी लिया और हम वहां रहने लगे गए।

में अपनी कॉलेज खत्म कर चुका था और सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा था इसलिए घर पर रह कर पढ़ाई करता रहता था।

पास में ही मौसाजी का परिवार रहता था।
मौसाजी जल विभाग से सेवानिवृत्त थे।

उनके परिवार में मौसीजी, एक पुत्र-पुत्रवधू व 3 पोते थे।
उनके पुत्र का नाम राजेश पुत्रवधू का नाम उर्मि था।

राजेश भैया की आयु करीब 37 वर्ष व भाभी की 33 वर्ष होगी।
उनके 3 पुत्र एक ही स्कूल जाते थे उनमें सबसे बड़ा वाला जो पढ़ाई में कमज़ोर था 5वीं कक्षा में था।

राजेश भैया किराने की एक बनिये की दुकान का मैंनेजमेंट देखते थे और काफी वर्षों से वही नौकरी कर रहे थे।

मौसाजी सेवानिवृत होने के कारण घर पर रहते थे व दिन में अपने यार दोस्तों के पास चले जाते.
मौसीजी धार्मिक थी।

सुबह-शाम मंदिर जाना व दिन में सत्संग में जाना नित्य क्रिया में था।
भाभी घर संभालती व बच्चो को पढ़ाती।

अब आते हैं असल कहानी की ओर …

भाभी एक दम पटाखा माल थी।
मोहल्ले के सारे लड़कों के लण्ड उनकी चूत लेने के ख्वाब देखा करते थे और उनके नाम की ही मूठ मारा करते थे।

भाभी की पतली कमर, भरे हुए स्तन व उभरी हुई गांड ओर उस पर उनकी हिरनी जैसी चाल को देखकर लड़को के लंड पेंट में तंबू बने ही झड़ जाते थे।
कहने का मतलब है भाभी किसी अप्सरा से कम नही थी।

मैं खुद काफी बार भाभी को याद कर मूठ मारा करता था।

जैसा कि उनका बड़े वाला बेटा जिसका नाम राहुल था, वो पढ़ाई में कमज़ोर था तो मुझे उसे पढ़ाने के लिए भाभी ने मेरे मम्मी को मुझे बोला।
मम्मी ने भी उर्मि भाभी को हाँ बोल दिया।

मैं अब रोजाना उनके लड़के को पढ़ाने घर जाता रहता था।
वहां जब भाभी घर के काम करती तो मैं अक्सर चोरी छिपे गांड व स्तन पे नजर रखता था और मन ही मन उन्हें चोदने के ख्वाब देखा करता था।

भाभी को भी मेरे बारे में पता था, वो मुझ पर नजर रखती थी।

धीरे-धीरे भाभी और मुझमें दोस्ती होने लग गई और हम दोनों काफी फ्रेंडली हो गए।

एक दिन भाभी ने मुझसे पूछ ही लिया- क्या दीपक अभी तक कोई गर्लफ्रैंड बनाई या नहीं?
मैंने उनको बोला- कहाँ भाभी, हमे अच्छी लड़की मिलती ही कहाँ है?
भाभी- जनाब, तो कैसी लड़की चाहिए फिर?

मैं- बुरा मत मानना भाभी, मुझे सिर्फ आप जैसी लड़की चाहिए। मुझे आप अच्छे लगते हो।
इस पर भाभी हंसने लगे गई और बोली- हम तो वैसे भी आपके ही हैं, भाभी जो हैं।

यहां भाभी ‘आपके ही’ पर जोर देकर बोली ओर बोलते बोलते मुझे आंख भी मार दी।
मेरा पप्पू उनकी इस हरकत पर पूरा तन गया।

घर जाकर मुझे उनके नाम की मूठ मारकर उसे शांत करना पड़ा।
उन्होंने मेरे नम्बर भैया को यह बोल कर सेव कर लिया कि दिन में बाजार का काम पड़ने पर बुला सके।

धीरे-धीरे हमारी व्हाट्सएप पे बाते होना शुरू हो गई।
पहले तो मैंने नॉर्मल जोक फिर डबल मीनिंग जोक भेजने शुरू कर दिए।

धीरे-धीरे हम दोनों देवर भाभी इतना खुल गये कि सेक्स तक की बातें करना शुरू हो गये।

बात करने से पता चला कि भाभी और भैया को सेक्स करे 6 महीने से ज्यादा हो गए हैं।
अब वो भाभी को इतना समय नहीं दे पा रहे थे। भाभी प्यासी रह रही थी।

मैंने भाभी को दिलासा दिया और बोला- कोई बात नहीं भाभीजी, भैया के प्यार की कमी मैं पूरी कर दूंगा।
इससे भाभी खुश हो गई।

जब भी मैं उनके घर जाता भाभी के साथ चूमा चाटी करना, उनके स्तन दबाना, अपना लंड उनको मुंह में देता था।
लेकिन चुदाई अब भी हमारी बाकी थी।
हम दोनों सही मौके की तलाश में थे।

एक बार मौसाजी किसी काम से गांव चले गए।
साथ में मौसी भी गई।

दिन में बच्चे स्कूल गये हुए थे।
भैया भी दुकान के काम से शहर से बाहर थे।

भाभी का मेरे पास मैसेज आया- अभी फ्री हूँ, जल्दी से आ जाओ।

हमारे घरों के पीछे वन विभाग की जमीन थी तथा 4 फ़ीट दीवार थी, जो कई जगह से टूटी हुई थी।
घरों के गेट पिछली तरफ भी खुलते थे.

मैं, किसी को पता ना चले, इसलिए भाभी के घर उनके पिछले दरवाजे से गया।
और भाभी ने सारे दरवाजे आराम से बंद कर दिए।

भाभी हमेशा राजस्थानी कपड़े लहंगा चोली ही पहनती थी, उसमें गजब का माल मतलब नई नवेली दुल्हन की तरह ही लगती थी।

हम दोनों सीधा उनके बेड रूम में गये।
वहां जाते ही दोनो एक दूसरे की कर टूट पड़े और होठों से होठों के मिलन शुरू हुआ।

हम दोनों जल्दी जल्दी में एक दूसरे को किस कर रहे थे और हमारी सांस भी फूल रही थी, हम एक दूसरे को छोड़ना नहीं चाह रहे थे।

काफी देर बाद हम दोनों अलग हुए।

फिर मैंने अपने व भाभी के कपड़े उतारने शुरू किए। उनकी कुर्ती, लहंगा खोलने के बाद उनकी गुलाबी ब्रा में उनके कसे हुए बड़े बड़े मम्मे गजब लग रहे थे।
मैंने उनकी ब्रा उतार दी और उनके पूरे ऊपरी जिस्म पर चुंबन की झड़ी लगा दी।

उनके एक मम्मे को मुंह में लेकर मैं चूसने लगा व दूसरे को हाथ से दबाने लगा।
मेरी इस हरकत पे भाभी भी तिलमिलाने-छटपटाने लग गई व मस्ती में भरने लगी।

फिर मेरी नजर सीधी भाभी की पेंटी पे पड़ी.
मैंने तपाक से एक ही झटके में उसे निकाल फेंका।

भाभी की चूत एकदम साफ थी, शायद भाभी ने अपनी झाँटें आज कल में साफ की थी।

मैंने भाभी को लिटा के सीधा उनकी चूत के दोनों होंठ खोले.
उसमें से भाभी का पानी निकल रहा था व चूत पूरी गीली हो रही थी जो इतनी मस्ती के बाद भी जायज भी थी।

मैंने अपने होंठ भाभी की चूत पे लगा दिए व चूत के दाने को सहलाता हुआ, चूत से छेद में अपनी जीभ अंदर बाहर करने लगा.
भाभी मछली की तरह तड़पडने लग गई।

मुझे भाभी का पानी पीने में बहुत मज़ा रहा था।
इतने में मेरी अंडरवियर भाभी ने निकाल दी और मैंने उनको अपने ऊपर आने के लिए बोल दिया।

मैंने उनको 69 पोज में मज़े लेने का बोला।
वो भी समझदार थी, वो तुरन्त मेरे ऊपर आके मेरे लंड पे अपनी जीभ चलाने लग गई तथा अपने पांव भींच लिए जिससे घोड़ी बन गई।

अब मेरे सामने भाभी की गुलाबी चूत व गांड का छेद साफ नजर आ रहा था।
ऐसा लग रहा था जैसे मेरे बरसों की तमन्ना आज एक साथ पूरी हो रही हो।

मैंने अपनी जीभ भाभी की गांड के छेद पे चलाना शुरू कर दी, उसे गोल गोल बना के उसमें घुसाने की कोशिश करने लगा।

वाकयी में गांड चुसाई में भी खूब मजा आ रहा था, एक अलग ही सुखद अहसास था।

भाभी की गांड व चूत चुसाई में असीम सुख तो मिल ही रहा था साथ ही भाभी मेरे लंड को अपने पूरे मुंह में भर भर के चूस के अलग ही सुकून दे रही थी।
लंड एकदम गीला था।

फिर अचानक से मेरे वीर्य की पिचकारी भाभी के मुंह में छूट गई, जिसे भाभी ने पूरा निगल लिया।
इस दरमियान भाभी का पानी भी निकल गया था।

हम दोनों कुछ देर के लिए अलग हुए और हांफने लगे।

थोड़ी देर के बाद मैंने भाभी को सीधा लेटने को बोला और उनकी गांड के नीचे एक तकिया लगा के उनके पांव खोल दिये।

मेरे लण्ड महाराज तो पहले से ही तैयार थे और अपनी चूत रानी से मिलन की बेला का असीम इंतजार कर रहे थे।
चूत व लन्ड गीले तो पहले से ही थे।

मैंने अपने लन्ड का टोपा भाभी की चूत के द्वार पर रख दिया और हल्का हल्का अंदर की ओर लण्ड दबाने लगा।
गीली होने के बावजूद भाभी की चूत कसी हुई थी क्योंकि भाभी ने कई महीनों से लंड नहीं लिया था।

मैंने आधा लन्ड अंदर डाला था कि ब्रदर वाइफ Xxx मस्ती में चिल्लाने लगी.
और मैंने जैसे ही पूरा लंड डाला, भाभी रोने-गिड़गिड़ाने लग गई।
मैंने लण्ड अंदर डाले रखा और हरकत बंद कर दी।

कुछ देर बाद जब भाभी सामान्य हुई तो बोली- मैंने तो सोचा मर ही जाऊंगी, इतना बड़ा लण्ड किसी का कैसे हो सकता है, तुम्हारे भैया से तुम्हारा काफी बड़ा है।

फिर मैंने लण्ड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और भाभी को कहा- भाभी, आज से ये आपका है, जब मन करे चुदो इससे!

भाभी की चूत इतनी मुलायम व गर्म लग रही थी जैसे रूई हो।
मस्ती में भाभी आहें भरने के साथ-साथ बोलने लगी- और तेज … और तेज चोदो देवरजी! आज पूरी चूत फाड़ दो मेरी! आज से ये भाभी आपकी पत्नी है। जब मर्जी करे आकर चोद डालना इसे!

लन्ड की ठुकाई का आनंद हम दोनों को अच्छा लग रहा था।
फिर भाभी मेरे ऊपर आ गई और लण्ड को पकड़ कर अपनी चूत के मुंह पर रखकर उसपे बैठ गई जिससे पूरा लन्ड भाभी की चूत में समा गया।

अब भाभी ऊपर नीचे हो रही थी व अपनी गांड को गोल गोल घूमा के अच्छी चुदाई करवा रही थी।

हम दोनों को असीम काम वासना का सुख प्राप्त हो रहा था।
ऊपर से लण्ड लेते लेते भाभी झड़ गई व थक कर मेरे ऊपर लेट गई।

मैंने भाभी को मेरे ऊपर से हटाया और घोड़ी बनने को बोला।
भाभी थकी हुई थी फिर भी घोड़ी बन गई।

मैंने उनकी गांड को पकड़कर लण्ड को पीछे से भाभी की चूत में घुसेड़ दिया व धक्के लगाने लगा।
आगे-पीछे, आगे-पीछे कर कर भाभी की चूत को पीछे से ठोक रहा था, साथ में भाभी भी अपनी गांड आगे पीछे करके मज़े ले रही थी।

काफी समय के बाद भाभी फिर से झड़ गई।
फिर 10-15 झटकों के बाद भाभी की चूत की चिकनाई से मेरा पानी भी भाभी की चूत में निकल गया।

मैंने मेरे वीर्य की एक एक बूंद को भाभी की प्यारी चूत में छोड़ दिया तथा अलग होकर आराम करने लगा।
भाभी भी पास ही लेट गई।

इतने में बच्चों के स्कूल से आने का टाइम भी हो रहा था तो मैंने और भाभी ने अपने अपने कपड़े पहने.
और जाते जाते भाभी को एक किस देते हुए पीछे के गेट से निकल कर अपने घर आ गया।

तो ये है मेरी भाभी की चुदाई की कहानी दोस्तो! उम्मीद है आप सभी को पसंद आएगी।
आप सभी को ये ब्रदर वाइफ Xxx कहानी कैसे लगी, मुझे मेल कर के जरूर बतायें।
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top