कामुक भाभी की चुदाई का सुख-2

(Kamuk Bhabhi Ki Chudai Ka Sukh- Part 2)

समीर रॉक 2018-05-12 Comments

This story is part of a series:

अब तक भाभी की वासना की कहानी के पहले भाग
कामुक भाभी की चुदाई का सुख-1
में आपने पढ़ा था कि मेरे पड़ोस की सेजल भाभी ने मुझे सूदखोरों के चंगुल से बचाया था और अब वे मुझे एक अजीब तरह की सजा दे रही थीं, जो मेरे भेजे से बाहर थी.
अब आगे:

मैंने जैसे ही दरवाज़ा खोला, भाभी नाश्ते की बड़ी सी प्लेट और जूस के साथ बाहर खड़ी थीं, अपने पुराने स्टाइल में ऊपर से नीचे तक ढकी हुईं. भाभी हमेशा की तरह बहुत ही मासूम लग रही थीं.
मुझे बिना कुछ कहे वे अन्दर आ गईं और नाश्ता टेबल पर लगाने लगीं… फ़िर बोलीं- चलो फटाफट नाश्ता कर लो.

मुझे जबरदस्ती पूरा नाश्ता खत्म करवा के जूस पिला कर भाभी वापस जाने लगीं; फ़िर जैसे कुछ भूल गई हों, वैसे पलट कर बोलीं- शाम को 5 बजे भूलना मत…!
और बस चली गईं.
मैं सोचने लगा कि क्या मुसीबत है यार… पर क्या कर सकता था.

मैं फ़िर 5 बजे पहुंच गया और फ़िर वो ही सब फिर से मेरे साथ हुआ.
अब ये मेरा रोज़ का रूटीन हो गया था बस फर्क ये था कि हर 3 दिन बाद मेरे लंड पर वजन दुगना हो जाता था और 500 ग्राम के बाद वजन स्थिर हो गया था.

मैं अब भाभी के नाम की रोज़ मुठ मारता था और उनको चोदने के सपने देखता था.

ऐसे ही 2 महीने बीत गए. अब तो मुझे भी आदत लग गई. मैं खुद को काफ़ी फिट महसूस कर रहा था और मेरा लंड भी पहले से कई गुना ताक़तवर हो गया था. भाभी के बारे में अभी तक कुछ समझ नहीं आ रहा था क्योंकि उनकी हरक़तों को समझना बहुत मुश्किल था.

दो महीने बाद एक दिन सुबह भाभी का फोन आया- हैलो समीर, आज से एक्सर्साइज खत्म, आज रात का खाना साथ खाएंगे, रात को 8 बजे रेडी हो कर घर आ जाना.
मैं- ओ के भाभी.
उन्होंने फोन रख दिया.
इधर मुझे राहत की साँस मिली कि चलो जान छूट गई.

दिन कैसे गुजरा, पता ही ना चला. रात के 8 बजे मैं तैयार होकर उनके घर पहुंच गया. मैंने डोरबेल को बजाया, उन्होंने दरवाजा खोला. मैं उनको देखता ही रह गया. आज उन्होंने रेड कलर का डीप नेक का सेक्सी सा गाउन पहना हुआ था, जो कमर तक एकदम फिट था और कमर के नीचे थोड़ा सा ढीला सा, बहुत ही ज्यादा सेक्सी लग रहा था.

भाभी इस वक्त काम की देवी लग रही थीं, उनका जिस्म किसी अनजानी खुशबू से महक रहा था. आज मुझे उनके फिगर का काफ़ी हद तक अंदाज़ा लगाने का मौका मिला था. उनकी 32 इंच की चुची, जो डीप नेक के गाऊन से बाहर निकलने को बेताब दिख रही थीं. नीचे 28 इंच की पतली सी कमर थी.

उन्होंने चुटकी बजाई और बोलीं- क्या देख रहे हो?
मैं बोला- कुछ नहीं भाभी… आज आप काफ़ी सेक्सी लग रही हो.
सेजल भाभी- तुम भी कुछ कम नहीं हो. यहीं खड़े रहोगे या अन्दर भी आओगे?

वो मुड़ीं और जाने लगीं. इस वक्त वो किसी मॉडल तरह गांड मटकाते हुए जा रही थीं. यह मादक नजारा देख कर मेरे लंड ने सलामी देना शुरू कर दिया. उनकी गांड 34 इंच की एकदम गोल गोल और उठी हुई थी.

मैं भी उनके पीछे चल दिया. उन्होंने सोफे पे बैठने को कहा, मैं बैठ गया.
वो बोलीं- आज तुम्हारे भैया कम्पनी के काम से 4 दिन के लिए बाहर गए हैं.
मैंने अपने लंड को तसल्ली दी कि माल चुदाई के लिए मिल सकता है.

फ़िर उन्होंने फोन पे खाना ऑर्डर किया.
मैं उनको देखता रहा.
भाभी दारू पीने का इशारा करते हुए बोलीं- कुछ पीयोगे??
मैं- हाँ जरूर…

वो अन्दर गईं और रम की एक बोतल उठा कर आईं और 2 गिलास भी थे. फ़िर भाभी ने दो लार्ज पैग बनाए और मेरी आशा के विपरीत आकर मेरी गोद में बैठ गईं.

उनकी इस हरकत से मैं हड़बड़ा गया.
वो बोलीं- डरो मत…
भाभी अपने हाथ से मुझे रम पिलाने लगीं.

सेजल भाभी- अभी तक तुम्हारी ट्रेनिंग चल रही थी, इसलिए तुमको छूने नहीं दिया… अब ट्रेनिंग खत्म हो गई. अब मैं पूरी तुम्हारी हूँ. बिल्कुल भी मत शर्माना और ना ही कोई रहम खाना.
मैं- ओके भाभी.
सेजल भाभी- खाना खाने से पहले वार्मअप कर ले मेरे शेर!

अब मेरा डर बिल्कुल खत्म हो गया था, मैं बोला- क्यों नहीं मेरी रानी.

हम दोनों एक ही घूँट में अपने अपने गिलास खत्म किए… और फ़िर किस करने के लिए एक दूसरे की तरफ़ होंठ आगे किए.

जैसे ही मेरे होंठों ने उनके होंठों को छुआ, अजीब सा मज़ा आया और मैं पागलों की तरह भाभी के होंठों को चूसने लगा. मैं कभी उनके होंठ चूसता, कभी उनकी गर्दन चूमता. अब मेरे हाथ उनके जिस्म पर घूमना शुरू हो गए थे. मैं एक हाथ से उनकी गांड सहला रहा था और दूसरे हाथ से उनकी चुचियां दबा रहा था.

उनके मुँह से ‘आहह उफ्फ्फ्फ सीईईईईउ…’ जैसी आवाज आ रही थी.

मैं अपना हाथ भाभी की चूचियों से हटा के धीरे धीरे उनकी चूत की तरफ़ ले गया. जैसे ही मैंने उनकी चूत को छुआ कि डोरबेल बजी.

हम दोनों चौंक गए और दूसरे की तरफ़ देखने लगे और फ़िर हम दोनों हँसने लगे जैसे कि भाभी की चूत में डोरबेल का स्विच लगा हो और मेरे चूत छूने से बेल बज उठी हो!
सेजल भाभी- मैं खाना लेकर आती हूँ.

वो उठीं, खुद को ठीक ठाक किया और गांड मटका कर दरवाज़े की तरफ़ चल दीं. उन्होंने दरवाज़ा खोला तो एक छोटा सा क्यूट सा लड़का खाना देने आया था.

खाना देने आए लड़के को बिल का पैसा दिया और 100 रुपये एक्स्ट्रा दिए और बोलीं- ये लो बेटा आपकी टिप
वो लड़का जाने लगा तो सेजल भाभी पीछे से बोलीं- बेटा कुछ भूल रहे हो तुम…!
उस लड़के ने पलट कर अपने सर पर हाथ मारा और बोला- सॉरी मौसी, भूल गया… आई लव यू मौसी!
ये बोल कर वो जाने लगा.

यह नजारा देख के उनके लिए दिल में और इज्जत बढ़ गई.

फ़िर वो आईं और गुनगुनाते हुए टेबल पर खाना सजाने लगीं.
मैं- क्या गा रही हो भाभी, जोर से गाओ ताकि मैं भी सुन सकूं.
उन्होंने सुर तेज कर दिया… और मुस्कुराते हुए गाने लगीं.

आज दिखा दे मुझे लव करके…
ओ बेबी बांहों में भर के…
जो भी सोचा सपनों में,
आज दिखा दे मुझे सब करके…
तू इश्क है मेरा तू इश्क मेरा…
तू ही मेरी रातों का नशा…

वो मेरे सामने देख कर मुस्कुरा रही थीं. मैं भी उनके सामने मुस्कुरा रहा था. उनकी आंखों में मुझे वासना स्पष्ट नजर आ रही थी.

खाना टेबल पर परोसने के बाद वो बोलीं- चलो पहले खाना खा लो.

मैं सोफे से उठा और खाना खाने के लिए बैठ गया. वह भी सीधा आकर मेरी गोद में बैठ गईं. मेरा लंड पहले से ही खड़ा था. जैसे ही वो मेरी गोद में बैठीं, मेरा लंड मुड़ गया और मुझे दर्द हुआ. वो थोड़ा ऊपर को उठीं और मेरा लंड अपनी गांड की दरार में सैट करके फ़िर से बैठ गईं.

अब सेजल भाभी, अपने हाथों से मुझे खिलाने लगीं. हम दोनों खाना कम खा रहे थे और खेल ज्यादा रहे थे. वह मुझे अपने हाथों से खाना खिलाए जा रही थीं और फिर मेरे मुँह पर लगा खाना चाटे जा रही थीं. जिंदगी में खाना खाने में इतना मजा कभी नहीं आया था.

मुझे खाना खिलाते हुए वो अपनी मक्खन गांड को मेरे लंड पे रगड़ रही थीं… जिससे मुझे दोहरा मज़ा मिल रहा था.

हम दोनों ने जैसे-तैसे खाना खत्म किया और फिर हाथ धोए. मैं सीधा बाथरूम में फ्रेश होने चला गया. मैं जैसे ही बाथरूम से बाहर आया तो देखा वो सोफे पर बैठी थीं और उंगली से इशारा करके मुझे अपने पास बुलाने लगीं.
मैं सोफे की तरफ़ बढ़ा और उनके पास जाकर बैठ गया और उनको अपनी तरफ़ खींच कर उनको किस करने लगा.

थोड़ी देर उनको किस करने के बाद उनको गोद में उठाया और सीधे उनके बेडरूम की तरफ बढ़ने लगा. रास्ते में वह मेरे शरीर से ऐसे लिपटी हुई थीं, जैसे चंदन के पेड़ से सांप लिपटा हुआ होता है.

मैंने उनको जाकर सीधा बेड पर पटक दिया और अपनी टी-शर्ट उतार के फेंक दी. मैं बेड पर उनके बाजू में लेट गया. आज मेरे पास लाल कलर के डीप नेक के गाउन में मेरे सपनों की रानी लेटी थी. मैंने धीरे से उनके बालों पे हाथ फिरा दिया, वो आंखें बंद करके साथ देने लगीं.

मैंने एक उंगली उनके सर पे रखी और धीरे धीरे नाक से लेते हुए उनके होंठों पर ले आया. सेजल भाभी ने अपना मुँह थोड़ा सा खोल दिया. मैंने जैसे ही उंगली उनके मुँह में डाली, उन्होंने मेरी उंगली को हल्का सा काटा… मुझे दर्द हुआ लेकिन मजा भी आया.

फ़िर वो मेरी उंगली को चूसने लगीं. मैंने उंगली उनके मुँह से निकाली और हाथ सीधा उनके मम्मों पर रख दिया.
उनके मुँह से सीत्कार निकली- सीईईईई…

अब मैं उनके दोनों मम्मों को बारी बारी से सहला रहा था.
वो बड़बड़ा रही थीं- आह सैम… मेरे सपनों के राजकुमार… आआहह… उफ्फ… क्या जादू है तुम्हारे हाथ में… उफ्फ… अगर हाथ में इतना जादू है, तो लंड में कितना होगा!

थोड़ी देर उनके जिस्म को कपड़ों के ऊपर से सहलाने के बाद मेरी नज़र एक कैंची पे पड़ी. मैं उठा और टेबल पर से वो कैंची उठा कर बिल्कुल उनके पैरों के पास बैठ गया.

फ़िर झुक के उनके लेफ्ट पैर के अँगूठे को मुँह में लेकर चूसना शुरू किया, उनको एक झटका सा लगा. उनके मुँह से एक लंबी सिसकारी निकली- सईईई… ईईई…

फ़िर थोड़ी देर उनके पैर का अंगूठा चूसने के बाद मैं उठा और उनकी ड्रेस को पकड़ कर दोनों टांगों के बीच से काटना शुरू किया. वो सर उठा कर मुझे देखने लगीं. मैंने ड्रेस को उनके घुटनों के थोड़ा ऊपर तक काटने के बाद छोड़ दिया और उनके दोनों घुटनों को चूसने लगा. उन्होंने बिस्तर पर अपना सर पटका और जोर जोर से लेफ्ट राइट मूव करने लगीं.

थोड़ी देर उनके घुटनों को चूसने के बाद में मैंने फ़िर से कैंची उठाई और 2″ ड्रेस और काटने के बाद फ़िर से किस करने लगा. ऐसे करते करते मैं उनकी चूत तक पहुंच गया.

जैसे ही मैंने उनकी चुत के ऊपर की ड्रेस काटी, उनकी ब्लैक कलर की पैंटी दिखी. वो सेजल भाभी के कामरस से बहुत ही गीली हो चुकी थी और उनकी चूत से एक बहुत मादक खुशबू आ रही थी. शायद उन्होंने अपनी चूत पे कोई परफ्यूम लगाया हुआ था.
मैंने पैंटी के ऊपर से ही सेजल भाभी की चुत को चूमा, नमकीन चिपचिपा सा पानी मेरे होंठों पे लग गया.

वो झटके से सर उठा कर मेरी ओर देखने लगीं, मैं भी उनको देखने लगा; हम दोनों की आंखें मिलीं और उन्होंने कामुक अंदाज़ में अपने होंठों को दाँत के बीच काटा और ‘आहहह्ह्ह…’ किया.
मैं पागल सा हो गया और जोर जोर से सेजल भाभी की चुत को पैंटी के ऊपर से ही चूसने लगा. मुझे सेजल भाभी के काम रस का टेस्ट बहुत ही अच्छा लगा.

थोड़ी देर उनकी चूत चूसने के बाद में ऊपर की ओर बढ़ने लगा… और उनकी ड्रेस नाभि के ऊपर तक काट दी.
सेजल भाभी की नाभि बहुत सेक्सी थी, एकदम गोल गोल और गहरी… मैंने जीभ को नुकीला करके उनकी नाभि में जीभ को घुसा दिया, वो मजे से उछल गईं.

सेजल भाभी की नाभि को चूसने के बाद मैं आगे बढ़ा और सम्भाल कर उनकी ब्रा बचाते हुए पूरी ड्रेस काट दी. उनकी 32″ की चूचियां ब्रा के अन्दर कैद किसी कबूतर की तरह कैद तड़फती हुई सी लग रही थीं. उनके मम्मे एकदम सफेद मक्खन से गोरे गोरे लग रहे थे. मैं उठा और कैंची टेबल पर रख कर उन्हें निहारने लगा.

भाभी ने मुझे अश्लील इशारा किया और एक आँख मारी.

मैंने वापस आकर उनके मम्मों को ब्रा के ऊपर से अपने मुँह में भर लिया और एक एक करके दोनों मम्मों को चूसने लगा. फ़िर सेजल भाभी के होंठों पे किस करके उनको घुमा कर उल्टा लेटा दिया. अब मैं उनकी गोल गोल गांड पर हाथ रगड़ने लगा और फ़िर नीचे जाकर उनके दोनों चूतड़ों को किस किया.

अगले ही पल मैंने भाभी के एक चूतड़ पर जोर से काट लिया. भाभी की दर्दनाक चीख निकल गई. वो बोलीं- मादरचोद… ये क्या कर रहा तू??
मैंने इग्नोर किया और उनके दूसरे चूतड़ पर भी जोर से काटा. इस बार वो फ़िर चिल्लाई और खड़ी हो गईं.
फ़िर पता नहीं उनको क्या हुआ, उन्होंने धक्का देकर मुझे बेड पे गिरा दिया. उनका नाखून मेरी छाती में गड़ गया था और वहां से थोड़ा खून निकलने लगा.

दोस्तो, मेरी इस भाभी की वासना की कहानी में मजा आ रहा है? मुझे ईमेल जरूर कीजिएगा.
[email protected]
कहानी जारी है.

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