मोटी गांड वाली लड़की की चुदाई

(Rajasthan Bhabhi Fuck Story)

राजस्थान भाभी फक स्टोरी में मैंने मार्केट में एक लड़की को देखा. देखते ही मेरा दिल वाइब्रेट होने लगा. मैंने उसे पटाया तो पता चला कि वह शादीशुदा है. फिर भी मैंने उसे चोदा.

दोस्तो, मैं आपका साथी दीपक आप सभी के लिए एक नई सेक्स कहानी लेकर फिर से हाजिर हूँ.

जैसा कि आपको मेरी पिछली सेक्स कहानी
मौसेरी भाभी की मस्त चुदाई
को पढ़ कर पता हो गया था कि मैं अजमेर राजस्थान में रहता हूँ, कॉलेज की पढ़ाई खत्म करके सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा था.

मेरे घर वालों ने मुझसे पैसा कमाने के लिए कुछ काम करने का कहा और मैंने भी सोचा कि क्यों ना खुद के खर्चे के लिए कहीं पार्ट टाइम काम किया जाए.

यह सोचते हुए मैंने अपने एक फ्रेंड के साथ काम करने का तय किया.
उसकी एक ई-मित्र की दुकान थी.
उसे भी एक सहयोगी की जरूरत थी.

मैं वहां शाम 4 से 8 बजे तक के लिए जाने लगा.

वहां सैटल होने में ज्यादा समय नहीं था क्योंकि वह शॉप मेरे लंगोटिया यार की जो थी.
काम के समय काम करते बाकी मस्ती मजाक, पार्टी चलती रहती.

यहीं पर मेरी यह राजस्थान भाभी फक स्टोरी बनी.

हमारी शॉप के पास ही एक बहुत बड़ी स्टेशनरी की शॉप भी थी.

एक दिन शाम को मैं यूं ही दुकान के बाहर खड़ा था तो एक लड़की उस बाजू वाली शॉप से निकली.
वह एक लड़के के साथ निकली थी.

उसे पहली नजर में देखते ही मेरा दिल वाइब्रेट होने लगा.

हालांकि उसी वक्त मेरी दुकान में ग्राहक आने पर मुझे अन्दर जाना पड़ गया.
मैं अपने नसीब पर बहुत पछता रहा था.

फिर कुछ दिन बाद वह वापस उस तरफ को आई.
उस दिन वह अपनी एक सहेली के साथ आई थी.

वह हमारी दुकान के आगे से गुजरी तो इस बार दुकान में मेरा दोस्त भी था.
मैंने अपने दोस्त से कहा कि मैं अभी आता हूँ.

उसने ओके कह दिया.

अब मैंने उस लड़की का पीछा किया.
आगे चल कर रास्ते में एक चाट की ढकेल देख कर रुक गई और वे दोनों पानी की टिकिया खाने लगीं.

मैं उधर करीब ही खड़ा होकर अपने फोन से किसी को लगाने का ड्रामा करने लगा.
वे दोनों लड़कियां आपस में बात कर रही थीं.

उसकी सहेली उस लड़की का नाम शर्मिला बोल बोल कर उससे बात कर रही थी तो मुझे अपनी पसंद वाली लड़की का नाम पता चल गया.

कुछ देर बाद वे दोनों आगे चल दीं तो मैं वापस उनके पीछे लग गया.

इस तरह से मैंने उस लड़की का उसके घर तक पीछा किया और उसका घर देख लिया.
उसका घर हमारी दुकान के पीछे 4 गली बाद वाली गली में था.

घर पर राधेश्याम लिखा हुआ था.

अब मैं आपको इस शर्मिला यानि मेरी जान के बारे में बता देता हूँ.
उसकी शक्ल हूबहू रवीना टण्डन से मिल रही थी.

बड़ा ही मस्त फिगर था और उसकी गांड थोड़ी बड़ी थी, जिसे देखते ही किसी के भी लौड़े में पानी आ सकता था.
उसकी पतली टांगें, मोटी गांड उसकी कसी हुई जीन्स में कमाल लग रही थीं.

सच में वह लौंडिया मुझे पहली नजर में ही एकदम कयामत माल लगी थी और मैं उसकी लेने के मूड में आ गया था.

अब सवाल उसे पाने का था, उससे दोस्ती करने पर अटक गया.

मैंने शर्मिला गुप्ता नाम से इंस्टाग्राम पर सर्च मारा तो खूब सारी आईडी मिलीं, पर वह नहीं दिखाई दी.
मैं उसे नहीं ढूंढ पाया.

मगर क्या करता यार मेरा लंड उस लड़की का दीवाना हो गया था.
मुझे उसे किसी भी कीमत पर हासिल करना था, उससे प्यार जो हो गया था.

एक दिन मौका पाकर मैं अपनी सैटिंग उर्मी भाभी के घर गया.
जो दोस्त उर्मी भाभी के बारे में नहीं जानते, वे मेरी पिछली कहानी मौसेरी भाभी की मस्त चुदाई से जान सकते हैं.

घर में सिर्फ भाभी और ब/च्चे थे. मुझे हर जगह उसी लड़की के ख्याल आ रहे थे.
फिर जब ब/च्चे बाहर गए तो मैंने उर्मी भाभी को बहुत चोदा.

उस दिन तो मैंने अपनी पसंद की लड़की उर्मिला गुप्ता को दिमाग में रखकर भाभी की खूब चूत मारी.

भाभी भी कहने लगीं- आज तुम्हें क्या हुआ … इतनी एनर्जी कहां से लाये हो. आज तो तुम मुझे चोदना कम और खाना ज्यादा चाह रहे हो!
सच में उस दिन मैंने भाभी को रगड़ कर रगड़ कर खूब चोदा था.

जब मैं भाभी की चूत के अन्दर झड़ गया तो थोड़ी देर वहीं भाभी के साथ नंगा लेट गया और भाभी से बात करने लगा.

भाभी पास में नंगी लेटी हुई थीं और मेरे मुरझाए हुए लंड को सहला रही थीं.
जब लंड वापस खड़ा होने लगा तो मैंने भाभी को घोड़ी बनने को कहा.

भाभी समझ गईं कि मैं उनकी गांड का बाजा बजाना चाहता हूँ.
मैंने उनकी गांड में खूब सारा थूक लगाया और अपनी उंगली अन्दर डाल कर अन्दर बाहर करने लगा.

फिर लंड को गांड के छेद में टिकाकर हल्के हल्के से अन्दर डालने लगा.
भाभी पूरा लंड अन्दर झेल गई क्योंकि अब तक मैं उनकी काफी बार गांड मार चुका था.

मैंने पहले धीरे धीरे झटके लगाने शुरू किए और उनकी रसीली चूचियां पकड़ कर भाभी की गांड मारने लगा.
कभी मैं उनकी गांड मसलता, तो कभी चूचे मसलता.

कसम से दोस्तो गांड मारने में बहुत मज़ा आता है और ये बात सिर्फ वे लोग जानते हैं, जिन्होंने किसी औरत या लड़की की गांड मारी हो.
भाभी भी मस्त मस्त आवाजें निकालने लगीं और गांड आगे पीछे करने लगीं.

कुछ देर बाद मैं भाभी की गांड में ही झड़ गया और पलंग पर लेट गया.
फिर अपने घर पर आ गया.

हालांकि मेरी उर्मी भाभी के जिस्माना सम्बन्ध काफी समय से चल रहे थे और मेरे लंड की भूख भाभी की चूत और गांड से मिट रही थी.

फिर भी उस लड़की की सूरत मेरे दिल में बस गई थी क्योंकि वह लड़की सच में बहुत खूबसूरत थी.

फिर एक दिन किस्मत ही कहें कि वह हमारी दुकान पर एक फॉर्म भरवाने आयी.
तब उसका फॉर्म मैंने ही भरा.

उस दिन मैं उसकी आंखों में आंखें डालकर बात कर रहा था.
वह भी अच्छी तरह से बात कर रही थी.

जाते समय मैंने उससे हमारी दुकान की इंस्टाग्राम आईडी को फॉलो करने का कहा तो वह मुस्कुरा कर चली गई.

हमारी दुकान का इंस्टाग्राम अकाउंट मैं देखता था.

दूसरे दिन उसने अपनी आईडी से फॉलो किया तो जवाब में मैंने उसे उसके इनबॉक्स में जाकर थैंक्स बोला.
उसने भी वेलकम कह कर जबाव दिया.

इस तरह से धीरे धीरे हमारी बात होने लगी.

पहले हम दोनों इंस्टाग्राम पर एक दूसरे से सहज हुए, फिर फोन नम्बर एक्सचेंज हो गए.

एक दिन हिम्मत करके मैंने उसे प्रपोज़ कर दिया तो वह नाराज हो गई और उसने 4-5 दिन तक मुझसे बात नहीं की.
फिर एक दिन उसी का मैसेज आया तो हमारी बात वापस शुरू हुई.

तब उसने बताया कि वह मुझसे प्यार नहीं कर सकती क्योंकि वह पहले से शादीशुदा है.
ये सुन कर मेरे पांवों के नीचे से जमीन खिसक गई क्योंकि ना तो उसकी मांग में सिंदूर दिखा था और ना ही गले में मंगलसूत्र!

यह पूछने पर उसने बताया कि उसका हसबेंड बाहर विदेश में रहता है. वह हल्का सा ही सिन्दूर लगाती है और मंगलसूत्र के नाम पर एकदम छोटा सा लाकिट पहनती है. यह उसके कपड़ों में नीचे दब जाता है.
चूंकि वह ज्यादातर जीन्स और टी-शर्ट ही पहनती थी तो उसकी बात में दम था … क्योंकि यदि वह ब्लाउज पहनती तो उसके गले से उसका यह लाकिट दिख सकता था.

मैंने फिर भी उसे बड़ी मुश्किल से मेरे प्यार के लिए राजी किया और वादा किया कि ये टॉप सीक्रेट सिर्फ हम दोनों के बीच रहेगा.
अब हम दोनों एक दूसरे कभी कहीं तो कभी कहीं मिलने लगे और एक दूसरे के हाथ को पकड़ कर अपने प्यार को जताने लगे थे.

कभी हम दोनों किसी पार्क में मिलने आ जाते तो कभी किसी दूर के रेस्टोरेंट में मिलने आ जाते.

जब हम दोनों पास होते तो मैं उसे देख कर गर्म हो जाता और मेरा लंड पैंट में तंबू बना देता.
उसे देखकर वह भी मुस्कुरा देती.

एक दिन हम दोनों ने साथ में फ़िल्म देखने का विचार किया और एक साउथ की मूवी देखने चले गए जो तमिल भाषा में ही थी.

उस भाषा के दर्शक कम आते हैं, तो हमें सिनेमा हॉल में एकांत मिलने का मौका था.
हम दोनों को ही फ़िल्म से कोई मतलब नहीं था, हमें तो बस साथ में मज़े करने थे.

टिकट भी मैंने साइड में लास्ट वाले बुक किए थे.
थिएटर में बहुत कम भीड़ थी, सिर्फ बीच की एक दो लाइन में लोग बैठे थे.

हम दोनों अपनी जगह पर जाकर बैठ गए.
बैठने के कुछ ही देर बाद मैंने उसकी टी-शर्ट को पीछे से ऊपर उठा दिया और उसकी ब्रा का हुक खोल दिया.

ब्रा ढीली हुई तो मैं आगे से उसके टॉप को ऊपर करके उसकी रसभरी चूचियां दबाने लगा.
उसे भी अपने दूध मसलवाने में बड़ा मजा आ रहा था.

फिर हम दोनों ने एक दूसरे को किस करना शुरू कर दिया.
हम दोनों को फ़िल्म से लंड मतलब नहीं था.
मैं बस उसकी चूचियों में अपना मुँह घुसेड़ कर उसके दोनों मम्मों को बारी बारी से चूस रहा था और वह आह आह करके मेरे सर को अपने मम्मों में दबा रही थी.

इस तरह से पूरी फ़िल्म में हम दोनों ने मज़े ही मज़े किये और उसके बाद हम दोनों अपने अपने घर आ गए.

उस दिन से हम दोनों एक दूसरे से बेइंतेहा मोहब्बत करने लगे और चाहने लगे.
अब हम दोनों हसबेंड बीवी की तरह चैटिंग करने लगे थे.
सेक्स को लेकर भी खुल कर बात करने लगे.

उसको मैंने बहुत बार नंगी वीडियो दिखाई और उसको गर्म करके वीडियो कॉल पर नंगी अवस्था में बात की.

उसके सामने मैं अपना लंड निकाल कर मुट्ठ मारता तो उसे वीडियो कॉल में बाथरूम में या उसके रूम में नंगी करवाता.

उसकी चूत बड़ी ही मस्त थी दोस्तो … और उसकी ठोस चूचियों का तो पूछो ही मत!

हम दोनों अब तक बहुत बार वीडियो चैट पर खुल कर सेक्स कर चुके थे.
एक दिन मैंने उसे वास्तव में सेक्स करने को कहा, तो वह भी मान गई क्योंकि उसकी चूत में भी खुजली मच रही थी.

मैंने उससे बाहर मिलने को कहा और सेक्स करने को पूछा तो वह मान गई.
उसने मुझसे किसी सेफ जगह पर मिलने के लिए कहा.

मेरे एक दोस्त की फैमिली गांव रहती थी और वह भी गांव गया हुआ था.
वह अपने घर की चाबी मेरे पास ही छोड़ कर जाता था.

मैंने उससे अपनी जीएफ को उसके घर ले जाने को कहा, तो वह मान गया.

वह मेरा काफी अच्छा और बहुत पुराना दोस्त था.
वह खुद साला अपनी जीएफ को अपने घर में लाकर चोदता रहता था.

फिर एक दिन शर्मिला अपने घर से अपनी सहेली के घर जाने का बोलकर निकल गई.

रास्ते में मैंने उसे अपनी बाइक पर बैठाया और उसे अपने उसी दोस्त के घर लेकर आ गया.

हम दोनों दोस्त के घर के अन्दर दाखिल हुए और सीधे बेडरूम में आ गए.
अन्दर आते ही दोनों एक दूसरे के होंठों पर टूट पड़े.

हम दोनों ने बिना रुके करीब 10 मिनट तक एक दूसरे के होंठ और जीभ के रस को पिया.
उसी दौरान मेरे हाथ उसके बूब्स और गांड की गोलाइयों पर चल रहे थे.

कसम से दोस्तो, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
उसकी गांड को दबाकर मैंने उसे भी गर्म कर दिया था.

फिर मैंने उसकी टी-शर्ट और ब्रा को एक ही झटके में उतार दिया जिससे उसकी सेव जैसी चूचियां बाहर फुदकने लगीं.

फिर उसको पलंग पर लिटाकर मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसके दूध पीने लगा.
एक दूध को हाथ से दबाता और दूसरे को मुँह में लेकर चूसने लगता.

मैंने उसके दोनों मम्मों को बारी बारी से लगातार पी रहा था और वह मीठी मीठी आहें भर रही थी.
वह खुद अपने हाथ से मेरे सर को पकड़ कर अपने मम्मों पर आगे पीछे कर रही थी.

मैंने उसके निप्पल इतने ज्यादा चूसे कि उसके मम्मों में से सच में हल्का सा पानी आ गया.
फिर मैं उसकी जीन्स उतारने लगा.

उसे नंगी करने के बाद मैंने खुद के भी कपड़े उतार दिए.
अब वह मेरे सामने सिर्फ पैंटी में थी और मैं उसके सामने मादरजात नंगा था.
हमारी आंखें वासना से तप्त हो गई थीं और जैसे ही आंखें मिलीं तो वह मेरे सामने मुस्कुराने लगी थी.

मैंने अपने लौड़े को पकड़ कर सहलाते हुए उसे दिखाया तो वह मेरे मूसल लंड को देखकर थोड़ा डर रही थी.
मैंने उससे लंड के बारे में पूछा तो उसने बताया कि यह तो वीडियो चैट सेक्स से भी बड़ा लग रहा है, इसलिए मैं डर गई हूँ. फिर वह चैट थी, जबकि यह सामने से मेरे साथ सेक्स करने का अवसर है.

उसने यह भी बताया कि उसके पति का लंड मेरे लौड़े से काफी छोटा है.

अब मैंने उसे समझा बुझा कर उसकी पैंटी उतार दी.

वह नंगी हुई तो मेरे सामने जन्नत का दरवाजा खुला था.
उसकी चूत एकदम साफ थी, झांट का एक बाल भी नहीं था.

मैंने उसकी चुत की फांकों को फैलाया तो अन्दर एकदम गुलाबी रंगत वाली भोस मेरे सामने थी.
मैं अपनी किस्मत पर बहुत नाज कर रहा था.

मुझसे रुका न गया तो मैंने अपनी जीभ बाहर निकाल कर उसकी चूत पर लगा दी.
वह सिहर उठी और मेरे सर के बाल पकड़ कर आह आह करने लगी.
मैं चुत पर जीभ चलाने लगा.

मैं अपने साथ एक डेयरी मिल्क चॉकलेट लाया था.
कुछ देर बाद मैंने उसे तोड़ा और हाथ में टुकड़ा लेकर उसकी चूत में डाल दिया.

चुत की गर्मी से चॉकलेट पिघल गई और मैं जीभ से चॉकलेट को चाटने व खाने लगा.
मस्त स्वाद आ रहा था तो मैं बेरहमी से चूत चाटने लगा.

वह आह आह करती हुई इधर उधर हो रही थी.
वह मेरे चेहरे को अपनी चुत से दूर हटाने की कोशिश कर रही थी.

धीरे धीरे डेरी मिल्क ज्यादा पिघलने लगी और उसकी चूत के पानी से बाहर आने लगी, जिससे उसकी चूत का पानी नमकीन और मीठा होने लगा.
मैं मिक्स जूस पीने लगा.

कसम से दोस्तो, बहुत मज़ा आ रहा था.

उसकी चूत गीली तो पहले से थी लेकिन मेरे चाटने से चुत से और ज्यादा पानी आने लगा था.
मैंने बहुत देर तक उसकी चूत चाटी और डेरी मिल्क साफ कर दी.

कुछ डेरी मिल्क चॉकलेट अभी तक लगी हुई थी.
उधर मेरा लंड भी लोहे की रॉड की तरह सख्त हुआ जा रहा था.

मैंने उसको लंड मुँह में लेने को कहा तो उसने मना कर दिया.

यह पहली बार था इसलिए मैंने भी ज्यादा जोर नहीं दिया.
अब वह मुझे अपने ऊपर खींच रही थी, शायद उसकी चूत बेसब्री से लंड मांग रही थी.

मैंने ऊपर आकर लंड उसकी चूत के छेद पर रखकर धीरे धीरे अन्दर पेल दिया.
वह चुदी चुदाई भाभी थी तो उसने लंड आसानी से अन्दर ले लिया.

हालांकि उसको मेरा लंड थोड़ी तकलीफ दे रहा था क्योंकि उसके पति का मुझसे छोटा भी था और काफी समय से उसने लंड नहीं लिया था.
मैं लंड को अन्दर बाहर करने लगा और साथ में उसकी चूचियां मसलने लगा.

उसके होंठ पीने लगा.
कुछ देर बाद वह झड़ गई मगर मैं अब भी उसको चोद रहा था.

अब मैंने उसको घोड़ी बनने को कहा और जैसे ही वह पोज में आई, मैंने पीछे से उसकी चूत में लंड डाल दिया.
वह आह करती हुई लंड लील गई.

मैं अब उसकी गांड को पकड़ कर उसे चोदे जा रहा था.
उसकी गांड से मेरी जांघें लगने से झटके लग रहे थे और पट पट की आवाज आ रही थी.

मैं उसकी गांड को मसल रहा था और हाथों से फैला रहा था.
मेरी पहले दिन से नीयत उसकी गांड पर थी.

उसकी गांड को फैलाकर मैंने उसका सुंदर छेद देखा. चोदते चोदते मैंने लंड बाहर निकाल लिया और उसकी गांड का छेद चाटने लगा.
वह कुलबुलाने लगी तो मैं पुनः उसे चोदने लगा.

अब वह दोबारा झड़ने वाली थी और मैं भी.
इस बार हम दोनों साथ साथ झड़ गए और पलंग पर हांफते हुए लेट गए.

फिर कुछ देर बाद दोनों बाथरूम गए और एक दूसरे को साफ किया.
बाथरूम का शॉवर चला कर नहाने लगे और वहीं एक दूसरे को जोर जोर से किस करने लगे.

मैंने उसे वहीं झुका दिया और पीछे से लंड उसकी चूत में पेल दिया.
मैं धीरे धीरे उसे चोदने लगा.

वह एक बार पुनः झड़ गयी तो अब मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और आवाजें करते हुए उसकी लेने लगा.
वह मादक और मीठी मीठी आहें भर रही थी.

कुछ देर बाद मेरा भी लावा उसकी चूत के मैदान में छूट गया और हम दोनों नहा कर बाहर आ गए.
फिर उसके घर से फोन आने लगा था तो मैंने उसे उसकी घर के गली से दो गली दूर उसकी सहेली के घर के तरफ छोड़ दिया.

वह अपने घर चली गई.

तो दोस्तो, ये थी उस मोटी गांड वाली लड़की की चुदाई की कहानी.
आगे मैंने उसकी गांड कैसे मारी, वह भी अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा.

आपको ये राजस्थान भाभी फक स्टोरी कैसी लगी, मुझे जरूर बताएं.
[email protected]

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