सेक्सी भाभी को पटाकर सेक्स का मजा लिया

(Sex Play With Beautiful Bhabhi)

सेक्स प्ले विद ब्यूटीफुल भाभी … यही है इस कहानी में! पढ़ें कि कैसे मैंने एक सुंदर भाभी से दोस्ती की, उनको पटाया, उन्हें चुदाई के लिए मनाया, फिर उनके बदन से खेला.

नमस्कार दोस्तो,
मेरा नाम आर्यन साहू (बदला हुआ) है.
मैं छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूं और पिछले कुछ सालों से जबलपुर रहकर पढ़ाई कर रहा हूं.

मैं 23 का नौजवान हूं.
मेरे लंड का साइज़ 7 इंच है.

मैं सेक्स की भूखी औरतों को बड़ी आसानी से खुश कर सकता हूं.
इस बात की जानकारी मुझे कुछ महीनों पहले ही चली जब मैंने लाइफ में पहली बार एक भाभी की रातभर चुदाई की.

आज मैं जो सेक्स प्ले विद ब्यूटीफुल भाभी आप लोगों को बताने जा रहा हूं, वो एकदम सच्ची बात है.

यह बात इसी साल की है.
दरअसल मैं शुरू से ही चाहता था कि एक प्लेबॉय बनूं.
लेकिन काफ़ी ट्राई करने के बाद भी मुझे ऑनलाइन साइट्स पर सिर्फ़ धोके ही मिले और इसी में मेरे सारे पैसे चले गए.

और फिर जब मैंने उम्मीद छोड़ दी थी तब मेरी मुलाकात एक हसीन भाभी से हुई जो देखने में कोई हूर परी जैसी लगती थी.

उनकी सुंदरता के बारे में क्या ही बताऊं … एकदम मस्त फिगर 34-29-34.

अब तो आप समझ ही गए होंगे कि मैं ऐसे ही नहीं बोल रहा हूं.

दरअसल वह मुझे सिटी बस से अपने ऑफिस जाते हुई मिली थी जब मैं कॉलेज के लिए जा रहा था.

इससे पहले मैंने उन्हें कभी नहीं देखा था क्योंकि उस समय मेरे इंटर्नशिप शुरू हुए थे तो मेरा कॉलेज टाइम चेंज हो गया था.
इस वजह से मैंने 8:30 के जगह 9:30 के बस से जाना शुरू किया था.

शुरूआत में ज़्यादा कुछ स्पेशल नहीं था.
बस उन्हें देखने से ही मेरा दिन बन जाता था.

उनका ऑफिस, हाईकोर्ट के पास ही था और मेरे कॉलेज का रास्ता भी वहीं से होकर जाता था.

तो अब ये रोज की बात हो गयी थी कि मैं और वो एक ही बस में सफर करते थे.

एक दिन मैंने हिम्मत करके उनसे पूछा- आप हाईकोर्ट में काम करती हैं क्या?

तो उन्होंने बताया कि वे पास के एक प्राइवेट ऑफिस में जाती हैं.

फिर उन्होंने मेरे बारे में पूछा तो मैंने बताया कि मैं फाइनल ईयर का छात्र हूं और मेरा इंटर्नशिप स्टार्ट हुआ है. इसे पूरा होने में अभी 6 महीने बाकी हैं.

और इसी तरह धीरे-धीरे हमारी से बातें होती गईं.
बातों ही बातों में उन्होंने बताया कि उनका नाम निधि है. ऐसे ही अब उनसे रोज बस में बातें होती थी.

एक दिन मुझे पता चला कि उनकी शादी हो चुकी है और उनके पति शिओमी में काम करते हैं और ऑफिस के काम से एक साल के लिए बाहर गए हैं.
लेकिन उनकी फैमिली यहीं जबलपुर में रहती है इसलिए उन्हें भी यहीं रहकर उनका ख़्याल रखना पड़ता है.

उन्होंने बताया कि उनकी शादी को 3 साल हो चुके हैं और उनके घर में उनकी मम्मी, पापा और दादी मां है.

ऐसे ही धीरे-धीरे हमने एक दूसरे के मोबाइल नंबर लिए और हमारी बातें फोन पर होने लगी.

फिर मैंने उन्हें एक दिन बोला कि हॉस्टल में मेरे 4 साल निकल गए और यहां कोई भी जगह अच्छे से घूम नहीं पाया हूं तो आप कहीं घूमने ले जा सकती हो क्या?
तो उन्होंने स्माइल देते हुए कहा- देखती हूं. अभी कुछ कह नहीं सकती!
इतना बोल के बात ख़त्म कर दी.

फिर 2 – 3 बार और बोलने से उन्होंने हां कर दिया और बोला कि हम अगले शनिवार चलेंगे.
फिर जब शनिवार आया तो मैं तैयार होकर निकल ही रहा था कि उनका कॉल आया और उन्होंने कहा कि अपने साथ एक दूसरी जोड़ी कपड़े रख लेना.

उनकी ये बाद मुझे समझ में नहीं आई और मैं कपड़े रखकर उनके पास चला गया.

फिर हम साथ में घूमने निकल गए.

उन्होंने मुझे एक ही दिन में लगभग 4 अलग-अलग जगह घुमाया और लगभग 3 बजे के आस-पास हम एक घाट पर पहुंचे जहां उन्होंने बोला- हम यहां पर थोड़ा फ्रेश होने के लिए नहाएंगे.

तो मैं अपने कपड़े उतार कर झटपट शॉर्ट्स में आ गया और वे भी शॉर्ट्स और टी-शर्ट में आ गई.

हम दोनों एक साथ 1 घंटे तक पानी में नहाते रहे.

तब ऐसा लगा कि नदी का पानी बढ़ रहा है.
तो उन्होंने कहा- मुझे तैरना नहीं आता है. मुझे खींचो!

मैं उनके हाथ को पकड़ कर अपनी तरफ खींचने लगा.
लेकिन ज़्यादा ज़ोर से खींचने की वजह से वे पूरी मेरे ऊपर आ गईं और उनको गिरने से बचाने के लिए मैंने उन्हें कमर से पकड़ लिया.
हम दोनों इतने करीब पहली बार आए थे.

कुछ देर बाद जब हमें ध्यान आया तो हम दोनों पानी से बाहर आए और कपड़े चेंज करने के लिए चेंजिंग रूम में चले गए.

चेंज करने के बाद गीले कपड़े एक पॉलिथिन में रखकर हम वापस आए.

वे कुछ भी बात नहीं कर रही थीं.
तो मुझे डर लग रहा था कि मैंने कुछ गलत तो नहीं कर दिया.

लेकिन थोड़ी देर बाद वो थोड़ा नॉर्मल हुईं और बातें करना शुरू किया.
तब मैं थोड़ा रिलेक्स हुआ.

फिर हम अपने अपने घर चले गए और दिन खत्म हो गया.

अगले दिन यानि सोमवार को जब मैं उन्हें मिला तो वे थोड़ा अलग लग रही थीं या मेरे देखने का तरीका बदल गया था.
हो सकता है कि हम दोनों का एक दूसरे को देखने का नजरिया बदल गया था.

वे शादीशुदा होने की वजह से थोड़ी कन्फ्यूज़्ड लग रही थी.

पर मैं पूरा क्लियर था कि मैंने उनको बताया कि मैं उनको लेकर क्या फील करता हूं.
फिर शाम को आकर मैंने उनको याद करते हुए लंड हिलाया और अपना माल निकाला.

इसके बाद भी मेरी प्यास बुझी नहीं थी तो अगले ही दिन मैंने फोन पर उनको सारी बात बता दी कि मैं उन्हें पसंद करता हूं और उनके साथ कहीं डेट पर जाना चाहता हूं.

यह बात सुनकर वे थोड़ा नाराज हो गईं और फोन काट दिया.
मेरी हालत खराब हो गई कि मैंने कुछ ग़लत तो नहीं कह दिया.

फिर अगली सुबह जब उनसे मुलाकात हुई तब मैंने बात करने की कोशिश की.
इस पर उन्होंने कहा कि शाम को गार्डेन में मिलो.
बस इतनी ही बात हुई और वे चली गईं.

शाम को जब हम गार्डेन में मिले तो उन्होंने बोला कि वे शादीशुदा हैं, दोस्ती तक ठीक है. लेकिन उससे ज़्यादा मैं उनसे कुछ उम्मीद न करूं.

लेकिन मैं भी थोड़ा जिद्दी हूं.
मैंने भी ठान रखा था कि इनको मनाना है.

मैंने उनसे रिक्वेस्ट किया और उनको समझाया- हम सिर्फ़ दोस्त ही रहेंगे. पर अपनी ज़रूरतों का भी तो ध्यान रखना पड़ता है न!
और मैंने उनसे बोला- आपके शादीशुदा लाइफ में मेरी वजह से कोई भी प्राब्लम नहीं होगी. जब भी आपके पति आ जाएंगे मैं खुद से आपसे दूरी बना लूंगा.

इस बात पर उन्होंने बोला- कि सोचती हूं!
बोलकर चली गयी.

अगली सुबह जब उनसे मुलाकात हुई तब उन्होंने मुझे गुड मॉर्निंग कहा.
तब मैं समझ गया कि अब सब सही है.
इसका मतलब था कि मेरा जादू चल गया.

और फिर एक दिन मुझे मौका मिला जब उनके पेरेंट्स अपनी फैमिली में किसी की मृत्यु हो जाने की वजह से बाहर चले गये और वे घर में 2 दिन के लिए अकेली हो गई.

पेरेंट्स के जाने वाले रात ही हमने फोन पर लंड चूत और सेक्स की खूब सारी बातें की.

इसके बाद उन्होंने मुझे अगले दिन शाम को घर आने को बोला.

मैं शाम का इंतजार करने लगा.
और जैसे ही 5 बजे मैं उनके घर के लिए निकल गया.

उनका घर मेरे घर से सिर्फ़ 15 मिनट की दूरी पर ही था तो मैंने ऑटो लिया और पहुंच गया.

जब मैं उनके घर पहुंचा तो उन्होंने एक सेक्सी स्माइल दी और मुझे झट से अंदर खींच लिया और दरवाजा बंद कर दिया.

मैंने भी मौका देखते हुए उन्हें बांहों में भर लिया और बेतहाशा चूमने लगा.
हम एक दूसरे के होठों को चूस रहे थे.

मैं उनके बूब्स को … तो वे मेरे लंड को मसल रही थी.

ऐसा करते हुए हमें 5 मिनट हो गए, फिर हम अलग हुए.

इसके बाद वे मेरे लिए कॉफी बनाने चली गयी. तो मैं भी उनके पीछे चला गया और पीछे से गले लगा लिया.
मेरे ऐसा करने से उनकी साड़ी में थोड़ा दूध गिर गया जिसे साफ करने के लिए उन्होंने अपना पल्लू उतरा.

उनके ऐसा करने पर मैं उनके मुंह को अपनी तरफ किया और चूमने लगा.
आज के दिन उन्होंने ब्लाउज नहीं पहना था तो मैंने उनके ब्रा के उपर से ही उनके बूब्स को चूसना शुरू कर दिया.

ऐसे ही कुछ देर तक बूब्स को चूसने के बाद उनके बूब्स काफ़ी कड़क हो गए और उनकी सांसें काफ़ी गर्म होने लगी.
तो मैंने मौके का फायदा उठाते हुए उनकी साड़ी और फिर पेटीकोट को भी उतार दिया.

फिर उन्होंने मेरे टी-शर्ट को उतार दिया और पैंट, अंडरवियर को नीचे करके लंड को बाहर निकाला और मसलने लगी.

अब वे सिर्फ़ ब्लैक पैंटी और ब्लैक ब्रा में थी और मैं पूरा नंगा.
वे पूरी गोरी चिट्टी अप्सरा लग रही थी जो मेरे लंड के लिए तड़प रही थी.

कड़क जवानी, मस्त चूचे जैसे रस से भरे हुए दो बड़े बड़े संतरे … जी कर रहा था कि अभी उनके दोनों चूचे खा जाऊं.

मैंने तुरंत उन पर हमला बोल दिया और बेतहाशा चूमने और काटने लगा.
उनके मुंह से कामुकता भरी आवाज़ें … आह … आंह … आह् … उम्म … आ रही थी जो मुझे पागल बना रही थी.

मैं अपने लंड से उनके बदन और चूत की गर्मी को महसूस कर रहा था.

उनके दोनों हाथ मुझे पीछे से अपनी ओर खींच रहे थे जैसे वे मुझे अपने आप में समा लेना चाहती हों.

बूब्स और होठों को चूमते हुए मैं उनकी नाभि पे आ गया.
वे पूरी पागल हो रही थी, मेरे बालों को नोच रही थी.

मैंने जल्दी से उनकी पैटीं की तरफ़ देखा, वो पूरी तरह भीग चुकी थी.
उनके कामरस की खुशबू ने जैसे मुझे मदहोश कर दिया था.

मैंने उनकी पैंटी उतारी और एक प्यार भरा किस किया.

मेरे ऐसा करते ही उनके बदन में करेंट सा दौड़ गया.
वे पूरी सिहर गई थी.

मैंने बिना देरी किए उनकी चूत पर मुंह रख दिया और बड़े आराम से बड़े प्यार से चाटने लगा.

उन्होंने दोनों टांगें खोली और मेरे मुंह को चूत में दबाने लगीं.
वे इतनी गर्म हो चुकी थी कि थोड़ी ही देर में आ … आहा … आ … करते हुए झड़ गई.
मैंने उनके पूरे कामरस को चाट कर साफ कर दिया और चूत को चूसना जारी रखा.

वे फिर से गर्म हो गयी और मिन्नतें करने लगी- प्लीज़ … लंड अंदर डालो … प्लीज़!

लेकिन मैं तो चूत की चुसाई में मस्त था.
तब उन्होंने बोला- मादरचोद … लंड अंदर डाल भोसड़ी के … चोद मुझे!

ना जाने मुझे क्या हो गया … मैंने एक ही झटके में उसकी चूत में अपना मोटा लंड डाल दिया.
लेकिन शायद वे इसके लिए तैयार नहीं थी, वे दर्द से चीखती हुई बोली- फाड़ दी मेरी चूत! इतना बड़ा तो मेरे पति का भी नहीं है. बाहर निकाल गान्डू … बाहर निकाल … आ … मर गयी … आह!
करते हुए रोने लगी.

मैंने उनकी एक ना सुनी और उसी पोज़िशन में चुदाई जारी रखी.
थोड़ी ही देर में वे मेरा साथ देने लगी और मुझे चूमने लगी.

लेकिन कुछ ही देर में हम दोनों झड़ गए और मेरा लंड सिकुड़ कर बाहर आ गया.
वे यह देखकर बहुत मायूस हो गई.

मुझे भी समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो गया.

तभी वे मेरा लंड मुंह में लेकर चूसने लगी और मेरा लंड फिर से सेक्स प्ले के लिए खड़ा हो गया.
एकदम पहले जैसा गांड फाड़ चुदाई को तैयार.

इस बार मैं उन्हें सोफे पर ले आया और उनको नीचे करके अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया.

फिर हमारी धक्का पेल चुदाई स्टार्ट हुई.
वे अपना कमर उठा उठा के मेरा साथ दे रही थी.

मैं भी उसे ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा था … दोनों की आवाज़े पूरे हाल में गूंज रही थी- आ … आ … ऊ … याः … उम्म्म. उह्ह … आऊफ … याः … आहह … ऊओ!

ऐसे ही चुदाई करते हमें लगभग 15 मिनट हो चुके थे.
और एक बार फिर से हम दोनों एक साथ झड़ गए.

मैं उनके ऊपर गिर गया.
वे मुझे चूम रही थी, मैं उनके बूब्स से खेल रहा था.

फिर थोड़ी देर बाद वे उठी और कॉफी बनाई.
हम दोनों ने पी.

और फिर वे बाथरूम चली गई.
वे बाथरूम से एक बहुत बारीक सी नाइट ड्रेस में बाहर आई जिसमें से मुझे सबकुछ एकदम साफ दिखाई दे रहा था.

फिर वे खाना बनाने चली गई और मुझे बोली- आज रात यहीं रुकना.

उसके बाद हमने क्या क्या किया, वो आपको अगले कहानी में बताऊंगा.

मेरे प्यारे दोस्तो, आपको मेरी सेक्सी कहानी पढ़ कर खूब आनन्द आया होगा.
आप मुझे बताएं कि आपको मेरा सेक्स प्ले विद ब्यूटीफुल भाभी कैसा लगा?
[email protected]

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