जिस्मानी रिश्तों की चाह-71

(Bhai Bahan Ka Sexy Pyar)

जूजाजी 2024-01-30 Comments

This story is part of a series:

भाई बहन का सेक्सी प्यार है इस कहानी में! सबसे बड़ी एक बहन है, उसके दो भाई और एक छोटी बहन है. बड़ी बहन और बड़े भाई के यौन सम्बन्ध बन चुके हैं और अब वे छोटों को इसमें शामिल कर रहे हैं.

प्रिय साथियो, मैं आप सबका जूजा.
इस बार काफी दिनों के बाद मुझे इस सेक्स कहानी के मूल लेखक की तरफ से कहानी का एक छोटा सा भाग प्रकाशित करने के लिए कहा गया.
उनका वही भाग आपके सामने लिख रहा हूं.

मेरी इस पिछली सेक्स कहानी को वापस से पढ़ने के लिए आपको मेरी उस लंबी सेक्स कहानी के लिंक को जरूर क्लिक करके देखना चाहिए क्योंकि आपको उस कहानी की याद आना जरूरी है.

इस सेक्स कहानी के लिए मुझे हजारों की तादाद में मेल मिले, जिसके लिए मैं आप सभी का बेहद शुक्रगुजार हूँ.

अब तक की सेक्स कहानी में आपने पढ़ा कि आपी ने मेरा लंड का पानी चाट लिया था.

अब आगे भाई बहन का सेक्सी प्यार:

आपी और मैं सेक्स करने के बाद नंगे ही टीवी लाउंज में बैठ कर बात करने लगे और एक दूसरे के बदन को हाथ सहलाने लगे.

आपी ने कहा- यार सगीर, अब ये तीन दिन हमारी जिंदगी के सबसे हसीन पल बनने जा रहे हैं. इन तीन दिनों में तुम मुझे खूब चोदना, सुबह शाम चुदाई ही होनी चाहिए … बस चुदाई!
मैंने आपी से कहा- आपी, जैसा आप चाहोगी वैसा ही होगा. अब तो हनी भी हमारे साथ हो गई है.

आपी ने कहा- लेकिन सगीर, तुम हनी की चुदाई आराम से करना. अभी उसे इस सबकी आदत नहीं है. वैसे कल हनी और फरहान ने एक दूसरे के साथ खूब मजे किए.
मैंने कहा- आपी, कल रात में तो हमने भी खूब मजे किए और आज सुबह भी कहो तो अभी पेल दूँ!

हम दोनों अभी यही सब बात कर ही रहे थे कि इतने में फरहान और हनी स्कूल से वापस आ गए.

जैसे ही उन दोनों हमको नंगा देखा तो वे दोनों चौंक गए.

हनी तो एकदम से घबरा कर अपने कमरे में चली गई.
लेकिन फरहान वहीं खड़ा रहा और आपी को नंगी देख कर अपने आपको रोक नहीं सका.
वह जल्दी से अपने कपड़े उतार कर आपी के पास आ गया और उनके मम्मों पर टूट पड़ा.

उसने आपी के एक दूध को मुँह में भर लिया और निप्पल को होंठों से दबा कर चूसने लगा.
उसने दूध चूसने के साथ ही अपने एक हाथ से मेरे लंड को भी पकड़ लिया.

मैं अभी कुछ समझ पाता कि वह मेरे लंड की मुठ मारने लगा.
कुछ ही पलों में वह बहुत जोर जोर से आपी के मम्मों को चूसने लगा.

आपी भी बड़े प्यार से अपने मम्मे चुसवा रही थीं और वे फरहान के बालों को प्यार से सहलाने भी लगी थीं.

तभी आपी ने मेरा चेहरा अपनी तरफ करके मुझसे कहा- चल भाई … हम दोनों भी किस करते हैं.
यह कह कर आपी ने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और मेरे होंठों को चूसना चालू कर दिया.

आपी ने कुछ पांच मिनट तक होंठ चूसे और अपनी जीभ मेरे मुँह डाल दी.
मैंने भी आपी की जीभ को चूसना चालू कर दिया.

तभी फरहान आपी के एक मम्मे को अपने दांतों से काटने लगा.

फरहान के काटने से आपी को दर्द हुआ और वे मुझे किस करने से रोक कर फरहान से अपना दूध छुड़वाने लगीं.

आपी ने अपने मम्मे को फरहान की पकड़ से मुक्त करवाया और उस पर चिल्लाती हुई बोलीं- तुझसे आराम से नहीं होता क्या … मुझे तेरे काटने से कितना दर्द हो रहा है, तू समझता ही नहीं है. इसी लिए मैं तेरे साथ ज्यादा सेक्स नहीं करती हूं. सेक्स करते टाइम तू पूरा जंगली हो जाता है.

आपी के डांटने से फरहान उदास हो गया और उसने आपी के मम्मों को चूसना छोड़ दिया.

फरहान का उदास चेहरा देखकर मैंने आपी को समझाया कि यह अब आराम से करेगा.

फिर मैंने फरहान से कहा- आपी के प्यारे प्यारे मम्मों को आराम से चूसना. आपी के इन दोनों मम्मों पर हम दोनों भाई का ही तो हक है!

आपी ने मुझे रोकते हुए कहा- मेरे बूब्स क्या … मेरी चूत, मेरी गांड, मेरे पूरे बदन पर मेरे दोनों प्यारे प्यारे छोटे भाइयों का ही हक है. तुम दोनों को मेरे साथ जो भी करना हो, वह करो … लेकिन आराम से!

आपी ने फरहान को गले लगा कर कहा- चल, अब आराम से चूस‌ मेरी चूचियों को … और मेरी चूत में खुजली भी होने लगी है. इसमें में भी उंगली कर!

आपी के इतने कहते ही फरहान के चेहरे पर मुस्कान आ गई और फरहान मेरे लंड को छोड़ कर आपी की चूत में उंगली करने लगा.

अब आपी ने मेरा लंड को अपने हाथों से पकड़ा और मेरी मुट्ठी मारने लगीं.
उन्होंने जोर जोर से सिसकारियां ले हुए मुझसे कहा- सगीर … मेरे सोहने भाई मुझे किस कर!

मैं आपी को किस करने लगा.
दस मिनट तक हम तीनों भाई बहन ऐसे ही लगे रहे.

अचानक से मुझे हनी का ख्याल आया.
मैंने आपी को किस करना रोक दिया और आपी का हाथ अपने लंड से हटा लिया.

मैं सोफे से उठकर वहां से जाने लगा तो आपी ने मेरा हाथ पकड़ते हुए पूछा- क्या हुआ सगीर … कहां जा रहा है?

मैंने आपी से कहा- आपी जान, मैं हनी को लेने उसके कमरे में जा रहा हूं.
आपी ने मुझसे कहा- ठीक है सगीर लेकिन हनी की मर्जी हो, तभी उसे यहां लेकर आना.
मैंने कहा- ठीक है आपी.

मैं हनी को बुलाने चला गया.

आपी ने फरहान से कहा- चल फरहान, अब खड़ा हो जा … और मेरी चूत में अपना लंड डाल दे.

फरहान उठा और उसने पोजीशन बना कर आपी की चूत में अपना लंड डाल दिया.

वह पूरे दम से आपी की चूत मारने लगा और आपी ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां निकालने लगीं- ओह आह हहहा आआह ईई … और जोर से फरहानन … आह और जोर से.

इधर मैंने हनी के कमरे में जाकर देखा कि हनी अपनी आंखें बंद करके आपी की चुदाई की सिसकारियां सुन कर अपनी चूत में उंगली कर रही थी.

मैं उसके पास गया और उसकी चूत पर हाथ रख कर मैंने उससे कहा- हनी … चल मेरी प्यारी छोटी बहना …‌ बड़ी बहन के साथ तेरी भी चूत की खुजली मिटा देते हैं. तू यह‌ सब बाहर ही कर लेना और देखना कि फरहान के लंड से आपी कितने मजे ले रही हैं, चल बाहर!

हनी ना नुकरर करने लगी.
मेरे थोड़ा समझाने के बाद वह मान‌ गई और मुझसे कहने लगी- मेरी एक शर्त है कि भाईजान आप मुझे अपनी बांहों में उठा कर ही बाहर ले चलें.

मैं सोचने लगा कि हनी तो बड़ी जल्दी खुल गई जबकि आपी को मेरे साथ खुलने में बहुत समय लगा था.

मुझे सोचते देख कर हनी ने कहा- क्या हुआ भाईजान?
मैंने सोचना छोड़ा और हनी को गोदी में उठा कर बाहर ले आया.

बाहर लाकर मैंने उसे आपी के बगल में बैठा दिया.

फरहान आपी की चूत मार रहा था और वह काफी तेज गति से झटका दे रहा था.
उसके नीचे आपी अपनी आंख बंद करके जोर जोर से कराह रही थीं और चीख रही थीं- आहहहह उउ ईई फरहान … रगड़ दे मुझे आह!

उन दोनों को देखकर मैं हनी के कपड़े उतारने लगा और हनी मेरे लंड को सहलाने लगी.
हनी को पूरी नंगी करके उसे किस करने लगा और हनी की चूत में धीरे से अपनी उंगली घुसा दी.

मैं धीरे धीरे हनी की चूत में उंगली को आगे पीछे करने लगा.
उसकी चुत पहले से ही गीली थी पर अभी बहुत कसी हुई थी.

थोड़ी देर बाद मैं जोर जोर से उंगली करने लगा.
उससे हनी जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी.

हनी की कामुक सिसकारियां सुनकर आपी ने अपनी आंख खोलकर हनी की तरफ देखा.
आपी ने कहा- आ गई तू?

फिर उन्होंने फरहान से कहा- फरहान, मुझे छोड़ और हनी की चूत में अपना लंड घुसा दे.

आपी ने मेरी तरफ इशारा करके कहा- सगीर, तुम मेरे पास आ जाओ और मेरी चूत रगड़ो.

मैंने आपी से कहा- लेकिन आपी, मैं तो हनी की चूत मारना चाहता हूं. मैंने अब तक हनी की चूत नहीं मारी है. आपकी तो सुबह ही मारी थी!

आपी ने मेरी इच्छा समझते हुए कहा- चल ठीक है. फरहान तुम मेरी चूत मारते रहो.

मैंने हनी की चूत में से अपनी उंगली निकाल ली और लंड को हनी की चूत पर लगाने लगा.
इतने में आपी बोल उठीं- सगीर हनी की चुत थोड़े आराम से मारना. तुम्हारे लंड से तो मेरी चूत को ही बहुत दर्द होता है. हनी की चूत तो अभी नाजुक है … आराम से करना.
मैंने कहा- ठीक है आपी.

फिर मैं धीरे धीरे हनी की चूत में अपना लंड फंसाने लगा.
पहले मैंने हनी की चुत में हल्के से जोर लगाया और मेरा तीन इंच लंड हनी की चूत में घुस गया.

हनी दर्द से कराह उठी.

मैंने ऐसे ही अपना लंड हनी की चूत में रोक दिया और उसके होंठों को चूमने लगा … साथ ही उसकी चूचियों को हाथ से मसलने लगा.

थोड़ी देर में उसकी चूचियों को मसलने और उसके होंठों को चूसने के साथ, मैं फिर धीरे धीरे अपना लंड हनी की चुत में हिलाने लगा.

वह फिर से सिसकारियां लेने लगी लेकिन मेरा मुँह उसके मुँह को चूस रहा था तो उसकी सिसकारियां बाहर सुनाई नहीं दे रही थीं.
मेरा समूचा लंड हनी की चुत में घुस चुका था.

उसी दौरान आपी जोर से कराह उठीं और उनका पूरा शरीर स्खलन के कारण अकड़ने लगा.
जल्दी ही आपी झड़ गई और निढाल होकर लेटी रहीं.

थोड़ी देर बाद ही फरहान भी झड़ने लगा और उसने अपने लंड का सारा माल आपी की चूत में छोड़ दिया.

वह भी निढाल होकर आपी के ऊपर ही गिर कर लेट गया और आपी के मम्मों को चूमने लगा.

आपी और फरहान को झड़ता देख, मैंने हनी की चूत में लंड के झटके तेज कर दिए और जोर जोर से हनी को चोदने लगा.

हनी जोर से सिसकारियां निकलने लगी- आआह आआह उईई ईई आपीईई मैं मर गईई!
आपी ने आंख खोल कर हनी को देखा और फिर आंखें मूँद लीं.

मैं दस मिनट तक हनी को चोदता रहा और हनी चीखती रही.
इस दौरान हनी तीन बार झड़ चुकी थी लेकिन मैं हनी को चोदने में लगा रहा.

फिर पांच मिनट बाद मैं हनी की चुत में ही झड़ गया और निढाल होकर उससे लिपट गया.

उसे चूमने के बाद उसके ऊपर से उठकर सोफे पर बैठ गया.
मैं हनी से कहने लगा- कैसा लगा मेरी छोटी बहना‌‌ को?

हनी ने मेरे वीर्य का एक कतरा उठा कर चूसते हुए कहा- आज बहुत मजा आया भाईजान.

कुछ समय तक हम चारों भाई बहन ऐसे ही पड़े रहे.

थोड़ी देर बाद आपी उठ कर अपने कपड़े पहनने लगीं.
उन्होंने हम सभी को उठकर कपड़े पहनने का कहा.

वे टीवी लांउज की सफाई करने लगीं क्योंकि हमारे चूत और लंड का पानी उधर टपका हुआ था.

हनी और फरहान कपड़े पहन कर वहीं सो गए.

आपी ने उन्हें सोते हुए देख मुझसे कहा- देखो सगीर, यह दोनों सोते हुए कितने प्यारे लग रहे हैं.
मैंने कहा- हां आपी. यही तो है भाई बहन का सेक्सी प्यार!

तब मैंने आपी को अपनी तरफ खींचकर अपनी गोद में बैठा लिया और कहा- आपी आप भी बहुत प्यारी लग रही हो.

यह कह कर मैं आपी को चूमने लगा.

आपी मेरी गोद उठती हुई बोलीं- मुझे छोड़ो सगीर … अब खाना की तैयारी भी करनी है, शाम हो गई है. तुम भी थोड़ी देर के लिए अपने टीवी शोरूम पर चले जाओ.
मैंने कहा- ठीक है आपी.

मैं घर से चला गया और फरहान और हनी वहीं सो रहे थे.

दोस्तो, आपको मेरी यह भाई बहन का सेक्सी प्यार की कहानी अच्छी लग रही होगी. इसमें अब यह सब खुल कर चलने लगा था. यदि कोई नया मोड़ आएगा … तो मैं जरूर सुनाने के लिए पेश होऊंगा.
आपका ही जूजाजी
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