मामा की लड़की पर मेरी नियत डोल गई

(Mama Ki Ladki Par Meri Niyat Dol Gai)

दोस्तो, मेरा नाम समीर उर्फ़ शम्मी है.. मैं 25 साल का 5 फुट 9 इंच हाइट का सामान्य एक लड़का हूँ। मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ.. पर जॉब जयपुर में करता हूँ।
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ और लगभग सारी कहानियाँ पढ़ चुका हूँ।
आज मैं आप सबको अपनी पहली और सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ।

यह तब का किस्सा है.. जब तक मैंने कभी भी सेक्स नहीं किया था.. तो मुझे पता भी नहीं था कि ये सब किया कैसे जाता है।

2007 की गर्मियाँ थी.. मैं अपने भाई के घर से छुट्टियाँ बिता कर वापिस आया था। घर पहुँचा तो घर पर मेरे मुँहबोले मामा की बेटी कोमल (परिवर्तित नाम) घर पर आई हुई थी।
हम दोनों की उम्र में कोई एक साल का फ़र्क था और हम दोनों अच्छे दोस्त भी थे।

मैं कई साल बाद उससे मिला था.. उसे देख कर पता चला कि वो काफ़ी जवान हो गई थी और उसके मम्मे भी काफ़ी बड़े हो गए थे।
उसे देखते ही मेरी नियत डोल गई थी।
पता चला कि वो कई दिनों से घर पर थी और अभी कुछ दिन और रुकने वाली थी। मुझे लगा कि मुझे ट्राई करना चाहिए।

रोज सुबह जब वो घर के काम में मम्मी को हेल्प करती थी.. तो मैं उसे देख-देख कर ‘आहें..’ भरा करता था। उसके हिप्स काफ़ी उठे हुए थे और उसके टाइट सूट के ऊपर से दिल करता था कि बस एक बार हाथ फेर दूँ.. पर अरमान अभी तक दिल में ही थे।

उस दिन सुबह मैं अपने कमरे में बैठा था और कंप्यूटर पर गेम खेल रहा था.. तभी कोमल मेरे कमरे में आई और बोली- भैया, आपका कमरा बहुत गंदा हो रहा है.. मैं सफाई कर दूँ क्या?

मैंने उसे इन्कार किया.. पर वो नहीं मानी तो मैंने कहा- चलो, दोनों मिल कर सफाई कर देंगे। मैं अलमारी साफ़ कर दूँगा.. तब तक तुम मेरी स्टडी टेबल और बाकी सामान सैट कर देना।

अब हम दोनों लग गए सफाई करने में.. सफाई करते-करते मेरी नियत खराब हो रही थी.. उसके सूट की बाजू में से झाँकते उसके मम्मे बरबस मुझे अपनी तरफ खींच रहे थे।
सफाई करते-करते मैं उससे इधर-उधर की बातें भी कर रहा था.. पर मेरा असली ध्यान तो उसकी सेक्सी फिगर में था।

एक-दो बार मैं उसके काफ़ी नज़दीक आ गया और उसके चूतड़ों से अपनी कमर की साइड टच कर दी।
मैं बता नहीं सकता कि इतने से ही मैं गर्म होने लगा था.. मैं किसी भी तरह उसके सेक्सी बॉडी को फील करना चाहता था पर कुछ करने में मेरी फट भी रही थी।

फिर भगवान ने मेरा साथ दिया.. जब सफाई हो गई.. तो उसने खुद ही पूछा- आपके कंप्यूटर में कुछ अच्छे गाने हैं क्या?
मैंने उससे पूछा- तुम्हें कैसे गाने पसंद हैं?
तो उसने कहा- रोमाँटिक..

मैंने आमिर ख़ान के गाने लगा दिए और थोड़ी देर में उससे पूछा- तेरा कोई बॉयफ्रेंड है?
तो बोली- नहीं है..
मैंने जानबूझ कर कुछ ऐसी तस्वीर डेस्कटॉप पर सैट कर दीं.. जिसमें लड़का लड़की बहुत पैशन से एक-दूसरे को किस कर रहे थे।

वो देख कर बोली- भैया, ये क्या लगा दिया?
तो मैंने कहा- ये तो नॉर्मल पिक्चर्स हैं।
इस पर वो बोली- ये नॉर्मल है.. तो फिर अबनॉर्मल क्या है?

उसकी आवाज़ में कुछ अलग अंदाज था मुझे लगा कि अब सही मौका है।
मैंने तुरंत कुछ न्यूड फोटोज खोल कर उसे दिखाने लगा।
वो घबरा गई और उठ कर जाने लगी.. तो मैंने उसका हाथ पकड़ कर बैठा लिया.. पर वो छुड़ा कर हँसती हुई भाग गई।

रात को जब सो गए तो मैं चुपके से उसके बिस्तर के पास गया.. वो जागी हुई थी।
मैंने चुपके से उससे कहा- मैं तुम्हें किस करना चाहता हूँ।
उसने कुछ नहीं कहा और आँखें बंद कर लीं।
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अब मैं इतना भी पागल नहीं था कि उसकी इस बात का मतलब नहीं समझता। मैंने तुरंत अपने होंठ उसके होंठों पर मिला दिए और धीरे-धीरे जाने कब मेरे हाथ उसके मम्मों पर चले गए.. पता ही नहीं चला।
मैं वहाँ से उठा और उससे कहा- मेरे कमरे में आ जा..

थोड़ी देर बाद वो जब मेरे कमरे में आई तो मैं उससे लिपट गया और उसे पता नहीं.. कहाँ-कहाँ किस करने लगा।
वो भी गर्म होने लगी थी, मैं लगातार उसके मम्मों को भी दबा रहा था। धीरे धीरे मेरे हाथ उसकी गाण्ड पर चले गए.. आह्ह.. क्या शानदार गोलाई थी।

मैंने उसका शर्ट ऊपर किया और उसकी ब्रा हटा दी.. उसके दो बड़े-बड़े चूचे मेरे सामने लहरा रहे थे।
अनायास ही मैंने उसका एक निप्पल अपने मुँह में ले लिया.. क्या मज़ा आ रहा था.. ये शब्दों में बयान करना शायद थोड़ा मुश्किल हो।
धीरे से मैंने एक हाथ उसकी सलवार के नाड़े की तरफ बढ़ाया.. तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली- नहीं ये नहीं..

मैंने भी जल्दबाज़ी ना दिखाते हुए उसके चूचुकों से छेड़छाड़ जारी रखी और उसकी चूत को सलवार के ऊपर से ही छेड़ने लगा।
उसकी कुँवारी चूत ने पानी छोड़ दिया था।
इस बार जब मैंने उसके नाड़े को खोलना चाहा.. तो उसने नाम के लिए ही विरोध किया।

मैंने उसकी सलवार और चड्डी को उसके शरीर से निकाल कर अलग कर दिया.. और आह्ह.. अब जो मेरे सामने खड़ी थी.. रूप यौवना अनछुई कली थी.. जिसे मैं तोड़ने वाला था।
मैंने अपने कपड़े उतार दिए तो उसने शरम से अपनी आँखें बंद कर लीं।

मुझसे रुका नहीं जा रहा था.. पहली बार किसी लड़की को बिना कपड़ों के इतनी नज़दीक से देख रहा था।
उसके ‘वहाँ’ से बहुत ही मादक खुश्बू आ रही थी।

मैंने अपना मुँह वहाँ लगा दिया और धीरे-धीरे चाटने लगा.. कोमल तो जैसे इस चटाई से बिल्कुल पागल हो गई थी, उसने मेरे बाल पकड़ लिए और सिसकारियाँ भरने लगी।

थोड़ी देर बाद जब उससे सहन नहीं हुआ तो बोली- समीर और मत सताओ.. और अपना ‘ये’ मेरे अन्दर डाल दो।
मैंने भी देर ना करते हुए अपना 7 इंच का लण्ड उसकी कुँवारी चूत के ऊपर रखा और रगड़ने लगा।

दोस्तो, यही जन्नत है.. उस दिन पता चला..

मैंने उसके चूतड़ों के नीचे तकिया लगाया और लण्ड को सैट करके धक्का दिया.. पर साला फिसल गया।
फिर कोशिश की.. पर फिर से वो ही अंजाम..

अंत में कोमल ने मेरे लंड को हाथ से पकड़ कर सही जगह फिट किया.. तो मैंने एक ज़ोर का झटका दिया.. लंड का टोपा अन्दर चला गया और कोमल की दर्द से हालत खराब होने लगी।
मैं भी एक बार को घबरा गया.. पर थोड़ी देर में जब वो नॉर्मल हुई.. तो मैंने एक झटका और दिया और अब लंड 3 इंच तक घुस गया।

अब तो कोमल की चीख निकलने ही वाली थी.. पर किसी तरह मैंने उसका मुँह बंद किया।
काफ़ी देर तक ऐसे ही रहने के बाद मैंने फिर से एक ज़ोर का झटका दिया और लंड पूरा अन्दर कर दिया।
हाय.. क्या गर्माहट थी.. क्या मज़ा था..

कोमल की आँखों में आँसू थे.. पर थोड़ी देर बाद वो खुद कमर हिलाने लगी.. तो मैंने भी ऊपर-नीचे लंड चलाना शुरू कर दिया।
अब हम दोनों को मज़ा आ रहा था..
मैंने कोमल से पूछा.. तो उसने आँखें बंद करके मुझे मेरे पिछवाड़े से जकड़ लिया।
अब मेरी स्पीड अपने आप बढ़ती जा रही थी।

थोड़ी देर बाद जब मेरा निकलने वाला था.. तो मैंने कोमल से कहा.. तो बोली- अन्दर ही डालना.. ये मेरा पहली बार है और मैं चाहती हूँ कि तुम्हारा वीर्य मेरी योनि में ही गिरे।

मैंने धक्के बहुत तेज कर दिए और थोड़ी देर में हम दोनों के शरीर एक हो गए और मेरे लंड ने अपनी पिचकारी छोड़ दी।
कोमल की सील टूट चुकी थी और मेरा धागा भी टूट गया था।
कोमल ने प्यार से मुझे किस किया और अपने कपड़े पहन कर सोने चली गई।

इसके बाद भी मैंने कोमल को कई बार प्यार किया।

यह थी मेरी कहानी… मेरी ज़ुबानी… अच्छी लगी या नहीं, प्लीज़ नीचे लिखे ईमेल पर अपने मेल लिखें।
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