मेरा राजा भाई
उसने मुझे कुतिया बनने के लिए कहा, मैं समझ गई कि पहले मेरी गांड मरेगी। मैं झट से कुतिया बन गई, फिर वो मेरी गांड चाटने लगा। हाय क्या बताऊँ दोस्तो, गांड चटाने में कितना मजा आता है।
सगे भाई बहन, चचेरे, ममेरे, फुफेरे भाई बहन के बीच चुदाई खेल की कहानियाँ
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उसने मुझे कुतिया बनने के लिए कहा, मैं समझ गई कि पहले मेरी गांड मरेगी। मैं झट से कुतिया बन गई, फिर वो मेरी गांड चाटने लगा। हाय क्या बताऊँ दोस्तो, गांड चटाने में कितना मजा आता है।
हाय दोस्तो, मेरा नाम वरुण है, मैं भोपाल का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र उन्नीस साल और मैं सांवले रंग का हूँ। लगभग एक साल से मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। अन्तर्वासना की कहानियाँ पढ़ने के बाद मेरा लौड़ा चुदाई करने के लिए फनफना जाता था पर चूत का जुगाड़ न होने पर मैं […]
मुझे चुदाये हुए काफ़ी दिन हो गये थे। मेरा निशाना अब मेरा भाई था। अचानक ही वो मुझे सेक्सी लगने लगा था। घर पर पज़ामें में उसका झूलता लण्ड मुझे उसकी ओर आकर्षित करता था।
मुझे कुछ नहीं सूझा तो मैंने दीदी को बाहों से पकड़ कर बिस्तर पर लिटा दिया, अब वो मेरे सामने एकदम नंगी पड़ी थीं. दूध सा सफ़ेद बदन. चूचियों का सौन्दर्य देखते ही बनता था.
दीदी ने मेरे लिंग को अपने मुंह में ले लिया और पूरे लिंग को अपने मुंह में भर लिया. मुझे ऐसा लग रहा था कि वो मेरे लिंग को कच्चा ही खा जायेगी
कहानी का पिछला भाग: चचेरी बहन का कौमार्य-2 दोस्तो, मेरा ख्वाब था कि मैं किसी की सील तोडूं! पर मुझे अपनी बीवी के साथ भी यह मौका नहीं मिला था, हालांकि मेरी बीवी ने तब मुझे यही बताया था साईकिल चलाते वक्त उसकी चूत की झिल्ली फट गई थी, तो आज जब मुझे अपनी बहन […]
कहानी का पहला भाग: चचेरी बहन का कौमार्य-1 प्रिया थोड़ी देर बाद कमरे में आई, वो अपने बदन को केवल एक तौलिये से ढके थी, कमरे में आते ही वो अपने ड्रेसिंग टेबल की तरफ गई और तौलिया हटा दिया। उफ़ क्या मस्त लग रही थी मेरी बहना! उसके शरीर पर यहाँ वहाँ पानी की […]
दोस्तो, मैं भी अन्तर्वासना की कहानियों को नियमित पढ़ता हूँ, मैंने सोचा मैं भी अपनी कहानी आप सबको बताऊँ। यह मेरी पहली कहानी है, उम्मीद तो यही है कि सभी कुंवारी चूतें फड़फ़ड़ा जायेंगी और मेरे भाइयों के लण्ड फड़क उठेंगे उनको फाड़ने के लिए। कृपया अपनी प्रतिक्रिया जरूर भेजिएगा। मेरा नाम अमित है, मैं […]
मैंने हमेशा से ही दीदी को चोदने की सोची थी और रात को दीदी के सोते समय उनकी चूचियाँ और चूत कभी कभी दबा लेता था। प़र डर के कारण आगे कुछ नहीं कर पाता था।
मैंने अपना हाथ उसकी सलवार में डाला तो उसकी फुद्दी एकदम गीली हो चुकी थी! मैंने धीरे से उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया.
रेखा ने भी मेरा पैंट के ऊपर उभार महसूस किया और वो भी बड़े गौर से मेरे लंड को देखने लगी। रेखा की गोरी गोरी टांगें दिख रही थीं, उसकी स्कर्ट थोड़ी सी ऊपर उठी हुई थी या उसने जानबूझ कर ऐसा किया था।
दीदी कुछ और बोलती इससे पहले मैंने उसका मुंह बंद करने के लिए अपने होंठ उनके होंठो पर रख दिये और टी-शर्ट के ऊपर से ही उनके चूचे मसलने लगा तो दीदी मचल उठी.
मैंने दीदी की नाइटी उतार दी और ब्रा के ऊपर से ही उनके चूचे मसलने लगा जिससे दीदी मचल उठी. मैंने दीदी की ब्रा का हुक खोल दिया.
मेरा नाम अमित है, मैं दिल्ली(रोहिणी) का रहने वाला एक इंजीनीयर हूँ. मैं 23 साल का लड़का हूँ. कहानी शुरू करने से पहले बता दूँ कि यह अन्तर्वासना पर मेरी पहली और सच्ची कहानी हैं. इस घटना से पहले मैंने किसी लड़की के साथ सेक्स नहीं किया था. मुझे नहीं मालूम था कि मुझे मेरा […]
एक कैफ़े में अपनी नग्न बहन के साथ बैठ कर मेरे मन में मिश्रित भावनाएँ उमड़ रही थी, मैं सोच रहा था कि अब हम भविष्य में भी इस तरह का नग्न जीवन एक साथ जीने की कल्पना कर सकते हैं। अपने जीवन में पहली बार किसी नग्न रिज़ोर्ट पर आने वाली मेरी बहन करेन […]
प्रेषक : आसज़ सम्पादक : प्रेमगुरू जब मैं कैबिन पर पहुँचा तो मुझे लगा कि तब तक करेन अभी भी सो रही थी। मैंने सोचा कि दाढ़ी बना ली जा और नहा लिया जाए। लेकिन मुझे अपना छोटा बैग कहीं भी नहीं मिला। मैं इसके बारे में करेन से पूछने के लिए शयन कक्ष के […]
प्रेषक : आसज़ सम्पादक : प्रेमगुरू मियाको तम्बू की ओर भागी और एक डिजिटल कैमरे के साथ वापस आई। जल्द ही मैं उनकी तस्वीरें ले रहा था। हाथ में हाथ लिये खड़े, एक दूसरे को सामने से गले लगाये हुये और अंत में पानी के किनारे एक बड़े तौलिए पर करीब पर एक साथ बैठे […]
प्रेषक : आसज़ सम्पादक : प्रेमगुरू बुधवार सुबह मैं बुधवार की सुबह बहुत जल्दी उठ गया, सूरज अभी तक पहाड़ियों से बाहर नहीं आया था लेकिन अभी से हवा गर्म तापमान से एक आज का दिन गर्म लग रहा था। मुझे मेरे सिर को हल्का करने के कुछ व्यायाम की जरूरत थी। अपनी बहन करेन […]
प्रेषक : आसज़ सम्पादक : प्रेमगुरू करेन थोड़ी आगे चली गई तो वैल ने कहा,”तो क्या तुम मेरे से शर्मिन्दा हो?” “ओह…. नो … कभी नहीं ? पर क्यों?” मैंने उत्तर दिया। ” कार्ल के हस्तमैथुन के लिए !” उसने कहा। “कोई बात नहीं !”मैंने कहा। “मैं अधिक चिंता इस बात की कर रही थी […]
प्रेषक : आसज़ सम्पादक : प्रेमगुरू करेन अचानक उठ खडी हई और सोफे की ओर बढ़ने लगी। मैं एक पल के लिए घबरा गया और उसे वापस खींचने की कोशिश की लेकिन वह मुड़ी और मुस्कुराई,”चिंता मत करो। मैं कुछ नहीं करने वाली हूँ।” वह उन तीनों के सामने पहले फर्श पर घुटनों के बल […]