मेरा गुप्त जीवन-31
एक दिन चाचा का परिवार हमारे घर आया तो रात को मैं अकेला सोया हुआ था. तभी लगा कि मेरे बिस्तर पर कोई औरत है, सोचा कि कम्मो या पारो होगी. लेकिन वो चाची थी.
चाची की चुदाई, मामी, ताई, बुआ मौसी को चोदने की कहानियाँ
Chachi Ki Chudai, Mausi, Mami, bua, Tayi ki Chut Chudai Ki Kahani
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एक दिन चाचा का परिवार हमारे घर आया तो रात को मैं अकेला सोया हुआ था. तभी लगा कि मेरे बिस्तर पर कोई औरत है, सोचा कि कम्मो या पारो होगी. लेकिन वो चाची थी.
बाल्यावस्था में मैं अपने भतीजे को अपने वक्ष से दूध पिलाया करती थी, उससे खूब बातें करती थी। तभी के दिये एक वचन के पालन में मैंने खुद को उसके अर्पण कर दिया।
अपने जीवन की जिस घटना का मैं उल्लेख कर रही हूँ वह मेरे साथ लगभग दो वर्ष पहले ही घटी थी लेकिन उसका आधार मेरी नासमझी के कारण लगभग बीस वर्ष पहले रखा गया था।
चाचा साधारण, गंभीर और पुराने ख्याल के हैं.. जबकि चाची शहर की तेज-तर्रार लड़की हैं। एक बार चाचा जी किसी काम से 10 दिनों के लिए बाहर गए.. तो मैं और चाची घर पर अकेले ही बचे। रात को मैं और चाची एक ही बेड पर सोये… बीच रात में मैंने महसूस किया कि चाची मेरा लण्ड सहला रही हैं… कहानी पढ़ कर देखिये…
मैं चाचा चाची के पास ही रहने लगा, चाची शहर की तेज-तर्रार लड़की हैं। एक बार चाचा काम से 10 दिन के लिए बाहर गए तो मैं और चाची घर अकेले बचे। कहानी पढ़ कर देखिये…
दिवाली से पहले मैं मौसी के घर गया तो घर की सफाई में मौसी की मदद की, मौसा जी बाहर नौकरी करते थे... रात को सोते हुए मौसी अपने बेटे की मालिश करने लगी तो मुझसे बोली- तेरी मालिश भी कर देती हूँ ! मेरा लोअर उतारने लगी तो मेरा कच्छा भी साथ उतर गया, मौसी ने मेरा लंड देख लिया... उसके बाद वो अपनी साड़ी घुटनों तक उठा कर अपनी टांगों पर तेल लगाने लगी... कहानी पढ़ कर जानिए कि आगे क्या हुआ...
मैं मौसी के घर रह रहा था.. एक रात मौसी मुझे मौसा जी समझ कर मुझसे चुद गई, मैंने मौसी को अपनी दुलहन बना कर सुहागरात मनाई... मैंने मौसी को लंड चुसवा के अपना पेशाब भी पिलाया और मौसी का पेशाब मुझे पिलाने को कहा... एक बार मौसी मौसा जी से चुद कर आई और मुझसे चुदने को कहने लगी क्योन्कि मौसाजी उनको सन्तुष्ट नहीं कर पाए थे… कहानी में पढ़िए कि क्या हुआ…
मैं मौसी के घर रह रहा था.. एक रात मौसी मुझे मौसा जी समझ कर मुझसे चुद गई, एक रात मैंने मौसी को अपनी दुलहन बना कर सुहागरात मनाई... पहले उनकी चूत चोदी फ़िर उनकी गाण्ड की सील तोड़ी… उसके बाद मैंने मौसी को लंड चुसवा के अपना पेशाब भी पिलाया और मौसी का पेशाब मुझे पिलाने को कहा ... कहानी में पढ़िए कि क्या हुआ…
मैं मौसी के घर रह रहा था.. एक रात मौसी मुझे मौसा जी समझ कर मुझसे चुद गई, अब वो पूरी तरह से तैयार थीं मुझसे चुदाने को... एक दिन मौसाजी और उनकी बेटी को बाहर जाना था, तो घर में मैं और मौसी दोनों अकेले थे... उस रात मैंने मौसी को अपनी दुलहन बना कर सुहागरात मनाई... पहले उनकी चूत चोदी फ़िर उनकी गाण्ड की सील तोड़ी… कहानी में पढ़िए कि क्या हुआ…
मैं मौसी के घर रह रहा था.. एक रात मौसी मुझे मौसा जी समझ कर मुझसे चुद गई, अब वो पूरी तरह से तैयार थीं मुझसे चुदाने को... एक दिन मौसाजी और उनकी बेटी को बाहर जाना था, तो घर में मैं और मौसी दोनों अकेले थे... उस रात मैंने मौसी को अपनी दुलहन बना कर सुहागरात मनाई... कहानी में पढ़िए कि क्या हुआ…
मैं मौसी के घर रह रहा था.. एक रात मौसी मुझे मौसा जी समझ कर मुझसे चुद गई लेकिन उन्हें अपनी गलती का अहसास हो गया था… अगले दिन मैने मौसी से माफ़ करने को कहा तो काफ़ी देर मनाने पर वो मानी तो फ़िर मैने उनकी चूचियाँ दबा दी… मैंने कहा- तब तो अपने 20 साल शादी के बाद भी सेक्स का असली मज़ा लिया ही नहीं.. अब मज़ा लीजिए.. वो सिसकारियाँ लेने लगीं, अब वो पूरी तरह से तैयार होती जा रही थीं, कहानी में पढ़िए कि उसके बाद क्या हुआ…
मैं छुट्टियाँ बिताने दूर की चाची के पास मुंबई गया था स्टेशन पर आंटी ने मुझे गले से लगाया। मेरा सर उसके दोनों सेक्सी चूचियों में दब गया था। रात में खाना खाने के बाद सोते समय उसने मुझे एक गोली खिला दी। कुछ देर बाद मेरा लण्ड खड़ा हुआ तो पता लगा कि वो वियाग्रा थी… मैं उनके कमरे में गया तो वो कमीनी मुझे वियाग्रा की गोली खिला कर खुद सोने का नाटक कर रही थी। कहानी का मज़ा खुद पढ़ कर लीजिये…
मैं मौसी के घर रह रहा था.. एक रात मौसी मुझे मौसा जी समझ कर मुझसे चुद गैई लेकिन तुरन्त उन्हें अपनी गलती का अहसास हो गया था… अगले दिन मैने मौसी से माफ़ करने को कहा तो काफ़ी देर मनाने के बाद वो मानी तो फ़िर मैने उनकी चूचियाँ दबा दी… इस कहानी में पढ़िए कि उसके बाद क्या हुआ…
मौसी के घर था एक रात मुझे मौसाजी के बिस्तर पर सोना पडा.. मौसी रोज की तरह मुझे मौसाजी समझ कर मेरे पास लेट गई... उनकी चूचियाँ मेरी पीठ में छू रही थीं..
मैं छुट्टियाँ बिताने मुंबई गया था। मुंबई में मेरी दूर की चाची रहती थीं.. स्टेशन पर आंटी मुझे लेने के लिए आई थीं। मैं जैसे ही उनसे मिला.. तो उसने मुझे गले से लगाया। मेरा सर उसके दोनों सेक्सी चूचियों में दब गया था। मुझे अजीब सा लगा कि पहली बार में कोई ऐसे करता है क्या?? रात में खाना खाने के बाद सोते समय उसने मुझे एक गोली दी और कहा- इसे खा लो.. तुम थक गए होगे.. तुम्हें अच्छी नींद आएगी। क्या थी वो गोली?
मैं फिलहाल राँची में पढ़ने के लिए रह रहा हूँ.. रांची में ही मेरी मौसी रहती हैं तो मैं अकसर उनके घर जाता रहता हूँ... उनकी एक बेटी बारहवीं में पढ़ती है, मौसा जी देर से घर आते हैं. मौसी जी पुरानी हिरोइन साधना के जैसी दिखती हैं.. पिछली होली पर मैं कई दिन उनके घर रहा तो एक रात मौसा जी मेरे स्थान पर सो गए और मुझे मौसाजी के बिस्तर पर सोना पडा.. मौसी रसोई का काम निपटा कर रोज की तरह मुझे मौसाजी समझ कर मेरे पास लेट गई...
मेरा अपनी मामी की सूरत और फिगर पर दिल आ गया था, मैं सोचता था कि कैसे अपने दिल की बात उनसे कहूँ। एक दिन हिम्मत कर के मैंने एक चिट्ठी लिखी उनको वो पत्र मिला और वो उसे वहीं खड़ी होकर पढ़ने लगीं। पत्र पढ़ते वक़्त मामी को मुस्कुराते देख कर मेरा डर भी चला गया और मैं मामी के सामने आकर उनसे पत्र का जवाब मांगने लगा। मामी कुछ ना बोलीं और अपने गुलाबी होंठों से मेरे गालों को चूम कर भाग गईं। रात में मामी ने मिलने के लिए बुलाया।
चाची की उम्र 26 साल थी.. जब चाचा ने दुनिया को छोड़ दिया.. मैं उस समय 18 साल का हुआ ही था.. मैं उनके नाम की मुठ्ठ.. दिन में पता नहीं कितनी बार ही मार लिया करता था। हम लोग खुले में सोते थे, चाँदनी रात में मैं उन्हें निहार रहा था और वो आराम से सो रही थीं। मैंने अपना एक हाथ उनके चूचों पर रख दिया तो उन्होंने खुद को पलट लिया। मैं डर गया और फिर से सोने का नाटक करने लगा… कहानी पढ़ कर जानिये कि आगे क्या हुआ!
चाची की उम्र 26 साल थी.. जब चाचा ने दुनिया को छोड़ दिया.. मैं उस समय 18 साल का हुआ ही था.. जब ये सब हुआ। मैं अक्सर घर पर ही रहता था.. तो कभी-कभार उन्हें छू लेता था.. कभी हाथ पकड़ना.. कभी उनके चूचों को छू लेना.. मगर वो कभी ग़लत नहीं समझती थीं। चाची को छुप-छुप कर नहाते हुए देखना.. यह मेरी रोज की कहानी थी। मैं उनके नाम की मुठ्ठ.. दिन में पता नहीं कितनी बार ही मार लिया करता था।
मैं किसी काम से दिल्ली गया तो अपनी मौसी के घर रुका... दिसंबर की रात में दिल्ली की ठंड से मौसी कांप रही थी तो मैंने उन्हें अपने साथ लेटने को कहा. उन्हें गर्मी देने के लिए मैं उन से लिपट गया और ना चाहते हुए भी मेरे लंड में हरकत होने लगी.. धीरे धीरे मेरे हाथ मौसी के उरोजों पर आ गए तो मौसी की अन्तर्वासना भी भड़क उठी...