आधी हकीकत रिश्तों की फजीहत -9
अभी तक आपने स्कूल सेक्स, सच्चे प्यार और उसके बाद सेक्स की कहानी पढ़ी। अब यह कड़ी मेरी पहली कहानी में बताए जीजा साली के सम्बन्धों का खुलासा है।
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मेरे एक दोस्त ने रंडी से शादी की, लेकिन शादी के बाद उन दोनों ने सेक्स चेंज करवा लिया। मेरा दोस्त साड़ी पहनने लगा और मस्त माल दिखने लगा।
अपने दोस्त की तलाकशुदा बहन के पास रह कर जॉब कर रहा था कि उसकी छोटी बहन भी कोचिंग करने हमारे साथ रहने आ गई। इससे हमारे सेक्स पर ब्रेक लग गया।
जब सेक्स लाइफ में रोमांच भरने के लिए पति ने अपनी बीवी को अपने दोस्त के साथ नजदीकियाँ बढ़ाने को प्रेरित किया. लेकिन क्या बीवी को भी सेक्स के इस खेल में मजा आया?
मेरी फ़ुफ़ेरी बहन ने मेरे प्यार को ठुकरा दिया था, उसी बहन की शादी में मैं गया तो उसके सामने उसकी सहेली को पटाने लगा। कहानी में पढ़ें कि बहन की चुदाई कैसे कर पाया।
दोस्त की बहन को आकर्षक और सुडौल बनाने के बाद मैं किमी के साथ बेड पर हूँ, हम दोनों आपस में पहले सेक्स करने को आतुर हो रहे हैं। आप पढ़ कर मजा लें।
मैंने अपने कपड़े उतारे, किमी को गोद में उठाया, उसने मेरी आँखों में आँखें डालकर होंठों से मुस्कान बिखेरी। नंगी किमी से मेरे नंगे शरीर का स्पर्श पहली बार हुआ।
उसने कहा- मुझे बचा हुआ अंतिम सुख भी दे दो। मैं तुम्हारे साथ संभोग करना चाहती हूँ, ऐसी कामक्रीड़ा करना चाहती हूँ.. जैसा कामदेव और रति ने भी न किया हो।
मेरे दोस्त की बहन ने अपनी शादी, सेक्स और धोखे का बताया। मैं उसका खोया आत्मविश्वास लौटाना चाहता था, उसे हॉट और खूबसूरत बनाना चाहता था।
यह कहानी है मेरे बचपन के दोस्त की बहनों की… एक दिन वो मुझे बस में मिल गया, उसने बताया कि अपनी बहन के कारण परेशान है। मैं उसके साथ उसकी बहन के घर गया।
एक शर्त पर चुप रहूँगी, बहुत दिनों से मेरी चूत में बड़ी खुजली हो रही है, कोई लंड चोदने को नहीं है, तेरे इस चिकने को मुझे भी खाने दे.. दोनों मिल बांट कर खाएंगी
माया मुझे बेसब्री से प्यार करे जा रही थी, उसने मेरा लंड चूस कर मुझे झड़वा दिया और नंगी मुंह धोने गई, कि दरवाजे पर खट खट हुई, कौन आ गया?
उसने मुझे फिर धक्का दे कर बिस्तर पर लेटा दिया और झुककर मेरे लंड को अपने नरम होंठों से बेतहाशा चूमने लगी। वो अपनी हथेलियों से मेरे गोटियां सहलाने लगी।
लंड मेरी चूत और गांड में बदल बदल कर चल रहा था जबकि हाथ मेरे चूचों को मस्त कर रहे थे। मेरी चुदाई खूब मस्त चल रही थी, मैं आँखें बन्द करके अपनी चुदाई के अहसास का मजा ले रही थी।
मेरे दोनों देवरों की नजर मेरे बदन पर थी। जब मैं नहा रही थी तो मेरा देवर मुझे छेद से देख रहा था, मुझे भी पता था। मैंने खुद अपने देवर से चूत चुदवाने की योजना बना ली।
मेरे बॉस ने मुझे हस्तमैथुन करते हुए देख लिया था। धीरे धीरे हम खुल गए और चूत चुदाई की बातें करने लगे। अब मैं उनक्से अपनी चूत चुदवाना चाहती थी। आखिर वो दिन भी आया।
जब तक मेरी शादी नहीं होता तब तक पति-पत्नी की तरह रह नहीं सकते? भरोसा रख.. मैं तेरे लिए दुनिया भर की लड़कियों की लाइन लगा कर तेरे चरणों में रख दूंगी..
सुहागरात से अगले दिन भी मेरे ननदोई ने शरारत करने में कमी नहीं रखी। मैं कुढ़ रही थी लेकिन ननदोई जी का डील डौल देख खुद ही चाहती थी कि मैं उसके नीचे लेट जाऊँ!
दीदी ने एक चुम्बन मेरे लंड के मुँह पर किया, जिससे मेरे लंड से एक-दो बूँदें बाहर आ गई.. रस देख दीदी हंसने लगीं- आप कुछ और कहते हो.. और आपका लंड तो कुछ और ही बोल रहा है।
मैं समस्तीपुर से ट्रेन से अपने घर आ रहा था। रास्ते में एक लड़की से दोस्ती हुई, फ़ोन नम्बर लिया, बात हुई और अगले दिन हम सोनपुर मेला देखने गए। वहाँ की कहानी पढ़िए।