चूचियाँ कलमी आम-2
मैं- सब्ज़ी का तो काकी कुछ बोली नहीं…हाँ, कलमी आम चूसे बहुत दिन हो गए? गौरी- लेकिन मेरे पास तो सब्जियाँ हैं, पहले कहते तो मंडी से ला देती। अच्छा ज़रा टोकरी तो सर पर रखवा दे। बड़े अनमने भाव से बोली- आज तो कुछ ग्राहकी भी नहीं थी। मैंने सोचा कि यह तो गई, […]