कहीं पे निगाहे कहीं पे निशाना-1
लेखिका : नेहा वर्मा मैं गर्मी की छुट्टियों में रतलाम आ गई थी अपने पापा के पास। घर में छुट्टियों में बहुत पाबन्दी रहती थी ना। पापा तो ऑफ़िस चले जाते थे सो आराम से घर पर आराम करती रहती थी। घर में अकेले रहने में बड़ा आनन्द आता है। एक तो खाली दिमाग शैतान […]